Class 9 Mathematics वृत्त (प्रश्नावली 10.6)
हल : मान लीजिए दो वृत्त जिन के केंद्र क्रमश: A और B हैं, परस्पर C और D पर प्रतिच्छेद करते हैं।
हमने सिद्ध करना है कि ∠ACB = ∠ADB
उपपत्ति : ∆ABC और ∆ABD में,
AC = AD [प्रत्येक = r]
BC = BD [प्रत्येक = ‘]
AB = AB [उभयनिष्ठ]∴ ∆ABC ≅ ∆ABD [SSS सर्वांगसमता नियम्]⇒ ∠ACB = ∠ADB [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
हल : मान लीजिए 0 वृत्त का केंद्र है। OA और OC को मिलाइए।
क्योंकि वृत्त के केंद्र से जीवा पर खींचा गया लंब जीवा को समद्विभाजित करता है।
∴
सेमी
सेमी
और
सेमी
सेमी
मान लीजिए OE = x,
∴ OF = 6 – x
मान लीजिए वृत्त की त्रिज्या r है।
समकोण ∆AEO में,
AO2 = AE2 + OE2
[पाइथागोरस के परिणाम का प्रयोग करने से]⇒ …(i)
समकोण ∆CFO में,
OC2 = CF2 + OF2
⇒ …..(ii)
(i) और (ii) को बराबर करने पर हमें प्राप्त होता है :
⇒
⇒
⇒
⇒
⇒ 12???? = 24 + 36
⇒ 12???? = 60
⇒
⇒ x = 5
(i) से,
[(i) में ???? का मान प्रतिस्थापित करने पर]⇒
⇒
⇒
दोनों ओर का वर्गमूल लेने पर हमें प्राप्त होता है :
⇒
⇒
अतः, वृत्त की त्रिज्या सेमी है।
हल : मान लीजिए AB = 6 सेमी और CD = 8 सेमी, O केंद्र वाले वृत्त की जीवाएँ हैं।
OA और OC को मिलाइए।
क्योंकि वृत्त के केंद्र से जीवा पर खींचा गया लंब जीवा को समद्विभाजित करता है।
∴
= 3 सेमी
और
= 4 सेमी
जीवा AB की केंद्र O से लंबात्मक दूरी OE है।
∴ OE = 4 सेमी
अब समकोण ∆AOE में,
OA2 = AE2 + OE2
[पाइथागोरस का परिणाम प्रयोग करने पर]
⇒ r2 = (32 + 42) सेमी2
⇒ r2 (9 + 16) सेमी2
⇒ r2 25 सेमी2
⇒ r = √25 सेमी2
⇒ r = 5 सेमी2
जीवा CD की केंद्र 0 से लंबात्मक दूरी OF है।
समकोण ∆OFC में,
OC2 = CF2 + OF2
[पाइथागोरस का परिणाम प्रयोग करने पर]
⇒ r2 = 42 सेमी2 + OF2
⇒ 52 सेमी = 42 + OF2
या OF2 = (25 – 16) सेमी2
⇒ OF2 = 9 सेमी2
⇒ OF = √9 सेमी
⇒ OF = 3 सेमी
अतः, दूसरी जीवा की केंद्र से दूरी 3 सेमी है।
हल : ∠ABC का शीर्ष B एक वृत्त (जिसका केंद्र O है) के बाहर स्थित है।
भुजा AB, जीवा CE को बिंदु E पर प्रतिच्छेद करती है और BC जीवा AD को बिंदु D पर प्रतिच्छेद करती है।
हमने सिद्ध करना है कि
OA, OC, OE और OD को मिलाइए।
अब, ∠AOC = 2 ∠AEC
इसी प्रकार, …(ii)
[उपरोक्त कारण से] (ii) को (i) में से घटाने पर हमें प्राप्त होता है,
…(iii)
अब, ∠AEC = ∠ADC …(iv)
[एक ही वृत्तखंड के कोण] साथ ही, ∠DCE = ∠DAE …(v)
[एक ही वृत्तखंड के कोण] (iv) और (v) को (iii) में प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है,
…(vi)
∆ADB में, ∠ADC = ∠DAE + ∠ABD …(vii)
[त्रिभुज का बाह्य कोण अंत:अभिमुख कोणों के योग के बराबर होता है] (vii) को (vi) में प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है ।
या [इति सिद्धम् ]
हल : मान लीजिए कि ABCD एक समचतुर्भुज है जिसमें विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
जैसा कि हमें ज्ञात है कि समचतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे के लंब समद्विभाजक होते हैं।
∴ ∠AOB = 90°
यदि हम AB को व्यास मानकर वृत्त खींचें तो यह निश्चित रूप से ही बिंदु O (विकर्णो का प्रतिच्छेद बिंदु) में से होकर जाएगा। क्योंकि तब ∠AOB = 90° इसके अर्धवृत्त में बना कोण होगा।
हल :
आकृति (α) में,
ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
⇒ ∠1 = ∠3 ….(i)
[समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण]
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∠1 + ∠6 = 180° ….(ii)
∠5 + ∠6 = 180° ( रैखिक युग्म) …(iii)
(ii) और (iii) से
∠1 = ∠5 …(iv)
अब, (i) और (iv) से
∠3 = ∠5
अब, ∆AED में,
∠3 = ∠5
⇒ AE = AD [∵ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ]
आकृति (b) में,
ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
⇒ ∠1 = ∠3 (समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण)
तथा ∠2 = ∠4
साथ ही AB || CD और BC इनकी तिर्यक रेखा है।
∠1 + ∠2 = 180° …(1)
और AD || BC और EC इनकी तिर्यक है।
∠5 = ∠2 (संगत कोण) …(2)
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∴ ∠1 + ∠6 = 180°
(1) और (3) से हमें प्राप्त होता है :
∠1 + ∠2 = ∠1 + ∠6
⇒ ∠2 = ∠6
परंतु (2) से,
∠2 = ∠5
⇒ ∠5 = ∠6
अब, ∆AED में,
∠5 = ∠6
⇒ AE = AD (Q.E.D.)
अतः, दोनों स्थितियों में,
AE = AD
(i) AC और BD व्यास हैं,
(ii) ABCD एक आयत है।
हल :
मान लीजिए वृत्त की जीवाएँ AC और BD परस्पर O पर समद्विभाजित होती हैं।
तो OA = OC और OB = OD
हमने सिद्ध करना है कि (i) AC और BD व्यास हैं दूसरे शब्दों में, O वृत्त का केंद्र है।
∆AOD और ∆BOC में,
AO = OC [दिया है]
∠AOD = ∠BOC [शीर्षाभिमुख कोण]
OD = OB [दिया है]
∴ ∆AOD ≅ ∆COB [SAS सर्वांगसमता नियम]
⇒ AD = CB [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
इसी प्रकार, ∆AOB ≅ ∆COD
⇒ AB = CD
⇒ AB ≅ CD [बराबर जीवाओं की सम्मुख चापें]
⇒ AB + BC = CD + BC
⇒ ABC = BCD
⇒ AC = BD [बराबर चापों की संगत जीवाएँ]
∴ AC और BD व्यास हैं। क्योंकि केवल व्यास ही, वृत्त की जीवाओं के रूप में परस्पर समद्विभाजित होते हैं।
(ii) के लिए (i) में जैसा कि सिद्ध हुआ;
AC व्यास है।
∴ ∠B = ZD = 90° …(1)
[अर्धवृत्त का कोण समकोण होता है]
इसी प्रकार BD व्यास है
∴ ∠A = ∠C = 90° …(2)
अब व्यास
AC = BD
⇒ AC ≅ BD [बराबर जीवाओं की संगत चाप बराबर होती हैं।
⇒ AC – DC ≅ BD – DC
⇒ AD = BC
⇒ AD = BC [बराबर चापों की संगत जीवाएँ बराबर होती हैं] …(3)
इसी प्रकार AB = DC …(4)
(1), (2), (3) और (4) से हम देखते हैं कि चतुर्भुज का प्रत्येक कोण 90° का है तथा सम्मुख भुजाएँ बराबर हैं।
अतः, ABCD एक आयत है।
हल : प्रश्न के अनुसार (नीचे दी गई आकृति को देखिए)।
AD, ∠A का समद्विभाजक है।
∴
BE, ZB का समद्विभाजक है।
∴
CE, ZC का समद्विभाजक है।
∴
जैसा कि हम जानते हैं कि एक ही वृत्तखंड के कोण बराबर होते हैं।
∠9 = ∠3 (AE द्वारा अंतरित कोण)
∠8 = ∠5 (FA द्वारा अंतरित कोण)
∠9 + ∠8 = ∠3 + ∠5
इसी प्रकार,
और
∆DEF में,
∠D + ∠E + ∠F = 180°
⇒ ∠D = 180° – ∠E – ∠F
⇒ ∠D = 180° – (∠E + ∠F)
⇒
∆ABC में, ∠A + ∠B + ∠C = 180°
⇒
इसी प्रकार हम सिद्ध कर सकते हैं कि
और
हल :
दिया है : दो सर्वांगसम वृत्त बिंदुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। A से खींची गई रेखा वृत्तों को P और Q पर मिलती है।
सिद्ध करना है : BP = BQ
रचना : A और B को मिलाइए
उपपत्ति : AB उभयनिष्ठ जीवा है और वृत्त बराबर हैं।
∴ उभयनिष्ठ जीवा के संगत चाप बराबर होते हैं। अर्थात्
ACB = ADB
क्योंकि दो सर्वांगसम वृत्तों के सर्वांगसम चाप वृत्त के शेष भाग पर बराबर कोण बनाते हैं। इसलिए, हमें प्राप्त है।
∠1 = ∠2
∆PBQ में,
∠1 = ∠2 (सिद्ध किया है)
∴ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
इसलिए :
BP = BQ
हल : दिया है कि ABC एक त्रिभुज है और इसके शीर्षों में से वृत्त गुजरता है।
मान लीजिए कि कोण A का समद्विभाजक तथा सम्मुख भुजा BC का लंब समद्विभाजक (कह लीजिए) बिंदु P पर प्रतिच्छेद करते हैं। हमें सिद्ध करना है कि त्रिभुज ABC का परिवृत्त भी बिंदु P में से होकर जाएगा। उपपत्ति ; जैसा कि हमें ज्ञात है कि किसी भुजा के लंब समद्विभाजक पर कोई भी बिंदु इस संगत भुजा के अंत:बिंदुओं से समदूरस्थ होता है।
∴ BP = PC …(i)
साथ ही प्राप्त है : ∠1 = ∠2 …(ii)
[क्योंकि, AP ∠A का समद्विभाजक है। (दिया है)]
(i) और (ii) से हमें ज्ञात होता है कि बराबर रेखाखंड वृत्त के एक ही खंड (अर्थात् ∆ABC के परिवृत्त के बिंदु A पर) में बराबर कोण बनाते हैं। इसलिए BP और PC; ∆ABC के परिवृत्त की जीवाओं के रूप में हैं और उनकी संगत चापें; BP और PC परिवृत्त के ही भाग हैं।
अतः बिंदु P परिवृत्त पर ही है।
दूसरे शब्दों में, बिंदु A, B, P और C एकवृत्तीय हैं। [इति सिद्धम्]
Class 9 Mathematics वृत्त Ex 10.1
Class 9 Mathematics वृत्त Ex 10.2
Class 9 Mathematics वृत्त Ex 10.3
Class 9 Mathematics वृत्त Ex 10.4
Class 9 Mathematics वृत्त Ex 10.5
Class 9 Mathematics वृत्त Ex 10.6
इस पोस्ट में आपको Class 9 Maths Chapter 10 Circle NCERT Solutions Class 9 Maths Chapter 10 वृत्त एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 गणित अध्याय 10 – वृत्त Class 9 Chapter 10 Maths NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 10 in Hindi Medium Solutions for Class 9 Maths Chapter 10 Circles Class 9 Maths Chapter 10 Vrath कक्षा 9 गणित पाठ 10 वृत्त Maths Class 9 Chapter 10 Circles Full Chapter से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.
NCERT Solutions For Class 9 Maths (Hindi Medium)
- Class 9 Maths Chapter 1 – संख्या पद्धति
- Class 9 Maths Chapter 2 – बहुपद
- Class 9 Maths Chapter 3 – निर्देशांक ज्यामिति
- Class 9 Maths Chapter 4 – दो चरों वाले रैखिक समीकरण
- Class 9 Maths Chapter 5 – यूक्लिड की ज्यामिति का परिचय
- Class 9 Maths Chapter 6 – रेखाएँ तथा कोण
- Class 9 Maths Chapter 7 – त्रिभुज
- Class 9 Maths Chapter 8 – चतुर्भुज
- Class 9 Maths Chapter 9 – समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल
- Class 9 Maths Chapter 10 – वृत्त
- Class 9 Maths Chapter 11 – रचनाएँ
- Class 9 Maths Chapter 12 – हीरोन का सूत्र
- Class 9 Maths Chapter 13 – पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
- Class 9 Maths Chapter 14 – सांख्यिकी
- Class 9 Maths Chapter 15 – प्रायिकता