Class 7th Science Chapter 11 – जंतुओं और पादप में परिवहन
हर विद्यार्थी का सपना होता है कि वे अपनी में अच्छे अंक से पास हो ,ताकि उन्हें आगे एडमिशन या किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करने में कोई दिक्कत न आए . जो विद्यार्थी सातवीं कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 7th विज्ञान अध्याय 11 ( जंतुओं और पादप में परिवहन) के लिए सलूशन दिया गया है.जोकि एक सरल भाषा में दिया है .क्योंकि किताब से कई बार विद्यार्थी को प्रश्न समझ में नही आते .इसलिए यहाँ NCERT Solutions for Class 7th Chapter 11. Transportation in Animals and Plants दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है .ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए . इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Ch 11 जंतुओं और पादप में परिवहन के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे
अभ्यास के प्रश्न-उत्तर
कॉलम A | कॉलम B |
(क) रंध्र (ख) जाइलम (ग) मूल रोम (घ) फ्लोएम (ङ) क्लोरोप्लास्ट | (i) जल का अवशोषण (ii) वाष्पोत्सर्जन (iii) भोजन का परिवहन (iv) जल का परिवहन (v) कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण |
उत्तर.
कॉलम A | कॉलम B |
(क) रंध्र (ख) जाइलम (ग) मूल रोम (घ) फ्लोएम (ङ) क्लोरोप्लास्ट | (ii) वाष्पोत्सर्जन (iv) जल का परिवहन (i) जल का अवशोषण (iii) भोजन का परिवहन (v) कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण |
(क) हृदय से रक्त का शरीर के सभी अंगों में परिवहन ……… के द्वारा होता है।
(ख) हीमोग्लोबिन ……………………………… कोशिकाओं में पाया जाता है।
(ग) धमनियाँ और शिराएँ …………………………… के जाल द्वारा जुड़ी रहती हैं।
(घ) हृदय का लयबद्ध विस्तार और संकुचन …………………………….. कहलाता है।
(च) मानव शरीर का प्रमुख उत्सर्जित उत्पाद ……. है।
(छ) पसीने में जल और ………………………………….. होता है।
(ज) वृक्क अपशिष्ट पदार्थों को द्रव रूप में बाहर निकालते हैं, जिसे हम ……. कहते हैं।
(झ) वृक्षों में बहुत अधिक ऊँचाइयों तक जल पहुँचाने के कार्य में ………………… द्वारा उत्पन्न चूषण अभिकर्षण बल सहायता करता है।
(क) रक्त वाहिकाओं, (ख) लाल रक्त, (ग) केशिकाओं, (घ) नब्ज, (च) मूत्र, (छ) लवण, (ज) मूत्र, (झ) वाष्पोत्सर्जन।
(i) जाइलम के द्वारा
(ii) फ्लोएम के द्वारा
(iii) रंध्रों के द्वारा
(iv) मूलरोमों के द्वारा
(ख) मूलों द्वारा जुल के अवशोषण की दर को बढ़ाया जा सकता है, उन्हें
(i) छाया में रखकर
(ii) मंद प्रकाश में रखकर
(ii) पंखे के नीचे रखकर ।
(iv) पॉलीथीन की थैली से ढंककर
(क) (i) जाइलम के द्वारा, (ख) (iii) पंखे के नीचे रखकर
सभी पादपों व जंतुओं को भोजन, ऑक्सीकरण के लिएं ऑक्सीजन, जल आदि की आवश्यकता होती है। साथ ही शरीर के अपशिष्ट पदार्थों के उत्सर्जन की भी आवश्यकता होती है। उपरोक्त संवहन कार्यों के लिए विशेष ऊतक | और अंग कार्य करते हैं। इन ऊतकों व अंगों का कार्य ही पदार्थों का परिवहन करना है।
रक्त में पाई जाने वाली पट्टिकाणु शरीर की रक्षक हैं। जब कोई रोगाणु शरीर में प्रवेश करता है तो ये रुधिर कणिकाएँ उन पर हमला बोलकर उन्हें नष्ट कर देती हैं और हमारे शरीर को कोई रोग नहीं होता। अतः इन कणिकाओं का कार्य एक सैनिक के समान है। इनकी उपस्थिति में हम बीमार नहीं हो सकते।
रंध्र या स्टोमेटा-पौधों के पत्तों में पाई जाने वाली उन सूक्ष्म संरचनाओं को स्टोमेटा या रंध्र कहते हैं जो गैसों का विसरण (आदान-प्रदान करते हैं। यह रंध्री तंत्र एक खुला स्थान अथवा रंध्र दो अधिचर्म रक्षक कोशिकाओं और अनेक सहायक कोशिकाओं से घिरा होता है। रंध्रों के बंद होने या खुलने की प्रक्रिया कोशिकाओं के (Guard Cells) द्वारा नियंत्रित होती है।
कार्य-(1) रंध्र ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करते हैं।
(2) रंध्र वाष्पोत्सर्जन में सहायक होते हैं।
पौधों की पत्तियाँ निरंतर वाष्पोत्सर्जन करती रहती हैं जिससे अतिरिक्त पानी को बाहर फेंक दिया जाता है। पानी की इस हानि की आपूर्ति जड़ से जल परिवहन द्वारा होती रहती है। पत्तियों में वाष्पोत्सर्जन से पौधे के अंदर कर्षण (खिंचाव) उत्पन्न होता है जिसके द्वारा जल पौधे के शीर्ष तक पहुँच जाता है और पौधे की पत्तियों में जल व खनिजों की आपूर्ति होती रहती है।
रक्त के घटक–(1) प्लैज्मा, (2) रक्त कोशिकाएँ (रक्त कणिकाएँ)।
रक्त कणिकाएँ तीन प्रकार की होती हैं—(A) लाल रक्त कणिकाएँ, (B) श्वेत रक्त कणिकाएँ, (C) पट्टिकाणु।
रक्त शरीर के सभी अंगों को अवशोषित भोजन व ऑक्सीजन पहुँचाने का कार्य करता है। साथ ही रक्त उन अंगों से अपशिष्ट पदार्थ एकत्रित कर बाहर निकालने का कार्य करता है। रक्त शरीर के सभी अंगों को होने वाली बीमारियों से भी बचाकर रक्षक की भूमिका अदा करता है।
रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं में एक लौह तत्त्व व लाल वर्णक हीमोग्लोबिन पाया जाता है। इसी वर्णक. के कारण रक्त लाल रंग का दिखाई देता है।
हृदय के कार्य (1) शरीर के सभी अंगों (भागों) तक ऑक्सीजन युक्त रक्त का परिवहन करना हृदय का कार्य है।
(2) शरीर के सभी भागों से कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में हृदय सहायक है।
जब शरीर की विभिन्न कोशिकाएँ अपना कार्य करती हैं तो कुछ पदार्थ अपशिष्ट के रूप में निर्मुक्त होते हैं। प्रायः ये पदार्थ विषाक्त होते हैं इसीलिए इन पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना आवश्यक हो जाता है वरना इन पदार्थों से शरीर को कुछ भी हानि होना संभावित होती है।
मानव उत्सर्जन तंत्र (वृक्क) का नामांकित चित्र
अति-लघुत्तरात्मक प्रश्न
शरीर के एक भाग द्वारा अवशोषित तथा संश्लेषित पदार्थों का अन्य भागों तक स्थानांतरण परिवहन कहलाता है।
हृदय और रक्त वाहिनियों को संयुक्त रूप से मानव परिसंचरण तंत्र कहते हैं।
पाचित भोजन व ऑक्सीजन को शरीर के सभी भागों तक पहुँचाना रक्त का प्रमुख कार्य है।
रक्त तरल संयोजी ऊतक है।
रक्त के प्रमुख भाग-प्लैज्मा व रक्त कोशिकाएँ हैं।
लाल रक्त कोशिकाएँ, श्वेत रक्त कोशिकाएँ व पट्टिकाणु।
लाल रक्त कोशिकाएँ।
श्वेत रक्त कोशिकाएँ।
पट्टिकाणु।
दो-धमनी व शिरा।
धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में पहुँचाती हैं।
धमनियों की दीवारें मोटी और प्रत्यास्थ होती हैं।
धमनियों में रक्त स्पंदन के साथ बहता है, यही स्पंदन नाड़ी स्पंद या नब्ज कहलाता है।
प्रति मिनट स्पंदों की संख्या स्पंदन दर कहलाती है।
72 से 80 स्पंदन प्रति मिनट।
प्रश्न 16. शिराओं का एक कार्य लिखें।
रक्त वाहिनियों द्वारा, कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में से वापस हृदय में ले आना, शिराओं का कार्य है।
शिराओं की भित्तियाँ अपेक्षाकृत पतली होती हैं और शिराओं में ऐसे वाल्व होते हैं, जो रक्त को हृदय की ओर ही प्रवाहित करते हैं।
धमनियाँ और शिराएँ ऊतकों में पहुँचकर अत्यधिक पतली नलिकाओं में विभाजित हो जाती हैं, जिन्हें केशिकाएँ कहते हैं।
अशुद्ध (कार्बन डाइऑक्साइड युक्त) रक्त।
शुद्ध रक्त अर्थात् ऑक्सीजन युक्त रक्त।
पेशियों से बना ऐसा पंप जो शुद्ध रक्त का प्रवाह शरीर के सभी भागों में और सभी भागों से अशुद्ध रक्त का संग्रह करता है।
उत्तर–बंद मुट्ठी के आकार का।
Ans.दो अलिंद, दो निलय।
स्टेथॉस्कोप के द्वारा।
हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना उत्सर्जन कहलाता है।
अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायक अंगों के समूह को उत्सर्जन तंत्र कहते हैं।
मल, कार्बन डाइऑक्साइड, पसीना व मूत्र।
मूत्र को।
1 से 1.8 लीटर।
95% जल, 2.5 यूरिया।
त्वचा द्वारा।
जल और लवण।
इससे शरीर को ठंडक मिलती है।
डायलाइसिस द्वारा।
अमोनिया गैस।
दारू और पोषवाह ऊतक।
पोषवाह (Phloem) ऊतक द्वारा।
दारू ऊतकों द्वारा।
फ्लोएम (पोषवाह) ऊतक द्वारा।
मूलरोमों के द्वारा।
पौधों की पत्तियों से जल का ह्रास वाष्पोत्सर्जन कहलाता है।
अभिकर्षण (खिंचाव)।
NCERT Solutions for Class 7 Science
- Class 7th Science Chapter 1 – पादपों में पोषण
- Class 7th Science Chapter 2. प्राणियों में पोषण
- Class 7th Science Chapter 3 – रेशों से वस्त्र तक
- Class 7th Science Chapter 4 –ऊष्मा
- Class 7th Science Chapter 5 – अम्ल, क्षारक और लवण
- Class 7th Science Chapter 6 – भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन
- Class 7th Science Chapter 7 – मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूलन
- Class 7th Science Chapter 8 – पवन, तूफान और चक्रवात
- Class 7th Chapter 9. मृदा
- Class 7th Science Chapter 10 – जीवों में श्वसन
- Class 7th Science Chapter 11 – जंतुओं और पादप में परिवहन
- Class 7th Science Chapter 12 – पादप में जनन
- Class 7th Science Chapter 13 – गति एवं समय
- Class 7th Science Chapter 14 – विद्युत धारा और इसके प्रभाव
- Class 7th Science Chapter 15 – प्रकाश
- Class 7th Science Chapter 16 Solutions – जल : एक बहुमूल्य संसाधन
- Class 7th Science Chapter 17 Solutions – वन : हमारी जीवन रेखा
- Class 7th Science Chapter 18 Solutions – अपशिष्ट जल की कहानी
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