Class 9 Maths Chapter 9 – समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल (प्रश्नावली 9.3)

1. आकृति में, ΔABC की एक माध्यिका AD पर स्थित E कोई बिंदु है। दर्शाइए कि –
क्षे० (ΔABE) = क्षे० (ACE) है।

हल : ΔABC में, AD माध्यिका है।
क्षे० (ΔABD) = क्षे० (ΔACD) …(i)
[∵ माध्यिका त्रिभुज को बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।] पुनः, ΔEBC में, ED एक माध्यिका है।
क्षे० (ΔEBD) – क्षे० (ΔECD) …(ii)
(ii) को (i), में से घटाने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ΔABD) – क्षे० (ΔEBD)
= क्षे० (ΔACD) – क्षे० (ΔECD) के
क्षे० (AABE) = क्षे० (AACE).

2. ΔABC में E, माध्यिका AD का मध्य-बिंदु है। दर्शाइए कि क्षे० (BED) = CodeCogsEqn 80 क्षे० (ABC) है।

हल : दिया है : ΔABC में, AD एक माध्यिका है और E माध्यिका AD का मध्य-बिंदु है।

सिद्ध करना है : क्षे० (ΔBED) = CodeCogsEqn 80 क्षे० (ΔABC)
उपपत्ति : ΔABC में AD माध्यिका है।
∴ क्षे० (ΔABD) = क्षे० (ΔADC)
[∵ माध्यिका त्रिभुज को बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।
∴ क्षे० (ΔABD) = CodeCogsEqn 79 क्षे० (ΔABC)
ΔABD में, BE एक माध्यिका है।
क्षे० (ΔBED) = क्षे० (ΔBAE)
∴ क्षे० (ΔBED) = CodeCogsEqn 79 क्षे० (ΔABD) …(ii)
क्षे० (ΔBED) = CodeCogsEqn 81 क्षे० (ΔABC) [(i) और (ii) से] = CodeCogsEqn 80 क्षे० (ΔABC) [इति सिद्धम् ]

3. दर्शाइए कि समांतर चतुर्भुजों के दोनों विकर्ण उसे बराबर क्षेत्रफलों वाले चार त्रिभुजों में बाँटते हैं।

हल : मान लीजिए समांतर चतुर्भुज ABCD है और इसके विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु O पर प्रतिच्छेद करते हैं।

ΔABC और ΔADC में,
AB = DC [समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ] BC = AD [समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ] AC = AC [उभयनिष्ठ] ∴ ΔABC ΔCDA [SSS सर्वांगसमता नियम] जैसा कि हम जानते हैं कि समांतर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित होते हैं।
∴ आकृति में ; O समद्विभाजक बिंदु है।
अब ΔADC में ;
DO एक माध्यिका है।
∴ क्षे० (ΔAOD) = क्षे० (ACOD) ….(i)
(∵ माध्यिका त्रिभुज को बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है। इसी प्रकार, ΔABC में, OB माध्यिका है।
∴ क्षे० (ΔAOB) = क्षे० (ΔBOC) ….(ii)
[उपरोक्त कारण ही] ΔAOB और ΔAOD में; AO माध्यिका है।
∴ क्षे० (ΔAOB) = क्षे० (ΔAOD) (उपरोक्त कारण ही) …(iii)
(i), (ii) और (iii) से हमें प्राप्त होता है :
क्षे० (ΔAOB) = क्षे० (ΔAOD) = क्षे० (ΔBOC)
= क्षे० (ΔCOD)
अतः समांतर चतुर्भुज के विकर्ण इसे बराबर क्षेत्रफलों वाले चार त्रिभुजों में बाँटते हैं।

4. आकृति में, ABC और ABD एक ही आधार AB पर बने दो त्रिभुज हैं। यदि रेखाखंड CD रेखाखंड AB से बिंदु 0 पर समद्विभाजित होता है, तो दर्शाइए कि :
क्षे० (ABC) = क्षे० (ABD) है।

हल :CM AB और DN AB खींचिए।

ΔCMO और ΔCNO में,
CMO = DNO [(प्रत्येक = 90°) रचना]COM = DON (शीर्षाभिमुख कोण)
OC = OD [O, CD का मध्य-बिंदु है।
∴ ΔCOM = ΔDON [AAS सर्वांगसमता का नियम] इसलिए, CM = DN [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग) ..(i)
अब, क्षे० (ΔABC) = CodeCogsEqn 79 x AB x CM …(ii)
क्षे० (ΔADB) = CodeCogsEqn 79 x AB x DN ….(iii)
(i) को (iii) में प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ΔADB) = CodeCogsEqn 79 AB x DN …(iv)
(ii) और (iv) से हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ΔABC) = क्षे० (ΔADB)

5. D, E और F क्रमशः त्रिभुज ABC की भुजाओं BC, CA और AB के मध्य-बिंदु हैं। दर्शाइए कि :
(i) BDEF’ एक समांतर चतुर्भुज है।
(ii) क्षे० (DEF) = CodeCogsEqn 80 क्षे० (ABC)
(iii) क्षे० (BDEF) = CodeCogsEqn 79 क्षे० (ABC)

हल : (i) F, AB का मध्य-बिंदु और E, AC का मध्य-बिंदु है।

∴ FE || BC और FE = CodeCogsEqn 79 BC
[ त्रिभुज की दो भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा तीसरी भुजा के समांतर और इसका आधा होती है। या FE ॥ BD [ BD, BC का ही भाग है।
और FE = BD.
∵ दिया है कि D, BC का मध्य-बिंदु है।
∴ BD = CodeCogsEqn 79 BC
इसलिए, FE = CodeCogsEqn 79 BC (ऊपर सिद्ध किया है)
FE = BD
अब E, AC का मध्य-बिंदु और D, BC का मध्य-बिंदु है।
∴ DE || AB और DE = CodeCogsEqn 79 AB [ऊपर वाले कारण का उपयोग करने पर] या DE || BF [∵ BE, AB का ही भाग है।
और DE = BF
[∵ F, AB का मध्य-बिंदु है ∴ BF = CodeCogsEqn 79 AB परंतु
DE = CodeCogsEqn 79 AB [ऊपर सिद्ध किया है।] इसलिए, DE = BF] अब,
FE || BD और DE || BF
या FE = BD और DE = BF
अतः, BDEF एक समांतर चतुर्भुज है।
(ii) BDEF एक समांतर चतुर्भुज है।
∴ क्षे० (ΔBDF) = क्षे० (ΔDEF)
[∵ समांतर चतुर्भुज का विकर्ण इसे बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करता है।
DCEF भी समांतर चतुर्भुज है [भाग (i) के चरणों का प्रयोग करने पर] ∴ क्षे० (ΔDEF) = क्षे० (ΔDEC) …(2)
साथ ही, AEDF एक समांतर चतुर्भुज है।
[भाग (i) के चरणों का प्रयोग करने पर] .:. क्षे० (ΔAFE) = क्षे० (ΔDEF) …(3)
(1), (2) और (3) से
क्षे० (ΔDEF) = क्षे० (ΔBDF) = क्षे०(ΔDEC) = क्षे० (ΔAFE) …(4)
अब, क्षे० (ΔABC)
= क्षे० (ΔAFE) + क्षे० (ΔBDF) + क्षे० (ΔDEC) + क्षे० (ΔDEF)…(5)

⇒ क्षे० (∆ABC) = क्षे० (∆DEF) + क्षे० (∆DEF)

+ क्षे० (∆DEF)) + क्षे० (∆DEF)
[(4) को (5) में प्रयोग करने पर] ⇒ क्षे० (∆ABC) = 4 क्षे० (DEF)
या, 4 क्षे० (∆DEF) = क्षे० (∆ABC)
⇒ क्षे० (∆DEF) = CodeCogsEqn 80 क्षे० (∆ABC) ….(6)
(iii) क्षे० (समांतर चतुर्भुज BDEF) = क्षे० (∆BDF) + क्षे० (∆DEF)
= क्षे० (∆DEF) + क्षे० (∆DEF) [(4) का प्रयोग करने पर] = 2 x क्षे० (∆DEF)
= 2 x CodeCogsEqn 80 क्षे० (∆ABC) [(6) का प्रयोग करने पर
⇒ क्षे० (समांतर चतुर्भुज BDEF) = CodeCogsEqn 79 क्षे० (∆ABC)

6. आकृति में, चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु 0 पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि OB = OD है। यदि AB = CD है, तो दर्शाइए कि :
(i) क्षे० (DOC) = क्षे० (AOB)
(ii) क्षे० (DCB) = क्षे० (ACB)
(iii) DA || CB या ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।

हल :(i) BM AC और DN AC खींचिए।

∆DON और ∆BOM में,
OD = OB (दिया है)
DNO = BMO [प्रत्येक = 90° (रचना से)]DON = BOM [शीर्षाभिमुख कोण] ∆DON = ∆BOM [AAS सर्वांगसमता नियम] इसलिए, DN = BM [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग] साथ ही, क्षे० (∆DON) = क्षे० (∆BOM)
अब, ∆DCN और ∆ABM में,
∠DNC = ∠BMA [प्रत्येक = 90° (रचना से)] CD = AB (दिया है)
DN = BM (ऊपर सिद्ध किया)
∴ ∆DCN = ∆BAM [RHS सर्वांगसमता नियम
∴ क्षे० (∆DCN) = क्षे० (∆BAM) …(2)
(1) और (2) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (∆DON) + क्षे० (∆DCN)
= क्षे० (∆BOM) + क्षे० (∆BAM)
⇒ क्षे० (∆DOC) = क्षे० (∆AOB)
(ii) भाग (ii) में हमने सिद्ध किया है कि
क्षे० (∆DOC) = क्षे० (∆AOB)
दोनों ओर क्षे० (∆BOC) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है –
क्षे० (∆DOC) + क्षे० (∆BOC)
= क्षे० (∆AOB) + क्षे० (∆BOC)
⇒ क्षे० (∆DCB) = क्षे० (∆ACB)
(iii) भाग (ii) में हमने सिद्ध किया है कि
क्षे० (∆DCB) = क्षे० (∆ACB)
तथा इन दोनों त्रिभुजों का एक ही आधार CB है।
∴ दोनों एक ही समांतर रेखाओं CB और DA के बीच स्थित हैं।
इसलिए, DA || CB
अब AB = CD
और, DA || CB
अत: ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।

7. बिंदु D और E क्रमशः ∆ABC की भुजाओं AB और AC पर इस प्रकार स्थित हैं कि क्षे० (DBC) = क्षे० (EBC) है। दर्शाइए कि DE || BC है।

हल : दिया है कि
क्षे० (∆DBC) = क्षे० (∆EBC)
दो बराबर क्षेत्रफल वाली त्रिभुजों का एक ही आधार BC है।
इसलिए DE || BC

[ दो त्रिभुज जिनका एक ही आधार (या बराबर आधार) है और बराबर क्षेत्रफल है, एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित होते हैं।
8. XY त्रिभुज ABC की भुजा BC के समांतर एक रेखा है। यदि BE || AC और CF || AB रेखा XY से क्रमशः E और F पर मिलती है, तो दर्शाइए कि :
क्षे० (ABE) = क्षे० (ACF)
हल : ∆ABE और समांतर चतुर्भुज BCYE एक ही आधार BE तथा एक ही समांतर रेखाओं BE और AC के बीच स्थित है।

क्षे० (∆ABE) = CodeCogsEqn 79 क्षे० (समांतर चतुर्भुज BCYE) …(1)
साथ ही, ∆ACF और समांतर चतुर्भुज BCFX एक ही आधार CF तथा एक ही समांतर रेखाओं BX और CF के बीच स्थित है।
∴ क्षे० (∆ACF) = CodeCogsEqn 79 क्षे० (समांतर चतुर्भुज BCFX) …(2)
परंतु समांतर चतुर्भुज BCYE और समांतर चतुर्भुज BCFX एक ही आधार BC और एक ही समांतर रेखाओं BC और EF के बीच स्थित है।
क्षे० (समांतर चतुर्भुज BCYE) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज BCFX) …(3)
(1), (2) और (3) से हमें प्राप्त होता है :
क्षे० (∆ABE) = क्षे० (∆ACF)

9. समांतर चतुर्भुज ABCD की एक भुजा AB को एक बिंदु P तक बढ़ाया गया है। A से होकर CP के समांतर खींची गई रेखा बढ़ाई गई CB को Q पर मिलती है और फिर समांतर चतुर्भुज PBQR को पूरा किया गया है ( देखिए आकृति) दर्शाइए कि :
क्षे० (ABCD) = क्षे० (PBQR) है।

हल :

दिया है कि ABCD और PBQR समांतर चतुर्भुज हैं। साथ ही, CP || AQ हम देखते हैं कि :
∆ACQ और ∆APQ एक ही आधार AQ तथा एक ही समांतर रेखाओं
AQ और CP के बीच स्थित हैं।
∴ क्षे० (∆ACQ) = क्षे० (∆APQ)
दोनों पक्षों में से क्षे० (∆ABQ) घटाने पर हमें प्राप्त होता है :
क्षे० (∆ACQ) – क्षे० (∆ABQ)
= क्षे० (∆APQ) – क्षे० (∆ABQ)
क्षे० (∆ACB) = क्षे० (∆PBO)
या, CodeCogsEqn 79 क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABCD)
= CodeCogsEqn 79 क्षे० (समांतर चतुर्भुज PBOR)
[ विकर्ण समांतर चतुर्भुज को बराबर क्षेत्रफल वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करता है।
∴ त्रिभुज का क्षेत्रफल = CodeCogsEqn 79 समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल] ⇒ क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABCD) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज PBQR)

10. एक समलंब ABCD, जिसमें AB || DC है, के विकर्ण AC और BD परस्पर O पर प्रतिच्छेद करते हैं। दर्शाइए कि : क्षे० (AOD) = क्षे० (BOC) है।

हल :

∆ABD और ∆ABC एक ही आधार AB और एक ही समांतर रेखाओं AB और DC के बीच स्थित है।
क्षे० (ABD) = क्षे० (ABC)
क्षे० (AOB) को दोनों पक्षों में से घटाने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ABD) – क्षे० (AOB)
= क्षे० (ABC) – क्षे० (∆AOB)
⇒ क्षे० ∆(AOD) = क्षे० (ABOC) [इति सिद्धम् ]

11. आकृति में, ABCDE एक पंचभुज है। B से होकर AC के समांतर खींची गई रेखा बढ़ाई गई DC को F पर मिलती है। दर्शाइए कि :
(i) क्षे० (ACB) = क्षे० (ACF)
(ii) क्षे० (AEDF) = क्षे० (ABCDE)

हल : (i) दिया है BF || AC
∆ACB और ∆ACF एक ही आधार AC तथा एक ही समांतर रेखाओं AC और BF के बीच स्थित है।
∴ क्षे० (∆ACB) = क्षे० (∆ACF) …(1)
(2) अब,
क्षे० (ABCDE) = क्षे० (समलंब AEDC) + क्षे० (∆ABC) …(2)
= क्षे० (समलंब AEDC) + क्षे० (∆ACF)
अतः, स्वास्थ्य केंद्र के लिए दिया गया भूखंड = क्षे० (CDF)
उक्त भूखंड के बदले इतवारी को मिला भूखंड = क्षे० (BEF)

13. ABCD एक समलंब है, जिसमें AB || DC है। AC के समांतर एक रेखा AB को X पर और BC को Y पर प्रतिच्छेद करती है। सिद्ध कीजिए कि :
क्षे० (ADX) = क्षे० (ACY) है।

हल :

CX को मिलाइए। ∆ADX और ∆ACX एक ही आधार XA पर तथा एक ही समांतर रेखाओं XA और DC के बीच स्थित हैं।
∴ क्षे० (∆ADX) = क्षे० (∆ACX) …(i)
साथ ही, AACX और AACY एक ही आधार AC तथा एक ही समांतर रेखाओं XY और AC के बीच स्थित हैं।
∴ क्षे० (∆ACX) = क्षे० (∆ACY) …(ii)
(i) और (ii) से हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (∆ADX) = क्षे० (∆ACY) [इति सिद्धम् ]

14. आकृति में, AP || BQ | CR है। सिद्ध कीजिए कि क्षे० (AQC) = क्षे० (PBR) है।

हल :

∆ABQ और ∆BPQ एक ही आधार BQ तथा एक ही समांतर रेखाओं AP और BQ के बीच स्थित है।
∴ क्षे० (∆ABQ) = क्षे० (∆BPQ) …(1)
∆BQC और ∆BQR एक ही आधार BQ तथा एक ही समांतर रेखाओं BQ और CR के बीच स्थित है।
.:. क्षे० (ABQC) = क्षे० (ABQR) …(2)
(1) और (2) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (∆ABQ) + क्षे० (∆BQC)
= क्षे० (∆BPQ) + क्षे० (∆BQR)
⇒ = क्षे० (∆AQC) = क्षे० (∆PBR) [ इति सिद्धम् ]

15. चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु O पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि क्षे० (AOD) = क्षे० (BOC) है। सिद्ध कीजिए कि ABCD एक समलंब है।

हल :

A दिया है कि
क्षे० (∆AOD) = क्षे० (∆BOC)
दोनों ओर क्षे० (∆AOB) जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (∆AOD) + क्षे० (∆AOB)
= क्षे० (∆BOC) + क्षे० (∆AOB)
⇒ क्षे० (∆ABD) = क्षे० (∆ABC)
जैसा कि हम जानते हैं कि यदि दो त्रिभुज बराबर क्षेत्रफल के हों और एक ही आधार पर स्थित हों, तो वे एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित होते हैं। ∆ABD और ∆ABC एक ही आधार AB पर स्थित हैं और क्षेत्रफल के बराबर हैं।
वे एक ही समांतर रेखाओं AB और DC के बीच स्थित हैं।
या, AB || DC
अब, चतुर्भुज ABCD में AB || DC
इसलिए, ABCD एक समलंब है।
[ समलंब में सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समांतर होता है।

16. आकृति में, क्षे० (DRC) = क्षे० (DPC) है और क्षे० (BDP) = क्षे० (ARC) है। दर्शाइए कि दोनों चतुर्भुज ABCD और DCPR समलंब हैं।

हल :

दिया है कि ∆DRC और ∆DPC एक ही आधार DC पर स्थित हैं।
साथ ही, क्षे० (∆DRC) = क्षे० (∆DPC) ….(1)
DC || RP
[∵ यदि बराबर क्षेत्रफल वाली दो त्रिभुज एक ही आधार पर स्थित हों तो वे सदैव एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित होती है। चतुर्भुज DCPR में,
DC || RP
इसलिए, DCPR एक समलंब है।
साथ ही, दिया है कि
क्षे० (∆BDP) = क्षे० (∆ARC) ….(2)
(1) को इस प्रकार भी लिखा जा सकता है।
क्षे० (∆DPC) = क्षे० (∆DRC) ….(3)
(3) को (2) में से घटाने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (∆BDP) – क्षे० (∆DPC)
= क्षे० (∆ARC) – क्षे० (∆DRC)
⇒ क्षे० (∆BDC) = क्षे० (∆ADC)
∆BDC और ∆ADC का क्षेत्रफल बराबर है और एक ही आधार DC पर स्थित है।
AB || DC
[ यदि बराबर क्षेत्रफल वाली दो त्रिभुज एक ही आधार पर स्थित हों तो वे सदैव एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित होती है।] अब चतुर्भुज ABCD में
AB || DC
इसलिए ABCD, एक समलंब है।

Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.1
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.4

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