‘मृच्छकटिकम्’ में है
(A) अहो दुरन्ता बलवद्विरोधिता(B) अहो अविश्वसनीयाः पुरुषाः
(C) अहो दूरासदो राजमहिमा
(D) अहो निर्धनता सर्वापदाभास्पदम्
‘मृच्छकटिकम्’ के निम्नांकित पात्रों में कौन संस्कृत नहीं बोलता है
(A) चारूदत्त(B) वसन्तसेना
(C) आर्थक
(D) शर्विलक
‘मृच्छकटिकम्’ किस प्रकार का रूपक है?
(A) नाटक(B) भाण
(C) व्यायोग
(D) प्रकरण
किस महाकाव्य को विद्वानों के लिए औषधि कहा जाता है?
(A) शिशुपालवधम्(B) नैषधीयचरितम्
(C) किरातार्जुनीयम्
(D) रघुवंशम्
‘स्वर्गारोहण’ काव्य के रचनाकार हैं
(A) पाणिनि(B) पतञ्जलि
(C) वररुचि
(D) भतृहरि
‘राघवविलास’ किसकी रचना है?
(A) राजशेखर(B) कुन्तक
(C) भरत
(D) विश्वनाथ
‘मेघे माघे गतं वयंः’ यह सूक्ति किस विद्वान् के द्वारा कही गयी है-
(A) मल्लिनाथ सूरि(B) राजशेखर
(C) वल्लभदेव
(D) माघ
नाट्यशास्त्र के प्रवर्तक हैं
(A) धनञ्जय(B) रामचन्द्र गुणचन्द्र
(C) भरतमुनि
(D) विश्वनाथ
‘श्रद्धा वित्तं विधिश्चेति त्रितयं तत्समागतम्’ किस नाटक का श्लोक है?
(A) मुद्राराक्षसम्(B) उत्तररामचरितम्
(C) विक्रमोर्वशीयम्
(D) अभिज्ञानशाकुन्तलम्
निम्नलिखित में से कौन महाकाव्य नहीं है?
(A) किरातार्जुनीयम्(B) मेघदूतम्
(C) नैषधीयचरितम्
(D) रघुवंश
‘जग्राह पाठ्ययमृग्वेदात्’ यह कथन है
(A) भरतमुनि का(B) धनञ्जय का
(C) मम्मट का
(D) उपर्युक्त में से किसी का नहीं
बाण ने ‘कादम्बरी’ में किस रीति का प्रयोग किया है?
(A) गौड़ी(B) वैदर्भी
(C) पाञ्चाली
(D) लाटी
‘हारीत’ पुत्र था
(A) महर्षि अगस्त्य का(B) महर्षि जावालि का
(C) महर्षि श्वेतकेतु का
(D) महर्षि विश्वामित्र का
शाल्मली वृक्ष का वर्णन किस ग्रन्थ में है?
(A) रघुवंश(B) किरातार्जुनीयम्
(C) कादम्बरी
(D) शिवराज विजय
‘त्रिभुवनप्रसवभूमिरिव विस्तीर्णा’ विशेषता किसके लिए प्रयुक्त है?
(A) विदिशा(B) उज्जैनी
(C) विन्ध्याटवी
(D) हेमकूट
‘जीवाः पर्यावरण सर्जकाः सन्ति । अत्र क्रियापदं किम्?
(A) सन्ति(B) पर्यावरण
(C) जीवाः
(D) सर्जकाः
‘अस्मान्’ कस्मिन् वचने अस्ति?
(A) एकवचने(B) बहुवचने
(C) द्विवचने
(D) किमपि न
‘सन्ति’ अत्र क : लकार:?
(A) लोट्लकारः(B) लङ्लकारः
(C) लट्लकारः
(D) लट्लकारः
‘वनस्पतयः’ कस्मिन् वचने अस्ति।
(A) एकवचने(B) द्विवचने
(C) किमपि
(D) बहुवचने
‘पर्यावरणम्’ शब्द: कस्मिन् लिङ्गे अस्ति?
(A) नपुंसकलिङ्गे(B) स्त्रीलिङ्गे
(C) पुल्लिङ्गे
(D) किमपि न
‘अद्य’ इति पदस्य विपरीतपदं लिखत।
(A) ह्यः(B) श्वः
(C) परह्य
(D) परश्वः
‘सन्ति’ इति क्रियापदं विधिलिङ्गलकारे परिवर्तयत
(A) भवेत्(B) भवेताम्
(C) भविष्यन्ति
(D) भवेयुः
‘जल ही जीवन है।’ वाक्यस्य संस्कृताऽनुवादं कुरुत।
(A) जलं इव जीवनम्(B) जलं असौ जीवनम्
(C) जलम् एव जीवनम्
(D) जीवनम् इव जलम्
‘ताः फलानि खादन्ति’ । लट्लकारे वाच्य परिवर्तनं कुरुत।
(A) ताः फलाः खद्यन्ते(B) ताः फलानि खादन्ते
(C) तैः फलानि खाद्यन्ते
(D) ताभिः फलानि खाद्यन्ते
‘अहं विप्राय धनं ददामि।’ रेखाङ्कितपदे प्रश्ननिर्माणं कुरुत।
(A) कस्मै(B) काय
(C) केभ्यः
(D) किं