प्रश्न 44. एंजियोस्पर्मों की तीन कुलों (फैमिली) के नाम बताइए तथा प्रत्येक का एक-एक लक्षण बताइए |
उत्तर – एंजियोस्पर्म की तीन फैमिलियां इस प्रकार हैं-
(i) फैबेसी (Fabaceae) पेपिलियोनेसी – एक द्विबीजपत्री फैमिली पौधे शाक या झाड़ी होते हैं। इनके फूलों की एक व्यास सममित (Zygomorphic) पंखुड़ियां होती हैं अर्थात इसे दो बराबर भागों में नहीं काटा जा सकता। उदाहरण के लिए मटर, अरहर आदि सभी दालें ।
(ii) लिलिएसी – एक एकबीजपत्री फैमिली पौधे अधिकतर शाक होते हैं, जो समान्यतया बहुवर्षी होते हैं। फल सामान्यतया एक कैप्सूल होता है; उदाहरण के लिए-प्याज ।
(iii) पोएसी – एक एकबीजपत्री फैमिली – इसके पौधे शाकीय होते हैं, बहुत ही कम काष्ठीय होते हैं। फल केरियोप्सिस (बीज का छिलका व अंडाशय भित्ति संलयित) होता है। उदाहरण के लिए – गेहूँ, चावल, मक्का आदि ।
प्रश्न 45. प्राणी की परिभाषा दीजिए।
उत्तर– प्राणी बहुकोशिकी यूकेरियोट होते हैं। इनमें अंतर्ग्रहणी विषमपोषी पोषण पाया जाता है तथा इनमें संचलन क्षमता और इनमें तंत्रिकातंत्र के माध्यम से अधिक संवेदनशीलता पाई जाती है।
प्रश्न 46. उदाहरण देते हुए जगत ऐनिमेलिया में निम्नलिखित के नाम लिखिए-
(i) तीन प्रकार की सममितियां (Symmetry)
(ii) तीन प्रकार के संघटना स्तर
उत्तर–(i) सममिति (Symmetry) – इसका अर्थ है – शरीर को समान तथा समरूप भागों में विभाजित कर सकना । नाइडेरिया तथा इकाइनोडर्म लार्वा अरीय ( radially) सममित होते हैं। अन्य सभी प्राणी द्विपार्श्वतः (bilaterally) सममित होते हैं।
(ii) संघटना (Organisation ) – प्राणियों के शरीर में कई कोशिकाएं होती हैं, लेकिन ये कोशिकाएं ऊतकों और अंग-तंत्रों में मिल सकती हैं या नहीं भी। स्पंज कोशिकाओं के एकमात्र समूह हैं। ये संघटन के कोशिकीय स्तर पर हैं। नाइडेरियन्स में अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं के समूह होते हैं, जो विशिष्ट कार्य करते हैं। ये संघटन के ऊतक स्तर पर होते हैं। अन्य सभी प्राणियों में अंग और अंग-तंत्र होते हैं, जो कुछ देह-कार्य करते हैं। ये अंग-तंत्र श्रेणी पर निर्भर हैं।
प्रश्न 47. त्रिकोरकी (ट्रिप्लोब्लास्टिक) शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर- त्रिकोरकी परतें (ट्रिप्लोब्लास्टिक) शब्द का अर्थ, भ्रूण परतें (Embryonic Layers) हैं। भ्रूण में पाई जाने वाली तीन कोशिका परतों – एक्टोडर्म, मीजोडर्म तथा एंडोडर्म – से प्राणी शरीर के विभिन्न भाग बनते हैं, जिन्हें त्रि-जननस्तरी (Triploblastic ) कहते हैं।
प्रश्न 48. प्रमुख अरज्जुकी संघों के नाम लिखिए। प्रत्येक का एक-एक मुख्य लक्षण तथा एक-एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर- प्रमुख अकशेरुकी फाइलमों के नाम इस प्रकार हैं-
(1) फाइलम पेरिफेरा ( Porifera / स्पंज ) मुख्य लक्षण – इनके शरीर में अनेक छिद्र, सारणियाँ अथवा कोष्ठ होते हैं, जिनके अंदर से जल प्रवाहित होता है। इनके सभी भागों को मिलाकर नाल तंत्र (Canal System) भी कहते हैं ।
उदाहरण– साइकॉन (Sycon), यूप्लेक्टेला ( Euplectella)
(2) फाइलम नाइडेरिया ( Cnidaria / हाइड्रा )
मुख्य लक्षण – इनके शरीर की भित्ति में दो परतें (i) बाहरी एपिडर्मिस (epidermis ) तथा (ii) भीतर गैस्ट्रोडर्मिस (gastrodermis) होती हैं और दोनों के बीच में जैलीनुमा अकोशिकीय मीजोग्लीया होती है।
उदाहरण–हाइड्रा (Hydra), समुद्री एनिमोन (Sea animone)
( 3 ) फाइलम प्लैटीहेल्मिंथीज (Platyhelminthes)
मुख्य लक्षण -इनके लंबे कोमल शरीर वाले पृष्ठ होते हैं। ये अधरतः चपटे कृमि होते हैं। इनमें वास्तविक विखंडन नहीं होता ।
उदाहरण – प्लैनेरिया (Planaria), टीनिया (Taenia)
(4) फाइलम ऐस्कहैल्मिंथीज (Aschelminthes)
मुख्य लक्षण – ये नर-मादा में अलग-अलग होते हैं। नर छोटे होते हैं तथा मादा बड़ी होती है। इसकी मुख्य श्रेणी नीमेटोडा (Nematoda) होती है, जिसके अंतर्गत सामान्य गोल कृमि ऐस्केरि होती है, जो मनुष्य की आँतों में पाई जाती है।
( 5 ) फाइलम एनीलिडा (Annelida)
मुख्य लक्षण – ये लंबे सखंड, सीलोमयुक्त कृमि जैसे प्राणी होते हैं।
उदाहरण – नीरीस (Neris), हिरुडिनेरिया ( Hirudinaria)
(6) फाइलम आर्थ्रोपोडा ( Arthropoda)
मुख्य लक्षण – इनका शीर्ष तथा वक्ष कभी-कभी समेकित होकर शिरोवक्ष (Cephalathroat) बना लेते हैं।
उदाहरण – बिच्छू (Scorpion), झींगा (Prawn ), कॉकरोच (Cockroach)
(7) फाइलम मोलस्का (Mollusca)
मुख्य लक्षण – इनका बाह्य कंकाल एक कवच के रूप में होता है। जब ये इसका प्रयोग कवच के रूप में करते हैं, तब कवच या तो एक कपाटी ( Univalve) या द्विकपाटी (Bivalve) या कुछ में अंदर की ओर होता है।
उदाहरण–पाइला (Pila), यूनियो (Unio)
(8) फाइलम इकाइनोडर्मेटा (Echinodermata)।
मुख्य लक्षण – ये समुद्री प्राणी होते हैं तथा इनके शरीर में खंड नहीं होते।
उदाहरण – तारामीन (Starfish )
प्रश्न 49. निम्नलिखित में एक-एक प्रमुख अंतर बताइए –
(i) चक्रमुखी (साइक्लोस्टोम ) तथा अन्य मछलियाँ
(ii) कॉण्ड्रिक्थीज तथा ऑस्टिकथीज उदाहरण दें।
उत्तर- (i) साइक्लोस्टोम तथा मछलियों में जबड़े नहीं होते, जबकि अन्य मछलियों में जबड़े होते हैं।
(ii) कॉण्ड्रिक्थीज मछलियों का कंकाल कार्टिलेज का बना होता है, जैसे- स्कोलियोडॉन (Scoliodon), जबकि ऑस्टिकथीज मछलियों का कंकाल हड्डियों का बना होता है, जैसे-लेबियो (Labeo) ।
प्रश्न 50. मेंढकों को क्लास ऐम्फिबिया में क्यों रखा जाता है ?
उत्तर- इनका जीवन दोहरा होता है। ये अंशत: जल में और अंशतः स्थल, दोनों स्थानों पर रहते हैं । इनकी त्वचा चिकनी अथवा खुरदरी ग्रंथियों से भरपूर होती है। इनके दो जोड़ी पैर होते हैं। इनकी उंगलियों में नाखून नहीं होते। इनका शरीर छोटा तथा चौड़ा होता है तथा इनकी पूँछ नहीं होती। इनके आगे के पैर छोटे तथा पीछे के पैर लंबे होते हैं। इनका हृदय तीन कक्षीय होता है।
प्रश्न 51. रेप्टाइलों के दो विशेष लक्षण बताइए । पाँच रेप्टाइलों के उदाहरण दीजिए ।
उत्तर- रेप्टाइल स्थलचर और जलचर होते हैं। इनका शरीर शृंगीय शल्कों से ढका हुआ होता है। इनकी त्वचा शुष्क होती है। ये फेफड़ों द्वारा श्वसन क्रिया करते हैं। इनके हृदय में तीन कक्ष (मगरमच्छों में चार कक्ष) होते हैं।
उदाहरण- कछुए, छिपकली, सांप, मगरमच्छ, घड़ियाल ।
प्रश्न 52. पक्षियों के कोई तीन लक्षण बताइए, जिनके द्वारा वायु जीवन के लिए अनुकूलित होते हैं। न उड़ सकने वाले पक्षियों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर – पक्षियों के लक्षण
(i) पक्षियों का समतापी ( warm blooded) या homiothermal या endothermal होना अर्थात शरीर का तापमान स्थिर बना रहता है।
(ii) इनके अग्र-पाद पंखों में रूपांतरित होते हैं, जिनसे उड़ा जा सके।
(iii) इनका हृदय चार कक्ष वाला तथा फेफड़ों के साथ वायु थै जुड़े होते हैं। न उड़ सकने वाले पक्षी उपक्लास
रेटाइटी में आते हैं, जैसे- शुतुरमुर्ग, किवी ।
प्रश्न 53. मैमेलिया के तीन लक्षण बताइए तथा प्रोटोथीरिया, मेटाथीरिया तथा यूथीरिया में कोई एक अंतर बताइए |
उत्तर – मैमेलिया के लक्षण
(i) दुग्ध (स्तन) ग्रंथियां पाई जाती हैं।
(ii) नियततापी व हृदय चार कक्षों वाला होता है।
(iii) गर्भ का पोषण माँ के प्लेसेंटा (Placenta ) से होता है तथा शिशु को जन्म देते हैं।
प्रोटोथिरिया, मेटाथीरिया तथा यूथीरिया में अंतर
प्रोटोथीरिया मादाएं अंडप्रजक होती हैं, जैसे-डक बिल प्लैटीपस।
मेटाथीरिया में बच्चे अपरिपक्व पैदा होते हैं। मादाओं में मार्सुपियम (थैली) होती हैं।
उदाहरण–कंगारू। यूथेरिया में बच्चे परिपक्व दशा में पैदा होते हैं। उदाहरण – चूहा, मनुष्य आदि ।
प्रश्न 54. मैमेलिया के किन्हीं पाँच गणों ( ऑर्डरों) के नाम बताइए। प्रत्येक गण (ऑर्डर) का एक-एक विशेष लक्षण तथा एक-एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – मैमेलिया के निम्नलिखित गण (ऑर्डर) इस प्रकार हैं-
(1) काइरॉप्टेरा (Chiroptera)
लक्षण – ये उड़ने वाले स्तनी होते हैं।
उदाहरण – चमगादड़ आदि ।
(2) प्राइमेटस (Primates)
लक्षण – इनका मस्तिष्क बहुत विकसित होता है।
उदाहरण – बंदर |
( 3 ) रोडेन्शिया ( Rodentia )
लक्षण – ये शाकाहारी तथा स्थलीय होते
उदाहरण – चूहा।
(4) प्रोबोसिडिया ( Probascidea)
लक्षण–ये बड़े, शाकाहारी तथा स्थलीय होते हैंra
उदाहरण – हाथी।
(5) सीटेसिया (Cetacea)
लक्षण-ये जलीय होती हैं।
उदाहरण – ह्वेल आदि ।
पादप जगत और प्राणी जगत के परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. प्लांटी जगत को कितने भागों में वर्गीकृत किया
उत्तर– प्लांटी जगत को विभिन्न भागों में वर्गीकृत किया गया है; यथा-ब्रायोफाइटा ( Bryophyta), ट्रैकियोफाइटा (Tracheaophyta), टेरिडोफाइटा (Pteridophyta), स्पर्मेटोफाइटा (Spermatophyta), जिम्नोस्पर्म (Gymnosperm), ऐंजियोस्पर्म (Angiosperm)।
प्रश्न 2. ब्रायोफाइटा वर्ग के पौधे किस प्रकार के होते हैं?
उत्तर- इस वर्ग में मुख्य रूप से दो प्रकार के पौधे पाए जाते हैं- चपटे रिबन के आकार के, जैसे- लिवरवर्ट (Liverworts ) तथा छोटे पत्तीदार स्तम्भ, जैसे – मॉसस (Mosses)।
प्रश्न 3. लिवरवर्ट तथा मॉसस का एक-एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर- लिवरवर्ट (Liverworts), उदाहरण – (Riccia) रिकिसया । मॉसस (Mosses), उदाहरण – (Funaria) फ्यूनेरिया ।
प्रश्न 4. ब्रायोफाइटों में किस प्रकार से जनन होता है ?
उत्तर – ब्रायोफाइटों में लैंगिक जनन होता है। ये गैमीटोफाइट (Gametophyte) होते हैं। नर तथा मादा के युग्मकों के संलयन से एक पिंड बनता है, जो विकसित होकर स्पोरोफाइट (Sporophyte) बनाता है। स्पोरोफाइट पर स्पोर बनते हैं, जो विकसित होकर फिर से गैमीटोफाइट बन जाता है।
प्रश्न 5. वे पौधे जिनमें फूल तथा बीज नहीं बनते, किस वर्ग में आते हैं?
उत्तर- ये पौधे टेरिडोफाइट (pteridophyte ) वर्ग में आते हैं। उदाहरण- फर्न (Fern ) ।
प्रश्न 6. टेरिडोफाइट (Pteriodophyte ) को ट्रैकियोफाइट का समूह क्यों कहते हैं?
उत्तर- इन पौधों के शरीर में संवहनी ऊतक जाइलम तथा फ्लोएम होता है। इसलिए इन्हें ट्रेकियोफाइट (Tracheaophyte) का समूह कहते हैं।
प्रश्न 7. स्पोरोफाइट से गैमीटोफाइट तथा गैमीटोफाइट का फिर से स्पोरोफाइट में विकसित होना क्या कहलाता है ?
उत्तर- इस परिघटना को पीढ़ी एकांतरण (Alternation of Generation) कहते हैं।
प्रश्न 8. टेरिडोफाइटा को स्पोराफाइट क्यों कहते हैं?
उत्तर- इन पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर स्पोर बनाने वाली ग्रन्थियां पाई जाती हैं, जिन्हें स्पोरेंजिया कहते हैं। ये स्पोर बनाते हैं, इसलिए इन्हें स्पोरोफाइट कहते हैं।
प्रश्न 9. चीड़, देवदार आदि सामान्य पौधे जिनमें बीज बनते हैं, परन्तु फूल तथा फल नहीं लगते, किस वर्ग में आते हैं?
उत्तर– ये पौधे जिम्नोस्पर्मी (Gymnospermal) वर्ग के पौधे हैं। इन पौधों के बीज विशिष्ट प्रकार के होते हैं, जो पत्तियों के ऊपर खुले हुए होते हैं।
प्रश्न 10. जिम्नोस्पर्म की क्या विशेषताएं हैं?
उत्तर- इस वर्ग के पौधे काष्ठीय, बहुवर्षीय वृक्ष अथवा झाड़ी होते हैं। इन पौधों में भी संवहनी ऊतक पाये जाते हैं। पत्तियाँ द्विरूपी होती हैं। ये पौधे सदाबहार होते हैं।
प्रश्न 11. इन पौधों को जिम्नोस्पर्मी क्यों कहा जाता है?
उत्तर- क्योंकि इन पौधों में बीजांड मादा शंकु के पत्तीनुमा मेगास्पोरोफिलो (megasporophylls) पर नग्न रूप में बनते हैं। इसी आधार पर इन्हें जिम्नोस्पर्म नाम दिया गया है।
प्रश्न 12. ऐसे पौधे जिनमें फूल तथा बीज दोनों बनते हैं, किस वर्ग में आते हैं ?
उत्तर– फूल तथा बीज वाले सबसे अधिक परिचित पौधे ऐंजियोस्पर्म (Angiosperm) वर्ग में आते हैं। इनमें बीज एक फूल के भीतर बन्द होते हैं।
प्रश्न 13. ऐंजियोस्पर्म तथा जिम्नोस्पर्म में क्या अन्तर है?
उत्तर- ऐंजियोस्पर्म में बीज फल में बन्द होते हैं। इनमें फूल लगते हैं। इनमें जाइलम में वाहिकाएं तथा ट्रेकीड दोनों होते हैं। जिम्नोस्पर्म के बीज नग्न होते ये अण्डाश्य में बन्द नहीं होते । इनमें शंकु लगते हैं, स्पोर बनते हैं तथा जाइलम वाहिकाएं नहीं होतीं।
प्रश्न 14. फैमिली ब्रेसिकेसी में किस प्रकार के पौधे पाए जाते हैं ?
उत्तर- इस फैमिली के पौधे द्विबीजपत्री तथा शाक होते हैं । उदाहरण, सरसों (Brassica compestris), मूली ( Raphanus sativa), बंदगोभी ( Brassica oleracea) आदि ।
प्रश्न 15. जिन पौधों के फूल तितली के आकार के होते हैं, वे किस फैमिली से सम्बन्ध रखते हैं ?
उत्तर- ये पौधे फैमिली पेपीलियोनेसी (Papilionaceal) से सम्बन्ध रखते हैं। ये शाक तथा झाड़ी होते हैं। उदाहरण- मटर (Pisum sativum), अरहर (Cajanus cajan), मूंग (Phaseolus aureus ), मसूर (Lens culinasis) आदि ।
प्रश्न 16. ऐंजियोस्पर्म की कौन-कौन सी तीन फैमिली हैं? उनके नाम लिखिए ।
उत्तर- ब्रैसिकेसी (Braccicaceal), पेपिलियोनेसी (Papi- lionaceal) तथा पोएसी (Poaceal), ऐंजियोस्पर्म (Angiosperm) तीन फेमिलियां हैं।
प्रश्न 17. एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री पौधों में मुख्य अन्तर क्या है ?
उत्तर- द्विबीजपत्री पौधों में पुंकेसर ( नर भाग) 6 की संख्या में होते हैं। फैमिली पेपिलियोनेसी (Papilionaceal) में पुंकेसर की संख्या 10 तथा द्विसंधी होते हैं । एकबीजपत्री में पुंकेसर 3 तथा कभी-कभी 6 होते हैं । इनके फूल बहुत छोटे होते हैं I
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