NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 12 – कैदी और कोकिला
NCERT Solutions For Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 12 कैदी और कोकिला – जो उम्मीदवार 9th कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें कैदी और कोकिला के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है .इसके बारे में 9th कक्षा के एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 9th हिंदी क्षितिज अध्याय 12 (कैदी और कोकिला) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions For Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 12 Kaidi Aur Kokila की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.12 कैदी और कोकिला के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे. इसलिए नीचे आपको एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 कैदी और कोकिला दिया गया है ।
Class | 9 |
Subject | Hindi |
Book | क्षितिज |
Chapter Number | 12 |
Chapter Name | कैदी और कोकिला |
NCERT Solutions For Class 9 हिंदी (क्षितिज) Chapter 12 कैदी और कोकिला
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
उत्तर- आधी रात के गहरे अंधेरे में कोयल की कूक सुन कर कवि जानना चाहता था कि वह क्यों कुक रही थी ? उसे क्या कष्ट था ? वह किस का संदेश देना चाहती थी ? कवि स्वयं तो कारावास की पीड़ा को झेलने के कारण आधी रात तक जागने के लिए विवश था पर कोयल के लिए ऐसी कौन-सी विवशता थी ?
उत्तर- कवि ने कोकिल के बोलने की संभावना यह बताई है कि वह किसी पीड़ा के बोझ से दबी हुई है, जिसे वह अपने भीतर सहेज कर नहीं रख सकती। उसने देश रूपी जंगल की आग की भयंकर लपटों को देखा है या उसे भी सारा देश एक कारागार के रूप में दिखाई देने लगा है।
उत्तर- कवि ने अंग्रेजी शासन की तुलना अंधकार के प्रभाव से की है। अंधकार निराशा का प्रतीक है; दु:खों का आधार है। अंग्रेजी शासन ने भारतवासियों के हृदय में निराशा का अंधकार भर दिया था। देशभक्तों को दुःखों के अतिरिक्त कुछ नहीं दिया था।
उत्तर- पराधीन भारत की जेलों में अंग्रेज़ी शासन ने भयंकर यंत्रणाओं का प्रबंध किया था ताकि देशभक्त उनसे भयभीत हो जाएं तथा अपने उद्देश्य से दूर हट जाएं। जेलों में कैदियों की छाती पर बैलों की तरह फीता लगा कर चूना आदि पिसवाया जाता था; पेट से बाँध कर हल जुतवाया जाता था; कोल्हू चलवा कर तेल निकलवाया जाता था; ईंटों और पत्थरों की गिट्टियां तुड़वाई जाती थीं; उन्हें भूखा-प्यासा रखा जाता था; उनके हँसने-रोने पर भी रोक थी। वे अपने हृदय के भावों को प्रकट नहीं कर सकते थे।
(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कैं।
उत्तर- (क) कवि कोयल से जानना चाहता है कि वह रात के अंधकार में अचानक क्यों कूक पड़ी। वह तो प्रकृति के कोमल सौंदर्य रूपी वैभव की रक्षा करती है। उसे अचानक क्या हो गया कि आधी रात को ऊँचे स्वर में कूक उठी।
(ख) कवि ने अंग्रेजी शासन काल में जेलों में ढाए जाने वाले अत्याचारों का उल्लेख करते हुए कहा है कि उसे पेट पर फीता बांध कर पशुओं की तरह कोल्हू चलाना पड़ता है पर ऐसा करके भी वह अंग्रेज सरकार की अकड़ को तोड़ता है।
उत्तर- अद्र्ध रात्रि में कोयल की चीख का कवि को अंदेशा है कि या तो वह पागल हो गई है या उसने जंगल की आग की विनाशकारी ज्वालाओं को देख लिया है।
उत्तर- कवि को कोयल से ईर्ष्या हो रही है क्योंकि उसे तो हरे-भरे पेड़ों पर रहने का अवसर मिलता है, जबकि उसे दस फुट की अंधेरी कोठरी में रहना पड़ता है। वह तो सारे आकाश में उड़ने के लिए स्वतंत्र है, जबकि कवि के पास काल कोठरी का सीमित स्थान है। कोयल का कूकना मधुर गीत कहलाता है जबकि कवि का रोना भी गुनाह माना जाता है।
उत्तर-कवि के स्मृति पटल पर कोयल के गीतों की अनेक मधुर स्मृतियां अंकित हैं। वह हर रोज सुबह-सवेरे कूक कर लोगों को नींद से जगाती थी; उन्हें कर्मक्षेत्र की ओर प्रवृत्त करती थी। सुबह-सवेरे जब घास के तिनकों पर सूर्य की किरणें टकराती थीं तो ओस की बूंदें जगमगा उठती थीं। तब विंध्य पर्वत के झरनों और पर्वतों पर उस की कूक के मधुर गीत बिखर जाते थे।
उत्तर- देश की स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए देशभक्तों को हथकड़ियों में जकड़ दिया गया था जो उनके लिए गहने के समान थे क्योंकि वे उन्हें सदा याद कराते थे कि जिस प्रकार वे बंधे हुए हैं उसी प्रकार सारा देश भी गुलामी के बंधनों में जकड़ा हुआ है। इस से उन के मन में देश के प्रति सुंदरता का भाव बढ़ता था। उन्हें हथकड़ियां अपना गहना लगती थीं, वही उनका श्रृंगार थीं।
उत्तर- कवि ने अपनी पंक्तियों में ‘काली’ विशेषण का अति सुंदर ढंग से चमत्कार उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया है। कोयल का रंग काला है तो रात भी काली है। रात के कालेपन में निराशा और पीड़ा का भाव भी छिपा हुआ है। अंग्रेजी शासन की काली करतूत के कारण ही देशभक्तों को चोर-लुटेरों के साथ कोठरियों में बंद किया गया था। सारे देश को उन्होंने अपनी काली करनी से ही गुलाम बना रखा था। अंग्रेजी राज्य की काली वैचारिक लहरें और उनकी काली कल्पनाएँ हमारे देश के लिए भयावह थीं। कवि की काल कोठरी भी काली थी; उसकी टोपी काली थी और ओढा जाने वाला कंबल भी काला था। उसको बांधी गई लोहे की जंजीरें भी काली थीं। पहरे के लिए अंग्रेजों के द्वारा नियुक्त पहरेदार भी सर्पिणी के समान काली प्रवृत्ति से युक्त थे जो दिन-रात गालियां बकते रहते थे। कवि ने ‘काली’ शब्द से चमत्कार की सृष्टि में पूर्ण सफलता पाने के साथ अपने परिवेश को चित्रात्मकता के गुण से प्रकट करने में सफलता प्राप्त की है।
(क) किस दावानल की ज्वालाएँ हैं दीखीं ?
(ख) तेरे गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह !
देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी !
उत्तर- (क) काली कोयल अंधेरी काली रात में कूक उठी। कवि जानना चाहता है कि उसने जंगल में लगी आग की लपटों को देख लिया। सारा देश तो अंग्रेजों के द्वारा दी जाने वाली गुलामी रूपी आग में झुलस ही रहा है। क्या उसका प्रभाव जंगल के प्राणियों पर पड़ता है या सारा देश ही कारावास बन चुका है। प्रश्न शैली का प्रयोग कवि के कथन को प्रभावात्मकता देने में सफल हुआ है। तत्सम शब्दों का प्रयोग सहज है। अनुप्रास और प्रश्न अलंकारों का प्रयोग है। प्रतीक योजना विद्यमान है।
(ख) कवि कोयल से कहता है कि जब वह गाती है तो उस की प्रशंसा की जाती है पर जेल में उसका रोना भी गुनाह माना जाता है। दोनों की स्थिति में बड़ा अंतर है। इस पर भी देश की स्वतंत्रता के लिए बजाई जाने वाली रणभेरी रूपी प्रयत्न निरंतर चल रहे हैं। अंग्रेज़ी शासन स्वतंत्रता सेनानियों को कष्ट दे रहा है पर वे उन्हें अपनी राह में आगे बढ़ने से रोक नहीं पा रहे। खड़ी बोली के प्रयोग में तत्सम शब्दावली के प्रयोग के साथ उर्दू शब्दों का प्रयोग भी अति सहज है। स्वरमैत्री ने लयात्मकता की सृष्टि की है। अनुप्रास और पदमैत्री का स्वाभाविक प्रयोग है। अभिधा शब्द शक्ति ने कथन को सरलता-सरसता दी है।
उत्तर- कवि ने निश्चित रूप से जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना सुना होगा पर वे दिन के उजाले में चहकते होंगे। आधी रात के अंधकार में वे नहीं चहके होंगे। कोकिला रात को तब कुहकी थी जब कवि जाग कर अपनी पीड़ा की गहराई को अनुभव कर रहा था। उसे ऐसा प्रतीत हुआ था कि उसकी तरह कोयल भी स्वयं को कारागार रूपी देश में अनुभव कर रही थी। कोयल बाहर रो रही थी और कवि कारागार के भीतर। इसलिए एकसी स्थिति को अनुभव करने के कारण कवि ने कोकिला की ही बात की थी।
उत्तर- अंग्रेजी कारागारों में स्वतंत्रता सेनानियों को भी अपराधी ही माना जाता था और उनके साथ वैसा ही। व्यवहार किया जाता था जैसा चोर, डाकुओं और बटमारों से किया जाता था। चोर, डाकू और बटमारों के द्वारा गिने-चुने लोगों की धन-संपत्ति छीनी जाती है पर स्वतंत्रता सेनानी तो अंग्रेज़ सरकार को ही निर्मूल कर देना चाहते थे।
कैदी और कोकिला के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Bhag 1 क्षितिज भाग 1
गद्य – खंड
- Class 9 Hindi Chapter 1 दो बैलों की कथा
- Class 9 Hindi Chapter 2 ल्हासा की ओर
- Class 9 Hindi Chapter 3 उपभोक्तावाद की संस्कृति
- Class 9 Hindi Chapter 4 साँवले सपनों की याद
- Class 9 Hindi Chapter 5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
- Class 9 Hindi Chapter 6 प्रेमचंद के फटे जूते
- Class 9 Hindi Chapter 7 मेरे बचपन के दिन
- Class 9 Hindi Chapter 8 एक कुत्ता और एक मैना
काव्य – खंड
- Class 9 Hindi Chapter 9 साखियाँ एवं सबद
- Class 9 Hindi Chapter 10 वाख
- Class 9 Hindi Chapter 11 सवैये
- Class 9 Hindi Chapter 12 कैदी और कोकिला
- Class 9 Hindi Chapter 13 ग्राम श्री
- Class 9 Hindi Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर
- Class 9 Hindi Chapter 15 मेघ आए
- Class 9 Hindi Chapter 16 यमराज की दिशा
- Class 9 Hindi Chapter 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Bhag 1 कृतिका भाग 1
- Class 9 Hindi Chapter 1 इस जल प्रलय में
- Class 9 Hindi Chapter 2 मेरे संग की औरतें
- Class 9 Hindi Chapter 3 रीढ़ की हड्डी
- Class 9 Hindi Chapter 4 माटी वाली
- Class 9 Hindi Chapter 5 किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया