लाइसोसोम क्या हैं और लाइसोसोम के कार्य
Lysosome in hindi – आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बढ़िया जानकारी बताएंगे जो आप सभी के लिए जानना बहुत ही जरूरी है. पिछली जानकारी की तरह साइंस विषय से संबंधित है. ताकि आप अगर किसी भी तरह के एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं.चाहे वह बैंक का एग्जाम हो टीचर, UPSC, SSC, CGL, रेलवे, चाहे किसी भी तरह का एग्जाम हो उसमें आपके बहुत ही काम आने वाली जानकारी है. जैसा की हमने आपको इससे पिछली पोस्ट में राइबोसोम कोशिकांग के बारे में बताया था. तो आज हम आपको इस पोस्ट में उससे अगला एक और कोशिकांग के बारे में बताएंगे.
आज आपको लाइसोसोम कोशिकांग के बारे में बताएंगे लाइसोसोम क्या है. यह कहां पर होता है. इसका क्या काम होता है. और यह किस प्रकार काम करता है. और इसके क्या प्रकार होते हैं.तो इन सभी चीजों के बारे में हम आपको पूरी जानकारी इस पोस्ट में आज विस्तार से देंगे ताकि अगर आप के एग्जाम में इस तरह से इस तरह की इस जानकारी से संबंधित कोई भी सवाल पूछा जाए तो आप आसानी से जवाब दे सके. तो यदि आप भी किसी भी तरह की एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं. तो भी आप के लिए यह जानकरी बहुत ही बढ़िया है. और यह आपके सामान्य ज्ञान के लिए जानना बहुत ही जरूरी है. तो आज तो आप इस पोस्ट को अच्छी तरह से देखें तो देखें.
लाइसोसोम किस कहते है
Lysosomes In Hindi : जैसा की हमने आपको पिछली पोस्ट में कोशिका के बारे में बताया. तो उस कोशिका के अंदर कई कोशिकांग होते हैं जैसे गॉल्जीकाय. राइबोसोम. लाइसोसोम और इसके अलावा और भी बहुत से कोशिकांग होते हैं. आपको ऊपर चित्र में भी दिखाया गया है. तो ऊपर आप चित्र में देख सकते हैं गॉल्जीकाय के आसपास छोटी-छोटी कोटिकाओ है और इनको टिकाऊ को ही लाइसोसोम कहा जाता है. ऊपर आप इसको अच्छी तरह से चित्र में देख भी सकते हैं.
लाइसोसोम की खोज किसने की
लाइसोसोम की खोज क्रिश्चियन डी डयूब ने की थी वैज्ञानिक क्रिश्चियन डी डयूब ने 1955 में उनके कार्यों के आधार पर इनकी खोज की और उसके कार्य के आधार पर ही इसका नाम लाइसोसोम रखा.
लाइसोसोम यूकैरियोटिक कोशिका में पाए जाते हैं जब कोशिकाओं में चयापचयी क्रियाएं होती है तो उन क्रियाओं के संकुचन से लाइसोसोम फट जाते हैं तथा एंजाइम बाहर आ जाते हैं. पाचन क्रिया के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं. और बहुत ही मदद करते हैं इसलिए इसे आत्मघाती थैली के नाम से भी जाना जाता है.
लाइसोसोम की टूटने से जब यह एंजाइम बाहर आते हैं. तो सक्रिय होकर कोशिका के विभिन्न पदार्थों का विघटन करते हैं. इन पदार्थों में मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, DNAऔर RNA होते हैं.
लाइसोसोम के प्रकार
लाइसोसोम मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं. जैसे
1.प्राथमिक लाइसोसोम
प्राथमिक लाइसोसोम को संचय या सेक्रेटरी वेसेल्स भी कहते हैं. यह काफी छोटे गोल एवं थैली सदृश रचनाएं हैं. जिनमें अनेक एंजाइम पाए जाते हैं. जो कोशिका के आंतरिक पाचन में सहायता करते हैं. इन एंजाइमों को संश्लेषण राइबोसोम द्वारा होता है. प्राथमिक लाइसोसोम की उत्पत्ति गॉल्जीकाय अथवा अंत प्रदव्यई जलिका से होती हैं.
2.द्वितीयक लाइसोसोम
द्वितीयक लाइसोसोम. इन्हें पाचन रिक्तिकाएं भी कहते हैं. इनका निर्माण प्राथमिक लाइसोसोम तथा फैगोसोम के जुड़ने से होता है..
3.अशिष्ट काय
गोस्वामी द्वारा बाहरी पदार्थों का जब अपूर्ण पाचन होता है यानि पूर्ण तरीके से पाचन नहीं होता तो अपशिष्ट काय बनते हैं.
4. ऑटोफैगिक रिक्तिकाएं
कभी-कभी कोशिका अपने अंतः कोशिकीय कोशिका अंगों जैसे माइट्रोकांड्रिया और अंतर प्रदव्यई जलिका आदि का भक्षण करने लगती है. तो इस क्रिया को ऑटोफोगी तथा तथा इसके द्वारा बनी रचनाओं को ऑटोफगोसोम या ऑटोफैगिक रिक्तिकाएं कहते हैं.
लाइसोसोम के कार्य
1.लाइसोसोम का मुख्य काम पाचन करना होता है. इनमें से सबसे पहला कार्य बाह्य कोशिकाओं का पाचन करना. लाइसोसोम के एंजाइम बाह्य कोशिका पदार्थ के जल के अपघटन की क्रिया में भाग लेते हैं.
2.इसका दूसरा काम अंतः कोशिकीय पाचन करना होता है. यानी कोशिका के अंदर होने वाले पाचन क्रिया लाइसोसोम की सहायता से ही होती है.
3.मृत कोशिकाओं का निष्कासन करना यानी यह अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन करते हैं. यानी कहा जाए तो अंतः कोशिकाओं का अपमार्जन करते हैं.
4. कोशिका विभाजन में सहायता करना यानी जब लाइसोसोम कोशिकाओं में भरते हैं तो उस समय कोशिका विभाजन शुरू होता है.
तो आज हमने आपको इस पोस्ट में lysosome definition in hindi लाइसोसोम आत्मघाती थैली लाइसोसोम के कार्य लाइसोसोम के कार्यों लाइसोसोम की संरचना लाइसोसोम की खोज किसने की लाइसोसोम की खोज कब हुई ,Lysosome Kise Kehte Hai,लाइसोसोम किसे कहते है लाइसोसोम (Lysosome) का कार्य क्या hai lysosome ko aatmhatya ki thaili लाइसोसोम को आत्मघाती क्यों कहा जाता है? से संबधित महत्वपूर्ण जानकारी बताई. यदि आपको हमारे द्वारा बताई गई यह जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.
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