विज्ञान

Class 9th Science Chapter 5.जीवन की मौलिक इकाई

Class 9th Science Chapter 5. जीवन की मौलिक इकाई

NCERT Solutions For Science Class 9th Chapter 5. जीवन की मौलिक इकाई – जो उम्मीदवार 9th कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें जीवन की मौलिक इकाई के बारे में पता होना बहुत जरूरी है .जीवन की मौलिक इकाई 9th कक्षा के विज्ञान के अंतर्गत आता है. इसके बारे में 9th कक्षा के एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 9th विज्ञान अध्याय 5 (जीवन की मौलिक इकाई) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions for class 9 Science chapter 5. Fundamental Unit Of Life की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.5 जीवन की मौलिक इकाई के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (Textual Questions)

प्रश्न 1. कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर- कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने सन् 1665 में की थी। उन्होंने स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से कार्य की पतली काट को देखा था जिस में मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना दिखाई दी थी। लेटिन भाषा में Cellulae (कोशिका) का अर्थ ‘छोटा कमरा है और यही नाम कोशिका के लिए प्रचलित हो गया था।
प्रश्न 2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
उत्तर- कोशिका सभी जीवों की मूल इकाई होती है। इसकी रचना अनेक कोशिकाओं के द्वारा होती है। कोशिकाओं की आकृति और आकार उनके विशेष कार्यों के अनुरूप होते हैं। कोशिकांगों के कारण ही कोई कोशिका जीवित रहती है और अपने सभी कार्य करती है इसीलिए कोशिका को जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई कहते हैं।
प्रश्न 3. CO2​ तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।
उत्तर- उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरण द्वारा CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से अंदर तथा बाहर जाते हैं| जब कोशिका में CO2 तथा पानी की सांद्रता कोशिका की तुलना में बाह्य वातावरण में उच्च होती है तो ये बाहर निकल जाते हैं और जब बाह्य वातावरण में इनकी सांद्रता कम होती है तो ये कोशिका के अंदर चले जाते हैं
प्रश्न 4. प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तर- लिपिड और प्रोटीन से बनी प्लैज्मा झिल्ली लचीली होती है जो पारगम्य झिल्ली का काम करते हुए। कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। यह कुछ पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने देती है। यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है। विसरण प्रक्रिया से CO2​ तथा O2​ इसके आर-पार जा सकती है। जल के अणुओं की गति भी परासरण प्रक्रिया से होती है। चूंकि प्लैज्मा झिल्ली आवश्यक पदार्थों को उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर आने-जाने देती है इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।
प्रश्न 5. क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके
प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
1.आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) 1µm = 10-6 m 1.आकार प्रायः बड़ा (5-100 µm)
2.केंद्रकीय क्षेत्र : ……….. और उसे ….. कहते है | 2.केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा होता है|
3.क्रोमोसोम : एक 3.क्रोमोसोम : एक से अधिक
4.झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित 4………………………….|

उत्तर- 

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) 1µm = 10-6 m आकार प्रायः बड़ा (5-100 µm)
केंद्रकीय क्षेत्र :  अस्पष्ट केन्द्रक क्षेत्र में केवल क्रोमैटिन पदार्थ होता है और उसे केंद्रकाय कहते है | केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा होता है|
क्रोमोसोम : एक क्रोमोसोम : एक से अधिक
झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित झिल्ली युक्त कोशिका अंगक जैसे- प्लैस्टिड, माइटोकॉन्ड्रिया आदि उपस्थित होते हैं|

 

प्रश्न 6. क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है?
उत्तर- माइटोकॉड्रिया तथा प्लैस्टिड में अपना DNA अणु के रूप में होता है जिनमें कोशिका के निर्माण और संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएं होती हैं।
प्रश्न 7. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो क्या होगा?
उत्तर- यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक या रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तंत्र लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं।
प्रश्न 8. लाइसोसोम को ‘आत्मघाती थैली’ क्यों कहते हैं?
उत्तर- जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पचा लेते हैं इसलिए लाइसोसोम को आत्मघाती थैली’ कहते हैं।
प्रश्न 9. कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर- कोशिका द्रव्य में राइबोसोम छोटे-छोटे कणों के रूप में अंतः प्रर्रव्यी जालिका के तल पर तथा केंद्रक झिल्ली के ऊपर मिलते हैं जो प्रोटीन का:संश्लेषण करने में सहायक होते हैं।

अभ्यास के प्रश्न

प्रश्न 1. पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।
उत्तर– पादप कोशिका तथा प्राणी (जंतु) कोशिका में अंतर
पादप कोशिका जंतु कोशिका
इनमें सेल्यूलोज से बनी कोशिका भित्ति होती है| इनमें कोशिका भित्ति नहीं होती है|
इनमें क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है| इनमें क्लोरोप्लास्ट नहीं होता है|
इनमें क्रोमोसोम नहीं होता है| इनमें क्रोमोसोम होते हैं|
पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ बड़ी होती हैं| जंतु कोशिकाओं में रसधानियाँ छोटी होती हैं|
लाइसोसोम की संख्या बहुत कम या अनुपस्थित होते हैं| लाइसोसोम की संख्या बहुत अधिक होती है|

 

प्रश्न 2. प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं?
उत्तर- असीमकेंद्रक और समीमकेंद्रक कोशिकाओं में भेद
प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिका
अधिकांश प्रोकैरियोट एककोशिक होते हैं| अधिकांश यूकैरियोट बहुकोशिक होते हैं|
इसका आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) 1µm = 10-6 m होता है| इसका आकार प्रायः बड़ा (5-100 µm) होता है|
केंद्रकीय क्षेत्र : केंद्रकीय झिल्ली की अनुपस्थिति में अस्पष्ट होते हैं| केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा होता है|
इसमें एक क्रोमोसोम होता है| इसमें एक से अधिक क्रोमोसोम होता है|
प्रोकैरियोटी कोशिकाओं में कोई भी झिल्ली युक्त अंगक जैसे- प्लैस्टिड, माइटोकॉन्ड्रिया अंतर्द्रव्यी जालिका, गॉल्जी उपकरण आदि अनुपस्थित होते हैं| इनमें कोशिकांग जैसे- प्लैस्टिड, माइटोकॉन्ड्रिया अंतर्द्रव्यी जालिका, गॉल्जी उपकरण, लाइसोसोम आदि उपस्थित होते हैं|
कोशिकाओं का विभाजन द्विविखंडन विधि द्वारा होता है| कोशिकाओं का विभाजन समसूत्रण द्वारा होता है|
प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ जीवाणुओं तथा नीले-हरे शैवाल में पाई जाती हैं| यूकैरियोटी कोशिकाएँ फंजाई (कवक), पादप तथा जंतु कोशिका में पाई जाती है|

 

प्रश्न 3. यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?
उत्तर- यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो कोशिका अंगक लाइसोसोम फट जाएंगे और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर लेंगे। कोशिका का निश्चित आकार समाप्त हो जाएगा। .
प्रश्न 4. यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर- यदि गॉल्जी उपकरण न हो अंतर्द्रव्यी जालिका (ER) में संश्लेषित पदार्थ कोशिका के बाहर तथा अंदर विभिन्न क्षेत्रों में नहीं आ पाएंगे। यदि लाइसोसोम को बनाने में सहायक है जिससे कोशिका का अपशिष्ट निपटाया जाता है। गॉल्जी उपकरण के बिना पदार्थों का संचयन और रूपांतरण नहीं हो पाएगा।
प्रश्न 5. कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है? और क्यों ?
उत्तर- माइटोकांड्रिया कोशिका का बिजलीघर है। इसे कोशिका में भोजन पदार्थों के ऑक्सीकरण का स्थान माना जाता है। इसके श्वसन से पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इसी कारण इसे कोशिका का ऊर्जा घर कह जाता है।
प्रश्न 6. कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर- खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER) पर राइबोसोम लगे होते हैं जो प्रोटीन का संश्लेषण करते हैं। चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) लिपिड का संश्लेषण करती है।
प्रश्न 7. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है ?
उत्तर- कोशिका झिल्ली में लचीलापन होता है जो अमीबा को बाह्य पर्यावरण से अपना भोज्य तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में सहायता करता है। जिस प्रक्रिया से अमीबा अपना भोजन प्राप्त करता है, उसे एंडोसाइटोसिस कहते हैं।
प्रश्न 8. परासरण क्या है ?
उत्तर-जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं तो उसे परासरण कहते हैं|
प्रo 9 – निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें :-
छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो, जिससे कि आलू के कप बन जाएँ l इनमे से एक कप को उबले आलू से बनाना है l आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो l अब
(a) कप ‘A’ को खाली रखो,
(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो l
आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के बाद उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो
(i) ‘B’ तथा ‘C’ खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया ? इसका वर्णन करो
(ii) ‘A’ आलू उस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ ? इसका वर्णन करो l

उत्तर– छिले हुए कच्चे आलू से बने तीन तथा उबले हुए आलू से बने एक कप को चित्रानुसार जल से भरे बर्तन में रखो।

(i) ‘B’ और ‘C’ कप में जल एकत्रित हो गया है। कच्चे आलू से बने दोनों कप वर्णात्मक परागम्यता का कार्य करते हैं और जल परासरण विधि से जल खोखले आलू के भीतर चला गया।क्योंकि उनके भीतर चीनी और नमक विद्यमान थे।यह अल्पपरासरण का परिणाम है क्योंकि आलू के कपों के अंदर जाने वाले जल की मात्रा उससे बाहर आने पर जल की मात्रा से अधिक थी।

(ii) ‘A’ आलू का कप कच्चे आलू से बना था। जो वर्णनात्मक परागम्य झिल्ली का कार्य करता है। भीतर से खाली होने के कारण जल में कोई शुद्ध गति नहीं हुई । यह नियंत्रण का कार्य करता है तथा यह मानक स्थिति है l

(iii) A और D कप में जल जमा नहीं हुआ क्योंकि दोनों में बाहरी जल की सांद्रता कपों में स्थित जल की सांद्रता के बराबर थी। जिस कारण परासरण नहीं होता । कप A कच्चे आलू का बना था और भीतर से खाली था पर कप D उबले आलू का था जिसमें एक चम्मच चीनी थी। उबला होने के कारण वह वर्णनात्मक परागम्य झिल्ली का कार्य नहीं करेगा । जिस कारण आलू के कपों से जल में कोई शुद्ध गति नहीं हो सकी।

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