‘भक्तिर्भवे न विभवे न्यसंनशास्त्रे न युवतिकामस्त्रे।
चिन्ता यशसि न वपुषि प्रायः परिदृश्यते महताम्।।’
प्रस्तुत पद्य में अलंकार है
(A) विरोधाभासचिन्ता यशसि न वपुषि प्रायः परिदृश्यते महताम्।।’
प्रस्तुत पद्य में अलंकार है
(B) परिसंख्या
(C) कारणमाला
(D) भ्रान्तिमान्
कौन-सा कथन असत्य है?
(A) प्रकृति बद्ध होती है और मुक्त होती है।(B) प्रकृति से सुकुमार कोई वस्तु नहीं है।
(C) प्रकृति ईश्वर है तथा पुरुष जीव है।
(D) ज्ञान से अपवर्ग की प्राप्ति होती है।
‘वासवदत्ता’ के रचयिता हैं
(A) वासवकवि(B) सुबन्धु कवि
(C) दण्डी
(D) बाणभट्ट
‘हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः’ सूक्ति ग्रहण की गयी है
(A) ‘नीतिशतकम्’ से(B) ‘किरातार्जुनीयम्’ से
(C) ‘उत्तर रामचरितम्’ से
(D) ‘कुमार सम्भवम्’ से
‘पितरौ’ समस्त पद का विग्रह होगा-
(A) माता च पिता च(B) पिता च पिता च
(C) मातृ च पितृ च
(D) माता च माता च
महाकवि बाणभट्ट के गुरु का नाम था
(A) भत्सु(B) मौखरि
(C) सदानन्द
(D) वात्स्यायन
अनुबन्धचतुष्टय में क्या नहीं आता है?
(A) विषय(B) सम्बन्ध
(C) प्रयोजन
(D) पूर्वपक्ष
‘हू’ धातु से लोट्लकार प्रथम पुरुष एकवचन में रूप बनता है
(A) हेर्धि(B) जुहाव
(C) हूयात्
(D) जुहोतु
तर्क भाषा के रचयिता का नाम है
(A) अक्षपादगौतम(B) वात्स्यायन
(C) वाचस्पति मिश्र
(D) केशव मिश्र
‘विन्ध्याटवी’ का वर्णन प्राप्त होता है
(A) नलचम्पू में(B) कादम्बरी-कथामुख में
(C) मृच्छकटिकम् में
(D) हर्षचरितम् में
‘सन्ततिः शुद्धवंश्या हि परत्रेह च शर्मणे’ सूक्ति ग्रहण की गयी है
(A) शिशुपालवधम् से(B) किरातार्जुनीयम् से
(C) रघुवंशम् से
(D) मालविकाग्निमित्रम् से
‘यथा गौस्तथा गवयः’ उदाहरण है
(A) उपमान प्रमाण का(B) अनुमान प्रमाण का
(C) प्रत्यक्ष का
(D) अर्थापत्ति का
‘ध्वतिर्बुधैः कथितः’ इस काव्यप्रकाश की पंक्ति में बुधैः का अर्थ
(A) काव्य शास्त्रिभिः(B) नैयायिकैः
(C) वेदान्तिभिः
(D) वैयाकरणैः
कृ+ण्वुल्’ प्रत्यय के संयोग से शब्द बनता है
(A) कारकः(B) कर्ता
(C) कृण्वुल्
(D) कृतिः
‘प्रत्यक्षर श्लेषघना कथा’ कही जाती है
(A) अवन्तिसुन्दरी कथा(B) कादम्बरी कथा
(C) वासवदत्ता कथा
(D) शिवराजविजयम्
‘वेश्याः श्मशानसुमना इव वर्जनीयाः’ पंक्ति ग्रहण की गयी है
(A) ‘मृच्छकटिकम्’ से(B) नलचम्पू से
(C) ‘शिशुपालवधम्’ से
(D) ‘उत्तररामचरितम्’ से
अज्ञान की दो शक्तियाँ वेदान्त में कही गयी हैं
(A) आवरण तथा विक्षेप(B) माया तथा अविधा
(C) इन्द्रिय तथा शरीर
(D) जड़ तथा चेतन
रामायण कथानक के प्रसंग में सुग्रीवादि का वृत्तान्त कहा जाता है
(A) प्रकरी(B) उपचार वृत्तान्त
(C) पताका
(D) सन्धि
सभंगश्लेष अलंकार के भेद बतलाये गये हैं
(A) चार(B) सात
(C) आठ
(D) दश
‘अद्’ धातु से लिट्लकार प्रथमपुरुष एकवचन में रूप बनता है
(A) अत्त(B) आदत्
(C) जघास
(D) अत्ता
जिस नायिका का नायक दूर देश में किसी प्रयोजन से रहता हो तो उस नायिका को कहते हैं
(A) स्वाधीनपतिका(B) अभिसारिका
(C) कलहान्तरिता
(D) प्रोषित प्रिया
कौन-सा शब्द संस्कृत में अशुद्ध है
(A) मयंक(B) शशांक
(C) कलंक
(D) भुजंग
हरत्ययं सम्प्रति हेतुरिष्यतः शुभस्य पूर्वाचरितं कृतं शुभैः।
शरीरभाजा भवदीयदर्शनं व्यनक्ति कालत्रितयेऽपि योग्यताम्।।
इस पद्य का कथन किया है
(A) शिशुपालवध में नारद नेशरीरभाजा भवदीयदर्शनं व्यनक्ति कालत्रितयेऽपि योग्यताम्।।
इस पद्य का कथन किया है
(B) नलचम्पू में नल ने
(C) शिशुपालवध में श्रीकृष्ण ने
(D) कादम्बरी में बाणभट्ट ने
‘पृष्टवान’ शब्द में प्रकृति तथा प्रत्यय है
(A) पृच्छ+ क्तवतु(B) पृष्ट+वान्
(C) पृच्छ+क्त
(D) पृच्छ+मतुप्