Class 9 Mathematics त्रिभुज Ex 7.2
(i) OB = 0C
(ii) A0 कोण A को समद्विभाजित करता है।
हल : (i) ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB = AC
∠C = ∠B
[त्रिभुज में समान भुजाओं के सम्मुख कोण समान होते हैं।]
⇒ ∠OCA + ∠OCB = ∠OBA + ∠OBC
⇒ ∠OCB + ∠OCB = ∠OBC + ∠OBC
∵ OB, ∠B को समद्विभाजित करता है।
∴ ∠OBA = ∠OBC
और OC, ∠C को समद्विभाजित करता है।
∴ ∠OCA = ∠OCB
⇒ 2∠OCB = 2∠OBC
⇒ ∠OCB = ∠OBC
अब, △OBC में,
∠OCB = ∠OBC [ऊपर सिद्ध किया है]
∴ OB = OC
[समान कोणों की सम्मुख भुजाएँ]
(ii) अब △AOB और △AOC में,
AB = AC [दिया है]
∠OBA = ∠OCA
∠B = ∠C
BO, ∠B और CO, ∠C को समद्विभाजित करता है।
∠OBA = ∠OCA
OB = OC [(i) में सिद्ध किया है]
∴ △AOB ≌ △AOC [SAS सर्वांगसमता नियम से]
⇒ ∠OAB = ∠OAC [सर्वांमसम त्रिभुजों के संगत भाग]
अतः, AO; ∠A को समद्विभाजित करता है।
हल : △ABD और △ACD में,
BD = CD [∵ AD, BC को समद्विभाजित करता है। (दिया है)]
∠ADB = ∠ADC = प्रत्येक 90°[∵ AD ⊥ BC (दिया है)]
AD = AD [उभयनिष्ठ]
∴ △ABD ≌ △ACD [SAS सर्वांगसम नियम से]
⇒ AB = AC [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
इसलिए, ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल : △ABE और △ACF में,
∠A = ∠A [उभयनिष्ठ]
∠AEB = ∠AFC (प्रत्येक = 90°) [दिया है।
AB = AC [दिया है।
∴ △ABE ≌ △ACF [AAS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए BE = CF [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
दूसरे शब्दों में समान भुजाओं पर खींचे गए शीर्षलंब समान होते हैं।
(i) △ABE ≌ △ACF
(ii) AB = AC, अर्थात् △ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल : △ABE और △ACF में,
∠A = ∠A [उभयनिष्ठ]
∠AEB = ∠AEC [प्रत्येक = 90°]
[∵ BE ⊥ AC और CF ⊥ AB (दिया है)]
BE = CF [दिया है।
(i) ∴ △ABE ≌ △ACF [AAS सर्वांगसमता नियम से)
(ii) इसलिए, AB = AC (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
अर्थात्, △ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
∠ABD = ∠ACD है।
हल : समद्विबाहु △ABC में,
AB = AC [दिया है]
∴ ∠ACB = ∠ABC … (i)
[समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
साथ ही, समद्विबाहु △BCD में,
BD = DC
∴ ∠BCD = ∠CBD [समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
(i) और (ii) के संगत पक्षों को जोड़ने पर
∠ACB + ∠BCD = ∠ABC + ∠CBD
⇒ ∠ACD = ∠ABD
या ∠ABD = ∠ACD [यही सिद्ध करना]
हल : समद्विबाहु त्रिभुज ABC में,
AB = AC
∴ ∠ACB = ∠ABC
[समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
अब AD = AB [रचना से]
परंतु AB = AC [दिया है]
∴ AD = AB = AC
⇒ AD = AC
अब △ADC में,
AD = AC
⇒ ∠ADC = ∠ACD … (ii)
[△ADC में समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
आकृति से हमें प्राप्त होता है :
∠BAC + ∠CAD = 180° … (iii)
(रैखिक युग्म)
[जैसा कि हम जानते हैं कि त्रिभुज का बहिष्कोण अंतः सम्मुख कोणों के योगफल के बराबर होता है।]
∴ △ABC
∠CAD = ∠ABC + ∠ACB
= ∠ACB + ∠ACB
[(i) के प्रयोग से]
⇒ ∠CAD = 2∠ACB … (iv)
इसी प्रकार, △ADC के लिए ;
∠BAC = ∠ACD + ∠ADC
(जैसा कि हम जानते हैं कि त्रिभुज का बहिष्कोण अंत: सम्मुख कोणों के योगफल के बराबर होता है।
= ∠ACD + ∠ACD [(ii) के प्रयोग से]
⇒ ∠BAC = 2∠ACD
(iii), (iv) और (v), से हमें प्राप्त होता है।
2∠ACB + 2∠ACD = 180°
या, 2(∠ACB + ∠ACD) = 180°
या
⇒ ∠BCD = 90°
अतः ∠BCD एक समकोण है।
हल : ABC एक समकोण त्रिभुज है, जिसमें
∠A = 90°
और AB = AC
△ABC में,
AB = AC
⇒ ∠C = ∠B … (i)
[समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
अब, △ABC में,
∠A + ∠B + ∠C = 180° [कोण योगफल गुण)
⇒ 90° + ∠B + ∠B = 180°
[∵ ∠A = 90° (दिया है) और ∠B = ∠C (i) से]
⇒ 2∠B = 180° – 90°
⇒ 2∠B = 90°
⇒ ∠B = 45°
साथ ही, ∠C = ∠B
⇒ ∠C = 45°
हल : मान लीजिए ABC एक समबाहु त्रिभुज है।
∴ AB = BC = AC ….(a)
AB = BC [पहला तथा दूसरा पद लेने पर]
⇒ ∠C = ∠A … (i)
[समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
इसलिए,
AB = AC [(a) का पहला तथा तीसरा पद लेने पर
⇒ ∠C = ∠B … (ii)
[समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
(i) और (ii) से हमें प्राप्त होता है।
∠A = ∠B = ∠C … (iii)
अब △ABC में … (iv)
∠A + ∠B + ∠C = 180°
[कोण योगफल गुण]
⇒ ∠A + ∠A + ∠A = 180°
⇒ 3∠A = 180
⇒
⇒ ∠A = 60°
(iii) से ; ∠A = ∠B = ∠C
⇒ ∠A = ∠B = ∠C = 60°
अतः, समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।
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