UP TGT Sanskrit Model Paper 2022

UP TGT Sanskrit Model Paper 2022

यूपी टीजीटी संस्कृत मॉडल पेपर 2022 – उत्तर प्रदेश द्वारा हर वर्ष UP TGT के लिए परीक्षा आयोजित करता है .और अब इसकी परीक्षा की तारीख घोषित कर दी गई . इसलिए UP TGT Sanskrit की तैयारी करने वाले वाले उम्मीदवारों को Model Paper को देखने चाहिए .इससे उनको पेपर का पता चल जाता है की पेपर में किस तरह के प्रश्न आते है .इसलिए नीचे आपको UP TGT Sanskrit Model Question Paper दिया गया .जिससे आप खुद भी सॉल्व करके देख सकते है .हमारी वेबसाइट पर UP TGT Sanskrit के और भी ऑनलाइन टेस्ट दिए गए ,जिससे आप अपनी तैयारी को बहेतर बना सकते है .और आपको जिस भी पेपर के Question Paper चाहिए तो नीचे Comment करके पुछ सकते है

अध्यास का अर्थ है
(A) स्मृति
(B) संशय
(C) भ्रांति
(D) साक्षात्कार
Answer
भ्रांति
साधन चतुष्य में कौन नहीं है?
(A) नित्यानित्य वस्तु विवेक
(B) शमदयादिसाधन सम्वत्
(C) आत्मसंयम
(D) मुमुक्षत्वं
Answer
आत्मसंयम
‘तितिक्षा’ कहते हैं
(A) सर्वदा वासनाओं का त्याग
(B) निषिद्ध विषयों से बाह्य इन्द्रियाँ का निवर्तन
(C) सभी मौसमों को सहन करने का अभ्यास
(D) मन का संयम
Answer
सभी मौसमों को सहन करने का अभ्यास
जगत् की उत्पत्ति का कारण है
(A) अज्ञान
(B) ईश्वर
(C) ब्रह्म
(D) आत्मा
Answer
अज्ञान
आचार्य मम्मट के अनुसार काव्य के कितने प्रयोजन हैं?
(A) चार
(B) पाँच
(C) छः
(D) सात
Answer
छः
तद्दोषौ शब्दार्थो सगुणवानलंकृती पुनः क्वापि से संबंधित आचार्य है
(A) विश्वनाथ
(B) मम्मट
(C) भामहं
(D) रूय्यक
Answer
मम्मट
आचार्य विश्वनाथ की काव्य पारिभाषिक शब्दावली हैं
(A) रमणीयार्थ प्रातिपदिकम् काव्यम्
(B) वाक्यं रसात्मक काव्यम्
(C) वक्रोक्तिः काव्य जीवितम्
(D) तददोषौ शब्दार्थोसगुणवानलंकृती पुनः क्वापि
Answer
वाक्यं रसात्मक काव्यम्
संकेतित अर्थ बोधक शक्ति है
(A) तात्पर्या
(B) अभिधा
(C) लक्षणा
(D) व्यञ्जना
Answer
अभिधा
‘राम-लक्ष्मणौ’ व्यञ्जना है
(A) संयोग
(B) विरोधिता
(C) साहचर्य
(D) अर्थ
Answer
साहचर्य
‘सशङ्खचक्रो हरिः’ में व्यञ्जना है
(A) संयोग
(B) साहचर्य
(C) विरोधिता
(D) विप्रयोग
Answer
संयोग
अलंकार सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य हैं
(A) दण्डी
(B) वामन
(C) भामह
(D) क्षेमेन्द्र
Answer
भामह
‘ध्वन्यालोक किसकी रचना है?
(A) रूद्रट
(B) राजशेखर
(C) अभिनवगुप्त
(D) आनन्दवर्धन
Answer
आनन्दवर्धन
‘हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः’ यह कथन किससे संबंधित है
(A) अभिज्ञानशाकुन्तलम्
(B) किरातार्जुनीयम्
(C) नैषधीयचरितम्
(D) मेघदूत
Answer
किरातार्जुनीयम्
‘अहो दुरन्ता बलवद्विविरोधिता’ यह उक्ति किसने कही है
(A) भीम
(B) द्रौपदी
(C) दुर्योधन
(D) उपर्युक्त में से कोई भी नहीं
Answer
उपर्युक्त में से कोई भी नहीं
‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ अङ्गी रस है
(A) वीर
(B) शृंगार
(C) करुण
(D) शान्त
Answer
वीर
नाट्यशास्त्र किसकी रचना है?
(A) भरतमुनि
(B) मम्मट
(C) विश्वनाथ
(D) जगन्नाथ
Answer
भरतमुनि
‘नवपलाशपलावनं पुनः स्फुटपरागपरागतपङ्कजम्’ में अलंकार है-
(A) अनुप्रास
(B) यमक
(C) श्लेष
(D) उत्प्रेक्षा
Answer
यमक
योऽसकृत्परग्रोत्राणां पक्षच्छेदक्षणक्षमः। शतोकोटिदतां विभ्रद् विपुधेन्द्र स राजते।। में अलंकार है?
(A) उपमा
(B) यमक
(C) श्लेष
(D) रूपक
Answer
श्लेष
किसी प्रकृत अर्थात् प्रस्तुत वस्तु की अप्रस्तुत वस्तु के रूप में सम्भावना प्रकट करने पर अलंकार होता है
(A) अनुप्रास
(B) श्लेष
(C) उत्प्रेक्षा
(D) यमक
Answer
उत्प्रेक्षा
अध्यवसाय की सिद्धि होने पर अलंकार होता है
(A) स्वभावोक्ति
(B) रूपक
(C) अतिशयोक्ति
(D) उत्प्रेक्षा
Answer
अतिशयोक्ति
‘सैषा स्थली यत्र विचिन्विता त्वां भ्रष्टं मया नुपुरमेक भुया॑म् में अलंकार है
(A) उपमा
(B) रूपक
(C) उत्प्रेक्षा
(D) श्लेष
Answer
उत्प्रेक्षा
उपमान की अपेक्षा उपमेय की अधिकता या न्यूनता का वर्णन होने पर अलंकार होता है
(A) भ्रान्तिमान
(B) व्यतिरेक
(C) अपहनुति
(D) दृष्टान्त
Answer
व्यतिरेक
अभिज्ञान शाकुन्तलम् में विदूषक का चित्रण हुआ है?
(A) प्रथम अंक में
(B) द्वितीय अंक में
(C) तृतीय अंक में
(D) पंचम अंक में
Answer
द्वितीय अंक में
अभिज्ञान शाकुन्तलम् के किस अंक के प्रारम्भ में शुद्ध विष्कम्भक का प्रयोग किया गया है?
(A) प्रथम अंक
(B) द्वितीय अंक
(C) तृतीय अंक
(D) चतुर्थ अंक
Answer
तृतीय अंक
नाटकों में विष्कम्भक का प्रयोग होता है
(A) प्रारम्भ में
(B) अन्त में
(C) मध्य में
(D) कहीं पर भी
Answer
प्रारम्भ में

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