NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 22 क्लीनर प्रौद्योगिकी

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 22 क्लीनर प्रौद्योगिकी

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 22. क्लीनर प्रौद्योगिकी – NIOS कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनआईओएस कक्षा 12th पर्यावरण विज्ञान अध्याय 22 (क्लीनर प्रौद्योगिकी) के लिए समाधान दिया गया है. इस NIOSClass 12 Environmental Science Chapter 22. Clearner Technology की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसे आप अच्छे से पढ़े यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होगा .हमारी वेबसाइट पर NIOS Class 12 Environmental Science के सभी चेप्टर के सलुसन दिए गए है .

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 22 Solution – क्लीनर प्रौद्योगिकी

प्रश्न 1. पर्यावरण में पाए जाने वाले अपशिष्टों की छहः श्रेणियों के नाम बताइए ।
उत्तर – पर्यावरण में पाए जाने वाले अपशिष्ट औद्योगिक ठोस व धातु, नगरपालिका का ठोस व धातु, नगरपालिका की सीवेज, गैसीय व रेडियोएक्टिव हैं।

प्रश्न 2. उन विभिन्न विधियों को बताइए, जिनके द्वारा गैसीय अपशिष्टों का पूर्ण उपयोग किया जा सकता है।
उत्तर- विभिन्न स्रोतों द्वारा निष्कासित कार्बन डाइऑक्साइड का प्रयोग कैल्शियम कार्बोनेट के निर्माण में हो सकता है। निष्कासित सल्फर डाइऑक्साइड को मूल सल्फर व जिप्सम में परिवर्तित कर सकते हैं। इसी प्रकार पैट्रोलियम खान से निकली गैस को मैथेनॉल व पैट्रोल में परिवर्तित कर सकते हैं।

प्रश्न 3. क्लीनर तकनीक को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर – क्लीनर तकनीक वह तकनीक है, जिसका प्रयोग उद्योगों में पदार्थों के निर्माण व उत्पाद कार्य में होता है, जिनसे कोई प्रदूषण या अपशिष्ट नहीं निकलता ।

प्रश्न 4. ‘बाहर फेंको’ अर्थव्यवस्था क्या होती है? यह अपशिष्टों के जमा होने के लिए कैसे जिम्मेदार है?
उत्तर- ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें पदार्थों को एक बार प्रयोग के पश्चात् बाहर फेंक दिया जाता है। जब पदार्थों को एक बार या कुछ समय के लिए प्रयोग करके बाहर फेंक देते हैं, तो वे एक जगह पर जमा होने लगते हैं।

प्रश्न 5. अपशिष्टों के प्रबंधन व निपटान से जूझते समय हमारी प्राथमिकता क्या होनी चाहिए?
उत्तर- अपशिष्टों के प्रबंधन व निपटान से जूझते समय हमारी प्राथमिकता अपशिष्टों के बचाव की होनी चाहिए, जो कि उत्पादन के बाद बनते हैं।

प्रश्न 6. अपशिष्टों के प्रबंधन के तीन आर (R) क्या हैं?
उत्तर – अपशिष्टों के प्रबंधन के तीन R हैं- अपशिष्टों का रिडक्शन (मात्रा में कमी), रियूज (पुनः प्रयोग) तथा रिसाइकल (पुनर्चक्रण) ।

प्रश्न 7. प्राथमिक व द्वितीयक किस्म के पुनर्चक्रण के उदाहरण दीजिए।
उत्तर- प्राथमिक किस्म के पुनर्चक्रण में पुराने अपशिष्टों को ऐसे ही नए पदार्थों में बदल दिया जाता है, जैसे पुराने अखबारों को नए अखबारों की सामग्री बनाने में प्रयोग किया जाता है। द्वितीयक किस्म के पुनर्चक्रण में अपशिष्टों को अलग किस्म के पदार्थ बनाने में बदल दिया जाता है, जैसे-पुराने वाहनों के टायरों को काट-छाँटकर सड़क की सतह बनाने वाली सामग्री।

प्रश्न 8. ईंधन कुशल कार क्या है? यह संसाधनों को कैसे संरक्षित करती है?
उत्तर- ईंधन कुशल कार वह है, जो कम पैट्रोल से ज्यादा किलोमीटर चलती है और इस प्रकार कीमती पैट्रोल, धन तथा समय की बचत करती है।

प्रश्न 9. पृष्ठभूमि विकिरण क्या है ?
उत्तर- प्राकृतिक संसाधनों से निकलने वाले बड़ी मात्रा में विकिरण को पृष्ठभूमि विकिरण कहते हैं। यह प्रत्येक स्थान पर हर समय पर विद्यमान रहता है।

प्रश्न 10. रेडियोन्यूक्लाइड क्या होता है ?
उत्तर- रेडियोएक्टिव परमाणु को रेडियोन्यूक्लाइड कहते हैं। –

प्रश्न 11. ईंधन चक्रण के भिन्न चरण क्य
उत्तर- रेडियोएक्टिव पदार्थ (कच्ची धातु) को खान से निकालना, उसे परिपूर्ण करने के उद्देश्य से प्रवर्धित करना, उसे ईंधन के गोलों के रूप में ढालने के लिए फैक्टरी तक ले जाना, नाभिकीय अभिक्रिया से नाभिकीय ऊर्जा में बदलना, ईंधन चक्रण के भिन्न चरण हैं।

प्रश्न 12. हाल में हुई दो आणविक दुर्घटनाओं को बताइए व उनके प्रभावों को भी बताइए ।
उत्तर – थ्री मील आइलैंड (अमरीका) सन् 1979 में तथा चेरेनोबिल (यूक्रेन) सन् 1986 में हाल में हुई, दो आणविक दुर्घटनाएं हैं। दुर्घटनास्थल पर लोग बड़ी मात्रा में विकिरण से तुरन्त प्रभावित हो गए। उनके कैंसर से पीड़ित होने की संभावना बढ़ गई।

प्रश्न 13. नाभिकीय अपशिष्टों के निपटान के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले स्थलों के नाम बताइए ।
उत्तर – नाभिकीय अपशिष्टों के निपटान के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कम अवक्षेपण होने वाले स्थल, जहाँ सतही जल विद्यमान न हो तथा जहाँ गहरी जल तालिका हो ।

प्रश्न 14. एक उत्पाद के जीवन-चक्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- एक उत्पाद का ‘जीवन-चक्र’ उसके जीवन काल की मुख्य गतिविधियाँ हैं जैसे कच्ची साम्रगी के एकत्रीकरण से लेकर उसके निर्माण, प्रयोग, अनुरक्षण और अंतिम निपटान तक ।

प्रश्न 15. इको लेबलिंग का उद्देश्य क्या है?
उत्तर- इको लेबलिंग का उद्देश्य है पर्यावरण की रक्षा। इसमें नवीकृत न होने वाले संसाधनों के कुशल प्रबंधन को प्रोत्साहन दिया जाता है, जैसे- जीवाश्म ईंधन । आगामी पीढ़ियों के लिए उपलब्ध संसाधनों के सही प्रबंधन को प्रोत्साहन देना है।

प्रश्न 16. भारतीय ‘इकोलेबल’ को किस नाम से पुकारा जाता है तथा प्रतीक क्या है?
उत्तर- भारतीय ‘इकोलेबल’ को ‘इकोमार्क’ कहते हैं तथा इसका प्रतीक ‘मिट्टी का घड़ा’ है, क्योंकि मिट्टी का घड़ा जैविक रूप से पूरी तरह खतरा न पहुँचाने वाली सामग्री का प्रतीक है।

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