Class 9 Maths Chapter 9 – समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल
NCERT Solutions For Class 9 Mathematics Chapter 9. समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल – जो उम्मीदवार 9th कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें Maths सब्जेक्ट के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है .इसके बारे में 9th कक्षा के एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 9 गणित अध्याय 9 (समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions For Class 9 Maths Chapter 9 Area of Parallelograms and Triangles की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.9 समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे. इसलिए नीचे आपको एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 गणित अध्याय 9 समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफलदिया गया है ।
Class | Class 9 |
Subject | Mathematics |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter Name | समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल |
NCERT Solutions For Class 9 गणित Chapter 9 समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.1
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.4
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल (प्रश्नावली 9.1)
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
(v)
(vi)
हल : आकृति (i) में, ΔDPC और समलंब ABCD एक ही आधार DC तथा एक ही समांतर रेखाओं DC और AB के बीच स्थित है।
आकृति
(iii) में; ΔRTQ और समांतर चतुर्भुज PQRS एक ही आधार QR तथा एक ही समांतर रेखाओं QR और PS के बीच स्थित है।
आकृति
(v) में; समांतर चतुर्भुज ABCD और समांतर चतुर्भुज APQD एक ही आधार AD तथा एक ही समांतर रेखाओं AD और BQ पर स्थित हैं।
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल (प्रश्नावली 9.2)
हल : ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
∴ DC = AB
⇒ DC = 16 सेमी
AE ⊥ DC (दिया है)
समांतर चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल
= DC X AE
[∵ क्षे० (समांतर चतुर्भुज) = आधार x संगत ऊँचाई।
= 16 सेमी x 8 सेमी
= 128 सेमी2
आधार AD और ऊँचाई CF का प्रयोग करने पर; समांतर चतुर्भुज का
क्षेत्रफल = AD x CF
⇒ 128 सेमी2 = AD x 10 सेमी
या AD x 10 सेमी = 128 सेमी2
⇒ सेमी
⇒ AD = 128 सेमी
(EFGH) = क्षे० (ABCD) है।
हल : दिया है : ABCD एक समांतर चतुर्भुज है और E, F, G और H क्रमशः भुजाओं AB, BC, CD और DA के मध्य-बिंदु हैं।
सिद्ध करना है : क्षे० (EFGH) = क्षे० (ABCD)
रचना : AC और HF को मिलाइए।
उपपत्ति : ΔABC में, E भुजा AB का मध्य-बिंदु है और F भुजा BC का मध्य-बिंदु है।
EF = AC और EF || AC ….(1)
इसी प्रकार ΔADC में,
GH = = AC और GH || AC …(2)
∴ GH = EF और GH || EF [(1) और (2) से]
∴ चतुर्भुज EFGH एक समांतर चतुर्भुज है।
[यदि चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का एक युग्म बराबर और समांतर हो, तो यह समांतर चतुर्भुज होती है। समांतर चतुर्भुज ABCD में,
AD = BC और AD || BC
[समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
∴ AD = BC और AD || FC
⇒ HD = FC और HD || FC
∴ HDCF एक समांतर चतुर्भुज है
क्योंकि ΔHGF और समांतर चतुर्भुज HDCF एक ही आधार HF और एक ही समांतर रेखाओं के बीच है।
∴ क्षे० (ΔHGF) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज HDCF) …(3)
इसी प्रकार,
क्षे० (ΔHEF) = = क्षे० (समांतर चतुर्भुज HABF) ….(4)
(3) और (4) को जोड़ने से हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ΔHGF) + क्षे० (AHEF)
= [क्षे० (समांतर चतुर्भुज HDCF) + क्षे० (समांतर चतुर्भुज HABF)]
अतः, क्षे० (समांतर चतुर्भुज EFGH)
= क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABCD).
क्षे० (APB) = क्षे० (BQC) है।
हल :दिया है : ABCD एक समांतर चतुर्भुज है। P, DC पर स्थित है और Q, AD पर स्थित बिंदु है।
सिद्ध करना है : क्षे० (AAPB) = क्षे० (ABQC)
रचना : PM || BC और QN || DC खींचिए।
उपपत्ति : क्योंकि QC, समांतर चतुर्भुज QNCD का विकर्ण है।
∴ क्षे० (ΔQNC) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज QNCD) ….(1)
पुनः, BQ, समांतर चतुर्भुज ABNQ का विकर्ण है।
∴ क्षे० (ΔBQN) = क्षे० समांतर चतुर्भुज ABNQ) …(2)
(1) और (2) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ΔQNC) + क्षे० (ΔBQN)
= क्षे० (समांतर चतुर्भुज QNCD) + क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABNQ)
⇒ क्षे० (ΔBQC) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABCD)
……(3)
पुनः, AP, समांतर चतुर्भुज AMPD का विकर्ण है।
∴ क्षे० (ΔAPM) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज AMPD)
…(4)
और PB, समांतर चतुर्भुज PCBM का विकर्ण है।
∴ क्षे० (ΔPBM) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज PCBM)
…(5)
(4) और (5) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है :
क्षे० (ΔAPM) + क्षे० (ΔPBM)
= क्षे० (समांतर चतुर्भुज AMPD)
+ क्षे० (समांतर चतुर्भुज PCBM)
⇒ क्षे० (ΔAPB) = = क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABCD)
….(6)
(3) और (6) से हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ΔBQC) = क्षे० (ΔAPB)
या क्षे० (ΔAPB) = क्षे० (ΔBQC) [इति सिद्धम ]
(i) क्षे० (APB) + क्षे० (PCD) = क्षे० (ABCD)
(ii) क्षे० (APD) + क्षे० (PBC) = क्षे० (APB) + क्षे० (PCD)
हल :
(i) P से होकर AB के समांतर एक रेखा l खींचिए जो AD को Q पर तथा BC को R पर प्रतिच्छेदित करे।
अब AAPB और समांतर चतुर्भुज ABRQ एक ही आधार AB तथा एक ही समांतर रेखाओं AB और QR के बीच स्थित हैं।
∴ क्षे० (ΔAPB) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABRQ) …(1)
साथ ही ΔPCD और समांतर चतुर्भुज DCRQ एक ही आधार DC तथा एक ही समांतर रेखाओं DC और QR के बीच स्थित हैं।
∴ क्षे० (ΔPCD) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज DCRQ) …(2)
(1) और (2) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
क्षे० (ΔAPB) + क्षे० (ΔPCD)
= क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABRQ) + क्षे० (समांतर चतुर्भुज DCRQ)
= क्षे० (ΔAPB) + क्षे० (ΔPCD) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABCD)
…(3)
(ii) P से होकर AD के समांतर एक रेखा m खींचिए जो AB को M पर तथा DC को N पर प्रतिच्छेद करे।
अब ΔAPD और समांतर चतुर्भुज AMND एक ही आधार AD तथा एक ही समांतर रेखाओं AD और MN के बीच स्थित हैं।
∴ क्षे० (ΔAPD) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज AMND) …(4)
साथ ही, Δ(PBC) और समांतर चतुर्भुज MNCB एक ही आधार BC तथा एक ही समांतर रेखाओं BC और MN के बीच स्थित हैं।
∴ क्षे० (ΔPBC) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज MNCB) …(5)
(4) और (5) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है :
क्षे० (ΔAPD) + क्षे० (ΔPBC)
= क्षे० (समांतर चतुर्भुज AMND) + क्षे० (समांतर चतुर्भुज MNCB)
⇒ क्षे० (ΔAPD) + क्षे० (ΔPBC)
= क्षे० (ABCD) …(6)
(5) और (6) से हमें प्राप्त होता है :
क्षे० (ΔAPB) + क्षे० (ΔPCD) = क्षे० (ΔAPD) + क्षे० (ΔPBC)
या, क्षे० (ΔAPD) + क्षे० (ΔPBC) = क्षे० (ΔAPB) + क्षे० (ΔPCD) [इति सिद्धम]
(i) क्षे० (PQRS) = क्षे० (ABRS)
(ii) क्षे० (AXS) = क्षे० (PQRS)
हल :
(i) समांतर चतुर्भुज PQRS और ABRS एक ही आधार SR तथा एक ही समांतर रेखाओं SR और PB के बीच स्थित हैं। ∴ क्षे० (समांतर चतुर्भुज PQRS) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज ABRS) …(1)
[∵ एक ही आधार और एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित समांतर चतुर्भुज क्षेत्रफल में बराबर होते हैं।
(ii) ΔAXS और समांतर चतुर्भुज ABRS एक ही आधार AS तथा एक ही समांतर रेखाओं AS और BR के बीच स्थित है।
∴ क्षे० (ΔAXS) = (समांतर चतुर्भुज ABRS) ….(2)
(1) का (2) में प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है,
क्षे० (ΔAXS) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज PQRS)
हल :
जब A को P और O से मिलाया जाता है, तो खेत तीन भागों, जैसे: ΔPAS, ΔAPQ और ΔAQR में विभाजित हो जाता है। ΔAPQ और समांतर चतुर्भुज PQRS एक ही आधार PQ तथा एक ही समांतर रेखाओं PQ और SR के बीच स्थित है।
∴ क्षे० (ΔAPQ) = क्षे० (समांतर चतुर्भुज PQRS)
अतः, त्रिभुजाकार भाग APQ, समांतर चतुर्भुज PQRS के रूप के खेत का आधा भाग है। इसलिए किसान यदि त्रिभुजाकार खेत APQ में गेहूँ बोता है, तो दूसरे दो त्रिभुजाकार भागों PAS और AQR में उसे दालें बोनी पड़ेगी।
अथवा
जब वह त्रिभुजाकार खेत APQ में दालें बोता है तो दूसरे दो त्रिभुजाकार भागों PAS और AQR में उसे अवश्य ही गेहूँ बोना पड़ेगा।
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.1
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3
Class 9 Mathematics समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.4