रस किसे कहते है और इसके कितने भेद होते हैं

रस किसे कहते है और इसके कितने भेद होते हैं

रस किसे कहते हैं, रस के प्रकार, रस की परिभाषा, उदाहरण | Ras in Hindi – आज हम आपको इस पोस्ट में एक और बढ़िया और फायदेमंद जानकारी बताएंगे. इससे पहले पोस्ट में हमने आपको अलंकार क्या होते हैं उसके कितने भेद होते हैं और इससे संबंधित और से बातें बताई थी. तो आज उसी तरह की एक और जानकारी हम आपको इस पोस्ट में बता रहे है. आज हम आपको इस पोस्ट में रस क्या होता है. इसके कितने भेद होते हैं. और इसके बारे में कुछ और भी महत्वपूर्ण जानकारी बतायेगे इन सभी चीजों के बारे में हम आपको उदाहरण सहित और विस्तार से समझाएंगे.

तो यह जानकारी आपके लिए बहुत ही जानना जरूरी है. कई बार जब एग्जाम का समय आता है तो स्टूडेंटस समय नजदीक आने के बाद पढ़ना शुरू करते हैं और वह सभी चीजें जल्दी-जल्दी में पढ़ते.और स्टूडेंट्स इन चीजों को अच्छे से याद नहीं कर पाते है इसलिए उनको एग्जाम देते समय बहुत दिक्कत होती है. वह कई बार ये चीजें स्टूडेंटस भूल भी जाते हैं.और हम आपको इन के बारे में आसान और सरल भाषा में समझाएंगे तो आप नीचे दी गई हमारी इस जानकारी को अच्छी तरह से पढ़े और याद करें.

रस किसे कहते हैं (रस क्या होता है)

किसी भी वाक्य को किसी भी वाक्य को सुनने के बाद हमें जो अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं.

उदाहरण –जिन बातों को सुनने के बाद हमारे मन में आनंद की अनुभूति हो यह हमारे मन में आनंद का अभाव हो उसे रस कहते हैं. जैसे कई बार हम किसी बात को सुनने के बाद खुश हो जाते हैं या कई बार हम उस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं.और कई बार सॉन्ग सुनकर हमारे मन में खुशी महसूस करते हैं. तो हमें उस समय आनंद आता है. तो कई बार हम किसी चीज को देखकर अपने मन में खुशी महसूस करते हैं. तो उस समय हमारे मन में जो आनंद होता है. उसे ही रस कहा जाता है. साधारण भाषा में रस का मतलब आनंद होता है.

रस के भेद

मुख्य रूप से रस के नौ भेद होते हैं. वैसे तो हिंदी में 9 ही रस होते हैं लेकिन सूरदास जी ने एक रस और दिया है जो कि 10 रस माना जाता है.

1. श्रृंगार – जब नायक नायिका के बिछुड़ने का वर्णन होता है तो वियोग श्रृंगार होता है.

श्रृंगार रस का उदाहरण :

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरा पति सोई

2. अद्भुत –जब किसी गद्य कृति या काव्य में किसी ऐसी बात का वर्णन हो जिसे पढ़कर या सुनकर आश्चर्य हो तो अद्भुत रस होता है.

अद्भुत रस का उदाहरण :

देखरावा मातहि निज अदभुत रूप अखण्ड
रोम रोम प्रति लगे कोटि-कोटि ब्रह्माण्ड

3. करुण – जब भी किसी साहित्यिक काव्य ,गद्य आदि को पढ़ने के बाद मन में करुणा,दया का भाव उत्पन्न हो तो करुण रस होता है.

करुण रस का उदाहरण :

हाय राम कैसे झेलें हम अपनी लज्जा अपना शोक
गया हमारे ही हाथों से अपना राष्ट्र पिता परलोक

4. हास्य –जब किसी काव्य आदि को पढ़कर हँसी आये तो समझ लीजिए यहां हास्य रस है.

हास्य रस का उदाहरण :

सीरा पर गंगा हसै, भुजानि में भुजंगा हसै
हास ही को दंगा भयो, नंगा के विवाह में

5. वीर –जब किसी काव्य में किसी की वीरता का वर्णन होता है तो वहां वीर रस होता है.

वीर रस का उदाहरण :

चढ़ चेतक पर तलवार उठा करता था भूतल पानी को
राणा प्रताप सर काट-काट करता था सफल जवानी को

6. भयानक –जब भी किसी काव्य को पढ़कर मन में भय उत्पन्न हो या काव्य में किसी के कार्य से किसी के भयभीत होने का वर्णन हो तो भयानक रस होता है.

भयानक रस का उदाहरण :

अखिल यौवन के रंग उभार, हड्डियों के हिलाते कंकाल
कचो के चिकने काले, व्याल, केंचुली, काँस, सिबार

7.शांत –जब कभी ऐसे काव्यों को पढ़कर मन में असीम शान्ति का एवं दुनिया से मोह खत्म होने का भाव उत्पन्न हो तो शांत रस होता है.

शांत रस का उदाहरण :

जब मै था तब हरि नाहिं अब हरि है मै नाहिं
सब अँधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहिं

8 रौद्र –जब किसी काव्य में किसी व्यक्ति के क्रोध का वर्णन होता है. तो वहां रौद्र रस होता है.

रौद्र रस का उदाहरण :

उस काल मरे क्रोध के तन काँपने उसका लगा
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा

9. वीभत्स –वीभत्स यानि घृणा जब भी किसी काव्य को पढ़कर मन में घृणा आये तो वीभत्स रस होता है।ये रस मुख्यतः युद्धों के वर्णन में पाया जाता है. जिनमें युद्ध के पश्चात लाशों, चील कौओं का बड़ा ही घृणास्पद वर्णन होता है.

वीभत्स रस का उदाहरण :

आँखे निकाल उड़ जाते, क्षण भर उड़ कर आ जाते
शव जीभ खींचकर कौवे, चुभला-चभला कर खाते
भोजन में श्वान लगे मुरदे थे भू पर लेटे
खा माँस चाट लेते थे, चटनी सैम बहते बहते बेटे

10. वात्सल्य –जब काव्य में किसी की बाल लीलाओं या किसी के बचपन का वर्णन होता है. तो वात्सल्य रस होता है. सूरदास ने जिन पदों में श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया है उनमें वात्सल्य रस है.

वात्सल्य रस का उदाहरण :

बाल दसा सुख निरखि जसोदा, पुनि पुनि नन्द बुलवाति
अंचरा-तर लै ढ़ाकी सूर, प्रभु कौ दूध पियावति

रस के प्रकार

Ras ke prakar in Hindi –मुख्य रूप से रस के नौ भेद होते हैं.और इसके चार प्रकार होते हैं. और सभी तत्वों में इन 9 भेदों के अलग-अलग अर्थ होते हैं. नीचे हम आपको इन चारों प्रकार में से इसके सबसे पहले प्रकार के बारे में बतायेगे.

25 thoughts on “रस किसे कहते है और इसके कितने भेद होते हैं”

  1. 5559197efa668998cc485e97af5c5438
    Pradhuman Chaubey Babu

    Adbhut Ras Karun Ras Hasya Ras Veer Ras Singar Ras Ke udharan Bhi Ke udharan Bhi bataiye please answer my question soon sir

  2. Eaef11b17964e829e28ae9343be8ec95
    उमाशंकर यादव

    क्या रस के प्रकार ही उसके भेद होते है ?

  3. 5559197efa668998cc485e97af5c5438
    Chatvedi Shubham

    Sir what is ras how many types of ras please answer my question soon sir please see attached my problem please I’m waiting

  4. 5559197efa668998cc485e97af5c5438
    Chatvedi Shubham

    Sir what is a ras how many types of ras please answer my question soon sir please solved my problem Sir soon please I’m waiting

  5. 508d8528365a60911e7f0a08649c6b90
    दीपक कुमार साह

    really बहुत अच्छा समझ मे आया।धन्यवाद!

  6. Agar koi Marta hai jisse kisi ke upar bahut Bura prabhav padta hai yaha tak ki vah khana chodkar karne ki koshish karta hai ya wo mann me baith jata hai to Kaun sa bhav hoga

  7. Excellent ????????
    Aur sab kuch smaj ha raha h
    Define be acha sa kia h good jod ……….????????????????????✍????????????????????????

  8. 3c151e3f3a56490f304af94f92e68682
    Dhanraj Prajapati

    प्राचीन भारत का इतिहास और मिलने वाले प्रमाण Prachin Bharat प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में जानकारी मुख्यतः चार स्रोतों से प्राप्त होती है

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