प्रश्न 22. बताइए कि आप अपने बचत बैंक खाते से रोकड़ कैसे निकालेंगे?
उत्तर- आय का कुछ भाग बचत करके भविष्य के लिए बैंक में जमा करना अत्यन्त आवश्यक है। आवश्यकता के समय बैंक में जमा राशि बैंक से निकाली जा सकती है। हम अपने बचत बैंक खाते से निम्नलिखित का प्रयोग करके धन निकलवा सकते हैं-
1. रुपया निकालने वाला फार्म-
2. चैक – खाताधारी के रूप में आप अपने बचत बैंक खाते से या तो राशि निकालने वाले फार्म को भरकर तथा हस्ताक्षर करके या चैक जारी करके रुपया निकाल सकते हैं। रुपया निकालने वाले फार्म को केवल खाताधारी प्रयोग कर सकता है, अन्य नहीं । चैक पर प्रापक का नाम, तिथि, राशि शब्दों व अंकों में, खाता संख्या, आहर्ता के पूर्व हस्ताक्षर, आदि विवरण लिखना होता है। अन्य पक्षों को भुगतान करने हेतु चैक जारी किये जा सकते हैं। इस प्रकार दूसरे पक्ष (व्यक्ति) को दिये गये चैक की राशि उसके द्वारा बैंक से भी निकाली जा सकती है अथवा दूसरे बैंक में अपनी ओर से एकत्रित करने हेतु जमा किया जा सकता है। चैक द्वारा उसी प्रकार से रुपया निकाला जा सकता है, जिस प्रकार रुपया निकालने वाले फार्म द्वारा धन निकाला जाता है।
ए.टी.एम कार्ड – बैंक अपने जमा कर्त्ताओं को ए.टी.एम. कार्ड जारी करते हैं जिससे कि वह अपने खाते में से राशि सरलता से निकाल सकें। इस कार्ड का प्रयोग स्वचालित टैलर मशीन (ATM) के माध्यम से बचत बैंक खाते एवं चालू खाते दोनों से रुपया निकालने के लिए किया जा सकता है। यह एक चुम्बकीय कार्ड होता है। इसके परिचालन के लिए एक गुप्त नम्बर का प्रयोग किया जाता है। रुपया निकालने की यह सर्वाधिक सरल पद्धति है ।
प्रश्न 24. पे-इन-स्लिप क्या है? इसकी उपयोगिता बताइए ।
उत्तर- बचत खाते में जब कोई राशि, चैक, ड्राफ्ट आदि जमा कराये जाते हैं तो इनका विवरण जमा पर्ची में भरना पड़ता है । यह बैंक काउन्टर पर उपलब्ध रहती है या ग्राहक को खाता खोलने के समय दे दी जाती है। इस पर्ची में खाता संख्या, पृष्ठ-संख्या, राशि या विलेख का विवरण, खातेदार का नाम, रकम, जमा तिथि आदि का विवरण भरना पड़ता है । इस पर्ची की प्रतिपर्ण ( Counter-foil) भी होती है। प्राप्तकर्त्ता क्लर्क इस प्रतिपर्ण पर हस्ताक्षर करके बैंक
की मोहर लगाकर उसे वापस देता है।
प्रश्न 25. क्या आप अपने बचत बैंक खाते के शेष से अधिक राशि निकाल सकते हैं ? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए ।
उत्तर – बचत खाते से शेष से अधिक राशि नहीं निकाल सकते हैं। केवल चालू खाते में खाताधारी जमा राशि (अर्थात खाते के शेष) से अधिक धन निकाल सकता है। इस सुविधाओं अधिविकर्ष सुविधा कहते हैं।
प्रश्न 26. ए. टी. एम. क्या है? यह बैंक के ग्राहकों की किस प्रकार सहायता करता है?
उत्तर- बैंक अपने ग्राहकों को ए.टी.एम. कार्ड जारी करते हैं जिससे कि वे अपने खाते से सरलता से धन निकाल सके। इस कार्ड का प्रयोग स्वचालित टेलर मशीन (ATM) के माधयम से बचत खाते तथा चालू खाते दोनों से रुपया निकालने के लिए किया जा सकता है । यह एक चुम्बकीय कार्ड होता है। इसके परिचालन के लिए एक गुप्त नम्बर का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 27. एक बचत बैंक खाता खोलते समय, बैंक के जानने वाले व्यक्ति से परिचय कराना क्यों आवश्यक होता है?
उत्तर – बचत बैंक खाता खोलते समय, किसी ऐसे व्यक्ति जिसे बैंक जानता हो आवेदक का परिचय इसलिए कराया जाता है। ताकि संदिग्ध व्यक्ति द्वारा खाता खोलने को रोका जा सके।
बैंकिंग सेवाएं के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. बैंक के ग्राहकों को ए. टी. एम. से होने वाले लाभ बताइये ।
उत्तर- (क) धनराशि कहीं भी व किसी भी समय निकाली जा सकती है।
(ख) अपनी बैंक शेष राशि का पता लगाने के लिये बैंक नहीं जाना पड़ता ।
(ग) बैंक लेन-देनों का लघु विवरण प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 2. निम्न लेन-देन ई-बैंकिंग के किस क्षेत्र से सम्बन्धित हैं? पहचानिये ।
(क) एक कार्ड जिसका धारक अपने बैंक खाते में कोई धनराशि न होने पर भी व्यय कर सकता है।
(ख) एक मशीन जिसका उपयोग कर ग्राहक अपने जमा खाते में से अपनी सुविधानुसार पैसा निकाल सकते हैं।
(ग) एक पद्धति जिसमें खातेदार टेलीफोन पर बैंक सम्बन्धी सुविधायें प्राप्त कर सकता है।
(घ) एक सुगम मार्ग जिसके द्वारा किसी भी समय, किसी भी स्थान पर कितनी ही बार अपने खाते का परिचालन किया जा सकता है।
उत्तर- (क) क्रेडिट कार्ड
(ख) ए.टी.एम.
(ग) टेली बैंकिंग
(घ) इंटरनेट बैंकिंग ।
प्रश्न 3. डेबिट कार्ड एवं क्रेडिट कार्ड में अन्तर्भेद कीजिये ।
उत्तर- डेबिट कार्ड
(1) यह कार्ड बैंक के चालू खाता एवं बचत जमा खाता धारकों को जारी किये जाते हैं।
(2) यह कार्ड धारक को उसके बैंक खाते में जमा राशि तक व्यय करने की अनुमति देता है।
(3) डेबिट कार्ड की स्थिति में धारक खर्च अपने खाते की राशि से करता है। अतः उसे रकम लौटानी नहीं होती और न ही कोई ब्याज देना पड़ता ।
(4) डेबिट कार्ड केवल उन्हीं को जारी किये जाते हैं, जिनका उस बैंक में खाता होता है।
क्रेडिट कार्ड
(1) यह कार्ड ग्राहकों को उनकी साख की जाँच करने के पश्चात जारी किया जाता है, इसके लिये उनका खाता बैंक में होना आवश्यक नहीं है।
(2) कार्ड धारक वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय जारीकर्त्ता बैंक द्वारा निर्धारित उधार राशि की सीमा तक ही कर सकता है।
(3) इसमें कार्ड धारक को खर्च की गई राशि निश्चित देय तिथि तक बैंक को लौटानी होती है। यदि भुगतान निर्धारित अवधि के बाद किया जाता है तो ग्राहक को बैंक को ऊँची दर पर ब्याज देना पड़ता है।
(4) क्रेडिट कार्ड किसी को भी जारी किया जा सकता है।
प्रश्न 4. ई-बैंकिंग का अर्थ बताइये। ई-बैंकिंग की किन्हीं दो पद्धतियों को समझाइये |
उत्तर- आज बैंक का कार्य संचालन कम्प्यूटरीकृत उपकरणों की सहायता से किया जाता है। अब पहले की भाँति बैंक में जाकर ही कार्य कराने की जरूरत नहीं है। बैंक अनेक नई सेवाएँ प्रदान करने की स्थिति में हैं। आज व्यक्ति अपनी सुविधानुसार कभी भी बैंक से पैसा निकाल सकता है। भारत में कहीं भी बैंक खाता होने पर वह देश के किसी भी भाग में उसमें लेन-देन कर सकता है। ई-बैंकिंग के अन्तर्गत विभिन्न पद्धतियाँ हैं। उनमें से दो इस प्रकार हैं-
(क) टेली बैंकिंग– इस पद्धति में ग्राहक को टी-पिन नामक एक संकेत संख्या दी जाती है। इसके द्वारा ग्राहक टेलीफोन के माध्यम से ही अपने खाते का संचालन कर सकता है अर्थात् अपने खाते से पैसा निकालना, ड्राफ्ट जारी करना आदि कार्य बैंक को टेलीफोन पर निर्देश देकर कर सकता है। इसी प्रकार बैंक भी टेलीफोन द्वारा ग्राहक को अपनी योजनाओं, अवसरों, अंतिम तिथियों आदि के बारे में जानकारी देता रहता है तथा ग्राहक के बैंक खाते का ब्योरा भी उसे फोन पर देता है।
(ख) इंटरनेट बैंकिंग – यह बैंकिंग का अति आधुनिक तरीका है व इस समय सबसे अधिक प्रचलित है। इसमें कम्प्यूटर पर ग्राहक कहीं भी बैठे हुए अपने खाते का परिचालन कर सकता है, अपने खाते के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। इस पद्धति द्वारा ग्राहक का कार्य बहुत सरल हो जाता है।
प्रश्न 5. बैंक जमा खातों के प्रकार स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- बैंकों में लोग अपने धन को भिन्न-भिन्न उद्देश्य से जमा करते हैं । उद्देश्य की भिन्नता के कारण बैंक में अनेक प्रकार के खाते खोले जा सकते हैं । इन खातों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है-
1. बचत बैंक खता,
2. चालू जमा खाता,
3. सावधि जमा खाता,
4. आवर्ती जमा खाता ।
1. बचत बैंक खाता – यदि किसी व्यक्ति की आय सीमित है तथा वह भविष्य की आवश्यकताओं के लिए धन बचाना चाहता है तो उसके लिए बचत बैंक खाता सबसे अधिक उपयुक्त है। इस खाते
को प्रारम्भिक न्यूनतम जमा राशि (जो विभिन्न बैंकों में विभिन्न हैं) जमा करके खोला जा सकता है। इस खाते में धन किसी समय भी जमा कराया जा सकता है। इस खाते से धन या तो रुपया निकालने वाले फार्म अथवा चैक जारी करके अथवा ATM कार्ड द्वारा निकाला जा सकता है। साधारणतया बैंक इस खाते से धन निकालने की संख्या पर प्रतिबंध लगाते हैं। इस खाते में जमा राशि के शेष पर ब्याज दिया जाता है। बचत बैंक खाते पर ब्याज की दर विभिन्न बैंक में विभिन्न होती हैं तथा यह समय-समय पर बदलती रहती है। इस खाते में बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम शेष रखना पड़ता है।
2. चालू जमा खाता–व्यवसायों, कम्पनी तथा स्कूल, कॉलेज तथा हस्पताल जैसी संस्थानों को भुगतान बैंक खाते के माध्यम से करना होता है। चूंकि बचत बैंक खाते से धन निकालने की संख्या पर प्रतिबंध है, इसलिए यह खाता उनके लिए उपयुक्त नहीं है। अतः एक ऐसे खाते की आवश्यकता है जिससे वे कितनी बार ही धन निकाल सकें। इनके लिए बैंक चालू खाता खोलते हैं। बचत बैंक खाते की तरह इस खाते में भी खाता खोलते समय एक निश्चित न्यूनतम राशि की आवश्यकता होती है। इस खाते में बैंक शेष पर कोई ब्याज नहीं देता है। बल्कि खाताधारी को प्रतिवर्ष एक निश्चित राशि परिचालन व्यय के रूप में देनी होती है। खाता धारकों की सुविधा के लिए, बैंक जमा शेष से अधिक राशि निकालने की अनुमति देते हैं । इस सुविधा को अधिविकर्ष सुविधा कहते हैं। यह सुविधा कुछ विशिष्ट ग्राहकों को बैंकों से अनुबन्ध (Contract) करने पर निश्चित सीमा राशि के लिए दी जाती है।
3. सावधि जमा खाता ( आवधिक खाता भी कहलाता है) कुछ लोग लम्बे समय के लिए धन बचाते हैं यदि धन को बचत बैंक खाते में जमा कराये जायें तो बैंक कम दर पर ब्याज देते हैं। इसीलिए, धन को सावधि जमा खाते में जमा कराया जाता है। खाते में राशि एक निश्चित समय के लिए जमा कराई जाती है। यह अन्तराल 15 दिन से तीन वर्ष अथवा अधिक हो सकता है। इस दौरान राशि निकालने की अनुमति नहीं होती । हाँ, जमाकर्त्ता की प्रार्थना पर वह परिपक्वता से पूर्व राशि प्राप्त कर सकता है। इस स्थिति में बैंक मिलने वाली ब्याज की दर से कम ब्याज देता है। सावधि जमा खाते के ब्याज की राशि को निश्चित समय अन्तराल में निकाला जा सकता है। अवधि की समाप्ति पर जमा राशि निकाली जा सकती है अथवा इसे निश्चित अवधि के लिए नवीनीकरण कराया जा सकता है। बैंक सावधि जमा की रसीद की जमानत पर ऋण देते हैं। बचत खाते की तुलना में इस खाते पर ब्याज दर अधिक होती है।
4. आवर्ती जमा खाता – यह खाता उनके लिए उपयुक्त है जो नियमित रूप से बचत करते हैं तथा एक निश्चित समय के लिए राशि जमा करके अच्छा ब्याज कमाने की आशा करते हैं। इस खाते को खोलते समय किसी व्यक्ति को एक निश्चित राशि प्रत्येक माह एक निश्चित अवधि के लिए जमा करने का समझौता करना पड़ता है। अवधि की समाप्ति पर समस्त जमा राशि कमाये गये ब्याज सहित देय होती है। जमाकर्त्ता निश्चित अवधि के समाप्त होने से पहले खाता बंद कर सकता है तथा वह उस समय तक की जमा की गई राशि तथा ब्याज की राशि प्राप्त कर सकता है। खाते को व्यक्तिगत अथवा संयुक्त रूप से अथवा अवयस्क की स्थिति में अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। इस खाते में जमा राशि पर बचत बैंक खाते से अधिक परन्तु सावधि खाते पर उसी अवधि के लिए दिये जाने
वाले ब्याज से कम ब्याज मिलता है।
आवर्ती जमा खाते जमा राशियों के उद्देश्य पर आधारित विभिन्न
प्रकार के हो सकते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं
:
(i) गृह सुरक्षित खाता– छोटे बचत कर्त्तओं के लिए यह योजना अधिक सुविधाजनक मानते हैं। नियमित बचत के लिए बैंक जमाकर्ता को एक सैफ अथवा बॉक्स देता है। इस सैफ को जमाकर्त्ता नहीं खोल सकता। इस बॉक्स में जमाकर्त्ता नियमित रूप से रुपये पैसे डालता है, जिसे एक अन्तराल के पश्चात बैंक का प्रतिनिधि एकत्रित करता है तथा राशि को जमाकर्त्ता के खाते में जमा कर दिया जाता है। जमा राशि पर नाम मात्र की दर से ब्याज दिया जाता है।
(ii) संचित और बीमारी जमा खाता– इस खाते में नियमित जमा राशियों का उद्देश्य अचानक बीमारी के भारी व्ययों के करने के लिए अथवा अन्य अप्रत्याक्षित व्ययों को पूरा करता है। इस खाते में एक निश्चित राशि नियमित अन्तराल पर जमा कराई जाती है। ब्याज सहित एकत्रित जमा राशि को चिकित्सा व्ययों, हस्पताल व्ययों इत्यादि के भुगतान के लिए प्रयोग किया जा सकता है। जमा खाते का एक प्रकार है जिसमें धन राशि भविष्य में घर खरीदने,
(iii) गृह निर्माण जमा योजना / बचत खाता – यह भी आवर्ती अपना घर या “लैट बनवाने के लिए नियमित रूप से जमा कराई जाती है। इसमें जमा राशि पर अन्य आवर्ती जमा खातों की तुलना में अधिक ब्याज दिया जाता है।
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