UP TGT Sanskrit Practice Set 2023
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श्रीमद्भगवद्गीता महाभारत के किस पर्व से सम्बन्धित है?
(A) शान्ति पर्व(B) वन पर्व ।
(C) भीष्म पर्व
(D) उद्योग पर्व
‘शब्दो नित्यः कृतकत्वात्’ में कौन-सा हेत्वाभास है
(A) असिद्ध(B) विरुद्ध
(C) अनैकान्तिक
(D) प्रकरण सम
सामान्य रहता है
(A) द्रव्य, गुण, विषेष में(B) द्रव्य, गुण, कर्म में
(C) द्रव्य, कर्म, विशेष में
(D) द्रव्य, गुण, समवाय में
सांख्य के अनुसार बुद्धि के प्रमुख परिणाम हैं
(A) विपर्यय, अशक्ति, सिद्धि, तमस(B) विपर्यय, अशक्ति, तुष्टि, सिद्धि
(C) पिपर्यय, अशक्ति, मोह, तामिस्र
(D) विपर्यय, तमस, मोह, तामिस्र
सांख्य स्वीकार करता है
(A) असंतः सत् जायते(B) एकस्य सतो विवर्तः कार्यजातं न वस्तु सत्
(C) संतः सत् जायते
(D) सतः असत् जायते
जहाँ कोई शब्द अन्य अर्थ के लिए अपने अर्थ का त्याग कर देता है वहाँ होती है:
(A) उपादान लक्षणा(B) लक्षण लक्षणा
(C) शुद्धा लक्षणा
(D) गौणी लक्षण
न छिपाये गये उपमेय पर उपमान का अभेदारोप होने पर अलंकार होता है
(A) उत्प्रेक्षा(B) परिसंख्या
(C) रूपक
(D) उपमा
पृथुकार्तस्वरपात्रं भूषित निःशेष परिजनं देव।।
विलसत्करेणुगहनं सम्प्रति सममावयोः सदनम्।।
यह किस अलंकार का उदाहरण है?
(A) अनुप्रासविलसत्करेणुगहनं सम्प्रति सममावयोः सदनम्।।
यह किस अलंकार का उदाहरण है?
(B) यमक
(C) श्लेष
(D) उत्प्रेक्षा
भाषा की उत्पत्ति विषयक ‘समन्वय सिद्धांत’ के प्रवर्तक भाषाशास्त्री
(A) प्लेटो(B) हेनरी स्वीट
(C) जी. रेवेज
(D) न्वारे
‘धर्म का धम्म’ रूप में परिवर्तन उदाहरण है
(A) पुरोगामी समीकरण का(B) पश्चगामी समीकरण का
(C) पुरोगामी विषमीकरण का
(D) पश्चगामी विषमीकरण का
सत्कार्यवाद का कारण है
(A) प्रकृतिस्वरूपज्ञान(B) सामीप्य
(C) समानाभिहार
(D) सर्वसम्भवाभाव
पुरुष का लक्षण है
(A) अचेतन(B) विवेकी
(C) प्रसवधर्मी
(D) षड्.ग्बन्ध
‘न प्रकृति नं विकृति’ यह कारिकांश किसके लिए प्रयुक्त है?
(A) अहंकार(B) ज्ञानेन्द्रियाँ
(C) कर्मेन्द्रियाँ
(D) पुरुष
सांख्य की प्रकृति है
(A) अव्यक्त(B) त्रिगुणात्मिका
(C) प्रधान
(D) अप्रधान
‘भोक्तृभाव’ किसकी सत्ता का परिचायक है?
(A) प्रकृति(B) पुरुष
(C) अविवेकी
(D) प्रधान
परार्थानुमान में प्रतिज्ञावाक्य है
(A) पर्वतोवह्निमान(B) यो यो धूमवान् स स वह्नि मान
(C) तस्मात्तथा
(D) धूमक्त्वात्
‘आप्तवाक्य’ है
(A) रूप(B) शब्द
(C) अनुमिति
(D) उपमिति
समवाय क्या है?
(A) वाक्यार्थ(B) वाक्य
(C) पदार्थ
(D) पद
‘विशेष पदार्थ’ की वृत्ति है
(A) नित्य द्रव्य(B) कर्म
(C) अनित्य द्रव्य
(D) गुण
‘कार्यनियतपूर्ववर्ति’ क्या है?
(A) कार्य(B) कारण
(C) पदार्थ
(D) करण
साक्षात्सांकेतित अर्थ की बोधिका है
(A) अभिधा(B) लक्षणा
(C) तात्पर्या
(D) व्यंजना
‘रूढ़ेः प्रयोजनाद्वाऽसौ लक्षणा शक्तिरर्पिता’ यह लक्षण है
(A) विश्वनाथ का(B) आनन्दवर्धन का
(C) मम्मट का
(D) पण्डितराज जगन्नाथ का
‘विपरीतलक्षणा’ का दूसरा नाम है
(A) अजहल्लक्षण(B) जहल्लक्षण
(C) जहदजहल्लाक्षणा
(D) गौणीलक्षणा
रसानुभाव के विषय में अभिव्यक्तिवाद के प्रवर्तक हैं
(A) आनन्दवर्धन(B) अभिनवगुप्त
(C) मम्मट
(D) विश्वनाथ
‘वीभत्स’ का स्थायी भाव है
(A) रती(B) जुगुप्सा
(C) शोक
(D) क्रोध