(1) कम होता है।
(2) बराबर होता है।
(3) अधिक होता है।
(4) दुगुना होता है।
उत्तर. – (3)
(1) औडव-षाडव
(2) औडव-सम्पूर्ण
(3) षाडव-षाडव
(4) षाडव-सम्पूर्ण
उत्तर. – (3)
(1) सम्वादी स्वर
(2) विवादी स्वर
(3) वादी स्वर
(4) अनुवादी स्वर
उत्तर. – (3)
(1) धमार ताल
(2) कहरवा ताल
(3) झूमरा ताल
(4) झपताल
उत्तर. – (2)
(1) उस्ताद अलाउद्दीन खाँ
(2) श्रीमती शरन रानी
(3) जुबिन मेहता
(4) पंडित रविशंकर
उत्तर. – (1)
(1) रामदेव
(2) पाबूजी
(3) तेजाजी
(4) गोगाजी
उत्तर. – (2)
(1) अटी
(2) ग्रीवा
(3) गुलू
(4) सारिका
उत्तर. – (4)
(1) नायक
(2) गायक
(3) वाग्गेयकार
(4) कलावंत
उत्तर. – (3)
(1) बाल प्रकाश
(2) बाल बोध
(3) राग प्रवेश
(4) राग बोध
उत्तर. – (4)
(1) कोमल स्वर में
(2) तीव्र स्वर में
(3) मंद्र स्वर में
(4) कण स्वर में
उत्तर. – (4)
(1) भातखण्डे पद्धति
(2) पलस्कर पद्धति
(3) स्टाफ नोटेशन
(4) सोल्फा नोटेशन
उत्तर. – (2)
(1) शान्ति निकेतन
(2) एम.एस. यूनिवर्सिटी, बड़ौदा
(3) संगीत कार्यालय, हाथरस
(4) गांधर्व महाविद्यालय
उत्तर. – (4)
(1) तीव्रता
(2) जाति (टिम्बर)
(3) तारता
(4) प्रतिध्वनि
उत्तर. – (3)
(1) पाँचवी
(2) चौथी
(3) दूसरी
(4) तीसरी
उत्तर. – (4)
(1) दूसरी ताली
(2) तीसरी ताली
(3) चौथी ताली
(4) सम
उत्तर. – (4)
अभिकथन (A) : संपूर्ण, षाड्व व औड़व रागों में क्रमश: 7, 6 और 5 स्वर होते हैं ।
कारण (R) : भातखंडे के अनुसार राग-निर्मिति हेतु न्यूनतम 5 स्वरों की आवश्यकता होती है, अत: सप्तक में बचे हुए किन्हीं भी दो स्वरों को वर्जित कर सकते हैं।
कूट:
(1) (A) तथा (R) दोनों सही हैं।
(2) (A) तथा (R) दोनों गलत हैं।
(3) (A) सही है परन्तु (R) गलत है।
(4) (A) गलत है परन्तु (R) सही है।
उत्तर. – (3)
(1) तिरिप
(2) नामित
(3) क्षिति
(4) कुरुल
उत्तर. – (3)
I. यमन
II. वृंदावनी सारंग
III. देशकार
IV. देस
V. बिहाग
(1) I, II, III
(2) II, III, IV
(3) II, III, V
(4) II, IV, V
उत्तर. – (4)
(1) नष्ट-उद्दिष्ट
(2) इष्ट-अनिष्ट
(3) जितश्रम
(4) विविधालप्ति तत्ववित्
उत्तर. – (1)
(1) वीणा के तार पर स्वरों की स्थापना
(2) स्वरों की आंदोलन-संख्या
(3) मूर्च्छना प्रस्तार
(4) 72 मेलों के नाम और उनकी संख्या जानने का सूत्र
उत्तर. – (4)