NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 13 राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 13 राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 13 राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे – ऐसे छात्र जो NIOS कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यहां पर एनआईओएस कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान अध्याय 13 (राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे) के लिए सलूशन दिया गया है. यह जो NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 13 National Environmental Issues दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है. ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए. इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आपNIOSClass 12 Environmental Science Chapter 9 राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 13 Solution – राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे

प्रश्न 1. ‘कुछ भारतीय वनस्पतियाँ और जीव स्थानिक हैं’ – इस वाक्य का क्या अर्थ है?
उत्तर- ‘कुछ भारतीय वनस्पतियाँ और जीव स्थानिक हैं’ – इस वाक्य का अर्थ है, उन पौधों और जानवरों की प्रजातियाँ, जो स्थानीय हैं तथा विश्व में कहीं और नहीं पाई जातीं।

प्रश्न 2. भारत का कौन-सा भाग ‘अनाज का भंडार ‘ तथा कौन-सा भाग ‘खनिज भंडार’ है ?
उत्तर– भारत में ‘अनाज के भंडार’ उत्तरी मैदान हैं जबकि ‘खनिज के भंडार’ दक्षिण के प्रायद्वीपीय पठार हैं।

प्रश्न 3. भारत के पाँच प्रमुख प्रकार के वनों की सूची बनाइए ।
उत्तर- भारत के वनों के प्रमुख प्रकार निम्न हैं- उष्णकटि- बंधीय वर्षा वन, उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, शीतोष्ण चौड़ी पत्ती वाले वन, शीतोषण शंकुधारी वन, अल्पाइन और टुंड्रा वन ।

प्रश्न 4. वनों से प्राप्त होने वाले तीन पदार्थों के नाम बताइए |
उत्तर- वनों से हमें लकड़ी, रेशे, दवाइयाँ, भोजन, गोंद, रंग, रेजिन आदि प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 5. जनसंख्या को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर – जनसंख्या मनुष्यों का वह समूह है, जो एक क्षेत्र में रहता है और जिनमें प्रजनन और आनुवंशिक पदार्थ को आपस में प्रयुक्त करने की क्षमता होती है।

प्रश्न 6. मानव जनसंख्या वृद्धि के चार प्रमुख कालों की सूची बनाइए ।
उत्तर- मानव जनसंख्या वृद्धि के चार प्रमुख काल निम्न हैं-
(i) शिकारी और संग्राहक की एक प्रारम्भिक अवधि – इस अवधि में कुल जनसंख्या कुछ लाखों से भी कम थी।
(ii) कृषि क्षेत्र में वृद्धि की अवधि – इस काल में जनसंख्या बढ़ी व अन्न आपूर्ति के लिए कृषि क्षेत्रों में वृद्धि हुई।
(iii) औद्योगिक क्रान्ति- आर्थिक व्यवस्था के लिए उद्योगों का विकास हुआ।
(iv) वर्तमान काल – मानव जनसंख्या में अति वृद्धि से वनोन्मूलन हुआ । औद्योगिक क्रान्ति आई ।

प्रश्न 7. जनसांख्यिकी सूची के अध्ययन के लिए प्रमुख मापदंड दीजिए।
उत्तर – जनसांख्यिकी सूची के अध्ययन के लिए प्रमुख मापदंड आकार, विकास, आयु संरचना, प्रजनन, जन्मदर, मृत्यु दर, जीवन के मानक, प्रवासन आदि हैं।

प्रश्न 8. घातीय वृद्धि को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर – घातीय वृद्धि-प्रति यूनिट समय की वृद्धि दर में लगातार वृद्धि घातीय वृद्धि कहलाती है।

प्रश्न 9. देश के भीतर होने वाला आतंरिक प्रवास अपनी कुल जनसंख्या के आकार को क्यों प्रभावित नहीं करता? किस प्रकार का प्रवास देश की कुल जनसंख्या के आकार को प्रभावित करता है?
उत्तर – देश के भीतर होने वाला आंतरिक प्रवास अपनी कुल जनसंख्या के आकार को प्रभावित नहीं करता, क्योंकि यह देश के भीतर ही होता है। उत्प्रवास और अप्रवास देश की कुल जनसंख्या के आकार को प्रभावित करता है, क्योंकि इसमें कुल जनसंख्या से या तो देश से बाहर जाते हैं या देश में आकर कुल जनसंख्या को बढ़ाते हैं।

प्रश्न 10. कम से कम तीन देशों के नाम बताइए, जिनमें भारत से अधिक जनसंख्या घनत्व पाया जाता है?
उत्तर – भारत से अधिक जनसंख्या घनत्व वाले देश – जापान, नीदरलैंड, बांग्लादेश एवं माल्टा द्वीप हैं।

प्रश्न 11. किसी आबादी की आयु संरचना का आँकड़ा क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर – किसी आबादी की आयु संरचना का आँकड़ा बहुत महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि-
(i) उपलब्ध और भविष्य कार्य बल ( 15-59 वर्ष) / मा
(ii) उन वृद्ध लोगों की स्थिति, जिनको अब भविष्य में सामाजिक सहायता की आवश्यकता है।
(iii) वर्तमान और भविष्य में शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं का प्रक्षेप |
(vi) नौकरी संबंधी आवश्यकताओं का प्रक्षेप |
(v) चिकित्सा / सामाजिक / आवास संबंधी / स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं का प्रक्षेप ।
(vi) वर्तमान और भविष्य आयु संबंधी रूपरेखा ।
(vii) समाज का आर्थिक स्तर।
(viii) पर्यावरण पर संभावित प्रभाव ।
(ix) जनसंख्या के इतिहास की पूरी जानकारी |

प्रश्न 12. किसी राज्य / देश का असंतुलित लिंग अनुपात क्या सूचित करता है?
उत्तर – किसी राज्य / देश का असंतुलित लिंग अनुपात कन्याओं के प्रति भेदभाव, सामाजिक दबाव, कन्या भ्रूण हत्या आदि को सूचित करता है।

प्रश्न 13. कम से कम तीन मानव गतिविधियों के विषय में बताइए, जिनका पर्यावरण पर स्थायी प्रभाव रहता है।
उत्तर– मानव गतिविधियाँ, जिनका पर्यावरण पर स्थायी प्रभाव पड़ता है-
(i) ऊर्जा का उपयोग – मानव ईंधन बनाता है। ऊर्जा का उत्पादन लकड़ी से बिजली से परमाणु तक होता है।
(ii) कृषि गतिविधि – खाद्य उत्पादन के लिए।
(iii) स्वास्थ्य सेवाएँ – लाइलाज बीमारियों का इलाज करके मृत्यु दर कम करना आवश्यकतानुसार अपशिष्ट विसर्जन, दवाइयाँ आदि ।
(iv) आवास – रहने के लिए घर बनाने के लिए वनोन्मूलन आदि।
(v) युद्ध तकनीक – खतरनाक दुश्मन जीवों को समाप्त करना।

प्रश्न 14. किन्हीं तीन मानकों की सूची बनाइए जो आबादी के रहने के स्तर की विशेषताएँ बताते हों ।
उत्तर- जनसंख्या का जीवन स्तर कुछ मानकों से निर्धारित होता है। विकासशील देशों में जीवन मानक अधिक होता है, जबकि कम विकसित देशों में जीवन मानक कम होता है। निम्न मानक आबादी के रहने के स्तर की विशेषताएं बताते हैं-
• जीवन की उम्मीद अधिक होनी चाहिए।
• शिशु मृत्यु दर कम होनी चाहिए।
• प्रति व्यक्ति आय अधिक होनी चाहिए।
• साक्षरता अधिक होनी चाहिए। Com भोजन और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में संतुलन होना चाहिए।
• पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियाँ होनी चाहिए।
• पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा के प्रकारों का उपयोग होना चाहिए।

प्रश्न 15. जब हम पर्यावरण में बदलाव करते हैं, तो प्रायः हमें कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है ?
उत्तर- जब हम पर्यावरण में बदलाव करते हैं, तो प्रायः हमें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है-
(i) अपर्याप्त आश्रय– प्रत्येक व्यक्ति के पास सुरक्षित आश्र नहीं है। मनुष्य समाज का एक अनुपात वातावरण के अत्यंत गरम व ठंडे तापमान को झेलता है तथा जंगली प्राणियों, जैसे- बाघ, शेर, भेड़ियों, तेंदुओं, चूहों, साँप आदि का शिकार हो जाता है।

(ii) भोजन की कमी या अकाल– कृषि योग्य भूमि को उद्योगों में हस्तांतरित करना, परिवहन सुविधाओं की कमी, भोजन की खरीद के लिए आर्थिक गरीबी आदि कारणों से आज कृषि उत्पादन लगातार कम हो रहा है।

(iii) आपदाएँ- प्राकृतिक आपदाएं, जैसे- बाढ़, तूफान, चक्रवात भूकम्प, ज्वालामुखी सुनामी तथा हिमस्खलन आदि मानव बस्तियों को उखाड़ फेंकते हैं तथा संपत्ति की भी हानि होती है।

(iv) रोग- मानव जनसंख्या का एक बड़ा तबका कुपोषण, अपर्याप्त सफाई, चिकित्सा सुविधाओं का अभाव, रोग का खतरा बढ़ाता है। रोगजनकों का आक्रमण और उत्परिवर्तन, महामारी, जैसे-प्लेग, पीलिया, टाइफाइड, क्षय रोग के घातक हमले, HIV / एड्स, डेंगू, एन्फ्लूएंजा आदि हैं।
(v) अन्य – मानव निर्मित विभिन्न प्रकार के विस्फोटक, दुर्घटनाएँ, आग लगना, प्रदूषण, जहाजों का डूबना, हवाई और सड़क दुर्घटनाओं के कारण बहुत से लोगों का जीवन चला जाता है।

प्रश्न 16. जल को ताजा, खारा या समुद्री जल में कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है?
उत्तर – जल में उपस्थित लवण के आधार पर जल को ताजा, खारा या समुद्री जल में वर्गीकृत किया जा सकता है। यदि जल में नमक 5ppt है तो वह ताजा जल है। यदि नमक 5ppt से अधिक, परन्तु 35 ppt से कम है, तो जल खारा है। यह जल झील तालाब आदि में होता है। यदि नमक 35ppt से अधिक समुद्री होता है।

प्रश्न 17. उन चार मुख्य कारणों की सूची बनाइए, जिसके परिणामस्वरूप शहरी क्षेत्रों में ताजे पानी की कमी हो जाती है।
उत्तर- वे मुख्य कारण, जिनके परिणामस्वरूप शहरी क्षेत्रों में ताजे पानी की कमी हो जाती है कृषि क्षेत्र में अपशिष्ट जल प्रदूषण, लापरवाही भरा रवैया, पानी की मांग में वृद्धि व जलस्तर का कम होना हैं।

प्रश्न 18. शहरों में अनुचित मल – जल तंत्र पानी की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर – शहरों में अनुचित मल जल तंत्र पानी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है-
(i) घरेलू बहिस्रवों में रोगजनक पाए जाते हैं, जिनसे रोग पैदा होता है।
(ii) शहरों में बहिस्रव में नाइट्रेट और फॉस्फेट होते हैं, जो कि जलीय जीवों के विकास में सहायता करते हैं। इसके कारण पीने का पानी मानव उपयोग के अयोग्य हो जाता है।

प्रश्न 19. बाढ़ को परिभाषित कीजिए। यह मानव जीवन को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर – बाढ़ नदियों या जल स्रोत और जलाशयों में अधिक जल आने से अचानक और अस्थायी रूप से किसी भू-भाग का जलमग्न होना है। बाढ़ मानव जीवन को प्रभावित करती है- रहने की जगह और महत्वपूर्ण संपत्ति नष्ट हो जाती है। बाढ़ का पानी उपजाऊ जमीन के ऊपर बहा जाता है और बंजर जमीन बच जाती है। बाढ़ नकदी और खाद्य फसलों को नष्ट करती है। दोनों मवेशियों और मनुष्यों को नुकसान होता है। बाढ़ पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन करती है और बाँध टूटती है।

प्रश्न 20. बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचने के कोई तीन प्रतिरोधक तरीकों की सूची बनाइए ।
उत्तर- बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचने के लिए निम्नलिखित तरीके निम्न हैं-
(i) सही समय में पर्याप्त उपकरण व चारा जमा कर लेना चाहिए।
(ii) प्रभावी / उचित जलशेड / क्षेत्र प्रबंधन।
(iii) वनारोपण व उचित समय पर लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पलायन ।

प्रश्न 21. हमारे देश में तीन मुख्य प्रकार के ऊर्जा उत्पादन संस्थानों के नाम लिखो। हमारी बिजली संबंधित आवश्यकताओं के प्रति इनका क्या योगदान है ?
उत्तर – तीन मुख्य प्रकार के ऊर्जा उत्पादन संस्थान हैं- जल विद्युत, थर्मल व नाभिकीय ऊर्जा । जल विद्युत 21%, थर्मल 75% व नाभिकीय 3% 3%ks.com

प्रश्न 22. आप अपने घर में विद्युत ऊर्जा का व्यर्थ खर्च रोक पाने के उपायों की सूची बनाइए ।
उत्तर– हम कुछ उपाय अपनाकर अपने घर में विद्युत ऊर्जा का व्यर्थ खर्च रोक सकते हैं। रोशनी के बल्बों को ऐसे बल्बों से बदल कर, जो कम ऊर्जा खर्च करते हैं, जैसे-
• CFL का उपयोग करके ।
• खिड़कियों और दरवाजों के चारों ओर वायु प्रतिरोध लगाकर ।
• कमरे से बाहर निकलते समय स्विच को बंद करके जाना चाहिए।
• जब बिजली उपकरण का उपयोग न करना हो, तो उन्हें स्विच से निकाल देना चाहिए।
• AC के स्थान पर छत के पंखों का उपयोग।
• AC के फिल्टर को साफ रखना, क्योंकि गंदे फिल्टर अधिक बिजली खर्च करते हैं।

प्रश्न 23. शहरीकरण किस प्रकार प्रदूषण को बढ़ावा देता है?
उत्तर – क्योंकि शहरीकरण से आबादी असमान रूप से बिखर जाती है, शहरीकरण प्रदूषण को बढ़ाता है। इसके परिणामस्वरूप संसाधनों की मांग असंतुलित रूप से बढ़ती है और वातावरण में विषाक्त पदार्थ फैलते हैं। ऐसे खतरनाक और घातक पदार्थ औद्योगिक, घरेलू और वाहनों के धुएं से निकलते हैं। ये पदार्थ बाहर निकलकर जमीन, जल और वायु में मिलते हैं, जो उन्हें प्रदूषित करता है।

राष्ट्रीय पर्यावरणीय मुद्दे के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1. ” पर्यावरण की कोई भौगोलिक सीमाएं नहीं हैं ” व्याख्या कीजिए |
उत्तर – पर्यावरण को कोई भौगोलिक सीमाएं नहीं हैं; इसका मतलब है कि वायु, पानी और पर्वत कोई भी मनुष्य के नियंत्रण में नहीं हैं, और अगर कोई देश वायु या पानी को प्रदूषित करता है, तो यह विश्व भर के अन्य देशों को भी प्रभावित करेगा। हमारे आसपास और दूर के देशों में भी पर्यावरण की हानि होती है। ये प्रभाव जल्दी या जल्दी दिखाई देते हैं। उदाहरण के लिए, ग्रीन हाऊस गैस के प्रभाव से भूमण्डलीय तापन होता है; CFC (क्लोरो फ्लोरो कार्बन) ओजोन परत को कम करता है, जो जलीय जीवों को थर्मल प्रदूषण से बचाता है। तथा वनोन्मूलन एक देश का पर्यावरण भी बदलता है।

प्रश्न 2. जनसंख्या की वृद्धि किस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों में कमी करती है तथा प्राकृतिक संसाधनों के अवक्रमण की ओर ले जाती है?
उत्तर – जब जनसंख्या तेजी से बढ़ती है, तो रहने का स्टैण्डर्ड भी बढ़ता है, इसलिए अधिक भोजन, रहने की व्यवस्था, परिवहन, ऊर्जा और सभी आवश्यक वस्तुओं की आवश्यकता बढ़ जाती है। प्राकृतिक संसाधन बढ़ते जनसंख्या से कम होते हैं। जैव-विविधता, पानी और बिजली की कमी, धातुओं का उपभोग और वनोत्मूलन पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं। जनसंख्या बढ़ने पर जंगलों को काटना पड़ता है। बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्यान्न व्यवस्था के लिए जंगलों को भी साफ करना होगा। सड़कें, रेलवे और हाइड्रो बिजली प्लांट बनाने की मांग भी बढ़ गई है।

कृषि के लिए जंगलों और वनों को साफ करके लोगों ने जनसंख्या को खाद्यान्न देना शुरू कर दिया है। लंबे समय तक कृषि करने से एक जगह अनुपजाऊ हो जाती है, जिससे जगह बंजर या बेकार हो जाती है, लेकिन वहाँ फिर से जंगल नहीं बनाया जा सकता। इस तरह जंगल कुछ समय बाद बेकार हो जाते हैं। जानवरों के चरागाह बनने वाले वन, वहाँ मृदा अपरदन बढ़ाते हैं, क्योंकि जानवर नए और छोटे पौधों को भी खाते हैं। ईंधन के लिए वनवासी कालोनियाँ लकड़ी को जंगलों से काटकर उपयोग में लाते हैं। इस तरह, वनों की जनसंख्या बढ़ते हुए तेजी से घट रही है। शुद्ध वायु की आवश्यकता बढ़ी है। जल प्रदूषण कारखानों, वाहनों और अन्य रासायनिक पदार्थों के उपयोग से होता है।

प्रश्न 3. हमें पर्यावरण के जिन मुख्य मुद्दों का सामना करना पड़ता है, उनकी सूची बनाइए ।
उत्तर – भूमि और वन प्रबंधन, जल की कमी, ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों में तेजी से होती हुई कमी कुछ महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दे हैं। भारत में कई पर्यावरणीय समस्याएं हैं, जिसमें प्राकृतिक पर्यावरण का प्रदूषण, कूड़े के ढेर, जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण शामिल हैं। 1947 से 1995 के बीच स्थिति और खराब हो गई। 1995 से 2010 तक, विश्व बैंक के विशेषज्ञों ने मापदंडों के अनुसार भारत ने विश्व में विकास किया और पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने की कोशिश की।

भारत में जनसंख्या की बढ़ोतरी प्राथमिकतः पर्यावरण में कमी का कारण है। वन और कृषि भूमि की कमी, प्राकृतिक संसाधनों (जैसे पानी, धातु, वन, रेत, पत्थर, मृदा आदि) की कमी, पर्यावरण में कमी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और जैव विविधता में कमी शामिल हैं।
ईंधन का जलना और सूखे जैविक पदार्थों का जलना, जो ऊर्जा का मूल स्रोत हैं, भारत में प्रदूषण का मुख्य कारण हैं। प्रदूषण को बढ़ाते हैं, जैसे अपशिष्ट विसर्जन, सीवरेज, बाढ़ नियंत्रण और नदियों में अपशिष्ट विसर्जन। रोगों के मूल स्रोत विशिष्ट पर्यावरणीय समस्याएं हैं।

प्रश्न 4. जलवायु के विभिन्न कारकों को बताइए जिनसे किसी क्षेत्र की वनस्पति निर्धारित होती है?
उत्तर– भूमि, वन, पादपजात और प्राणीजात, जनसंख्या, शहरीकरण आदि जलवायु के विभिन्न कारक हैं, जिनसे किसी क्षेत्र की वनस्पति निर्धारित होती है। प्राकृतिक वनस्पति के निर्धारण में जलवायु प्रधान कारक है। वनों के प्रकार, घास के मैदान, सवाना, झाड़ीदार वनस्पति, टुंड्रा व अल्पाइन वनस्पति सभी जलवायु से नियोजित हैं। पृथ्वी पर प्रत्येक स्थान पर पौधों का समुदाय है, जो या तो प्राकृतिक है या अनुकूलन के कारण उस विशिष्ट क्षेत्र में पाए जाते हैं।

प्रश्न 6. कोई क्षेत्र अति जनसंख्या वाला क्षेत्र कब कहलाएगा?
उत्तर – यदि किसी क्षेत्र में संसाधनों का अति दोहन होता है तथा इस क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान वस्तुएं अथवा सेवाओं का उत्पादन नहीं हो पाता, तो वह क्षेत्र अति जनसंख्या वाला क्षेत्र कहलाता है। अति जनसंख्या एक अवांछनीय परिस्थिति होती हैं, जहाँ पर्यावास में जीवों की संख्या अत्यधिक हो जाती है। यह परिस्थिति पर्यावरण, भूमि तथा भौतिक स्थिति से संबंध रखती है। अति जनसंख्या जन्म दर में वृद्धि, मृत्यु दर में घटोतरी, अप्रवास में वृद्धि आदि से होती है तथा फलस्वरूप संसाधनों में कमी हो जाती है। अति जनसंख्या जीवन की गुणवत्ता में असमानताएं पैदा करती है, जो कि सामाजिक तनाव व असंतुलन का कारण बन जाती है।

प्रश्न 8. जनगणना की परिभाषा क्या है? इससे किसी देश को कैसे मदद मिल सकती है?
उत्तर – जनगणना में पूरे क्षेत्र की जनसंख्या की गिनती की जाती है। कृषि, व्यापार और वाहन भी जनगणना में शामिल हैं। आर्थिक रूप से जनसंख्या निर्माताओं और उपभोक्ताओं से मिलकर बनती है। वर्तमान और भविष्य की मानव शक्ति के आंकड़े जनसंख्या अध्ययन से मिलते हैं। वर्तमान और आने वाली सेवाओं की कुल मात्रा का अनुमान लगता है। जनगणना भाषायी, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय एकता को भी बढ़ावा देती है।

प्रश्न 9. किसी जनसंख्या में लिंग दर का संतुलित रहना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर – किसी जनसंख्या में आदर्श रूप से पुरुषों और महिलाओं का अनुपात संतुलित होना चाहिए। लड़कों की जन्मदर, हालांकि, लड़कियों से अधिक है। जनसंख्या का लिंग अनुपात स्थिर, कम या संतुलित होना चाहिए यदि समाज में लिंग भेदभाव नहीं है। जनसंख्या इस विषय में विचलित नहीं होना चाहिए। पुरुषों की तुलना में महिलाओं का लिंग अनुपात कम होना असंतुलन को दिखाता है। सामाजिक तनाव, कन्या भ्रूण हत्या और कन्या शिशु के प्रति भेदभाव सब लिंग दर में असंतुलन के परिणाम हैं।

प्रश्न 10. शहरीकरण तथा सामाजिक-आर्थिक मुद्दों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – शहरों में जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों से शहरों में लोगों का पलायन बेहतर सुविधाओं और रोजगार की तलाश में होता है, जो दोनों शहरों की जनसंख्या को प्रभावित करता है। शहरीकरण पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डालता है। मुख्य प्रभाव वनोन्मूलन है, जो कई समस्याओं को जन्म देता है, जैसे प्रदूषण, ऊर्जा संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और झोपड़ पट्टी का विकास। शहरी वातावरण पर बुरा प्रभाव कम करने के लिए निम्नलिखित उपायों का उपयोग किया जा सकता है-
(1) बिल्डिंग या आवास स्थान बनाने में सरकारी प्रोग्राम अपनाकर,
(2) प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम अपनाकर,
(3) लघु उद्योगों व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के अप्रवास पर ध्यान देकर,
(4) पर्यावरण मंत्री (इको-फ्रेंडली) तकनीक को अपनाकर ।

प्रश्न 11. अपने मोहल्ले में अलग-अलग परिवारों में जाकर
(a) लोगों से बातचीत कीजिए। उनका साक्षात्कार लीजिए तथा उनकी ऊर्जा, जल की आवश्यकता / उपयोग तथा उपलब्धता के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए ।
(b) आप स्थानीय स्तर पर क्या कदम उठाएंगे, जिससे ऊर्जा तथा जल का व्यर्थ इस्तेमाल रोका जा सके।
उत्तर- (a) बहुत सारे उत्पादन और उपभोग कार्यों के लिए ऊर्जा आवश्यक है। शहरीकरण ने ऊर्जा स्रोतों की मांग बढ़ा दी है। ऊर्जा की खपत पिछले ६० वर्षों में चार गुना बढ़ी है, जो केवल जनसंख्या के एक-तिहाई भाग के लिए पर्याप्त है, लेकिन औद्योगिक गतिविधियाँ १० गुना बढ़ी हैं। औद्योगिक ऊर्जा खपत घरेलू से बदल रही है। उद्योग और परिवहन लगभग 70–75% औद्योगिक ऊर्जा का उपयोग करते हैं।

(b) ऊर्जा का व्यर्थ खर्च कम करना चाहिए और इसके उपयोग पर रोक लगानी चाहिए। जल संरक्षण और नए जल स्रोतों का निर्माण दोनों जल की मांग को पूरा करना चाहिए। पानी को पुनः उपयोग और चक्रण किया जाना चाहिए। वर्षा जल को संग्रहित करके, जल संरक्षण भूमिगत जल का स्तर बढ़ा सकता है। समुद्री लवणीय जल को अलवणीय करके भी जल की जरूरत पूरी की जा सकती है।

प्रश्न 12. अपने मोहल्ले में विभिन्न स्रोतों से एकत्रित होने वाले हानिकारक पदार्थों की सूची बनाइए ।
(b) अपने मोहल्ले से इस प्रकार के प्रदूषण की रोकथाम के लिए उपाय भी बताइए ।
उत्तर- (a) विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त पदार्थों को अच्छे प्रकार से उपयोग में लाने के बावजूद कुछ रसायन पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। इन पदार्थों को बाहर फेंकने पर वे घातक अपशिष्ट बन जाते हैं। ये घातक पदार्थ किसी भी वस्तु को बनाने के बाद बच जाते हैं। हमारे घरों से निकलने वाले खतरनाक पदार्थों में पेंट, मच्छरों को मारने की दवा के खाली डिब्बे, पुरानी बैटरियाँ और अन्य रसायनों के डिब्बे शामिल हैं। यदि हम इन स्रोतों का ठीक ढंग से विसर्जन नहीं करेंगे, तो वे हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं। हानिकारक अपशिष्टों में कई खतरनाक घटक होते हैं, जैसे जंग लगने योग्य, जलने योग्य, बहुत अधिक एक्टिव और जहरीले।

(b) नुकसानदायक पदार्थों का दोबारा उपयोग और चक्रण किया जाना चाहिए। यदि यह संभव नहीं है, तो जैव और अजैव अपशिष्टों को अलग-अलग थैली में रखें। प्लास्टिक, काँच और धातु अजैव अपशिष्ट हैं, लेकिन रसोईघर का कचरा जैव अपशिष्ट है। मोहल्ले में कूड़े के डिब्बे में इन कचरों को डालना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी परिवार इन अपशिष्टों को इन्हीं डिब्बों में डालें और हर दिन नगरपालिका की कचरा गाड़ी इसे ले जाए।

प्रश्न 13. बाढ़ तथा सूखे में अन्तर बताइए ।
उत्तर– सूखा तब होता है जब किसी क्षेत्र में पानी की कमी हो जाती है और औसत वर्षा एक लंबे समय तक सामान्य से कम हो जाती है। बाढ़ होती है जब बहुत अधिक वर्षा होती है और सड़कें, घर, इमारतें सब जल में डूब जाते हैं। पानी का एक निकाय, जो सामान्य शुष्क जमीन को ढक लेता है, बाढ़ कहलाता है। बाढ़ में पानी जल स्रोतों से बाहर आकर भूमि पर फैलता है, जैसे झीलें और नदियां, जिनके आकार मौसम के अनुसार बदलते रहते हैं। हिमस्खलन, बर्फ पिघलने, बाँधों के टूटने आदि कारणों से बाढ़ होती है।

बाढ़ से घर और अन्य महत्वपूर्ण संपत्ति नष्ट हो जाती है। बाढ़ कृषि योग्य जमीन को बंजर बना देती है। नकदी और भोजन दोनों फसलों को नष्ट करते हैं। मानव और जानवरों को नुकसान होता है। सूखे तालाब, कुएं और नदियाँ सूख जाते हैं। पानी की कमी निजी और कृषि उपयोग में है। पानी की कमी से पशु मर जाते हैं और कमजोर और वृद्ध लोगों में बीमारी बढ़ जाती है, क्योंकि ऊपरी शुष्क मृदा की सतह हवाओं से उड़ जाती है।

प्रश्न 14. घरों से बाहर बहने वाले प्रदूषित जल से उत्पन्न होने वाले चार रोगों के बारे में बताइए |
उत्तर- घरों से बाहर बहने वाले दूषित जल में रोगजनक होते हैं, जो कई विषाणु, बैक्टीरिया और अन्य परजीवी बीमारियां पैदा कर सकते हैं। ये जल से पैदा होने वाले रोगों, जैसे हैजा, पेचिश, टाइफाइड, पीलिया और कृमिरोगों को पैदा करते हैं। घरेलू अपशिष्टों में फास्फेट और नाइट्रेट पाए जाते हैं। ये जलीय जीवों की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं और पानी की गुणवत्ता को कम करते हैं, जिससे यह मानव उपयोग के लिए अयोग्य हो जाता है। प्रदूषित जल से फैलने वाले संक्रामक रोग जलजन्य रोग कहलाते हैं।

पानी मुख्य कारक है, यदि ये रोग स्वयं या मक्खी-मच्छरों से फैलते हैं। आँतो में कई बीमारियाँ होती हैं, जो मनुष्य के मल से फैलती हैं। रोगाणु या जीवाणु बैक्टीरिया, प्रोटोजोओ तथा परजीवी संक्रमित व्यक्ति के मल में होते हैं। बहुत से प्राकृतिक रसायन मानव गतिवधियों में घुल जाते हैं और पानी को प्रदूषित करते हैं और कई बीमारियाँ फैलाते हैं।

प्रश्न 15. हम पृथ्वी पर पानी की सामान्य आपूर्ति किस प्रकार बनाए रख सकते हैं?
उत्तर – पानी की सामान्य आपूर्ति पृथ्वी पर तभी बनी रह सकती है जब जल लगातार ऊपर और नीचे चलता रहे। जबकि पानी के अणु भूमिगत जल में आते-जाते रहते हैं, इससे भूमिगत जल का संतुलन स्थिर रहता है। पानी एक जगह से दूसरी जगह जाता रहता है। यह नदियों से समुद्र में, समुद्र से वातावरण में और वाष्प, द्रव अवशेषों और निथारना जैसे भौतिक क्रियाओं से बदलता है। यह अपने रंग में बदलता है। यह द्रव, ठोस और गैस में से एक है। जल चक्र सूर्य की किरणों से समुद्र का पानी वाष्पित होता है। जब पानी के कण वाष्पित होकर वायुमंडल में पहुँचते हैं, तो जल चक्र शुरू होता है।

वर्षा इस जल का मुख्य स्रोत है। प्रतिवर्ष भारत में 2750 मिमी. वर्षा होती है, जिसमें लगभग 600 मिमी. जल जमीन में रिस जाता है और लगभग 900 मिमी. वातावरण में वाष्प बनकर वापस जाता है। जल की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए नए संसाधनों की खोज के अलावा जल की बचत, पुनः चक्रण और पुनः उपभोग भी आवश्यक हैं। शहरों और औद्योगिक संस्थानों को अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग करके जल को पुनः चक्रित करने की क्षमता है।

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