भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Class 10th Economics Chapter 2. Solution

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Class 10th Economics Chapter 2. Solution

NCERT Solutions For Economics Class 10th Ch. 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक – हर विद्यार्थी का सपना होता है कि वे अपनी में अच्छे अंक से पास हो ,ताकि उन्हें आगे एडमिशन या किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करने में कोई दिक्कत न आए . जो विद्यार्थी 10th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 10th अर्थशास्त्र अध्याय 2 (भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक) के लिए सलूशन दिया गया है.जोकि एक सरल भाषा में दिया है .क्योंकि किताब से कई बार विद्यार्थी को प्रश्न समझ में नही आते .इसलिए यहाँ NCERT Solutions For Economics Class 10th Chapter 2. Sectors of Indian Economy दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है .ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए . इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Ch 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे

पाठ्यपुस्तक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) सेवा क्षेत्रक में रोजगार में उत्पादन के समान अनुपात में वृद्धि ……….। (हुई है/नहीं हुई है‌)
(ख) …………..क्षेत्रक के श्रमिक वस्तुओं का उत्पादन नहीं करते हैं। (तृतीयक/कृषि)
(ग) …………..क्षेत्रक के अधिकांश श्रमिकों को रोजगार सुरक्षा प्राप्त होती है। (संगठित/असंगठित)
(घ) भारत में …………..संख्या में श्रमिक असंगठित क्षेत्रक में काम कर रहे हैं। (बड़ी/छोटी)
(ङ) कपास एक …………उत्पाद है और कपड़ा एक ………….उत्पाद है। (प्राकृतिक/विनिर्मित‌)
(च) प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक की गतिविधियाँ ………….हैं। (स्वतंत्र/परस्पर निर्भर)

उत्तर- (क) नहीं हुई है (ख) तृतीयक (ग) संगठित (घ) बड़े (ङ) प्राकृतिक, विनिर्मित (च) परस्पर निर्भर ।

प्रश्न 2. सही उत्तर का चयन करें

प्रश्न : सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक आधार पर विभाजित है।

(क) रोजगार की शर्तों
(ख) आर्थिक गतिविधि के स्वभाव
(ग) उद्यमों के स्वामित्व
(घ) उद्यम में नियोजित श्रमिकों की संख्या
उत्तर- उद्यमों के स्वामित्व

प्रश्न : एक वस्तु का अधिकांशत: प्राकृतिक प्रक्रिया से उत्पादन ……………क्षेत्रक की गतिविधि है।

(क) प्राथमिक
(ख) द्वितीयक
(ग) तृतीयक
(घ) सूचना औद्योगिकी
उत्तर- प्राथमिक

प्रश्न किसी विशेष वर्ष में उत्पादित ……………के मूल्य के कुल योगफल को जीडीपी कहते हैं।

(क) सभी वस्तुओं और सेवाओं
(ख) सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं
(ग) सभी मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं
(घ) सभी मध्यवर्ती ईवं वस्तुओं और सेवाओं
उत्तर- सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं

प्रश्न जीडीपी के पदों में वर्ष 2003 में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी ………..है।

(क) 20% से 30% के बीच
(ख) 30% से 40% के बीच
(ग) 50% से 60% के बीच
(घ) 70%
उत्तर- 50% से 60% के बीच

प्रश्न 3. निम्नलिखित का मेल कीजिए
कृषि क्षेत्रक की समस्याएँकुछ संभावित उपाय
असिंचित भूमिकृषि आधारित मिलों की स्थापना
फसलों का कम मूल्यसहकारी विपणन समिति
कर्ज भारसरकार द्वारा खाद्यान्नों की वसूली
मंदी काल में रोजगार का अभावसरकार द्वारा नहरों का निर्माण
कटाई के तुरंत बाद स्थानीय व्यापारियों को अपना अनाज बेचने की विवशताकम ब्याज पर बैंकों द्वारा साख उपलब्ध कराना

उत्तर- 1 – d, 2 – c, 3 – e, 4 – a, 5 – b

प्रश्न 4. की पहचान करें और बताइए क्यों?
(क) पर्यटन-निर्देशक, धोबी, दर्जी, कुम्हार
(ख) शिक्षक, डॉक्टर, सब्जी विक्रेता, वकील
(ग) डाकिया, मोची, सैनिक, पुलिस कांस्टेबल
(घ) एम.टी.एन.एल., भारतीय रेल, एयर इंडिया, सहारा एयरलाइंस, ऑल इंडिया रेडियो

उत्तर- (क) पर्यटन निर्देशक तृतीयक सेक्टर में काम करता है जबकि अन्य प्राथमिक सेक्टर में

(ख) सब्जी विक्रेता प्राथमिक सेक्टर में काम करता है जबकि अन्य तृतीयक सेक्टर में काम करते हैं।

(ग) मोची द्वितीयक सेक्टर में काम करता है जबकि अन्य तृतीयक सेक्टर में काम करते हैं।

(घ) सहारा एयरलाइंस प्राइवेट सेक्टर की कंपनी है जबकि अन्य पब्लिक सेक्टर की कंपनियाँ हैं।

प्रश्न 5. एक शोध छात्र ने सूरत शहर में काम करने वाले लोगों से मिलकर निम्न आँकड़े जुटाए
कार्य स्थानरोजगार की प्रकृतिश्रमिकों का प्रतिशत
सरकार द्वारा पंजीकृत कार्यालयों और कारखानों मेंसंगठित15
औपचारिक अधिकार-पत्र सहित बाजारों में अपनी दुकान, कार्यालय और क्लिनिक15
सड़कों पर काम करते लोग, निर्माण श्रमिक, घरेलू श्रमिक20
छोटी कार्यशालाएँ, जो प्राय: सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं हैं

तालिका को पूरा कीजिए। इस शहर में असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों की प्रतिशतता क्या है?

उत्तर-

कार्य स्थानरोजगार की प्रकृतिश्रमिकों का प्रतिशत
सरकार द्वारा पंजीकृत कार्यालयों और कारखानों मेंसंगठित15
औपचारिक अधिकार-पत्र सहित बाजारों में अपनी दुकान, कार्यालय और क्लिनिकसंगठित15
सड़कों पर काम करते लोग, निर्माण श्रमिक, घरेलू श्रमिकअसंगठित20
छोटी कार्यशालाएँ, जो प्राय: सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं हैंअसंगठित50
प्रश्न 6. क्या आप जानते हैं कि आर्थिक गतिविधियों का प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में विभाजन की उपयोगिता है? व्याख्या कीजिए कि कैसे?

उत्तर- आर्थिक गतिविधियों का प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में विभाजन कई दृष्टिकोण से उपयोगी है। इससे अर्थशास्त्रियों को किसी भी अर्थव्यवस्था में उपस्थित समस्याओं और अवसरों को समझने में मदद मिलती है। इससे मिली सूचना के आधार पर सरकार समाज कल्याण के कार्यक्रम बना सकती है और सुधारों को लागू कर सकती है ताकि अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो और रोजगार के नये अवसर तैयार हों।

प्रश्न 7. इस अध्याय में आए प्रत्येक क्षेत्रकों को रोज़गार और सकल घरेलू उत्पाद (जी०डी०पी०) पर ही क्यों केंद्रित करना चाहिए? चर्चा करें।

उत्तर- जीडीपी से अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर मिलती है और विभिन्न क्षेत्रकों का योगदान समझ में आता है। नीति निर्धारकों के लिए जीडीपी एक तुरंत समझ में आने वाला रेफरेंस प्रदान करता है। इसलिए जीडीपी का अपना महत्व है। रोजगार के अवसरों से किसी भी अर्थव्यवस्था की सही सेहत का पता चलता है। इसलिए रोजगार की आँकड़े भी महत्वपूर्ण होते हैं।

प्रश्न 8. जीविका के लिए काम करने वाले अपने आस-पास के वयस्कों के सभी कार्यों की लंबी सूची बनाएँ। उन्हें आप किस तरीकेसे वर्गीकृत कर सकते हैं?

उत्तर:

प्राइमरी सेक्टरकिसान, दूधवाला, मछली वाला, आदि
सेकंडरी सेक्टरफैक्ट्री में काम करने वाला इंजीनियर और फोरमैन
टरशियरी सेक्टरचार्टर्ड एकाउंटेंट, बैंकर, शिक्षक, डॉक्टर, आदि

प्रश्न 9. तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से भिन्न कैसे है? सोदाहरण व्याख्या कीजिए।

उत्तर-

तृतीयक सेक्टरअन्य सेक्टर
किसी भी भौतिक वस्तु का निर्माण नहीं होता है।भौतिक वस्तु का निर्माण होता है।
मशीन की जरूरत नहीं पड़ती है।मशीन की जरूरत पड़ती है।
इस सेक्टर में श्रमिकों के मानसिक क्षमता की अधिक जरूरत पड़ती है।इस क्षेत्र में श्रमिकों के शारीरिक परिश्रम की अधिक जरूरत पड़ती है।
उदाहरण: डिजाइनर, शेफ, शिक्षक, वकील, आदि।उदाहरण: मिस्त्री, बढ़ई, राजमिस्त्री, आदि।
प्रश्न 10. प्रच्छन्न बेरोज़गारी से आप क्या समझते हैं ? शहरी एवं ग्रामीण देशों से उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।

उत्तर- जब एक श्रमिक काम तो कर रहा होता है लेकिन उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति को प्रच्छन्न बेरोजगारी कहते हैं। ऐसी स्थिति में एक श्रमिक किसी खास काम में इसलिये लगा रहता है क्योंकि उसके पास उससे बेहतर करने को कुछ भी नहीं होता। इस स्थिति में श्रमिक के पास कोई विकल्प नहीं होता बल्कि किसी खास काम को करने की मजबूरी होती है। गाँवों में ऐसा अक्सर देखने को मिलता है कि जिस खेत पर काम करने के लिए एक दो लोग काफी होते हैं उसी खेत पर कई लोग काम करते रहते हैं। अतिरिक्त लोग उस खेत पर इसलिए काम कर रहे होते हैं क्योंकि उनके पास करने को कोई बेहतर विकल्प नहीं होता है। यह छुपी हुई बेरोजगारी का एक जीवंत उदाहरण है। शहरी क्षेत्रों में किसी दुकान पर आपको कई भाई काम करते मिल जाएँगे। उनको अलग अलग दुकान चलाना चाहिए लेकिन सही अवसर के अभाव में उन्हें एक ही दुकान पर काम करने को बाध्य होना पड़ता है।

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