UP TGT Sanskrit Mock Test 2022

UP TGT Sanskrit Mock Test 2022

यूपी टीजीटी संस्कृत मॉक टेस्ट 2022 – UP TGT Sanskrit की तैयारी करने के लिए उम्मीदवारों को प्रैक्टिस सेट मॉक टेस्ट ऑनलाइन टेस्ट इत्यादि की जरूरत पड़ेगी. जिससे कि वह अपनी परीक्षा की तैयारी ज्यादा अच्छे से कर पाए. UP TGT Sanskrit की तैयारी करने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए इस पोस्ट में up tgt sanskrit practice test UP TGT Sanskrit Online Test से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए हैं.. हमारी वेबसाइट पर UP TGT Sanskrit के और भी ऑनलाइन टेस्ट दिए गए .जहाँ से आप अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते है .

‘तितिक्षा’ का अर्थ है
(A) मोक्षेच्छा
(B) शीतोष्णादि द्वन्द्वसहिष्णुता
(C) नित्यवस्तु विवेक
(D) नित्यानित्यवस्तु विवेक
Answer
शीतोष्णादि द्वन्द्वसहिष्णुता
वेदान्त के अनुसार अज्ञान की शक्ति है
(A) आवरण
(B) विक्षेप
(C) आवरण विक्षेप
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer
आवरण विक्षेप
पञ्जीकरण प्रक्रिया का उल्लेख किस ग्रन्थ में है?
(A) तर्कभाषा
(B) वेदान्तसार
(C) सांख्यकारिका
(D) ईशोपनिषद्
Answer
वेदान्तसार
वेदान्त पढने का अधिकारी है
(A) साधनचतुष्टयसम्पन्नः प्रमाता
(B) काम्यनिषिद्ध कर्मों को ही मात्र न करने वाला
(C) वेद-वेदाङ्गों का ही मात्र अध्ययन करने वाला
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer
साधनचतुष्टयसम्पन्नः प्रमाता
विवर्त का आशय है
(A) यथार्थ परिवर्तन
(B) अयथार्थ परिवर्तन
(C) दोनों प्रकार के परिवर्तन
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer
अयथार्थ परिवर्तन
‘आप्तवाक्यं शब्दः’ किस दर्शन से संबंधित है?
(A) जैन
(B) बौद्ध
(C) मीमांसा
(D) न्याय
Answer
न्याय
निम्नलिखित में से एक कर्मेन्द्रिय है
(A) वाक्
(B) श्रोत्र
(C) घ्राण
(D) चक्षुः
Answer
वाक्
‘जटाभिस्तापसः’ में तृतीया विभक्ति का हेतु है
(A) इत्थंभूतलक्षणा
(B) करणता
(C) अङ्गविकार
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Answer
इत्थंभूतलक्षणा
‘सर्वस्मिन् शरीरे आत्मा अस्ति’ इस वाक्य में अधिकरण है:
(A) आत्मा
(B) शरीर
(C) अस्ति
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer
शरीर
‘तेन पाठः पठते’ प्रयोग है
(A) कर्तृवाच्य का
(B) कर्मवाच्य का
(C) भाववाच्य का
(D) उपर्युक्त में से किसी का भी नहीं
Answer
कर्मवाच्य का
‘समो गच्छति ग्रामम्’ प्रयोग है
(A) कर्तृवाच्य का
(B) कर्मवाच्य का
(C) भाववाच्य का
(D) उपर्युक्त में से किसी का भी नहीं
Answer
उपर्युक्त में से किसी का भी नहीं
‘अहं तव गृहं विचेष्यामि’ का कर्मवाच्य में रूपान्तरण होगा-
(A) माया तत्र गृह विचेष्ये
(B) माया तव गृह विचेतास्मि
(C) माया तव गृहं विचेताहे
(D) माया तव गृह विचेष्यते
Answer
माया तव गृह विचेष्यते
‘भवन्तः कुत्र भविष्यन्ति’ का भाव वाच्य में रूपान्तरण होगा-
(A) भवद्धिः कुत्र भवितारः
(B) भवद्धिः कुत्र भविष्ये
(C) भवद्धिः कुत्र भविष्यते
(D) भवता कुत्र भविता
Answer
भवद्धिः कुत्र भविष्यते
नाटक में ‘विदूषक’ होता है
(A) नाटक का नायक
(B) नाटक का प्रतिनायक
(C) हास्य रस का पात्र
(D) करुण रस का पात्र
Answer
हास्य रस का पात्र
ध्वनि परिवर्तन का सबसे प्रमुख कारण है
(A) बलाघात
(B) अज्ञान
(C) प्रयत्न-लाघव
(D) सादृश्य
Answer
प्रयत्न-लाघव
‘प्रवीण’ उदाहरण है
(A) अर्थ-विस्तार का
(B) अर्थ संकोच का
(C) अर्थादेश का
(D) अर्थोत्कर्ष का
Answer
अर्थ-विस्तार का
भाषा की देवी किस सिद्धांत पर आधारित है?
(A) अंध ग्रद्धा
(B) काल्पनिकता
(C) कुशल अभ्यास
(D) मूलकता
Answer
अंध ग्रद्धा
स्वराघात के कारण ध्वनि परिवर्तन होता है, इस नियम के प्रवर्तक है-
(A) वर्नर
(B) ग्रासमन
(C) ग्रिम
(D) ग्रियर्सन
Answer
वर्नर
वह लकार जो केवल वेद में पाया जाता है-
(A) लुट् लकार
(B) लङ् लकार
(C) लेट् लकार
(D) लट् लकार
Answer
लेट् लकार
‘आसीत्’ क्रिया का लकार है
(A) लुङ
(B) लङ्
(C) लिट
(D) लृङ
Answer
लङ्
‘पठ्’ धातु लोट् लकार, प्रथम पुरुष द्विवचन का रूप है
(A) पठ
(B) पठामि
(C) पठताम्
(D) पठतु
Answer
पठताम्
‘भू’ धातु लोट् लकार उत्तम पुरुष एकवचन में हो जाता है
(A) भवामि
(B) भवानि
(C) भविष्यामि
(D) भवन्तु
Answer
भवानि
‘गम्’ धातु लिट् लकार प्रथम पुरुष एकवचन में हो जाता है
(A) अगच्छत्
(B) जग्मुः
(C) जगाम्
(D) अगमत्
Answer
जगाम्
‘कालाध्वनोरत्यन्त संयोगे’ सूत्र है
(A) कर्ता कारक का
(B) कर्म कारक का
(C) करण कारक का
(D) सम्प्रदान कारक का
Answer
कर्म कारक का
‘ओदनं भुञ्जानो विषं भुङक्ते’ में ओदन की कर्मसंज्ञा किस सूत्र से हुई है?
(A) कर्मणि द्वितीया
(B) तथायुक्तं चानीप्सितम्
(C) अकथितं च
(D) कर्तुरीप्सिततमं कर्म
Answer
तथायुक्तं चानीप्सितम्

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