अलंकार किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं

अलंकार किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं

अलंकार किसे कहते हैं (परिभाषा, भेद व उदाहरण) Alankar in Hindi – आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी बतायेंगे क्योंकि यह जानकारी बहुत अच्छी है. और आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी है. क्योंकि यह जानकारी आपके एग्जाम में हर बार आती है. आए हर साल आपके एग्जाम में इस जानकारी में से कुछ ना कुछ जरूर आता है. तो आप के लिए जानकारी जानना और बहुत जरूरी है. मैं आज आपको इस पोस्ट में अलंकार के बारे में बताऊंगा अलंकार क्या होते हैं कितने प्रकार के होते हैं और इनको कैसे पहचाना जाता है .इनके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बतायेगे. और इनके उदाहरण भी आपको साथ में बतायेगे.

क्योंकि कई बार स्टूडेंट्स पहले तो ध्यान से पढ़ते नहीं है. और जब एग्जाम नजदीक आते .हैं तो एकदम से अपनी बुक्स उठाते हैं. वह उनमें दी हुई परिभाषा को सीधे ही पढ़ने लग जाते हैं. जिससे कि उनको याद करने में बहुत मुश्किल होती है. और ना ही उनको अच्छे से समझ पाते हैं. और एग्जाम के समय वे उनको भूल जाते हैं. तो हम आपको इस पोस्ट में सभी चीजें आपको विस्तार से एक-एक करके बताएंगे जिससे कि आपको अच्छी तरह से समझ में भी आएगा और आपको याद भी रहेगा तो. तो आप इस जानकारी को ध्यान से पढ़ें और. देखिए अलंकार क्या होते हैं.

अलंकार किसे कहते हैं (Alankar Kise Kehte Hai)

वैसे तो अलंकार कई प्रकार की होती है लेकिन हम आपको इस पोस्ट में मुख्य रूप से जो प्रमुख अलंकार होते हैं उनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं.

काव्य की शोभा को बढ़ाने के लिए जिस शब्द या तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है उसको हम अलंकार कहते हैं. अब आपको यह परिभाषा सीधे तौर पर तो समझ में नहीं आई होगी लेकिन हम आपको नीचे एक उदाहरण के साथ बता रहे हैं जैसे. अलन + कार

अलन का अर्थ होता है –भूषण

कार का अर्थ होता है –शुसर्जित करने वाला

जैसे –हम अपने आप को सुंदर रखने के लिए बहुत सी चीजों का इस्तेमाल करते हैं.. जैसे किसी गहने, साफ सुथरे कपड़े या चश्मा, बेल्ट, टोपी इत्यादि इन सभी चीजों का इस्तेमाल करके हम अपने आप को सुंदर दिखाने की कोशिश करते हैं, इसी तरह से अलंकार काव्य को साफ-सुथरा और अच्छा दिखाने की कोशिश करता है, जिसे हम अलंकार कहते हैं. और अलंकार दूसरे शब्दों और तत्वों की मदद से काव्य की सुंदरता को बढ़ाता है.

अलंकार (Alankaar) की परिभाषा

अलंकारकी परिभाषा हम संस्कृत के विद्वानों द्वारा बताएं तो –‘अलंकरोति इतिः अलंकारः’अर्थात जोअलंकृतकरे या किसीरचना की शोभा बढ़ायेउसे अलंकार कहते हैं।

जो किसी रचना या काव्य की सुंदरता बढ़ाये उसेअलंकारकहते हैं।

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं

अलंकार (Alankar)कुल चार प्रकार के होते हैं। जिनमे से हम मुख्य रूप से पहले दो प्रकारों के बारे में ही जानेंगे। जिनका बहुतायत में प्रयोग होता है। जिसे आप निम्नलिखित पढ़ सकते हैं –

1. शब्दालंकार
2. अर्थालंकार
3. उभयालंकार
4. पाश्चात्य अलंकार

1. शब्दालंकार

वह अलंकार होते है जिन्हे शब्दों के माध्यम से संवारा जाता है। अगर किसी प्रतिकुलर शब्द के उपयोग से ही काव्य रचना में सुंदरता आ जाये लेकिन उसी जगह पर उसके पर्यायवाची के इस्तेमाल से विलीन हो जाये तो उसे शब्दालंकार कहा जाता है।

शब्दालंकार के तीन भेद है।

(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) श्लेष अलंकार

(क) अनुप्रास अलंकारजिस वाक्य में एक ही वर्ण की बार बार आवर्ती हो उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं जैसे कि हमने आपको पर बताया था कि किसी वाक्य को सुंदर बनाने के लिए अलंकार का इस्तेमाल किया जाता है. इस अलंकार में एक ही वर्ण की बार-बार आवृत्ति होती है. जिससे कि वाक्य सुनने में अच्छा लगता है. और वह वाक्य जब हम बोलते हैं. तो वह बोलने में भी अच्छा लगता है. जैसे उदाहरण के लिए.

चंचल की चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में

अब इसमें आप देख सकते हैं. कि इस उदाहरण में वर्ण की आवर्ती बार-बार हो रही है जिससे कि यह वर्ण वाक्य की शोभा को बढ़ा रहा है तो यह अनुप्रास अलंकार हैं. आपको समझ में आ गया होगा कि अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं. अब शब्दालंकार के दूसरे भाग की बात करते हैं.शब्दालंकार का दूसरा भाग है. यमक अलंकार

(ख) यमक अलंकार – जैसा कि ऊपर हमने आपको बताया कि अनुप्रास अलंकार में एक वर्ण की आवृत्ति बार बार होती है. लेकिन यमक अलंकार में एक पूरे शब्द की आवर्ती बार-बार होती है. जैसे कि

कनक कनक ते सौ गुनी,मादकता अधिकाय,
वह खाए बौराय नर, यह पाए बौराय !

काली घटा का घमंड घटा

तो अब आप इसमें देख सकते हैं कि इस वाक्य में घटा शब्द की बार-बार आवर्ती हो रही है. तो यह यमक अलंकार है.अब आप को समझ में आ गया होगा कि यमक अलंकार किसे कहते हैं. तो अब हम आपको इसके तीसरे भाग के बारे में बताएंगे शब्दालंकार का तीसरा भाग कौन सा होता है. श्लेष अलंकार यह शब्दालंकार का तीसरा प्रकार भाग होता है.

(ग) श्लेष अलंकारयह अलंकार अनुप्रास अलंकार और यमक अलंकार दोनों से अलग होता है. इस अलंकार में एक ही शब्द के अनेक अर्थ होते हैं.यानी शब्द एक जैसा होगा लेकिन उसके अर्थ अलग-अलग होंगे तो उसे हम श्लेष अलंकार कहते हैं. उदाहरण के लिए जैसे.

रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून पानी गए न ऊबरे मोती मानस चून

अब आप इस बारे में देख सकते हैं कि पानी शब्द दो बार लिया गया है और दोनों बार इस शब्द का अर्थ अलग है. एक पानी शब्द का अर्थ है विनम्रता और दूसरे पानी शब्द का मोती और मनुष्य अब आपको शब्दालंकार के बारे में समझ में आ गया है.

अब हम आपको नीचे अलंकार के दूसरे भाग अर्थालंकार के बारे में बताएंगे अर्थालंकार क्या होता है.

2. अर्थालंकार

जब किसी वाक्य की किसी शब्द की या किसी भी तरह के लेखन की अर्थ के आधार पर शोभा बढ़ाई जाती है. उसके अर्थ के हिसाब से उसको सुंदर बनाया जाता है. उस को अच्छा बनाया जाता है. तो उसे अर्थालंकार कहा जाता है.

अर्थालंकार के भेद

अर्थालंकार के मुख्य रूप से पांच भेद होते हैं

1. उपमा अलंकार
2. रूपक अलंकार
3. उत्प्रेक्षा अलंकार
4. अतिशयोक्ति अलंकार
5. मानवीकरण अलंकार

1.उपमा अलंकार जब किसी चीज की दूसरी किसी विशेष चीज के साथ तुलना की जाती है तो उसे उपमा अलंकार कहां जाता है जैसे

पीपर पात सरिस मन डोला

हरि पद कोमल कमल

इस वाक्य में हरि के पैरों की कमल के फूल से तुलना की गई है. हरी के पैरों को इतना कोमल बताया गया है. कि वह कमल के फूल के समान कोमल है तो यह उपमा अलंकार है.अर्थालंकार का दूसरा भेद होता है रूपक अलंकार

2.रूपक अलंकारकिसी चीज के गुण या उसके रूप की समानता दूसरी चीज के गुण या उसके चीज के रूप से की जाती है. या इसमें दो वस्तुओं को एक दूसरे का रूप दे दिया जाता है. तो उसे रूपक अलंकार कहते हैं. जैसे.

पायो जी मैंने प्रेम रतन धन पायो

चरण-कमल बंदौं हरि राई !

अब इस वाक्य में प्रेम को धन का रुप दिया गया है या प्रेम के गुणों को धन के गुणों के समान माना गया है. तो यह रूपक अलंकार है.

3.उत्प्रेक्षा अलंकार यहाँ उपमेय में उपमान के होने की संभावना का वर्णन किया जाता है, जिसे उत्प्रेक्षा अलंकार कहते हैं।

सिर फट गया उसका वहीं
मानो अरुण रंग का घडा !

मुख मानो चंद्रमा है

इस अलंकार में यह प्रतीत होता है. कि किसी भी चीज को दूसरी चीज के समान मान लिया गया जैसे और दोनों ऊपर वाले अलंकारों में ऐसा प्रतीत होता है. कि शायद इनमें तुलना की गई .है लेकिन इस अलंकार में ऐसा प्रतीत होता है. कि बिल्कुल दूसरी चीज के समान इस चीज को मान लिया गया है जैसे मुख जो है वह बिल्कुल चंद्रमा के समान है.

इस अलंकार में मुख्य बिल्कुल चंद्रमा के समान मान लिया गया है. और दूसरे अलंकारों में अगर यही उदाहरण दिया होता तो ऐसा प्रतीत होता की मुख्य जो है चंद्रमा के समान दिखता है. और इसमें चंद्रमा के समान है.

4.अतिशयोक्ति अलंकारजब किसी वक्त हमें जो किसी पद में किसी नामुनकिन बात को बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है. तो उसको अतिशयोक्ति अलंकार कहते हैं. जैसे

लहरें व्योम चुनती उठती

देख लो साकेत नगरी है यही !
स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही है !!

इस उदाहरण में आप देख सकते हैं. इसमें लिखा गया है. लहरें व्योम उठती चूमती ऐसा कभी नहीं हो सकता की लहरें इतनी ऊंची उठ जाये आसमान को छू ले यह बिल्कुल नामुनकिन बात है. लेकिन इसको बहुत बढ़ा-चढ़ाकर लिखा गया है. तो यह एक अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण है.अगर हम साधारण भाषा में अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा आपको पता है. तो इसका सीधा सा मतलब होता है. कि इसमें किसी नामुनकिन चीज के बारे में लिखा हुआ मिलता है.

5. मानवीकरण अलंकार जहाँ पर प्राकृतिक चीजें या फिर जड़ वस्तुओं को मानव जैसा सजीव वर्णन कर दें। या जब उन पर मानवीय जैसी चेष्ठा का आरोप किया जाए।

वहांमानवीकरण अलंकारहोगा।. जैसे

दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही है,
वह संध्या सुंदरी परी-सी
धीरे-धीरे-धीरे !

फूल हंसे कलियां मुस्काई

इस उदाहरण में आप देख सकते हैं. कि फूल के हंसने की बात कही गई है. और कलियों के मुस्कुराने की बात कही गई है. तो आपको पता है. कि हंस और मुस्कुरा सिर्फ मानव ही सकते हैं.तो इसमें मनीकरण हो रहा है. यानि किसी भी चीज़ में मानव के जैसी गतिविधियों का दर्शाना मानवीकरण अलंकार कहलाता है.

हमने आज इस पोस्ट में Alankar Kitne Prakar Ke Hote Hain अलंकार क्या होते हैं. Alankar ki paribhasha | Alankar Kise Kahate Hain अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार, रूपक अलंकार किसे कहते हैं अलंकार कितने होते हैं अलंकार के कितने भेद होते हैं. और उनके उदाहरण श्लेष अलंकार किसे कहते हैं उपमा अलंकार किसे कहते हैं अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं अलंकार की परिभाषा अलंकार के प्रकार अलंकार किसे कहते हैं arthalankar kitne prakar ke hote hain arthalankar ke kitne bhed hote hain अलंकार सिद्धांत अलंकार पलटे के बारे में जानकारी आपको पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हम से पूछ सकते हैं.

Alankar Kise Kahte Hai FAQ (अलंकार से संबंधित प्रश्न उत्तर)

अलंकार क्या होते हैं ?

अलंकार का अर्थ होता है – सजावट, आभूषण, श्रृंगार या गहना। जैसे श्रृंगार हेतु आभूषणों का प्रयोग होता है वैसे ही अलंकार का उपयोग भावों और रचना के श्रृंगार के लिए कि या जाता है।

अलंकार के कितने प्रकार होते हैं ?

अलंकार 4 प्रकार के होते हैं –

शब्दालंकार,
अर्थालंकार,
उभयालंकार और
पाश्चात्य अलंकार।

शब्दालंकार क्या होते हैं ?

वो अलंकार जो काव्य को शब्दों के माध्यम से सजाते हैं उन्हें शब्दालंकार के रूप में जाना जाता है।

अर्थालंकार क्या होते हैं ?

जब किसी वाक्य में सौंदर्य उसके शब्दों से नहीं बल्कि उसके अर्थ से आता हो , उसे अर्थालंकार कहते हैं

शब्दालंकार के कितने भेद है ?

शब्दालंकार के 3 भेद है
अनुप्रास अलंकार
यमक अलंकार
श्लेष अलंकार

मानवीकरण अलंकार किसे कहते है ?

प्राकृतिक चीजों में मानव का वर्णन को मानवीकरण अलंकार कहते है।

29 thoughts on “अलंकार किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं”

      1. E253d25889f01eaafbcd70455e3096e4b8beef4ae1a28f7fb22436ade01c6872
        अमृता प्रीतम

        धन्यवाद अलंकार को इतनी अच्छी तरह परिभाषित करने के लिए।
        एक त्रुटि रह गई जिसके संशोधन के लिए सुझाव दे रही हूं।
        अनुप्रास अलंकार को परिभाषित करने में वर्ण की जगह शब्द भूलवश लिखा गया है इसे संशोधित कर देंगे तो बेहतर होगा।
        वैसे यमक को परिभाषित करते हुए आपने अनुप्रास को स्पष्ट किया है।
        धन्यवाद

  1. Bilkul hi saral sabdon me aapne smjhaye hai sir, or hmne ise easy way me smjh v gya sir. Iska kuch questions exercise k liye v de dijiye sir

  2. Tysm air ji apne meri bhut bdi madad ki mujhe alankar kbhi schoom or center m kbhi bhi smjh nhi aayi but apke iss post m ek sum amjh Aa gye thanks sirji

  3. Adc02d9de0494cc28504745a50150ac1e4372cca8f8b8be10f46342a2c6af81b
    Rama Shankar Agarwal

    English bhasha mein alankar kitne prakar ke hote Hain hote Hain
    English bhasha mein alankar kitne prakar ke hote Hain

  4. 9ade90c029cedbc4069c5c76597ce55e97f18801cc5b865f697b1e0b5136836f
    Sharwan Krishna murti

    Sir ji maza aa gya apke is grammar se main to fan ho gya apka itne acche dhang se samjhaya hai in sab ko..

    Salute sir ji..

  5. Very very nice explanation????????it’s very helpful for us✍️✍️”thanks a lot”????????please keep it up????????
    ✌️*Thanks*✌️

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top