बुद्धि, ज्ञानेन्द्रियों के साथ मिलकर निर्माण करती है
(A) प्राणमय कोश(B) आनन्दमय कोश
(C) विज्ञानमय कोश
(D) मनोमय कोश
‘मिथ्या रूप से अन्य वस्तु के रूप में भासित होना’ कहलाता है
(A) आरम्भवाद(B) असत्कार्यवाद
(C) परिणामवाद
(D) विवर्तवाद
ब्रह्म को कहा गया है
(A) सत्(B) चित्
(C) आनन्द
(D) सच्चिदानन्द
‘बालकेभ्यः मिष्ठान्नं रोचते’ रेखांकित पद में कौन-सी विभक्ति है?
(A) पंचमी(B) चतुर्थी
(C) सप्तमी
(D) इसमें से कोई नहीं
रस सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य हैं
(A) विश्वनाथ(B) मम्मट
(C) भरतमुनि
(D) कुन्तक
अध्यवसाय की सिद्धि होने पर अलंकार होता है
(A) स्वभावोक्ति(B) रूपक
(C) अतिशयोक्ति
(D) उत्प्रेक्षा
‘लिम्पतीव तमोऽङ्गनि वर्षतीवाञ्जनं’ नभः में अलंकार है
(A) अपह्नुति(B) रूपक
(C) उत्प्रेक्षा
(D) सन्देह
‘अयं मार्तण्डः किं स खलु तुरगै सप्तभिरितः कृषानुः किं सर्वा प्रसरति दिशो नैष नियतम्।’ में अलंकार है
(A) उपमा(B) रूपक
(C) उत्प्रेक्षा
(D) संदेह
काल्पनिक अभेदारोप होने पर अलंकार होता है
(A) अनुप्रास(B) उत्प्रेक्षा
(C) रूपक
(D) उपमा
‘लताकुञ्ज’ गुञ्जन् मदवदलिपुञ्ज चपलयन् में अलंकार है
(A) यमक(B) श्लेष
(C) अनुप्रास
(D) इसमें से कोई नहीं
भ्रान्तिमान् अलंकार में प्राण तत्व है
(A) सन्देह(B) संशय
(C) भ्रान्ति का निश्चय
(D) भ्रान्ति का अनिश्चय
अभिहितान्वयवाद मत है
(A) आनन्दवर्धन का(B) प्रभाकर गुरु का
(C) मीमांसक (कुमारिल भट्ट) का
(D) मम्मट का
किस रस में आरभटी वृत्ति होती है?
(A) रौद्र(B) शृंगार
(C) वीर
(D) अद्भुत
वृक्ष किस प्रकार का शब्द है?
(A) यौगिक(B) योगाभास
(C) योगरूढ़
(D) अव्यक्त योग
‘साहित्य दर्पण’ के प्रथम परिच्छेद का नाम है
(A) काव्यदोष निरूपण(B) काव्यस्वरूप निरूपण
(C) काव्यप्रयोजन निरूपण
(D) काव्य-लक्षण निरूपण
‘काव्यालङ्कार किसकी रचना है
(A) दण्डी(B) भामह
(C) वामन
(D) रुद्रट
‘इति हेतुस्तदुद्भवे’ इस कथन का संबंध निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ से है?
(A) साहित्यदर्पण(B) काव्यप्रकाश
(C) दशरूपक
(D) औचित्यविचार चर्चा
‘गुणवृत्या पुनस्तेषां वृत्तिः शब्दार्थयोर्मता’ किसका कथन है?
(A) विश्वनाथ का(B) जगन्नाथ का
(C) मम्मट का
(D) वामन का
नाटक में जो बात सुनाने योग्य नहीं होती है, उसे कहते हैं
(A) प्रकाश(B) आत्मगत
(C) अपवारित
(D) जनान्तिक
नाटकों में भरतवाक्य का प्रयोग होता है
(A) प्रारंभ में(B) अंत में
(C) मध्य में
(D) कहीं भी
अभिनेता गण जहाँ पर नाटक के उपयुक्त वेश-भूषा धारण करते हैं, उसे कहते हैं
(A) पूर्वरङ्ग(B) नेपथ्य
(C) जनान्तिक
(D) स्वगत
सूत्रधार होता है
(A) नायक के रूप में अभिनय करने के लिए(B) नाटक आरम्भ करने के लिए
(C) अभिनय का निर्देशन एवं नियंत्रण करने के लिए
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
नाट्य शास्त्र में ‘नान्दी’ से अभिप्रेत है
(A) नान्दी देवता(B) बैल
(C) मंगलाचरण
(D) पात्र
‘सतां सद्भिः सङ्ग कथमपि हि पुण्येन भवति’ यह सूक्ति किस नाट्यग्रन्थ से संबद्ध है?
(A) अभिज्ञान शाकुन्तलम्(B) उत्तर रामचरितम्
(C) मृच्छकटिकम्
(D) विक्रमोर्वशीयम्
‘सर्वः कान्तमात्मीयं पश्यति’ यह सूक्ति वाक्य किसके द्वारा कथित है
(A) चारूदत(B) चाणक्य
(C) दुष्यन्त
(D) उदयन