एक साम्राज्य की राजधानी विजयनगर के प्रश्न उत्तर
Ek Samrajya Ki Rajdhani Vijayanagar Question and Answer – इस पोस्ट में हम कक्षा 12 के छात्रों के लिए एनसीईआरटी इतिहास अध्याय 7 के प्रश्न उत्तर लेकर आये हैं। जो छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह से करना चाहते हैं वे हमारे इस पोस्ट से अध्याय 7 एक साम्राज्य की राजधानी विजयनगर के प्रश्न एवं उत्तरों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हमारी वेबसाइटसे आप NCERT BOOK के अध्याय 7 एक साम्राज्य की राजधानी विजयनगर के सभी प्रश्न उत्तर विस्तृत रूप में उपलब्ध हैं जिसको पढ़कर छात्र परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं
NCERT Solutions For Class 12th History Chapter – 7 एक साम्राज्य की राजधानी विजयनगर
एक साम्राज्य की राजधानी विजयनगर के अति लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर – विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई० में हरिहर तथा बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी। इसका सबसे बड़ा विस्तार उत्तर में कृष्णा नदी से लेकर सुदूर दक्षिण तक था।
उत्तर – (1) संगम वंश (2) सुलुवा वंश (3) तुलुव वंश (4) अराविद् वंश
उत्तर – विजयनगर के पहले राजवंश (संगम वंश) के चार योग्य शासक बुक्का, हरिहर वितीय, देवराय तथा देवराय वितीय थे। प्रश्न
उत्तर – विजयनगर राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कृष्णदेव राय था। वह तुलव राजवंश से संबंधित था। वह बाबर का समकालीन था।
उत्तर – कृष्णदेव राय का शासनकाल 1509 ई० से 1529 ई० तक था। उसने गुलबर्गा और बीदर पर अपना अधिकार कर लिया था।
उत्तर – तालीकोटा का युद्ध 1565 ई० में दक्षिण के सुलतानों के संगठन तथा विजयनगर के शासक सदाशिवराय के बीच हुआ। इसमें विजयनगर की हार हुई।
उत्तर – विजयनगर साम्राज्य से संबंधित मंदिर वैलोर, विजयनगर शहर, कांचीपुरम् तथा श्रीरंगपट्टम में देखे जा सकते हैं।
उत्तर – हंपी नाम का प्रचलन यहाँ की स्थानीय मातृदेवी पंपादेवी के नाम से हुआ था। इसके भग्नावशेषों की खोज 1800 ई० में एक अभियंता एवं पुराविद कॉलिन मैकेंजी के प्रयत्नों से हुई।
उत्तर – इसका उद्देश्य उर्वर नदी घाटियों तथा विदेशी व्यापार से प्राप्त धन-संपदा पर अधिकार करना था। परिणाम-इन राज्यों के बीच संपर्क से विचारों का आदान-प्रदान होने लगा। विशेष रूप से स्थापत्य के क्षेत्र में। विजयनगर के शासकों ने उनके भवन निर्माण की तकनीकों को अपनाया तथा उन्हें और अधिक विकसित किया।
उत्तर – विजयनगर साम्राज्य में इससे पहले उदय होने वाले दो शक्तिशाली राजवंश थे-तमिलनाडु में चोल और कर्नाटक में होयसाल। इन शासकों ने तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर तथा बेलूर के चन्नकेशव मंदिर जैसे विशाल मंदिरों को संरक्षण प्रदान किया था।
उत्तर – (1) कृष्णदेव राय के शासन की मुख्य विशेषता विस्तार और सुदृढ़ीकरण था। 1512 ई० तक उसने तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों के बीच के त्र (रायचूर दोआब) पर अधिकार किया।
(2) कृष्णदेव राय को कुछ शानदार मंदिरों के निर्माण तथा कई महत्त्वपूर्ण मंदिरों में भव्य गोपुरमों के निर्माण का श्रेय प्राप्त है। उसने अपनी माँ के नाम पर विजयनगर के समीप नगरपुरम् नामक उपनगर भी बसाया।
उत्तर – (1) विजयनगर के शासक स्वयं को ‘राय’ कहते थे।
(2) ‘नायक’ सेना प्रमुख थे। वे किलों पर नियंत्रण रखते थे और उनके पास सशस्त्र समर्थक होते थे।
उत्तर – अमर-नायक विजयनगर राज्य के सैनिक कमांडर थे।
कार्य-(1) वे किसानों, शिल्पियों तथा व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूल करते थे।
(2) उनके सैनिक दल आवश्यकता के समय राजा को सैनिक सहायता देते थे।
उत्तर – अमर-नायक प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की एक नई राजनीतिक खोज थी। इस प्रणाली के कई तत्व संभवत: दिल्ली सल्तनत की इक्ता प्रणाली से लिए गए थे।
अमर-नायक विजयनगर राज्य के सैनिक कमांडर थे। उन्हें राज्य द्वारा प्रशासन के लिए राज्य-क्षेत्र दिए जाते थे। वे किसानों, शिल्पियों तथा व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूल करते थे। वे राजस्व का कुछ भाग व्यक्तिगत उपयोग तथा घोड़ों एवं हाथियों के निर्धारित दल के रख-रखाव के लिए अपने पास रख लेते थे और शेष भाग राजकोष में जमा करवा देते थे। उनके दल आवश्यकता के समय विजयनगर के शासकों को भी प्रभावी सैनिक सहायता प्रदान करते थे।
उत्तर – कमलपुरम् हौज़ विजयनगर के सबसे महत्वपूर्ण हौजों में से एक था। इस हौज के पानी से न केवल आस-पास के खेतों को सींचा जाता था, बल्कि इसे एक नहर द्वारा ‘राजकीय केंद्र’ तक भी ले जाता था।
उत्तर –
(1) एक किलेबंदी द्वारा शहर के खेतों को घेरा गया था।
(2) दूसरी किलेबंदी नगरीय केंद्र के आंतरिक भाग के चारों ओर बनी हुई थी।
(3) तीसरी किलेबंदी से शासकीय केंद्र को घेरा गया था जिसमें महत्त्वपूर्ण इमारतों के प्रत्येक समूह की घेराबंदी उनकी अपनी ऊँची दीवारों से की गई थी।
उत्तर – विजयनगर शहर की सबसे बाहरी दीवार को बनाने में गारे या पत्थरों को जोड़ने के लिए किसी अन्य वस्तु का प्रयोग नहीं किया गया था। पत्थर के टुकड़े फन्नी जैसे थे, जिसके कारण वे अपने स्थान पर टिके रहते थे।
उत्तर – कला-इतिहासकारों ने किलेबंद बस्ती में जाने वाले प्रवेश द्वार पर बनी मेहराब तथा द्वार के ऊपर बनी गुंबद की स्थापत्य शैली को इंडो-इस्लामिक (हिंदी-इस्लामी) शैली का नाम दिया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इस शैली का विकास विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय स्थापत्य कला के साथ संपर्क से हुआ था।
उत्तर – (1) कुएँ (2) वर्षा के पानी वाले जलाशय तथा (3) मंदिरों के जलाशय।
उत्तर – (1) इन देव-स्थलों में स्थापित देवी-देवताओं से संबंध जोड़ कर वे अपनी सत्ता को वैधता और मज़बूती देने का प्रयास करते थे।
(2) इससे उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होती थी।
उत्तर – महानवमी डिब्बे से जुड़े अनुष्ठान थे
(1) मूर्ति की पूजा
(2) राज्य के अश्व की पूजा,
(3) भैंसों तथा अन्य जानवरों की बलि
उत्तर – (1) महानवमी ‘डिब्बा’ एक विशालकाय मंच है जो शहर के सबसे ऊँचे स्थानों में से एक पर स्थित है। इस पर लकड़ी की एक संरचना बनी हुई थी।
(2) मंच के आधार पर उभारदार नक्काशी की गई है।
उत्तर – (1) नृत्य
(2) कुश्ती
(3) साज लगे घोड़ों, हाथियों, रथों तथा सैनिकों की शोभा यात्रा।
(4) प्रमुख नायकों तथा अधीनस्थ राजाओं द्वारा राजा तथा उसके अतिथियों को दी जाने वाली औपचारिक भेंट।
उत्तर – हज़ार राम मंदिर विजयनगर के राजकीय केंद्र में स्थित है।
विशेषताएँ-(1) यह एक अत्यंत दर्शनीय मंदिर है। इसकी आंतरिक दीवारों पर रामायण से लिए गए कुछ दृश्य उकेरे गए हैं।
(2) इसका प्रयोग संभवत: केवल राजा तथा उसके परिवार द्वारा ही किया जाता था।
उत्तर – (1) विजयनगर के शासक भगवान विरुपाक्ष की ओर से शासन करने का दावा करते थे।
(2) सभी राजकीय आदेशों पर कन्नड़ लिपि में ‘श्री विरुपाक्ष’ शब्द अंकित होता था।
उत्तर – (1) मंदिरों में विशाल संरचनाएँ बनाई जाने लगीं। इनका सबसे अच्छा उदाहरण राम गोरपुरम् अथवा राजकीय प्रवेश द्वार थे।
(2) मंदिरों के अन्य विशिष्ट लक्षण मंडप तथा गलियारे थे। ये गलियारे मंदिर परिसर में स्थित देवस्थलों के चारों ओर बने थे।
उत्तर – (1) कृष्णदेव राय ने अपने सिंहासनारोहण के उपलक्ष्य में मुख्य मंदिर के सामने एक मंडप बनवाया। इसे सुंदर नक्काशी वाले स्तंभों से सजाया गया।
(2) मंदिर के पूर्वी गोपुरम् के निर्माण का श्रेय भी कृष्णदेव राय को जाता है।
( एक साम्राज्य की राजधानी : विजयनगर (लगभग चौदहवीं से सोलहवीं सदी तक)
अथवा
विजयनगर का विठ्ठल मंदिर अनूठा क्यों था?
उत्तर – (1) विठ्ठल मंदिर के प्रमुख देवता विठ्ठल थे। उन्हें महाराष्ट्र में पूजे जाने वाले विष्णु का एक रूप माना जाता है।
(2) इस मंदिर में कई सभागार हैं।
(3) इसमें रथ के आकार का एक अनूठा मंदिर भी है।
अथवा
राक्षसी-तांगड़ी के युद्ध के परिणाम की परख कीजिए।
उत्तर – (1) विजयनगर राज्य में शासन-प्राप्ति के लिए गृह-युद्ध चलते रहते थे। इन युद्धों ने राज्य की शक्ति को कमजोर कर दिया।
(2) 1565 ई० में तालीकोटा राक्षसी तांगड़ी के युद्ध में विजयनगर की सेनाएँ बुरी तरह पराजित हुईं। विजयी सेनाओं ने विजयनगर शहर में खूब लूटमार की। अत: कुछ ही वर्षों में यह शहर पूरी तरह उजड़ गया। परिणामस्वरूप विजयनगर राज्य का पतन हो गया।
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