उत्तररामचरितम् में पात्रों की संख्या है
(A) 23(B) 24
(C) 25
(D) 26
उत्तररामचरितम् में वर्णित तमसा और मुरला हैं
(A) सीता की सखियाँ(B) दो नदियाँ
(C) लव कुश की परिचारिकाएँ
(D) राक्षसियाँ
उत्तररामचरितम् नाटक के तृतीय अंक में प्रधान रस है
(A) करुण(B) वीर
(C) शृंगार
(D) वीभत्स
‘छायांक’ उत्तररामचरितम् का कौन-सा अंक है?
(A) चतुर्थ(B) द्वितीय
(C) पंचम
(D) तृतीय
“इदृशानां विपाकोडपि जायते परमाद्भुतः” यह कथन है
(A) मुरला का(B) तमसा का
(C) गोदावरी का
(D) लोपामुद्रा का
‘विपाक’ शब्द का अर्थ है
(A) करुणा(B) विस्मय
(C) दुरावस्था
(D) भ्रम
उत्तररामचरितम् के तृतीय अंक में दो पात्रों के परस्पर संवादों में नाटकीय तत्वों का परिचय मिलता है। ये दो पात्र हैं
(A) राम और वासन्ती(B) राम और मुरला
(C) तमसा और मुरला
(D) सीता और तमसा
“पौलस्त्यस्य जटायुषा विघटितः” श्लोक में ‘पौलस्त्यस्य’ से क्या तात्पर्य है
(A) विभीषण से(B) रावण से
(C) हनुमान से
(D) किसी पिशाच से
मेघदूत में किस राजा का उल्लेख मिलता है?
(A) चण्डप्रद्योत(B) उदयन
(C) विक्रमादित्य
(D) बिम्बसार
“प्राप्ते मित्रे भवति विमुख किं पुनर्यस्तथोच्चैः” यह श्लोकांश उद्धृत है
(A) मेघदूत से(B) अभिज्ञानशाकुतलम् से
(C) किरातार्जुनीयम् से
(D) शिवराजविजयम् से
अनुसूया और प्रियंवदा हैं
(A) शकुन्तला की सखियाँ(B) शकुन्तला की दासियाँ
(C) कण्व की शिष्याएँ
(D) दुष्यन्त की रानियाँ
अभिज्ञानशाकुंतलम् नाटक में वर्णित गौतमी है
(A) दुष्यन्त की परिचारिका(B) कण्व की बहन
(C) कण्व की शिष्या
(D) एक अप्सरा
दुष्यन्त के साथ शकुन्तला का विवाह सम्पन्न होने पर उसकी सखियां हो जाती हैं
(A) प्रसन्न(B) चिंतित
(C) क्रोधित
(D) ईर्ष्याग्रस्त
“तपोधनम् वेत्सि न मामुपस्थितम्”-यहाँ ‘तपोधन’ शब्द प्रयुक्त हुआ है
(A) कण्व के लिए(B) विश्वामित्र के लिए
(C) दुर्वासा के लिए
(D) शारंगरव के लिए
“गच्छ पादयोः प्रणम्य निवर्तयैनं” यह कथन है
(A) अनुसूया का प्रियंवदा के प्रति(B) प्रियंवदा का अनुसूया के प्रति
(C) शकुन्तला का अनुसूया के प्रति
(D) अनुसूया का शकुन्तला के प्रति
शकुन्तला की शापमुक्ति का कारण है, एक-
(A) अंगूठी(B) कंगन
(C) मोतियों की माला
(D) बाजूबंद
शिवराजविजय विभक्त है
(A) सर्गों में(B) खण्डों में
(C) उल्लासों में
(D) नि:श्वासों में
नीतिशतककार के मतानुसार राजा के प्रिय होते हैं
(A) उसके अपने परिजन(B) उसके घनिष्ठ मित्र
(C) उसके निजी सेवक
(D) कोई व्यक्ति भी नहीं
दुष्टों की मित्रता की तुलना की गयी है
(A) छाया से(B) कोयला से
(C) सर्प से
(D) विष से
सर्वप्रकार के विपत्तियों से रक्षा होती है
(A) पूर्वकृत पुण्यों के कारण(B) वीरता के कारण
(C) देवताओं की सहायता से
(D) प्रत्युत्पन्नमति से
‘कन्था’ शब्द का अर्थ है
(A) जीर्ण वस्त्र(B) बाघम्बर
(C) नूतन वस्त्र
(D) कमण्डलु
मेघदूत में यक्ष शापित है
(A) कुबेर के द्वारा(B) शिव के द्वारा
(C) हिमालय के द्वारा
(D) दुर्वासा के द्वारा
“तस्मिन्नदौ कतिचिदबलाविप्रयुक्तः स कामी” यहाँ ‘अद्रौ’ का तात्पर्य है
(A) पर्वत से(B) यक्ष के सुवर्ण कंकण से
(C) मेघ से
(D) हाथी की क्रीड़ा से
“धूमज्योतिः सलिलमरूतां सन्निपातः क्व मेघ” प्रस्तुत श्लोकांश में ‘सन्निपातः’ का अभिप्राय है
(A) मेघ समूह से(B) मेघ के कालेपन से
(C) मेघ के जलयुक्त होने से
(D) मेघ की परोपकारिता से
मेघदूत में वर्णित ‘पुष्करावतर्क’ है
(A) मेघों का कुल(B) मेघों का निवास स्थान
(C) अलकापरी का मेघ
(D) यक्ष का विशेष दूत