Class 9 Mathematics त्रिभुज Ex 7.3
(i) △ABD ≌ △ACD
(ii) △ABP ≌ △ACP
(iii) AP कोण A और कोण D दोनों को समद्विभाजित करता है।
(iv) AP रेखाखंड BC का लंब समद्विभाजक है।
हल : (i)
△ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
AB = AC
∆DBC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
∴ BD = CD
अब, ∆ABD और ∆ACD में,
AB = AC [सिद्ध किया है।]
BD = CD [सिद्ध किया है।]
AD = AD (उभयनिष्ठ)
∴ ∆ABD ≅ ∆ACD [SSS सर्वांगसमता नियम से]
भाग (i) सिद्ध हुआ
⇒ ∠BAD = ∠CAD ….(a)
[सर्वांगसम त्रिभुज के संगत भाग]
(ii) अब, ∆ABP और ∆ACP में,
AB = AC [दिया है।
∠BAP = ∠CAP [(a) का प्रयोग करने पर]
AP = AP [उभयनिष्ठ)
∴ ∆ABP = ∆ACP [SAS सर्वांगसमता नियम से]
(iii) दूसरे भाग में हमने सिद्ध किया है कि
∆ABP ≅ ∆ACP
इसलिए, ∠BAP = ∠CAP
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
⇒ AP, ∠A को समद्विभाजित करता है।
भाग (i) में हमने सिद्ध किया है कि
∆ABD = ∆ACD
इसलिए, ∠ADB = ∠ADC …(b)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
∠ADB + ∠BDP = 180° (रैखिक युग्म] …(c)
∠ADC + ∠CDP = 180° (रैखिक युग्म] …(d)
(c) और (d), से हमें प्राप्त होता है।
∠ADB + ∠BDP = ∠ADC + ∠CDP
या ∠ADB + ∠BDP = ∠ADB + ∠CDP [(b) के प्रयोग करने पर]
⇒ ∠BDP = ∠CDP
⇒ DP, ZD को समद्विभाजित करता है।
अर्थात् हम कह सकते हैं कि AP ∠D को समद्विभाजित करता है।
(iv) भाग (ii) में हमने सिद्ध किया है कि
∆ABP ≅ ∆ACP
BP = PC …(e)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
और ∠APB = ∠APC
…(f)
(सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
अब, ∠APB + ∠APC = 180° (रैखिक युग्म]
⇒ ∠APB + ∠APB = 180° [(f) का प्रयोग करने पर]
⇒ 2∠APB = 180°
⇒
⇒ ∠APB = 90°
⇒ AP ⊥ BC …..(g)
(e) से हम प्राप्त करते हैं BP = PC और (g), में हमने सिद्ध किया है। कि AP ⊥ BC दोनों को इकट्ठा लेने पर हम कह सकते हैं कि AP, BC का लंब समद्विभाजक है।
(i) AD रेखाखंड BC को समद्विभाजित करता है।
(ii) AD कोण A को समद्विभाजित करता है।
हल : ∆ABD और ∆ACD में,
AB = AC [दिया है]
∠ADB = ∠ADC [प्रत्येक = 90°]
[∵ AD ⊥ BC (दिया है)]
AD = AD (उभयनिष्ठ]
∴ ∆ABD ≅ ∆ACD [RHS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए, BD = DC (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
⇒ AD; BC, को समद्विभाजित करती है। [भाग (i) सिद्ध हुआ है]
साथ ही, ∠BAD = ∠CAD [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
⇒ AD, ∠A को समद्विभाजित करता है।
(i) ∆ABM ≅ ∆ PON
(ii) ∆ ABC ≅ ∆ PQR
हल : AM, ∆ ABC की माध्यिका है।
∴ …(α)
PN, ∆PQR की माध्यिका है।
∴ …(b)
अब, BC = QR [दिया है]
BC = QR
इसलिए, BM = QN …(c)
[(α) और (b) का प्रयोग करने पर]
(i) अब, ∆ABM और ∆PQN में,
AB = PQ [दिया है]
AM = PN [दिया है]
BM = QN
[भाग (C) में सिद्ध किया है।
∴ ∆ABM ≅ ∆PQN
[SSS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए, ∠B = ∠Q …(d)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग](ii) ∆ABC और ∆PQR में,
AB = PQ [दिया है]
∠B = ∠Q [भाग (d) प्रयोग करने पर]
BC = QR [दिया है]
∴ ∆ABC = ∆PQR
[SAS सर्वांगसमता नियम से]
हल : ∆BEC और ∆CFB में,
∠BEC = ∠CFB [प्रत्येक = 90°]
[∵ BE ⊥ AC और CF ⊥ AB]
BC = BC [उभयनिष्ठ]
BE = CF [दिया है]
∴ ∆BEC ≅ ∆CFB
[RHS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए, EC = FB …(i)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
अब ∆AEB और ∆AFC में,
∠A = ∠A [उभयनिष्ठ]
∠AEB = ∠AFC
(प्रत्येक = 90°) [दिया है।
EB = FC [दिया है]
∴ ∆AEB ≅ ∆AFC
[AAS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए, AE = AF …(ii)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
(i) और (ii), को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
EC + AE = FB + AF
AC = AB
अब ∆ABC में, हमें प्राप्त है।
AB = AC
⇒ ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल : दिया है: ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB = AC
सिद्ध करना है : ∠B = ∠C
रचना : AP ⊥ BC खींचिए।
उपपत्ति : ∆ABP और ∆ACP में,
∠APB = ∠APC (प्रत्येक = 90°)[रचना से]
AB = AC [दिया है]
AP = AP [उभयनिष्ठ]
∠ABP ≅ ∠ACP
[RHS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए, ∠B = ∠C
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
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