NIOS Class 12 Environmental Science Chapter ऊर्जा के अनवीनीकृत स्त्रोत – II
NIOS Class 12 Environmental Science Chapter ऊर्जा के अनवीनीकृत स्त्रोत – II – आज हम आपको एनआईओएस कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान पाठ ऊर्जा के अनवीनीकृत स्त्रोत – II के प्रश्न-उत्तर (Renewable Sources Of Energy-II Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है । जो विद्यार्थी 12th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है. यहाँ एनआईओएस कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान अध्याय (ऊर्जा के अनवीनीकृत स्त्रोत – II) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 12th Environmental Science ऊर्जा के अनवीनीकृत स्त्रोत – II के प्रश्न उत्तरोंको ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.
NIOS Class 12 Environmental Science Chapter Solution – ऊर्जा के अनवीनीकृत स्त्रोत – II
प्रश्न 1. बायोमास को परिभाषित कीजिए तथा बायोमास के विभिन्न स्रोतों की सूची बनाइए ।
उत्तर – बायोमास पौधों व जीवों के कार्बनिक पदार्थ का संचय है। बायोमास में विभिन्न स्रोत- कृषि अपशिष्ट, बेकार लकड़ी, पशु अपशिष्ट जलीय पौधे व शहरी अपशिष्ट हैं।
प्रश्न 2. बायोमास रूपांतरण क्या है?
उत्तर – बायोमास रूपातंरण बायोगैस के रूप में होता है। बायोमास में एकत्रित ऊर्जा जीवाणुओं द्वारा विघटित होकर बायोगैस में परिवर्तित होती है।
प्रश्न 3. बायोमास को सौर ऊर्जा का एक अप्रत्यक्ष रूप क्यों माना जाता है?
उत्तर – बायोमास को सौर ऊर्जा का एक अप्रत्यक्ष रूप माना जाता है, क्योंकि बायोमास में हरे पौधे होते हैं जो कि प्रकाश संलेषण क्रिया द्वारा सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं तथा जीव हरे पौधों को खाते हैं तथा अपने अंदर इस रासायनिक ऊर्जा को संचित करते हैं।
प्रश्न 4. बायोमास ईंधन को उपयोग करने के दो लाभ बताइए |
उत्तर – बायोमास ईंधन उपयोग के दो लाभ निम्न हैं-
(i) यह CO2 का उत्सर्जन नहीं करता इसलिए पर्यावरण में CO2 की मात्रा नहीं बढ़ती ।
(ii) इसका उपयोग बिजली उत्पादन में आसानी से किया जा सकता है।
प्रश्न 5. पैट्रो फसलें क्या हैं? किन्हीं दो पैट्रो पौधों के नाम बताइए।
उत्तर– पैट्रो फसलों में हाइड्रोकार्बन होते हैं इसलिए पैट्रो फसलें हाइड्रोकार्बन उत्पादित करती हैं तथा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है। देवदार का पेड़, जैट्रोपा
तथा कैलोट्रापिस पैट्रो पौधों के उदाहरण है।
प्रश्न 6. भूतापीय ऊर्जा को परिभाषित कीजिए तथा इसके उपयोगों की सूची बनाइए । कुछ उदाहरण देकर बताइए कि यह ऊर्जा कहाँ से प्राप्त की जाती है?
उत्तर– भूतापीय ऊर्जा वह प्राकृतिक गर्मी है जो पृथ्वी के अन्दर चट्टानों के बीच में तथा बिजली उत्पादन में परिवर्तित की जा सकती है। ज्वालामुखी, हॉट स्प्रिंग, गीजर तथा मीथेन इसके कुछ उदाहरण हैं।
प्रश्न 7. भूतापीय ऊर्जा के उपयोग के लाभ व हानि बताइए |
उत्तर- भूतापीय ऊर्जा का मुख्य लाभ यह है कि यह ऊर्जा उच्च स्तर की ऊर्जा है, कीमत कम है तथा पर्यावरण के लिए स्वच्छ है। दूसरी ओर भूतापीय ऊर्जा की मुख्य हानि यह है कि इसकी भाप में HO होती है जिसकी गंध सड़े हुए अंडे जैसी होती है जिसके कारण वायु प्रदूषण होता है तथा संयंत्र के आसपास शोर भी होता है।
प्रश्न 8. “ हाइड्रोजन ऊर्जा को अगली पीढ़ी के लिए ईंधन कहते हैं” टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर – हाइड्रोजन ऊर्जा को अगली पीढ़ी के लिए ईंधन कहते हैं, क्योंकि हाइड्रोजन बहुतायत में उपलब्ध है तथा जब यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलती है तब यह प्रदूषण रहित जल वाष्प बनाती है इसलिए यह ऊर्जा का स्वच्छ स्रोत है। फिर भी हमें याद रखना चाहिए कि यदि हम हाइड्रोजन को फ्री में ईंधन रूप में चाहते हैं तो ईंधन सेल प्रौद्योगिक लागत से प्रभावी बनाया जा सकता है। हाइड्रोजन एक प्रदूषण मुक्त ऊर्जा है।
प्रश्न 9. भारत में सबसे उपयुक्त भूतापीय क्षेत्र कहाँ है?
उत्तर- भारत में सबसे उपयुक्त भूतापीय क्षेत्र पूजा वैली (घाटी) में हैं, जो कि लद्दाख क्षेत्र में है।
ऊर्जा के अनवीनीकृत स्त्रोत – II के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. नवीनीकृत स्रोतों की सूची बनाइए जो कि आने वाले समय के लिए आदर्श हैं।
उत्तर- बायोमास कार्बनिक अपशिष्ट है जो अलग-अलग प्राकृतिक और मानवीय कार्यों से प्राप्त होता है और नवीनीकृत ऊर्जा का स्रोत है। Biomass विभिन्न स्रोतों से आता है, जैसे घरेलू अपशिष्ट, लकड़ी उद्योग के अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट और वनों। जब यह ईंधन की तरह उपयोग किया जाता है और कार्बन डाइ आक्साइड को सोखता है, तो बायोमास पर्यावरण में कार्बन डाइ आक्साइड को नहीं बढ़ाता। Biomass का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह जीवाश्म ईंधन से बनाई गई बिजली बनाने वाले पावर प्लांट में भी उपयोग किया जाता है।
प्राकृतिक गैस, तेल और कोयले के बाद बायोमास ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। Biomass को प्रत्यक्ष रूप से नहीं बल्कि छोटे-छोटे टुकड़ों में बदलकर उपयोग करना बेहतर है। इन बायोमास टुकड़ों को कोयले की जगह चूल्हा जैसे स्थानों पर सीधे उपयोग किया जा सकता है। इस ठोस ईंधन को गैसीफिअर से गैस बनाया जाता है, जिसे उत्पादक गैस कहा जाता है। जैसे कृषि अपशिष्ट, शहरी कूड़ा-कचरा, जानवरों के अपशिष्ट, लकड़ी और घरेलू कचरा, बायोमास एक नवीनीकृत ऊर्जा स्रोत है और कार्बन डाइऑक्साइड नहीं उत्सर्जित करता है, वैज्ञानिकों ने बायोमास को ऊर्जा का एक वैकल्पिक स्रोत की तरह उपयोग करने की कोशिश की है।
यह समझा जा रहा है कि बायोमास को बायोगैस (उत्कृष्ट ऊर्जा) के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। विश्व का विकास बायोगैस ऊर्जा से संभव है। भारत के गाँवों में आज बायोगैस तकनीक वैकल्पिक स्रोत है। बायोगैस उत्पादन में जानवरों का अपशिष्ट एक आम प्रक्रिया है। किया जा रहा है, जो खाना पकाने में प्रयोग किया जाता है और खाद उर्वरक के रूप में अपशिष्ट का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 2. हाइड्रोजन के ईंधन के रूप में लाभ बताइए । क्या आप समझते हैं कि हाइड्रोजन ऊर्जा का बड़ा स्रोत हो सकता है? कारण बताइए ।
उत्तर – हाइड्रोजन पर्यावरण में स्वतंत्र रूप से नहीं मिलती बल्कि इसे कई तरीकों से बनाया जाता है। इसे प्राकृतिक गैस से बनाया जा सकता है। तथा पानी में बिजली प्रवाहित करके भी बनाया जा सकता है
हाइड्रोजन ईंधन की विशेषताएँ: हाइड्रोजन को जलाकर केवल जल वाष्प निकलते हैं। यही कारण है कि हाइड्रोजन ईंधन जलाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि CO2 पर्यावरण में उत्सर्जित नहीं होता। हाइड्रोजन जलने पर कोई प्रदूषण नहीं होता। ईंधन सेल हाइड्रोजन से भी चलाया जा सकता है। हाइड्रोजन ईंधन सेल से कार को पेट्रौल से चलाने की तुलना में दो गुना अधिक दूरी तक चलाया जा सकता है।
हाइड्रोजन ईंधन के भविष्य के फायदे: हाइड्रोजन ईंधन को भविष्य में एक अच्छा ऊर्जा स्त्रोत माना जाता है। 2008 में, होंडा ने हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली कार की प्रदर्शनी की। गैस और पेट्रोल स्टेशनों पर हाइड्रोजन ईंधन और पेट्रोल सप्लाई के पम्प बनाए गए हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों को लोकप्रिय बनाने के लिए अभी करीब दस वर्ष और लगेंगे।
प्रश्न 3. ईंधन सेल तकनीक का विवरण दीजिए तथा इसके लाभ भी बताइए।
उत्तर- ईंधन सेल रासायनिक ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए ईंधन से रासायनिक क्रिया (ऑक्सीजन सहित) करता है। जबकि हाइड्रोजन एक आम ईंधन है, कई बार प्राकृतिक गैस और हाइड्रोकार्बन (एल्कोहल, मिथेनॉल) भी उपयोग किया जाता है। सेल बैटरी से ईंधन अलग है क्योंकि उन्हें लगातार ईंधन की जरूरत होती है, जितनी देर तक इससे ऊर्जा की सप्लाई की जाती है।
ईंधन सेल में एक एनोड (Ve Side), कैथोड (+ Ve Side) और इलेक्ट्रॉड होते हैं, जो आवेशों को ईंधन सेल के दोनों तरफ ले जाते हैं। बिजली का करंट बनता है जब इलेक्ट्रॉन एनोड से बाहरी सर्किट से जुड़ते हैं। विभिन्न ईंधन सेल केवल इलेक्ट्रोलाइट (विलायक) के प्रकार से एक-दूसरे से अलग होते हैं। ईंधन सेल भी आकार और साइज में भिन्न होते हैं। ईंधन सेल करीब 0.7V का विद्युत पोटेंशल बनाता है। बिजली उत्पादन के अतिरिक्त ईंधन से सेल पानी, गर्मी और अन्य उत्पाद भी बनाता है; हालांकि, ये उत्पाद ईंधन के स्त्रोत पर निर्भर करते हैं। ईंधन सेल का उपयोग करते समय नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड सहित अन्य पदार्थ भी उत्सर्जित होते हैं।
ईंधन सेल की ऊर्जा दक्षता, व्यर्थ होने वाली ऊर्जा को भी एकत्रित करके, 40 से 60 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक हो सकती है। शुद्ध हाइड्रोजन से बना लाभदायक ईंधन सेल सिर्फ बिजली, पानी और गर्मी उत्पन्न करता है और पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता।
(i) क्योंकि ईंधन सेल में कोई दहन क्रिया नहीं होती है इसलिए ईंधन केवल बिजली में परिवर्तित होता है। आजकल के बिजली उत्पादन संयंत्रों से भी अधिक।
(ii) ईंधन सेल में कोई भी चलने वाला भाग नहीं होता इसलिए यह जनरेटर से अच्छा कार्य करता है।
(iii) बैटरी की अपेक्षा ईंधन सेल के रसायन उपयोग होने के बाद समाप्त कर दिए जाते हैं। ईंधन सेल पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते अपितु लगातार बिजली उत्पादन देते हैं।
(iv) बिजली संयंत्रों से अधिक दक्षता प्राप्त करने के लिए बड़े क्षेत्र की आवश्यकता होती है परंतु ईंधन सेल किसी भी स्केल पर अधिक दक्षतापूर्ण बिजली दे सकते हैं, जिसका उपयोग छोटे स्केल पर, घरेलू उपयोग में तथा वाहनों के चालन में किया जा सकता है।
प्रश्न 4. ईंधन सेल पारम्परिक की तुलना में बिजली उत्पन्न करने में अधिक कुशल सिस्टम क्यों है?
उत्तर- छोटे पैमाने पर विकेन्द्रीकृत बिजली बनाने के लिए ईंधन सेल सबसे अच्छा विकल्प है। ईंधन सेल घरों, अस्पतालों, हवाई अड्डों और सैन्य क्षेत्रों को गर्मी और बिजली दे सकता है। ईंधन सेल की बिजली दक्षता 55% है, जबकि पारंपरिक ऊर्जा संयंत्रों की सिर्फ 35% है।1 ईंधन सेल वाहनों में इलेक्ट्रिक मोटर को आवेशित करने के लिए बिजली बनाते हैं। हवा से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन लेकर ईंधन सेल पावर बनाता है। ईंधन सेल में तीन भाग होते हैं: एक इलेक्ट्रोलाइट (विलायक), एक एनोड और एक कैथोड। हाइड्रोजन ईंधन सेल एक बैटरी की तरह काम करता है और बिजली बनाता है जिसे इलेक्ट्रिक मोटर चलाते हैं। ईंधन सेल को पुनः आवेशित करने के लिए हाइड्रोजन फिर से भरता है।
दक्षता तथा कीमत-ईंधन सेल में अग्रिमता, ईंधन सेल की दक्षता, इसके आकार और ऊर्जा उत्पादन से काफी हद तक स्वतंत्र है। ईंधन सेल से चलने वाले वाहन 250 मील तक चल सकते हैं।
ईंधन सेल 5 मिनट से भी कम से पुनः आवेशित (Refueled) हो सकते हैं। ईंधन सेल बसें डीजल बसों की अपेक्षा 40% अधिक चलती हैं। ईंधन सेल की कीमतें कारों के लिए कुछ अधिक रहती है
ईंधन सेल चालित वाहन जो कि प्राकृतिक गैस से हाइड्रोजन उत्पादित करके बनते हैं, लगभग एक मील चलने में 55% CO, उत्सर्जित करते हैं। ईंधन सेल कुशल और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादक है। ईंधन सेल का उपयोग अंतरिक्ष में भी किया जा रहा है। हवाई जहाजों की उड़ानों और शहरी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बिजली के वाहनों में उपयोग किया जा रहा है। ईंधन सेल में बहुत उच्च ऊर्जा रूपांतरण दक्षता है। (वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले इंजन से लगभग दोगुनी) तथा प्रदूषण लगभग शून्य है।
प्रश्न 6. (i) ईंधन सेल, (ii) भूतापीय ऊर्जा की सीमाएँ क्या हैं?
उत्तर- ईंधन सेल हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन की इलेक्ट्रोकेमिकल ऊर्जा को बिजली, ताप व पानी में परिवर्तित करने का उपकरण है। यह एक विद्युत रासायनिक प्रतिक्रिया है, जो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के संयोजन से बिजली का उत्पादन करते हैं।
ईंधन सेल की सीमाएँ- ईंधन सेल बनाना पहले उतना ही महँगा था जितना कि कंप्यूटर और केलक्यूलेटर बनाना, लेकिन समय के साथ उनकी कीमत कम होने लगी, जिससे आज हर कोई ईंधन सेल खरीद सकता है। शुद्ध हाइड्रोजन की बड़ी मात्रा उपलब्ध नहीं हो सकती, हालांकि हाइड्रोजन स्वच्छ ऊर्जा का एक स्रोत है। हाइड्रोजन एक संयोजन है। ऊर्जा उत्पादन में हाइड्रोजन का उपयोग बहुत महंगा प्रस्ताव है।
भूतापीय ऊर्जा की सीमाएँ- भूतापीय ऊर्जा पृथ्वी के नीचे (कोर) से एकत्रित की जाती है। भूतापीय ऊर्जा की यही एक कमी है, जिसके कारण इसका पूरा उपयोग नहीं हो पाता। भूतापीय ऊर्जा की स्थिति जानना सबसे बड़ी आर्थिक हानि है। भूतापीय संयंत्र लगाने में जमीन की अवरक्त तस्वीर की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 7. पेट्रोफसलों से ईंधन कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर- लंबे समय से पेट्रोलियम और लकड़ी ऊर्जा के प्रमुख स्रोत रहे हैं, लेकिन उनका अत्यधिक उपयोग चिंता का कारण बन रहा है. इसलिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की खोज होनी चाहिए। पौधों के उत्पाद हाइड्रोकार्बन को अक्षय स्रोत माना जाता है। बायो ऊर्जा बनाने के लिए उत्पादन संयंत्रों को विकसित करना होगा। बायोमास से बायोईधन बनाना एक तकनीक है। बायोलॉजिकल कार्बन स्थिरीकरण से बायो ऊर्जा प्राप्त होती है। बायोमास, तरल ईंधन और बायोगैस सब बायो ईंधन हैं। क्योंकि तेल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, लोगों और वैज्ञानिकों का ध्यान तेजी से बायो ईंधन की ओर गया है। Biofuels भी प्रदूषण नहीं बढ़ाते।
कार्बोहाइड्रेट को विघटित करके बनाए गए एल्कोहल को बायोइथेनाल कहा जाता है। गन्ने और मक्का दोनों में शुगर और कार्बोहाइड्रेड होते हैं, जो अपघटित होकर एल्कोहल बनाते हैं। सेलुलोस बायोमास कुछ घास और पेड़ों से मिल सकता है। इथेनाल वाहनों में स्वच्छ इंधन है।
जैसे वनस्पति तेल और चर्बी से बायोडीजल बनाया जाता है। Biodiesel को वाहनों में शुद्ध रूप से प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसका उद्देश्य वाहनों से कार्बन मोनो आक्साइड और अन्य हाइड्रोकार्बन को कम करना है। शहरी कूड़े-कचरे में बैक्टीरिया किण्वन और अपघटन क्रिया करके बायोईंधन बना सकते हैं।
प्रश्न 8. भूतापीय ऊर्जा के लाभ व हानियाँ बताइए।
उत्तर- भूतापीय ऊर्जा वह ऊर्जा होती है, जो पृथ्वी के नीचे दबी चट्टानों में उपस्थित होती है। भूतापीय ऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य से प्राप्त नहीं होती।
भूतापीय ऊर्जा के लाभ-
(i) यह एक नवीनीकृत स्रोत है।
(ii) यह किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलाती।
(iii) भूतापीय ऊर्जा में कुछ भी अपशिष्ट व व्यर्थ पदार्थ नहीं बचते।
(iv) भूतापीय ऊर्जा का सीधा प्रत्यक्ष उपयोग संभव है। भूतापीय ऊर्जा का उपयोग खाना बनाने और घरों को गर्म रखने में किया जाता था।(v) भूतापीय पावर संयंत्र की देखरेख में खर्चा बहुत कम आता है।
(vi) भूतापीय पावर संयंत्र बहुत कम क्षेत्र घेरते हैं इसलिए पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते।
(vii) सौर ऊर्जा की तरह मौसम का भूतापीय ऊर्जा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
भूतापीय ऊर्जा की हानियाँ-
(i) भूतापीय ऊर्जा कुछ ही स्थानों पर उपलब्ध है।
(ii) अधिकतर भूतापीय क्षेत्र मार्किट और शहरों से बहुत दूर हैं इसलिए उसका उपयोग नहीं हो पाता।
(iii) भूतापीय ऊर्जा से उत्पादन बहुत कम होता है।
(iv) भूतापीय ऊर्जा जहाँ कहीं पर अधिक है, वहाँ ज्वालामुखी फटने का खतरा बना रहता है।
(v) भाप (वाष्प) पॉवर प्लांट लगाने का खर्चा बहुत अधिक आता है।
(vi) भूतापीय ऊर्जा से कुछ जहरीली, खतरनाक गैसें भी निकलती हैं। ये गैसें बोरिंग करने पर भूतापीय ऊर्जा के लिए निकलती हैं।
(VI) जहाँ कहीं भूतापीय पावर प्लांट लगाए जाते हैं, वहाँ ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होता है।
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