NIOS Class 12th Environmental Science Chapter 2. पर्यावरण और मानव समाज
NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 2 पर्यावरण और मानव समाज – ऐसे छात्र जो NIOS कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यहां पर एनआईओएस कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान अध्याय 2 (पर्यावरण और मानव समाज) के लिए सलूशन दिया गया है. यह जो NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 2 Environment and Human Society दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है . ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए. इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 2 पर्यावरण और मानव समाज के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 2 Solution – पर्यावरण और मानव समाज
प्रश्न 1. उन दो प्राकृतिक स्रोतों के नाम बताइए जिसके बिना जीवन संभव नहीं है।
उत्तर- वायु तथा जल ।
प्रश्न 2. प्रत्येक के दो उपयोग बताइए ।
(i) भूमि
(ii) मानव द्वारा उपयोग की जाने वाली धातुएं ।
उत्तर- (i) भूमि- भूमि खेती, आश्रय, बर्तन बनाने आदि के लिए उपयोगी है। विभिन्न भूमि के लिए अलग-अलग कार्य किए जाते हैं। मनुष्य खेती करने और रहने के लिए जमीन का उपयोग करता है।
(ii) धातुएं- धातुओं का उपयोग आभूषण बनाने, औजार बनाने, बर्तन बनाने तथा अन्य वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है। धातुओं का उपयोग बिजली की तारें बनाने तथा मेडिकल में उपयुक्त होने वाले औजार बनाने में भी किया जाता है।
प्रश्न 3. मानव के काम आने वाले पशुओं के दो उपयोग बताइए |
उत्तर- पशु मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी है। मनुष्य पशु का उपयोग खेती करने तथा भोजन रूप में दूध, पनीर, मक्खन, अंडा, मांस, शहद आदि पाने के लिए करता है। पशु का उपयोग परिवहन तथा युद्ध के समय भी किया जाता है, जैसे- घोड़े ।
प्रश्न 4. मानव विकास की प्रथम अवस्था का नाम लिखिए।
उत्तर- ऑस्ट्रेलोपिथैकस – जीनस होमो जो सीधे खड़े होकर दो पैरों से चलते थे। इनका विकास अफ्रीका में हुआ तथा ये कप सदृश थे, लेकिन उनके मस्तिष्क का आकार बड़ा था ।
प्रश्न 5. आधुनिक मानव की उत्पत्ति कब हुई ?
उत्तर- आधुनिक मानव की उत्पत्ति लगभग 2 लाख वर्ष पूर्व होमो इरेक्टस से हुई।
प्रश्न 6. ‘शिकारी’ और ‘संग्राहक’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – शिकारी और संग्राहक अपने आप में अपने सहायक थे। नोमेडिक मानव काल मे शिकारी जानवरों का शिकार करते थे तथा मछली पकड़ते थे जबकि संग्राहक जंगली सब्जियों तथा फलों को इकट्ठा करते थे। इस प्रकार दोनों एक-दूसरे पर निर्भर थे।
प्रश्न 7. आदिमानव कहाँ पर रहते थे?
उत्तर- आदिमानव गुफाओं में रहते थे।
प्रश्न 8. आदिमानव के दो पैर पर चलने में समर्थ होने के लाभ बताइए ।
उत्तर- मानव के दो पैर पर चलने में समर्थ होने पर उसके दोनों हाथ अन्य कार्यों के लिए स्वतंत्र हो गए। इस कारण
• आदिमानव ने हाथों का उपयोग औजारों तथा अन्य बहुत-सी
• प्रक्रियाओं के लिए शुरू कर दिया।
प्रश्न 9. आदिमानव ने अपने औजार किस वस्तु से बनाए ?
उत्तर- पाषाण युग में आदिमानव ने अपने औजार पत्थरों से बनाए । 2.5 लाख वर्ष पूर्व आदिमानव ने काटने के लिए पत्थर से औजार बनाए। 5000 वर्ष पूर्व तांबे (धातु) से औजार बनने आरंभ हुए।
प्रश्न 10. इन औजारों के दो उपयोग बताइए ।
उत्तर- आदिमानव ने इन औजारों का उपयोग जानवरों का शिकार करने तथा पेड़ों को उखाड़ने में किया, जिससे उनकी आजीविका चल सके।
प्रश्न 11. आदिमानव द्वारा आग के दो उपयोग बताइए ।
उत्तर – आदिमानव ने आग की खोज करके एक नई प्रक्रिया को जन्म दिया। आग का उपयोग वे अपने शरीर को गर्म रखने तथा जंगली जानवरों से बचने के लिए करने लगे। आग के आविष्कार के बाद उन्होंने मांस को भूनकर खाना शुरू कर दिया, जिससे मांस, उन्हें अधिक स्वादिष्ट व जल्दी पचने वाला लगने लगा।
प्रश्न 12. पुरातात्विक अध्ययन के अनुसार रसद एकत्र करने वाले कैसे जीवित रहते थे?
उत्तर – पुरातात्विक अध्ययन के अनुसार रसद एकत्र करने वाले एक अस्थायी अण्डाकार झोपड़ी जैसा आश्रय बनाकर रहते थे, जिसे पौधों से ढका जाता था।
प्रश्न 13. आदि कृषि समाज कब बना?
उत्तर – लगभग 10,000 वर्ष पहले आदि कृषि समाज बना। इन्होंने कुछ पौधों को उगाना व जानवरों को पालना शुरू किया, जिससे कि मानव समाज के लिए भोजन एकत्र किया जा सके।
प्रश्न 14. कौन से जानवर को सर्वप्रथम पालतू बनाया गया ?
उत्तर- पैलियोलिथिक काल में कुत्ते को सर्वप्रथम पालतू बनाया गया।
प्रश्न 15. बोझा ढोने वाले तीन जानवरों के नाम बताइए ।
उत्तर- जो जानवर काम करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं, उन्हें बोझा ढोने वाले जानवर कहते हैं-घोड़ा, बैल तथा ऊँट ।
प्रश्न 16. पहिए का आविष्कार कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर – पहिए का आविष्कार लगभग 5000 वर्ष पूर्व इराक और सीरिया में हुआ।
प्रश्न 17. औद्योगिकीकरण के संबंध की सूची बनाइए ।
उत्तर – पहिये का आविष्कार तथा निर्माण, भवन निर्माण, – अयस्कों के खनन से औजार और आभूषण बनाना औद्योगिकीकरण के संबंध में कुछ क्रमिक कदम हैं।
प्रश्न 18. कौन-सी धातुएं आदिमानव द्वारा खोजी गई थीं?
उत्तर – तांबा, लोहा और कांसा आदि धातुएं आदिमानव द्वारा खोजी गई धातुएं थीं।
प्रश्न 19. उन चार कारकों की सूची बनाइए, जिनसे औद्योगिकीकरण की वृद्धि हुई ?
उत्तर- औद्योगिकीकरण की वृद्धि के चार कारक हैं-
(i) तकनीकी विकास
(ii) आर्थिक विकास
(iii) पहिए की खोज
(iv) खनन का प्रारंभ तथा कृषि आदि ।
प्रश्न 20. प्रकृति पर औद्योगीकरण के पड़ने वाले प्रभाव क्या हैं?
उत्तर- जंगलों का काटा जाना, वन्य प्राणियों का विलुप्त होने का खतरा, उद्योगों से होने वाले प्रदूषण के कारण वायु का अशुद्ध होना, जल स्रोतों का दूषित होना आदि औद्योगिकीकरण के कारण प्रकृति पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव हैं। इसी से प्राकृतिक संसाधनों जैसे भूमि, वन, धातुओं, पानी, पेड़-पौधे व जानवर जरूरत से ज्यादा कम होते जा रहे हैं।
प्रश्न 22. अजैविक तथा जैविक प्राकृतिक संसाधनों के नाम बताइए ।
उत्तर- जैविक प्राकृतिक संसाधन हमें मुख्यतः जीवित वस्तुओं से मिलते हैं, जैसे- पेड़-पौधे, सूक्ष्म जीव आदि। पेड़-पौधे व उनसे प्राप्त फल, फूल, पक्षी उनसे प्राप्त पंख व मांस आदि । अवशेषों से प्राप्त कोयला व पैट्रोलियम आदि । अजैविक संसाधन मुख्यतः प्रकृति के भौतिक संसाधन हैं। इनमें मुख्य हैं- भूमि, जल, ऊर्जा, पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा खनिज अयस्क आदि।
प्रश्न 23. मनुष्य के लिए पौधे और जंतुओं का क्या उपयोग है?
उत्तर – मनुष्य के लिए पौधों का उपयोग मनुष्य के भोजन में पौधे प्राकृतिक खाद्य स्रोतों के विभिन्न प्रकार, जैसे- अनाज, फलियाँ, सब्जियाँ, फल, दालें आदि के रूप में शामिल किए जाते हैं। पौधे हमें अच्छी किस्म के अनाज, दालें, मसाले, सब्जियाँ, फल चीनी, तेल आदि देते हैं। मनुष्य रेशा प्रदान करने वाले पौधे भी उगाता है, जैसे- कपास, जूट, पटसन आदि। फूलों की विभिन्न किस्मों को सजावटी कामों के लिए उगाया जाता है। कुछ पौधों में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनके कारण मनुष्य उन्हें उगाता है। औद्योगिक उत्पाद के लिए कच्चा माल, जैसे- रबर, रेजिन, लकड़ी आदि भी पौधों से प्राप्त होते हैं
जंतुओं का उपयोग – पौधों की तरह जंतु भी मनुष्य के लिएबहुत उपयोगी हैं। बकरी, मछली, अंडे, मुर्गियाँ, झींगे और केकड़े आदि भोजन के विभिन्न स्रोत हैं। कुछ जंतुओं को परिवहन तथा बोझा ढोने के काम लाया जाता है। जैसे-घोड़े, बैल, हाथी, भैंसा, ऊँट, गधा, याक आदि । रेशम कीटों को रेशम प्राप्त करने के लिए पाला जाता है। इसी प्रकार याक और भेड़ों से ऊनी कपड़ों के लिए ऊन प्राप्त करने के लिए पाला जाता है।
प्रश्न 24. मानव जाति के लिए पानी के कोई दस उपयोग बताइए |
उत्तर- मानव जाति पानी का उपयोग विभिन्न क्रिया-कलापों के लिए करती है। सभी जीवधारियों के लिए पानी अत्यन्त आवश्यक है। जैसे-पीने के लिए, नहाने धोने, सफाई, बागवानी आदि के लिए, मिट्टी के बर्तन बनाने में, खेती में फसलों की सिंचाई के लिए, इमारतें बनाने में, उद्योगों में तथा मछली झींगा, जलीय पौधों आदि के संवर्धन में।
प्रश्न 25. ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की सूची बनाइए ।
उत्तर- सूर्य ऊर्जा का मूल स्रोत है। ईंधन, गाय का गोबर और अन्य धातुओं के अपशिष्टों का प्रयोग खाना पकाने और गर्म करने के लिए आदिम लोगों ने किया था। आदिमानव गुफाओं और अपने घरों को रोशनी देने के लिए मछलियों और बीज से निकाले गए तेल का उपयोग करते थे। जीवाश्मीय ईंधन कोयला ऊर्जा का दूसरा बड़ा स्रोत है। कोयला लाखों वर्ष पहले दबी हुई वनस्पति से बना था। वर्षों की प्रचण्ड गर्मी तथा भारी दबाव ने इन वृक्षों और अन्य वनस्पति को कोयले में बदल दिया। कोयला खाना पकाने, इंजनों को चलाने, औद्योगिक भट्ठियों में तथा बिजली उत्पादन में प्रयोग होता है। कोयला खनिजों और धातुओं के निष्कर्ष में भी उपयोग किया जाता है। प्राकृतिक गैस और पैट्रोलियम अन्य जीवाश्मीय ईंधन हैं।
भूवैज्ञानिक काल में जलीय जीवों के दबने से पैट्रोलियम बनाया जाता था, ठीक वैसे ही जैसे वनस्पतियों के दबने से कोयला बनाया जाता था। प्राकृतिक गैस और पैट्रोलियम पृथ्वी के बहुत आंतरिक भाग से प्राप्त होते हैं, और इनका नवीनीकरण संभव नहीं है। पैट्रोलियम उत्पादों का उपयोग प्लास्टिक और खाद बनाने में किया जाता है; स्टीमर, जहाज, हवाई जहाज और वाहनों को चलाने में भी किया जाता है। डीजल और पैट्रोल दो पारंपरिक पैट्रोलियम उत्पाद हैं। CNG एक स्वच्छ ईंधन है, इसलिए इसका उपयोग वाहनों को चलाने के लिए किया जाता है। विद्युत उत्पादन में प्राकृतिक गैस और डीजल का प्रयोग किया जाता है। LPG, सिलेण्डरों और पाइप लाइनों द्वारा लाया जाता है, खाना पकाने में प्रयोग किया जाता है। सूर्य, हवा, जीव अपशिष्ट, समुद्र और रेडियोएक्टिव खनिज ऊर्जा के अन्य स्रोत हैं।
प्रश्न 26. मानव के लिए विकास का वर्णन आधुनिक मानव तक कीजिए ।
उत्तर – मानव जाति लगभग दो लाख वर्ष से भी पहले पृथ्वी पर आई थी। मानव विकास के आरंभ में हिमनद होने के कारण जंगल कम होने लगे, तब भूमि का अधिकांश हिस्सा वनों से ढका हुआ था। मानव और कपियों के पूर्वजों ने अपने निवास स्थानों को पेड़ों से नीचे उतारा। वे अपने चारों पादों पर चलते थे। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि कपियों के निकटतम पूर्वजों में चिम्पैंजी, गोरिल्ला, गिबन और औरांग उटान थे । इसके बाद लगभग छह मिलियन वर्ष पूर्व मनुष्य का उद्भव हुआ।
मानव का सबसे प्राचीन उदाहरण पूर्व आस्ट्रेलोपिथेकस (Australopi thecine) था, जो सीधे खड़े थे और दो पैरों पर चलते थे, जिससे उनके दोनों हाथ अन्य काम करने में स्वतंत्र थे। ये लगभग ३.५ मिलियन वर्ष पूर्व दक्षिण अफ्रीका में विकसित हुए। विभिन्न पदार्थों से उनके उपकरण बनाए गए। होमो हेबिलिस (Homo Habilis) लगभग 2 मिलियन वर्ष पूर्व आस्ट्रेलोपिथेकस से विकसित हुआ था। इन मानव पूर्वजों की भुजाएं कपियों जैसी लंबी थीं, लेकिन उनका मस्तिष्क कपियों से बड़ा था। वर्तमान युग, होमो इरेक्टस (Homo erectus), लगभग 1.5 मिलियन से 2 लाख वर्ष पूर्व था। मानव मस्तिष्क के मध्य और कपि के मस्तिष्क की तुलना में इनका मस्तिष्क बड़ा था। इनकी आँखों पर कपियों की तरह बड़े-बड़े उभार भी थे।
पत्थर की कुल्हाड़ी होमो इरेक्टस ने बनाई थी। Homos इरेक्टस के यूरोप में आकर बस गए। चीन, जावा और जर्मनी में जीवाश्म पाए गए, जिसके बाद एशिया और होमो इरेक्टस के बाद निएंडरथल मानव का विकास हुआ। वे आधुनिक मानव होमो सेपिएन्स का विकास करने वाली जाति से हैं। यूरोप, एशिया और अफ्रीका में निएंडरथल मानव के अवशेष मिले हैं। वे बहुत अच्छे शिकारी थे और कई धातुओं से उत्तम किस्मों के औजार बनाते थे। आधुनिक मानव, जिसे होमो सेपिएन्स भी कहा जाता है, लगभग 35000 वर्षों से विकसित हुए हैं, और यह एकमात्र जीवित मानव प्रजाति है।
प्रश्न 27. इस कथन से क्या आशय है कि आदिमानव ‘शिकारी एवं संग्राहक’ थे।
उत्तर – आदिमानव मुख्यतः भोजन के स्रोतों के निकट रहता था, जैसे वन, नदी और झील। वे भोजन एकत्र करते थे। वे पत्थरों से बनाए गए औजारों से जानवरों को मारते और बीज, जड़ें और फल खाते थे। भोजन की तलाश में वे दिन भर जंगल में घूमते रहते थे और सूर्यास्त के समय जंगली जानवरों से बचने के लिए अपनी गुफाओं में वापस आ जाते थे। पिछले पैरों पर चलने के कारण आदिमानवों के हाथों में अन्य काम करने की क्षमता थी। वे खाद्य जड़ों को उखाड़ने, फल और सब्जियों को तोड़ने, पत्थर इकट्ठा करके औजार बनाने, जानवरों का शिकार करने, उनकी खाल निकालने और उनको खाने के लिए एकत्र करने का काम अपने हाथों से करते थे।
वे दो से तीस लोगों के समूहों में रहते थे। वे पौधों से भोजन, पक्षियों के अंडे और मछलियों को पकड़ते थे। औरतें छोटे जानवरों का शिकार करती थीं और पेड़ों से बीज और फल एकत्र करती थीं। आदमी बहुत बड़े जीवों का शिकार करते थे। मानव पूर्वजों ने कछुए, ऑयस्टर और सीप भी खाए थे। वे भोजन की तलाश में घूमते हुए खानाबदोश की तरह जीवन जीते थे। इन सभी कारणों से आदि लोग शिकारी और संग्राहक कहलाते थे।
प्रश्न 28. उन प्रयोजनों को बताइए जिनके लिए आदिमानव ने औजार बनाए थे।
उत्तर – आदिमानव ने औजार पाषाण युग में बनाना प्रारंभ किया । आदिमानव ने विभिन्न औजार पौधों से भोजन एकत्र करने और जानवरों का शिकार करने के लिए बनाए । औजारों का उपयोग जंगली जानवरों को भगाने, भोजन के लिए जानवरों का शिकार करने, कृत्रिम निवास बनाने आदि में किया गया। कुल्हाड़ी की तरह के औजार का उपयोग संभवतः आग के लिए लकड़ी काटने और झोपड़ीनुमा रहने का स्थान बनाने में किया गया।
प्रश्न 29. आदिमानव आग की खोज से विस्मित(आश्चर्यचकित ) हो गए, क्यों?
उत्तर – आग की खोज संभवतः दो लाख साल पहले हुई थी। आग की खोज ने आदिमानव की जीवनशैली को बहुत प्रभावित किया, जिससे वे आग को कई उद्देश्यों के लिए उपयोग करने लगे। वे आग को गर्म महसूस करते थे और आग में भूनकर खाने पर मांस अधिक स्वादिष्ट लगता था। व जल्दी पच जाता था। भयानक जंगली जानवरों को दूर भगाने के लिए आग का उपयोग होने लगा। मानव ने आग का आविष्कार करके ठंडे स्थानों में बसेरा बनाया। इस तरह की आग ने मानव सांस्कृतिक विकास और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ा।
प्रश्न 30. मानव ने फसल उगाने के बारे में कैसे सोचा?
उत्तर- जब मनुष्य ने अस्थायी आश्रय बनाना शुरू किया और तीन से चार महीनों तक एक ही जगह पर रहना शुरू किया, तो उन्होंने देखा कि फलों के बीजों और अनाजों के दानों से नई पौध निकलनी शुरू हो गई। तब वे कर सकते हैं। लगभग दो हजार साल पहले मानव ने फसल उगाना सीखा था। यह करते हुए, उन्होंने अपने परिवार और वातावरण को अधिक सशक्त बनाने का प्रयास किया, उपयोगी पेड़-पौधों की खोज करके उन्हें उगाना शुरू किया और अवांछित पौधों को उखाड़कर फेंक दिया। इस प्रकार, स्थायी भोजन प्राप्ति की कल्पना सफल हुई। लगभग 10,000 साल पहले, आदिमानव ने एक आदिम कृषि समाज बनाया था।
प्रश्न 31. आदिमानव के व्यवहार और जीवन शैली में क्या-क्या बदलाव आए जब वे किसान बन गए?
उत्तर – जब आदिमानव किसान बन गए, तो उनके व्यवहार और जीवन-शैली में बदलाव आने लगे, क्योंकि वे स्थायी जीवन बिताने लगे, स्थायी जमीन पर खेती करने लगे और खाने के लिए बाहर घूमना बंद कर दिया। वे पशुपालन करने लगे। कुत्ते सबसे पहले पालतू जानवर थे। मानव ने जानवरों के अपशिष्टों को खाद के रूप में उपयोग करना शुरू किया और धातु के उपकरण बनाकर कृषि में इस्तेमाल करना शुरू किया। अपने पौधों को काटकर खाना शुरू किया। तब वहाँ कृषि समाज था। जब लगातार खेती करने से उनके पास अधिक अनाज होने लगा, तो उन्होंने उसे बेचना आरंभ कर दिया। इसके बदले में वे मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि पाते थे। खेती नहीं करने वाले लोग शिल्पकार बन गए। उनके पास मत्स्य पालन था। इन सब कारणों से लोगों ने नदी किनारे घर बनाने लगे।
प्रश्न 32. ‘कांस्य युग’ और ‘लौह युग’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर – कांस्य, जो टिन और तांबा का मिश्रण था, का उपयोग कांस्य युग में हुआ था। कांस्य हथियारों और अन्य औजारों में प्रयोग हुआ। पाषाण युग और लौह युग के मध्य था कांस्य युग। कांस्य का उपयोग लेखन, लिपिबद्ध शिला और अन्य कार्यों में होने लगा, जिससे समाज का गठन हुआ। नियोलिथिक युग कांस्य युग के बाद शुरू हुआ। कांस्य युग के बाद आया लौह युग, जिसमें लोहे ने कांस्य से बने औजारों और हथियारों को बदल दिया। लोहे से बने हथियार दोनों खेती में प्रयोग हुए और युद्ध में भी। 1200 ईसा पूर्व, यूरोप में लौह युग की शुरुआत हुई।
प्रश्न 33. उन कारकों का वर्णन कीजिए, जिनसे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिला।
उत्तर- औद्योगिकीकरण की वृद्धि के लिए निम्न कारक उत्तरदायी हैं-
(i) तकनीकी विकास-धातुओं की खोज के बाद अच्छी किस्म के औजार और हथियारों के निर्माण ने तकनीकी विकास को हवा दी।
(ii) आर्थिक विकास – आर्थिक विकास को बढ़ावा कृषि समाज के उद्भव से संभव हुआ। जब फसल आवश्यकता से अधिक होने लगी, तो वे उत्पादों को बेचने व अदला-बदली करने लगे, जिससे उनकी आर्थिक दशा सुदृढ़ होने लगी । कृषि के अतिरिक्त लोग अन्य व्यवसाय भी करने लगे।
(iii) पहिए का आविष्कार – पहिए के आविष्कार के कारण परिवहन की दिशा में तेजी आई तथा परिवहन उद्योग की शुरुआत हुई। पहले के समय की बैलगाड़ियों का स्थान आज की कार, बस, रेल तथा हवाई जहाज ने ले लिया।
(iv) खनन का आरंभ – धातु प्राप्त करने के लिए खनन शुरू हुआ। एल्युमीनियम, लोहा और तांबा बाद में अयस्क बन गए। खनन प्रक्रिया ने उद्योगों को जन्म दिया। आज भी उद्योगों में खनिज और खनिजीय जीवाश्म ईंधन, जैसे कोयला और प्राकृतिक गैस, प्रयोग किए जाते हैं।
(v) कृषि – कृषि आज लाखों लोगों के लिए जीविका का एक साधन है, हालांकि खेती-बाड़ी का उद्भव आदिमानव के समय में हुआ था। कृषि भोजन, रेशा और औद्योगिक उपयोग के लिए कच्चा माल उत्पादित करते हैं। आज की खेती लाखों लोगों को भरपूर भोजन देती है। खाद्य उद्योग के विकास को कृषि स्वयं एक उद्योग बनाता है। अब इन उद्योगों के विकास से नाश्ता घर पर भी मिल सकता है।
(vi) कांस्य युग एवं लौह युग-धातुओं और आग की खोज से मशीन औजारों का उद्योग शुरू हुआ।इन मशीनों से टेक्सटाइल उद्योग में छपे हुए कपड़ों का उत्पादन शुरू हुआ।
(vii) भाषा- बातचीत द्वारा संप्रेषण ही भाषा का विकास हुआ, क्योंकि मनुष्य ही एकमात्र जीव है जो बोल सकता है। भाषा काम करने वाले समूहों की मदद करती है, जिससे कार्य करने और आर्थिक विकास की गति बढ़ती है।
प्रश्न 34. बढ़ती हुई जनसंख्या द्वारा पर्यावरणीय संसाधनों का वर्षों से उपयोग करने का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर- बढ़ती हुई जनसंख्या द्वारा वर्षों से पर्यावरणीय संसाधनों का उपयोग करने से पर्यावरण का विनाश आरंभ हो गया, जिससे इतना नुकसान हुआ कि भरपाई नहीं हो सकती। ज्यादा जनसंख्या होने से अधिक भोजन की आवश्यकता हुई, इसलिए जंगलों को काटकर खेत बनाए गए। सभ्यता की वृद्धि के साथ शहरी संस्कृति का विकास हुआ, जिसके परिणामस्वरूप जंगलों का एक बड़ा हिस्सा समाप्त हो गया। पेड़ों को आश्रय, परिवहन वाहनों और अन्य उद्देश्यों के लिए काट दिया गया, और लकड़ी से फर्नीचर और ईंधन बनाया गया। भूमि का खनन करके कोयले को ईंधन के रूप में उपयोग में लाया गया, क्योंकि आग की खोज और खाना पकाने के लिए भी ईंधन की अत्यधिक आवश्यकता थी।
सभ्यता बढ़ने के साथ आभूषण, औजार और हथियारों का उपयोग शुरू हुआ, जिसके लिए जमीन का खनन किया गया और अयस्क निकाला गया। यह नुकसान शुरू में बहुत बड़ा नहीं था। औद्योगीकरण के बाद पिछले चार सौ वर्षों में जंगलों की क्षति इतनी तेजी से हुई कि वन्य जीवन खत्म होने के कगार पर है। उद्योगों ने वायु और जल को प्रदूषित किया है। गाद ने जल स्रोत भर दिए हैं। मानव की आवश्यकताएं बढ़ती गईं, इसलिए उसने नई-नई तकनीकें खोजनी आरंभ कर दीं. इससे प्राकृतिक संसाधन, जैसे मृदा, जंगल, भूमि, धातुएं, हवा, पानी, पौधे और जानवर, अधिक से अधिक दोहन करने लगे, और सभी कुछ घटने लगा, जिसकी पूर्ति करना असंभव था। अधिक दोहन ने पर्यावरणीय संसाधनों को सीमित कर दिया है और वे जल्दी ही खत्म हो जाएंगे।
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