माहेश्वरसूत्रों में चौथा सूत्र है
(A) ऐ औच्(B) हयवरट्
(C) रवफद्दठथचरतव्
(D) हल्
सिद्धान्त कौमुदी का रचनाकार कौन है?
(A) पाणिनि(B) पतञ्जलि
(C) भहोजिदीक्षित
(D) वरदराजाचार्य
स्वरों के व्यवधान के बिना आये हुए व्यंजनों की क्या संज्ञा होती है?
(A) पदम्(B) सन्धिः
(C) संहिता
(D) संयोगः
वृद्धि सन्धि विधायक सूत्र है
(A) वृद्धिरेचि(B) वृद्धिरादैच
(C) एङ: पदान्तादति
(D) एङिपररूपम्
पितुः + इच्छा में सन्धि होने पर-
(A) पितोच्छा शब्द बनेगा(B) पित्वोच्छा शब्द बनेगा
(C) पितुरिच्छा शब्द बनेगा
(D) पितुः इच्छा ही रहेगा
हरिः + शेते में सन्धि होने पर कौन-सा रूप बनेगा?
(A) हरिस्ते(B) हरिष्शेते
(C) हरिश्शेते
(D) हरिशेते
निम्नलिखित किस स्थिति में ‘ष्टुना ष्टुः’ सूत्र प्रयुक्त होगा-
(A) आ + उष्णम्(B) रामस् + चिनोति
(C) तत् + टीका
(D) वाक् + हरिः
सन् + षष्ठः = सन्षष्ठ। इस उदाहरण में किस सूत्र का नियम प्रयुक्त होगा?
(A) शात्(B) ष्टुनाष्टुः
(C) तो:षि
(D) न पदान्ताटोरनाम्
एतत् + मुरारिः सन्धि में किस सूत्र की प्रवृत्ति होती है?
(A) मोऽनुस्वारः(B) यरोऽनुनासिकेऽनुनासिको वा
(C) न पदान्ताटोरनाम्
(D) तोर्लि
‘क:+अत्र’ का सन्धि रूप है-
(A) को अत्र(B) कोऽत्र
(C) कः अत्र
(D) क अत्र
‘मनीषा’ में सन्धि है-
(A) पररूप(B) प्रकृतिभाव
(C) पूर्वरूप
(D) दीर्घ
‘सखि’ शब्द, द्वितीया विभक्ति, एकवचन का रूप होगा-
(A) सखिम्(B) सखीन्
(C) सखी
(D) सखायम्
निम्नलिखित वर्गों में केवल पुल्लिङ्ग शब्द किस वर्ग में है?
(A) सखा, हरिः दारा(B) महिमा, सविता अञ्जलिः
(C) शमसय, भार्या, सीता
(D) मधुरम, अम्रस्य फलम्
‘माता’ रूप का मूल शब्द-
(A) अकारान्त है(B) अकारान्त है
(C) इकारान्त है
(D) ऋकारान्त है
सर्वनाम शब्द ‘इदम्’, स्त्रीलिङ्ग, षष्ठी विभक्ति बहुवचन का रूप होगा-
(A) एषाम्(B) एतेषाम्
(C) एतासाम्
(D) आसाम्
निम्नलिखित में चतुर्थी विभक्ति का एक वचन का कौन-सा रूप है?
(A) भानौ(B) ज्ञाने
(C) दघ्ने
(D) हरे
‘अप्’ = (जल) शब्द के रूप कितने वचनों में चलते हैं?
(A) केवल एकवचन(B) केवल बहुवचन ।
(C) केवल द्विवचन
(D) एकवचन और द्विवचन
असौ-अमू-अमी- ये किस प्रातिपादिक के रूप है?
(A) इदम् शब्द के पुल्लिङ्ग के(B) अदस् शब्द के पुल्लिङ्ग के
(C) इदम् शब्द के स्त्रीलिङ्ग के
(D) इदम् शब्द के नपुंसकलिङ् के
निम्नलिखित वर्गों में चतुर्थी विभक्ति के रूप किस वर्ग में है?
(A) कः, का(B) तम्, ताम
(C) तस्याम्, तस्याः
(D) तस्मै, ताम्यः
निम्नलिखित में से स्त्रीलिङ्ग तृतीया विभक्ति का रूप कौन-सा है?
(A) नद्यः(B) रमया
(C) धेनोः
(D) स्त्रियै
सर्वनाम शब्द ‘तत्’, पुल्लिङ्ग, प्रथमा विभक्ति, बहुवचन का रूप होगा-
(A) तानि(B) ताः
(C) ते
(D) तैः
‘युष्मद्’ सर्वनाम शब्द, पंचमी विभक्ति, बहुवचन का रूप होगा-
(A) युष्मत्(B) युष्मम्यम्
(C) युष्माभिः
(D) युष्मात्
‘भू’ धातु का ‘भवत’ रूप-
(A) विधिलिङ्ग लकार, मध्यम पुरुष, बहुवचन का है(B) लोट् लकार, मध्यम पुरुष, बहुवचन का है
(C) लङ् लकार, मध्यम पुरुष, बहुवचन का है
(D) लोट् लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन का है
चुर् धातु का ‘चोरयतम्’ रूप-
(A) लट् लकार, मध्यम पुरुष, द्विवचन है।(B) लोट् लकार, मध्यम पुरुष द्विवचन है।
(C) विधि लङ् लकार, मध्यम पुरुष, द्विवचन है।
(D) लङ् लकार, मध्यम पुरुष, द्विवचन है।
‘लभ’ धातु लट्लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन में रूप होगा-
(A) लभेत(B) लभेते
(C) लभते
(D) लभति
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