Class 10th Science Chapter 13 विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव

Class 10th Science Chapter 13 विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव

NCERT Solutions for Science Class 10th Chapter 13 विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव – बहुत से विद्यार्थी हर साल दसवीं की परीक्षा देते है ,लेकिन बहुत से विद्यार्थी के अच्छे अंक प्राप्त नही हो पाते इसका कारण यह है कि उन्हें प्रश्न उत्तर सही समझ में नहीं आते ,जिससे कारण उन्हें यह याद नही होते .इसलिए जो विद्यार्थी 10th पढ़ रहे है ,उन्हें इस पोस्ट Class 10th Science Chapter 13 (विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव) के लिए सलूशन दिया गया है.यहा Magnetic Effect of Electric Current सलूशन आसान भाषा में दिया गया ताकि विद्यार्थी को अच्छे से समझ आ जाए .इसलिए आप इस NCERT Solutions for class 10 Science chapter 13 Magnetic Effect of Electric Current की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. अगर आप इस समाधान को PDF फाइल के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे आपको इसका डाउनलोड लिंक भी दिया गया है.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (Textual Questions)

प्रश्न–चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है ?

उत्तर- दिक्सूचक की सूई एक छोटा छड़ चुंबक होती है जिस के दोनों सिरे उत्तर और दक्षिण दिशाओं की ओर संकेत करते हैं।जब एक छड़ चुम्बक दिक्सूचक के समीप लाया जाता है तो दिक्सूचक सुई विक्षेपित होती है। चुम्बक का चुंबकीय क्षेत्र दिक्सूचक के उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों पर बराबर व विपरीत बल लगता है।इसीलिए दिक्सूचक की सूई विक्षेपित हो जाती है

प्रश्न 1. किसी छड़ चुंबक के चारों ओर चुंबकीय रेखाएं खींचिए।

उत्तर-Magnetic Field

प्रश्न 2. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों की सूची बनाइए।

उत्तर-(i) ये रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से शुरू होती हैं और दक्षिणी ध्रुव पर समाप्त होती हैं।
(ii) ये रेखाएं कभी भी एक-दूसरे को नहीं काटतीं।
(iii) क्षेत्र रेखाओं की दिशा उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर होती है।
(iv) जहाँ चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं अपेक्षाकृत अधिक निकट होती हैं वहाँ चुंबकीय बल की प्रबलता होती है।
(v) ये रेखाएँ एक बंद वक्र होती हैं।

प्रश्न 3. दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं ?

उत्तर- चुंबकीय सूई सदा एक ही दिशा की ओर संकेत करती है |दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं कभी एक दुसरे को प्रतिच्छेद नहीं करतीं। यदि वे कभी एक दुसरे को प्रतिच्छेद करेंगी तो प्रतिच्छेद के बिंदु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दो दिशाएं हो जाएंगी जो कि असंभव है।

प्रश्न 1. मेज़ के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचार कीजिए। मान लीजिए इस पाश में दक्षिण वर्त विद्युत् धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करके पाश के भीतर तथा बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिए।

उत्तर-जब मेज़ के तल पर तार का वृत्ताकार पाश पड़ा हो तो पाश के अंतर चुंबकीय क्षेत्र तल के लंबवत् ऊपर से नीचे की तरफ होगा।

Mej Par Padपारा के बाहर चुंबकीय क्षेत्र लंबवत् नीचे से ऊपर की ओर होगा।

प्रश्न 2. किसी दिए गए क्षेत्र में चंबकीय क्षेत्र एक समान है। इसे निरूपित करने के लिए आरेख खींचिए।

उत्तर-–यदि चुंबकीय क्षेत्र एक समान हो तो इसे समान दरी तथा समान लंबाई की समानांतर रेखाओं से निरूपित किया जाता है।
Arrow

प्रश्न 3. सही विकल्प चुनिएकिसी विद्युत् धारावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र (a) शून्य होता है। (b) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है। (c) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है। (d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।

उत्तर-(d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।

प्रश्न 1. किसी प्रोट्रॉन का निम्नलिखित में से कौन-सा गुण किसी चुंबकीय क्षेत्र में मुक्त गति करते समय परिवर्तित हो जाता है ? ( यहां एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।)
(a) द्रव्यमान
(b) चाल
(c) वेग
(d) संवेग।

उत्तर-(c) वेग (d) संवेग।
चुंबकीय बल प्रोटॉन की गति पर लंबवत् कार्य करता है। यह द्रव्यमान और चाल को प्रभावित नहीं करता इसलिए वेग और संवेग में परिवर्तन हो जाता है।

प्रश्न 2. क्रियाकलाप 13.7 में हमारे विचार से छड़ AB का विस्थापन किस प्रकार प्रभावित होगा, यदि
(i) छड़ AB में प्रवाहित विद्युत् धारा में वृद्धि हो जाए
(ii) अधिक प्रबल नाले चुंबक प्रयोग किया जाए।
(iii) छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए।

उत्तर-(i) जब छड़ AB में प्रवाहित विद्युत् धारा में वृद्धि हो जाए तब चालक पर लगाया गया बल बढ़ जाएगा इसलिए छड़ का विस्थापन बढ़ जाएगा।
(ii) जब प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए तब चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव बढ़ जाता है जिस कारण छड़ पर लगा बल और छड़ का विस्थापन दोनों बढ़ जाते हैं।

(iii) जब छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाती है तो बल में भी वृद्धि हो जाती है और छड़ का विस्थापन बढ़ जाएगा।

प्रश्न 3. पश्चिम की ओर प्रक्षेपित कोई धनावेशित कण (अल्फा कण) किसी चुंबकीय क्षेत्र द्वारा उत्तर की ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या है ?
(a) दक्षिणी की ओर
(b) पूर्व की ओर
(c) अधोमुखी
(d) उपरिमुखी।

उत्तर-
(d) उपरिमुखी। ऐसा फ्लेमिंग के वामहस्त नियम के अनुसार होगा।

प्रश्न 1. फ्लेमिंग का वामहस्त (राइट हैंड) नियम लिखिए।

उत्तर-फ्लेमिंग वामहस्त नियम (Fleming’s left hand rule ) अपने बाएँ हाथ के अंगूठे, तर्जनी तथा मध्य अंगली को इस प्रकार फैलाओ कि वे तीनो एक दूसरे के परस्पर लंबवत हो । तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा और मध्य उंगली धारा के प्रवाह की दिशा को बताएगी और अंगूठा चालक की दिशा को संकेत करेगा।इसी नियम को फ्लेमिंग का वामहस्त (Fleming’s left hand rule ) नियम कहते है |

Fleming Low

प्रश्न 2. विद्युत् मोटर का क्या सिद्धांत है ?

उत्तर- विद्युत मोटर (electric motor) के सिद्धांत के अनुसार यदि किसी कुंडली को चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर उसमें विद्युत् धारा प्रवाह की जाए तो कुंडली पर एक बल कार्य करता है जो कुंडली को उसके अक्ष पर घुमाता है।

प्रश्न 3. विद्युत् मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है ?

उत्तर- विद्युत् मोटर में विभक्त वलय दिकपरिवर्तक का कार्य करता है। यह परिपथ में विद्युत् धारा के प्रवाह को Excited करने में सहायता देता है। विद्युत् धारा के Excited होने पर दोनों भुजाओं पर आरोपित बलों को दिशाएँ भी Excited हो जाती हैं। इस प्रकार कुंडली की पहली भुजा जो पहले नीचे की ओर धकेली गयी थी अब ऊपर की तरफ धकेली जाती है तथा कुंडली की दूसरी भुजा जो पहले ऊपर की ओर धकेली गयी अब नीचे की ओर धकेली जाती है। इसलिए कुंडली तथा धुरी उसी दिशा में अब आधा घूर्णन और पूरा कर लेती हैं। प्रत्येक आधे घूर्णन के बाद विद्युत् धारा के Excited होने का क्रम दोहराता रहता है जिसके कारण कुंडली और धुरी का लगातार घूर्णन होता रहता है

प्रश्न 1. किसी कुंडली में विद्युत् धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- किसी कुंडली में विद्युत् धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग निम्नलिखित हैं-
(i) चुंबक को कुंडली के भीतर या बाहर गति करने से।
ii) कुंडली में प्रवाहित विद्युत् धारा में परिवर्तन करने से।
iii) कुंडली को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाने से।

प्रश्न 1. विद्युत् जनित्र का सिद्धांत लिखिए।

उत्तर- विद्युत् जनित्र विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है। जब एक कुंडली को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो कुंडली में से गुजरने वाले चुंबकीय क्षेत्र-रेखाओं में परिवर्तन होता है जिसके कारण कुंडली में प्रेरित धारा उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 2. दिष्टधारा के कुछ स्रोतों के नाम लिखिए।

उत्तर- लैड बैटरियां, शुष्क शैल, बटन सैल, कार डायनेमो, साईकिल डायनेमो आदि।

प्रश्न 3. प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करने वाले स्रोतों के नाम लिखिए।

उत्तर- नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों के जनित्र, थर्मल पॉवर प्लांट, जलीय पॉवर स्टेशन आदि।

प्रश्न 4. सही विकल्प का चयन कीजिए
तांबे की तार की एक आयताकार कुंडली किसी चुंबकीय क्षेत्र में घूर्णी गति कर रही है। इस कुंडली में प्रेरित विद्युत् धारा की दिशा में कितने परिभ्रमण के पश्चात् परिवर्तन होता है ?
(a) दो
(b) एक
(c) आधे
(d) चौथाई

उत्तर-(c) आधे

प्रश्न 1. विद्युत् परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम लिखिए।

उत्तर – (i) भू-संपर्क तार (Earthing)
(ii) विद्युत् फ्यूज।
iii) फ्यूज का उपयोग

प्रश्न 2. 2 KW शक्ति अनुमतांक का एक विदयत तंदर किसी घरेलु विद्युत् परिपथ (220V) में प्रचालित किया जाता है जिसका विद्युत् धारा अनमतांक 5A है। इससे आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-विद्युत् तंदूर की शक्ति,
P = 2KW = 2000 W
V = 220 V
I = P/V = 2000/220 = 9.09 A
विद्युत् धारा का अनुमतांक 5A है। विद्युत् तंदूर इससे कहीं अधिक विद्युत् धारा ले रहा है।
इसलिए यह परिपथ अतिभारण हो जाएगा। जिससे फ्यूज़ उड़ जाएगा और विद्युत् पथ अवरोधित हो जाएगा।

प्रश्न 3. घरेलू विद्युत् परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?

उत्तर- घरेलू विद्युत् परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए

1.विद्युत् प्रवाह के लिए प्रयुक्त की जाने वाली तारें अच्छे प्रतिरोधन पदार्थ से ढकी होनी चाहिए।जैसे पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड)।
2. विद्युत् परिपथ विभिन्न वर्गों में बंटे होने चाहिए और प्रत्येक साधित्र का फ्यूज़ होना चाहिए।
3. उच्च शक्ति प्राप्त करने वाले एयर कंडीशनर, फ्रिज, वाटर हीटर, हीटर, प्रैस आदि का एक साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए।
4. एक ही सॉकेट से बहुत-से विद्युत् साधित्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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