Class 9 Maths Chapter 10 – वृत्त

Class 9 Mathematics वृत्त (प्रश्नावली 10.6)

1. सिद्ध कीजिए कि दो प्रतिच्छेदित करते हुए वृत्तों की केंद्रों की रेखा दोनों प्रतिच्छेद बिंदुओं पर समान कोण अंतरित करती है।

हल : मान लीजिए दो वृत्त जिन के केंद्र क्रमश: A और B हैं, परस्पर C और D पर प्रतिच्छेद करते हैं।
हमने सिद्ध करना है कि ACB = ADB

उपपत्ति : ∆ABC और ∆ABD में,
AC = AD [प्रत्येक = r] BC = BD [प्रत्येक = ‘] AB = AB [उभयनिष्ठ]∆ABC ≅ ∆ABD [SSS सर्वांगसमता नियम्]⇒ ∠ACB = ADB [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)

2. एक वृत्त की 5 सेमी तथा 11 सेमी लंबी दो जीवाएँ AB और CD समांतर हैं और केंद्र की विपरीत दिशा में स्थित हैं। यदि AB और CD के बीच की दूरी 6 सेमी हो, तो वृत्त की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।

हल : मान लीजिए 0 वृत्त का केंद्र है। OA और OC को मिलाइए।
क्योंकि वृत्त के केंद्र से जीवा पर खींचा गया लंब जीवा को समद्विभाजित करता है।

CodeCogsEqn 2021 07 14T164850.895
CodeCogsEqn 2021 07 14T164912.268 सेमी
CodeCogsEqn 2021 07 14T164923.941 सेमी
और CodeCogsEqn 2021 07 14T164953.461
CodeCogsEqn 2021 07 14T165020.564 सेमी

CodeCogsEqn 2021 07 14T165227.496 सेमी

मान लीजिए OE = x,
OF = 6 – x
मान लीजिए वृत्त की त्रिज्या r है।
समकोण ∆AEO में,
AO2 = AE2 + OE2
[पाइथागोरस के परिणाम का प्रयोग करने से]CodeCogsEqn 2021 07 14T170012.452 …(i)
समकोण ∆CFO में,
OC2 = CF2 + OF2
CodeCogsEqn 2021 07 14T170230.870 …..(ii)
(i) और (ii) को बराबर करने पर हमें प्राप्त होता है :
CodeCogsEqn 2021 07 14T170649.398

CodeCogsEqn 31
CodeCogsEqn 1 1
CodeCogsEqn 2 1
CodeCogsEqn 3 1
⇒ 12???? = 24 + 36
⇒ 12???? = 60
CodeCogsEqn 4 1

⇒ x = 5

(i) से,

CodeCogsEqn 5 1
CodeCogsEqn 6 1 [(i) में ???? का मान प्रतिस्थापित करने पर]CodeCogsEqn 7 1
CodeCogsEqn 8 1
CodeCogsEqn 9 1
दोनों ओर का वर्गमूल लेने पर हमें प्राप्त होता है :
CodeCogsEqn 10 1

CodeCogsEqn 11 1

CodeCogsEqn 12 1

अतः, वृत्त की त्रिज्या CodeCogsEqn 13 1 सेमी है।

3. किसी वृत्त की दो समांतर जीवाओं की लंबाइयाँ 6 सेमी और 8 सेमी हैं। यदि छोटी जीवा केंद्र से 4 सेमी की दूरी पर हो, तो दूसरी जीवा केंद्र से कितनी दूर है?

हल : मान लीजिए AB = 6 सेमी और CD = 8 सेमी, O केंद्र वाले वृत्त की जीवाएँ हैं।

OA और OC को मिलाइए।
क्योंकि वृत्त के केंद्र से जीवा पर खींचा गया लंब जीवा को समद्विभाजित करता है।
CodeCogsEqn 14 1

CodeCogsEqn 15 1
= 3 सेमी
और CodeCogsEqn 16 1
CodeCogsEqn 17 1
= 4 सेमी
जीवा AB की केंद्र O से लंबात्मक दूरी OE है।
∴ OE = 4 सेमी
अब समकोण ∆AOE में,
OA2 = AE2 + OE2
[पाइथागोरस का परिणाम प्रयोग करने पर] ⇒ r2 = (32 + 42) सेमी2
⇒ r2 (9 + 16) सेमी2
⇒ r2 25 सेमी2
⇒ r = √25 सेमी2
⇒ r = 5 सेमी2
जीवा CD की केंद्र 0 से लंबात्मक दूरी OF है।
समकोण ∆OFC में,
OC2 = CF2 + OF2
[पाइथागोरस का परिणाम प्रयोग करने पर] ⇒ r2 = 42 सेमी2 + OF2
⇒ 52 सेमी = 42 + OF2
या OF2 = (25 – 16) सेमी2
⇒ OF2 = 9 सेमी2
⇒ OF = √9 सेमी
⇒ OF = 3 सेमी
अतः, दूसरी जीवा की केंद्र से दूरी 3 सेमी है।

4. मान लीजिए कि कोण ABC का शीर्ष एक वृत्त के बाहर स्थित है और कोण की भुजाएँ वृत्त में बराबर जीवाएँ AD और CE काटती हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠ABC जीवाओं AC तथा DE द्वारा केंद्र पर अंतरित कोणों के अंतर का आधा है।

हल : ∠ABC का शीर्ष B एक वृत्त (जिसका केंद्र O है) के बाहर स्थित है।

भुजा AB, जीवा CE को बिंदु E पर प्रतिच्छेद करती है और BC जीवा AD को बिंदु D पर प्रतिच्छेद करती है।
हमने सिद्ध करना है कि

CodeCogsEqn 18 1
OA, OC, OE और OD को मिलाइए।
अब, ∠AOC = 2 ∠AEC

[चाप द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण वृत्त के शेष भाग के किसी बिंदु पर अंतरित कोण का दुगुना होता है] या CodeCogsEqn 19 1 ….(i)
इसी प्रकार, CodeCogsEqn 20 1 …(ii)
[उपरोक्त कारण से] (ii) को (i) में से घटाने पर हमें प्राप्त होता है,
CodeCogsEqn 21 1 …(iii)
अब, ∠AEC = ∠ADC …(iv)
[एक ही वृत्तखंड के कोण] साथ ही, ∠DCE = ∠DAE …(v)
[एक ही वृत्तखंड के कोण] (iv) और (v) को (iii) में प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है,
CodeCogsEqn 22 1 …(vi)
∆ADB में, ∠ADC = ∠DAE + ∠ABD …(vii)
[त्रिभुज का बाह्य कोण अंत:अभिमुख कोणों के योग के बराबर होता है] (vii) को (vi) में प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है ।
CodeCogsEqn 23 1
CodeCogsEqn 24 1
या CodeCogsEqn 25 1 [इति सिद्धम् ]
5. सिद्ध कीजिए कि किसी समचतुर्भुज की किसी भुजा को व्यास मानकर खींचा गया वृत्त उसके विकर्मों के प्रतिच्छेद बिंदु से होकर जाता है।

हल : मान लीजिए कि ABCD एक समचतुर्भुज है जिसमें विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
जैसा कि हमें ज्ञात है कि समचतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे के लंब समद्विभाजक होते हैं।
∴ ∠AOB = 90°

यदि हम AB को व्यास मानकर वृत्त खींचें तो यह निश्चित रूप से ही बिंदु O (विकर्णो का प्रतिच्छेद बिंदु) में से होकर जाएगा। क्योंकि तब ∠AOB = 90° इसके अर्धवृत्त में बना कोण होगा।

6. ABCD एक समांतर चतुर्भुज है। A, B और C से होकर जाने वाला वृत्त CD (यदि आवश्यक हो तो बढ़ाकर) को E पर प्रतिच्छेद करता है। सिद्ध कीजिए कि AE = AD है।

हल :

आकृति (α) में,
ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
⇒ ∠1 = ∠3 ….(i)
[समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण] ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∠1 + ∠6 = 180° ….(ii)
∠5 + ∠6 = 180° ( रैखिक युग्म) …(iii)
(ii) और (iii) से
∠1 = ∠5 …(iv)
अब, (i) और (iv) से
∠3 = ∠5
अब, ∆AED में,
∠3 = ∠5
⇒ AE = AD [∵ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ] आकृति (b) में,
ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
⇒ ∠1 = ∠3 (समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण)
तथा ∠2 = ∠4
साथ ही AB || CD और BC इनकी तिर्यक रेखा है।
∠1 + ∠2 = 180° …(1)
और AD || BC और EC इनकी तिर्यक है।
∠5 = ∠2 (संगत कोण) …(2)
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∴ ∠1 + ∠6 = 180°
(1) और (3) से हमें प्राप्त होता है :
∠1 + ∠2 = ∠1 + ∠6
⇒ ∠2 = ∠6
परंतु (2) से,
∠2 = ∠5
⇒ ∠5 = ∠6
अब, ∆AED में,
∠5 = ∠6
⇒ AE = AD (Q.E.D.)
अतः, दोनों स्थितियों में,
AE = AD

7. AC और BD एक वृत्त की जीवाएँ हैं जो परस्पर समद्विभाजित होती हैं। सिद्ध कीजिए :
(i) AC और BD व्यास हैं,
(ii) ABCD एक आयत है।

हल :

मान लीजिए वृत्त की जीवाएँ AC और BD परस्पर O पर समद्विभाजित होती हैं।
तो OA = OC और OB = OD
हमने सिद्ध करना है कि (i) AC और BD व्यास हैं दूसरे शब्दों में, O वृत्त का केंद्र है।
∆AOD और ∆BOC में,
AO = OC [दिया है] ∠AOD = ∠BOC [शीर्षाभिमुख कोण] OD = OB [दिया है] ∴ ∆AOD ≅ ∆COB [SAS सर्वांगसमता नियम] ⇒ AD = CB [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग] इसी प्रकार, ∆AOB ≅ ∆COD
⇒ AB = CD
⇒ AB ≅ CD [बराबर जीवाओं की सम्मुख चापें] ⇒ AB + BC = CD + BC
⇒ ABC = BCD
⇒ AC = BD [बराबर चापों की संगत जीवाएँ] ∴ AC और BD व्यास हैं। क्योंकि केवल व्यास ही, वृत्त की जीवाओं के रूप में परस्पर समद्विभाजित होते हैं।
(ii) के लिए (i) में जैसा कि सिद्ध हुआ;
AC व्यास है।
∴ ∠B = ZD = 90° …(1)
[अर्धवृत्त का कोण समकोण होता है] इसी प्रकार BD व्यास है
∴ ∠A = ∠C = 90° …(2)
अब व्यास
AC = BD
⇒ AC ≅ BD [बराबर जीवाओं की संगत चाप बराबर होती हैं।
⇒ AC – DC ≅ BD – DC
⇒ AD = BC
⇒ AD = BC [बराबर चापों की संगत जीवाएँ बराबर होती हैं] …(3)
इसी प्रकार AB = DC …(4)
(1), (2), (3) और (4) से हम देखते हैं कि चतुर्भुज का प्रत्येक कोण 90° का है तथा सम्मुख भुजाएँ बराबर हैं।
अतः, ABCD एक आयत है।

8. एक त्रिभुज ABC के कोणों A, B और C के समद्विभाजक इसके परिवृत्त को क्रमशः D, E और F पर प्रतिच्छेद करते हैं। सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज DEF के कोण 90°-CodeCogsEqn 79A, 90°-CodeCogsEqn 79B तथा 90°-CodeCogsEqn 79c हैं।

हल : प्रश्न के अनुसार (नीचे दी गई आकृति को देखिए)।

AD, ∠A का समद्विभाजक है।
CodeCogsEqn 26 1
BE, ZB का समद्विभाजक है।
CodeCogsEqn 27 1
CE, ZC का समद्विभाजक है।
CodeCogsEqn 28 1
जैसा कि हम जानते हैं कि एक ही वृत्तखंड के कोण बराबर होते हैं।
∠9 = ∠3 (AE द्वारा अंतरित कोण)
∠8 = ∠5 (FA द्वारा अंतरित कोण)
∠9 + ∠8 = ∠3 + ∠5
CodeCogsEqn 29 1
इसी प्रकार, CodeCogsEqn 30 1
और CodeCogsEqn 31 1
CodeCogsEqn 32 1
∆DEF में,
∠D + ∠E + ∠F = 180°
⇒ ∠D = 180° – ∠E – ∠F
⇒ ∠D = 180° – (∠E + ∠F)
CodeCogsEqn 33 1
CodeCogsEqn 34 1

CodeCogsEqn 35 1
∆ABC में, ∠A + ∠B + ∠C = 180°
CodeCogsEqn 36 1
CodeCogsEqn 37 1
इसी प्रकार हम सिद्ध कर सकते हैं कि
CodeCogsEqn 38 1
और CodeCogsEqn 39 1

9. दो सर्वांगसम वृत्त परस्पर बिंदुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। A से होकर कोई रेखाखंड PAQ इस प्रकार खींचा गया है कि P और Q दोनों वृत्तों पर स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि BP = BQ है।

हल :

दिया है : दो सर्वांगसम वृत्त बिंदुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। A से खींची गई रेखा वृत्तों को P और Q पर मिलती है।
सिद्ध करना है : BP = BQ
रचना : A और B को मिलाइए
उपपत्ति : AB उभयनिष्ठ जीवा है और वृत्त बराबर हैं।
∴ उभयनिष्ठ जीवा के संगत चाप बराबर होते हैं। अर्थात्
ACB = ADB
क्योंकि दो सर्वांगसम वृत्तों के सर्वांगसम चाप वृत्त के शेष भाग पर बराबर कोण बनाते हैं। इसलिए, हमें प्राप्त है।
∠1 = ∠2
∆PBQ में,
∠1 = ∠2 (सिद्ध किया है)
∴ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
इसलिए :
BP = BQ

10. किसी त्रिभुज ABC में, यदि ∠A का समद्विभाजक तथा BC का लंब समद्विभाजक प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि वे ∆ABC के परिवृत्त पर प्रतिच्छेद करेंगे।

हल : दिया है कि ABC एक त्रिभुज है और इसके शीर्षों में से वृत्त गुजरता है।

मान लीजिए कि कोण A का समद्विभाजक तथा सम्मुख भुजा BC का लंब समद्विभाजक (कह लीजिए) बिंदु P पर प्रतिच्छेद करते हैं। हमें सिद्ध करना है कि त्रिभुज ABC का परिवृत्त भी बिंदु P में से होकर जाएगा। उपपत्ति ; जैसा कि हमें ज्ञात है कि किसी भुजा के लंब समद्विभाजक पर कोई भी बिंदु इस संगत भुजा के अंत:बिंदुओं से समदूरस्थ होता है।
∴ BP = PC …(i)

साथ ही प्राप्त है : ∠1 = ∠2 …(ii)
[क्योंकि, AP ∠A का समद्विभाजक है। (दिया है)] (i) और (ii) से हमें ज्ञात होता है कि बराबर रेखाखंड वृत्त के एक ही खंड (अर्थात् ∆ABC के परिवृत्त के बिंदु A पर) में बराबर कोण बनाते हैं। इसलिए BP और PC; ∆ABC के परिवृत्त की जीवाओं के रूप में हैं और उनकी संगत चापें; BP और PC परिवृत्त के ही भाग हैं।
अतः बिंदु P परिवृत्त पर ही है।
दूसरे शब्दों में, बिंदु A, B, P और C एकवृत्तीय हैं। [इति सिद्धम्]

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