प्रश्न 14. डाक सेवा से क्या तात्पर्य है ? किन्हीं दो सेवाओं को विस्तार से बताइए ।
उत्तर- डाकघर द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं को डाक सेवाएँ कहते हैं। इनमें पत्र और पार्सल को लाना या ले जाना, धन भेजने की व्यवस्था करना, जमाराशि स्वीकार करना, जीवन बीमा कराना आदि सम्मिलित हैं। डाकघर द्वारा दी जाने वाली दो प्रमुख सेवाओं की व्याख्या नीचे दी गई है-
1. डाक पत्र सेवा,
2. बैंकिंग सेवा ।
1. डाक-पत्र सेवा – डाकघर के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान को समाचार भेजा जाता है तथा प्राप्त किया जाता है। यह डाक पत्र सेवा द्वारा ही सम्भव है। हम अपने मित्रों और रिश्तेदारों को पत्र भेजते हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से भी अपनी कठिनाइयों के बारे में पत्र व्यवहार कर सकते हैं। कुछ विशेष अवसरों पर अपने मित्रों को बधाई – पत्र और उपहार भी भेजते हैं। इन सभी अवसरों पर संदेश भेजने और आप तक संदेश पहुँचाने में डाकघर अपनी एक खास डाक- पत्र सेवाओं के द्वारा आपकी मदद करता है, जिसे डाक पत्र सेवा कहते हैं। डाक विभाग की एक मुख्य सेवा है, जिसमें प्रेषक से पत्र और पार्सल एकत्र करके उन्हें प्राप्तकर्त्ताओं तक पहुँचाया जाता है। डाक पत्र सेवा अनेक विकल्पों द्वारा प्रदान की जाती है। इन विकल्पों की संक्षिप्त व्याख्या नीचे की गई है-
(i) पोस्टकार्ड – पोस्टकार्ड लिखित सम्प्रेषण का सबसे सस्ता साधन है। यह एक कार्ड होता है, जिसके दोनों ओर संदेश लिखा जा सकता है। पोस्टकार्ड पर पाने वाले का पता लिखने के लिए विशेष स्थान होता है। एक साधारण पोस्टकार्ड होता है और दूसरा प्रतियोगिता पोस्टकार्ड। यद्यपि दोनों प्रकार के पोस्टकार्डों का आकार समान होता है, परन्तु उनका मूल्य और रंग अलग-अलग होता है। मुद्रित पोस्ट कार्ड पर अतिरिक्त टिकट लगानी होती है।
(ii) अंतर्देशीय पत्र लिखित संदेश पोस्टकार्ड की तरह अंतर्देशीय पत्र द्वारा भी भेजा जा सकता है। यह पत्र डाकघरों से प्राप्त किया जा सकता है और देश में संदेश भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पोस्टकार्ड के विपरीत अंतर्देशीय पत्र के लिखित भाग को मोड़कर बंद कर दिया जाता है। केवल प्रेषक और प्राप्तकर्ता का नाम और पता ही दिखाई देता है। इस प्रकार संदेश की गोपनीयता बनी रहती है। अंतर्देशीय पत्र में किसी प्रकार की वस्तु या कागज संलग्न नहीं किया जा सकता है। विदेशों में पत्र भेजने के लिए ऐरोग्राम का प्रयोग किया जाता है, जो अंतर्देशीय पत्र जैसा ही होता है।
(iii) लिफाफे यद्यपि पोस्टकार्ड या अन्तर्देशीय पत्र पर संदेश लिखा जा सकता है, परन्तु पोस्ट कार्ड गोपनीय संदेश भेजने के लिए उपयुक्त नहीं है। अंतर्देशीय पत्र में कोई वस्तु या कागज संलग्न नहीं किया जा सकता, यद्यपि इसमें संदेश की गोपनीयता बनी रहती है। यदि किसी संगठन में नौकरी के लिए आवेदन पत्र या जीवन पत्र (Bio-data) भेजना है। क्या उसे डाक के द्वारा भेज सकते हैं? हाँ, इन्हें भेजने के लिए आपको डाक लिफाफे की आवश्यकता होगी अथवा सामान्य लिफाफे की, जिस पर डाक टिकट चिपकी होती है। संलग्न संदेश को उसके अन्दर डालकर लिफाफे को बन्द करके पाने वाले को भेज दिया जाता है।
लिफाफे सभी डाकघरों में उपलब्ध होते हैं। पत्र और अन्य दस्तावेज भेजने के लिए सरकारी व गैर-सरकारी दफ्तरों और व्यापारिक कंपनियों में इनका प्रयोग किया जाता है। पत्र भेजने के अलावा लिफाफों के द्वारा हम तस्वीरें, बधाई पत्र जैसी कम भार वाली वस्तुएँ भी भेज सकते हैं। डाकघर में अनेक प्रकार के लिफाफे मिलेंगे, जैसे साधारण लिफाफा, रजिस्टर्ड डाक के लिए लिफाफा आदि।
(iv) पार्सल डाक डाकघर की पार्सल डाक सेवा द्वारा वस्तुएँ एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जा सकती है। अर्थात् डाक विभाग की जिस सुविधा के द्वारा पार्सल के रूप में वस्तुएं भेजी जा सकती है, उसे पार्सल डाक कहते हैं। यह पार्सल पहुँचाने का विश्वसनीय और सस्ता साधन है। इसके अन्तर्गत निश्चित आकार और वजन के पार्सल देश में और विदेशों में भेजे जा सकते हैं। डाक शुल्क पार्सल के वजन के अनुसार लिया जाता है।
अंतर्देशीय तथा विदेशी पार्सल डाक के लिए अलग-अलग डाक व्यय देना होता है।
(v) बुक पोस्ट-मुद्रित सामग्री, किताबें, पत्रिकाएं, बधाई पत्र आदि बुक पोस्ट के द्वारा भेजे जा सकते हैं। इसके अंतर्गत किताबें और दस्तावेजों के लिफाफे बंद किए जाते हैं उन्हें मोहर बंद नहीं किया जाता है। लिफाफे के बाहर बुक पोस्ट लिखा जाना चाहिए। बुक पोस्ट पर डाक-शुल्क बंद लिफाफों की तुलना में कम होता है।
डाकघर की कुछ विशिष्ट डाक पत्र सेवाएं भी हैं। इन सेवाओं की संक्षिप्त व्याख्या नीचे की गई है-
(i) डाक प्रमाण-पत्र-जब साधारण पत्र डाक में डाले जाते हैं, तो डाकघर उसकी कोई रसीद नहीं देता, परंतु यदि कोई प्रेषक इस बात का प्रमाण चाहता है कि उसने वास्तव में पत्र डाक में डाला है, तो निश्चित शुल्क देकर डाकघर से इस बात का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जा सकता है। इसे डाक प्रमाण-पत्र कहते हैं। इस प्रमाण-पत्र को लेने के लिए प्रेषक और प्राप्तकर्ता का नाम और पूरा पता एक सादे कागज पर लिखकर उस पर निश्चित डाक टिकट लगानी होती है। यह कागज पत्रों के साथ डाकघर में दे दिया जाता है। डाकघर उस कागज पर अपनी मोहर लगा कर उसे वापस कर देता है। अब वह कागज पत्रों को डाक में डाले जाने के प्रमाण है। लेकिन पत्रों पर यूपीसी लिखना न भूलें। यूपीसी (UPC) का अर्थ है अंडर पोस्टल सार्टिफिकेट। किसी विवाद की स्थिति
में यह कागज प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकता है।
(ii) रजिस्टर्ड डाक-रजिस्टर्ड डाक सुविधा द्वारा इस बात का पता लग जाता है कि डाक द्वारा पत्र या पार्सल भेजा गया है अथवा नहीं। ऐसा पत्र या पार्सल पंजीकरण शुल्क (Registration Fee) के तौर पर अतिरिक्त डाक टिकट लगाकर डाकघर में दे दी जाती है। डाक सामग्री प्राप्त करके डाकघर तत्काल प्रेषक को एक रसीद दे देता है, जो डाक भेजे जाने के प्रमाण का कार्य करती है। ऐसे रजिस्टर्ड डाक को साधारण डाक से अलग करने के लिए उसके ऊपर रजिस्टर्ड डाक लिखा जाता है। यदि आप इसकी पुष्टि करना चाहते हैं कि आपका पत्र पाने वाले तक पहुँच गया है तो इसके लिए डाकघर रसीदी कार्ड की सुविधा प्रदान करता है।
(iii) बीमाकृत डाक बीमाकृत डाक ऐसी डाक-पत्र सुविधा है, जिससे मूल्यवान वस्तुओं को निश्चित राशि का बीमा कराकर डाक से भेजा जा सकता है। बीमे की राशि के अनुसार प्रीमियम डाकघर में जमा कराया जाता है। बीमाकृत डाक के लिए यदि पत्र या पार्सल डाक विमाग के निर्देशों के अनुरूप पैक और मोहर बंद नहीं होगा तो वह स्वीकार नहीं किया जाएगा।
(iv) स्पीड पोस्ट-डाक को शीघ्र प्राप्तकर्ता तक पहुँचाने के लिए आज स्पीड पोस्ट की सहायता ली जाती है। इस सुविधा के अंतर्गत पत्र, दस्तावेज और पार्सल निश्चित समयावधिा के भीतर तेजी से पहुँचाए जाते हैं। यह सुविधा कुछ खास डाकघरों में
उपलब्ध है। इसके लिए साधारण डाक से अधिक शुल्क लिया जाता है, जो दूरी के आधार पर तय किया जाता है।
(1) न्यस्त डाक-यदि किसी ऐसे व्यक्ति को पत्र भेजना है, जिसका कोई निश्चित पता आपको नहीं मालूम है तो आप उसे उस क्षेत्र के डाकपाल को भेज सकते हैं, जहाँ प्राप्तकर्ता रहता है। इन पत्रों को न्यस्त डाक कहते हैं। इन पत्रों को भेजने के लिए पत्रों पर “न्यस्त डाक” या “द्वारा डाकपाल” लिखा होना चाहिए। ऐसा लिखने से उस क्षेत्र के डाकघर में वह पत्र रख लिया जाता है और प्राप्तकर्ता डाकपाल से पत्र प्राप्त कर सकता है। डाकघर में इन पत्रों को 14 दिन तक रखा जाता है। उसके पश्चात पत्र प्रेषक को या पुनः प्रेषण केन्द्र को भेज दिया जाता है। यह सुविधा पर्यटकों और उन विक्रेताओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिनका एक विशेष पता नहीं होता। यह सुविधा ऐसे व्यक्तियों के लिए लाभदायक है, जो नित नए स्थान पर स्थायी पते की तलाश में हों।
2. बैंकिंग सेवाएँ-बैंक धन का लेन-देन करते हैं। बैंक जनता से जमा रशि लेते हैं और इन लोगों को ऋण देते हैं जिन्हें धन की जरूरत होती है। इसके अतिरिक्त ग्राहकों की मूल्यवान वस्तुएं सुरक्षित रखने, एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन भेजने, व्यापारिक सूचनाएँ देने आदि जैसे काम करके बैंक अपने ग्राहकों की सहायता करता है। डाकघर भी जनता से धन जमा करना तथा जमा रुपयों को निकालने की सुविधा प्रदान करता है। इस प्रकार डाकघर भी बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान करता है। डाकघर बचत को बढ़ावा देने और लोगों को बचत करने के लिए प्रेरित करने के लिए अनेक योजनाएँ चलाता है। डाकघर की कुछ महत्वपूर्ण बचत योजनाएँ इस प्रकार हैं-
(i) डाकघर बचत बैंक खाता इसमें हम डाकघर में अपनी बचत राशि जमा कर सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उसे निकाल सकते हैं। खाता खोलने के लिए 20 रु. की न्यूनतम राशि की आवश्यकता होती है और इस खाते में अधिकतम । लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। यह खाता संयुक्त रूप से भी चलाया जा सकता है और उस स्थिति में जमाराशि 2 लाख रुपए तक हो सकती है। धन निकालने की पर्ची या चैक से खाते से धन निकाला जा सकता है। डाकघर द्वारा बचत पर ब्याज दिया जाता है, जो आयकर से पूरी तरह मुक्त होता है।
(ii) पंचवर्षीय डाकघर आवर्ती जमा योजना आवर्ती जमा खाता 5 रुपए के गुणन में कितनी भी राशि से खोला जा सकता है। इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं होती। पांच वर्ष के लिए प्रत्येक मास रुपए जमा कराने होते हैं। एक वर्ष के बाद, जमा राशि की 50 प्रतिशत राशि पांच वर्ष की अवधिा के दौरान केवल एक बार निकाली जा सकती है। एक ही व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक आवर्ती जमा खाते खोले जा सकते हैं।
(iii) डाकघर सावधि जमा खाता 50 रुपए की न्यूनतम राशि से कोई भी व्यक्ति इस खाते को खोल सकता है। इसकी कोई सीमा नहीं होती। जमाकर्त्ता एक ही बार में पूरी राशि जमा कर सकता है। यह राशि उसे एक निश्चित अवधिा जैसे 1, 2, 3, 5 वर्ष के बाद मिलती है । इस खाते पर तिमाही चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर वर्ष में एक बार मिलता है। यह खाता न्यास द्वारा भी खोला जा सकता है। इस खाते में जमाराशि और ब्याज की राशि कर से मुक्त है।
(iv) डाकघर मासिक आय योजना- इस योजना के अन्तर्गत एक निश्चित रकम 6 वर्ष के लिए जमा की जाती है और जमाकर्त्ता को प्रत्येक महीने ब्याज मिलता है। इस योजना के अंतर्गत न्यूनतम 1000 रुपए, अधिकतम राशि 1 लाख रुपए तथा संयुक्त खाते में 6 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं। ब्याज के अलावा जमाराशि पर 10 प्रतिशत का बोनस भी मिलता है, जो भुगतान तिथि पर मिलता है। ब्याज और बोनस दोनों ही आयकर से मुक्त हैं। यह खाता सेवानिवृत्त कर्मचारियों या ऐसे व्यक्ति के लिए उपयुक्त है, जो पेंशन या वेतन की तरह नियमित आय प्राप्त करना चाहते हैं।
(v) 6-वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र ( 8वीं निर्गम) योजना – राष्ट्रीय बचत – पत्र
(i) किसी भी डाकघर से
(ii) किसी वयस्क द्वारा अपने लिए या किसी अवयस्क के लिए या किसी अवयस्क द्वारा
(iii) दो वयस्कों द्वारा संयुक्त रूप से
(iv) न्यास द्वारा खरीदे जा सकते हैं।
इनकी न्यूनतम जमाराशि 100 रुपए है, जबकि इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं होत ।
प्रश्न 16. डाक सेवा से व्यापारिक लेन देन में किस प्रकार से सहायता मिलती है?
उत्तर- डाक सेवा से व्यापारिक लेनदेन को बढ़ावा – विभिन्न साधनों से मेल भेजने के अलावा डाकघर व्यापारिक कंपनियों को कुछ विशेष सेवाएं भी प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ सेवायें इस प्रकार हैं-
• मूल्य देय डाक (V.P. P . ) के द्वारा माल बेचने में मदद करना।
• बिजनेस रिप्लाई डाक से डाक-शुल्क लिए बिना ग्राहकों के पत्र जाना।
• मीडिया पोस्ट के द्वारा उत्पादों के विज्ञापन में मदद देना ।
• एक्सप्रेस पोस्ट से विश्वसनीय और निश्चित अवधि में पार्सल सेवा देना।
• बिजनेस पोस्ट सेवा के द्वारा ज्यादा डाक भेजने वालों को प्री-मेलिंग सुविधाएँ देना ।
• कॉरपोरेट मनीआर्डर के द्वारा बड़ी राशि भेजना ।
• पोस्टबैग और पोस्टबॉक्स सुविधा के माध्यम से डाक इकट्ठी करने के विशेष प्रबंध करना ।
उपर्युक्त सुविधाओं की संक्षिप्त व्याख्या नीचे दी गई है-
1. मूल्य देय डाक ( वी. पी.पी.) – कभी – कभी व्यापारियों द्वारा अपरिचित ग्राहकों को माल भेजा जाता है। इस स्थिति में व्यापारी को सन्देह रहता है कि माल मिल जाने पर ग्राहक भुगतान करेगा या नहीं, दूसरी ओर ग्राहक को यह सन्देह रहता है व्यापारी माल ठीक भेजेगा या नहीं। इस समस्या को हल करने के लिए डाकघर द्वारा मूल्य देय डाक सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इस सुविधा के अन्तर्गत डाकघर विक्रेता से पैक माल लेता है और ग्राहकों तक पहुँचाता है। ग्राहक को माल की सुपुर्दगी तब दी जाती है जब ग्राहक माल का मूल्य चुका देता है। ग्राहक द्वारा चुकायी गयी राशि डाकघर द्वारा व्यापारी को दे दी जाती है।
2. बिजनेस रिप्लाई पोस्ट- व्यवसाय का एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक उद्देश्य है-ग्राहक बनाना । इस उद्देश्य पूर्ति के लिए व्यापारी हमेशा ग्राहकों से तुरंत जवाब और प्रतिक्रियाओं की अपेक्षा करते हैं। इस दृष्टि में डाकघर रिप्लाई पोस्ट के माध्यम से ग्राहकों को अपने जवाब भेजने की सुविधा प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए व्यापारी निश्चित शुल्क देकर डाकघर से लाइसेंस ले सकते हैं। कार्ड अथवा लिफाफे पर लाइसेंस नम्बर स्पष्ट रूप से छपा होना चाहिए। साथ ही ‘बिजनेस रिप्लाई कार्ड ‘ ‘ प्राप्तकर्त्ता को कोई डाक शुल्क नहीं देना होगा’ ।
3. मीडिया डाक – इस सुविधा के अंतर्गत डाक विभाग व्यापारिक और सरकारी संगठनों को पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र, ऐरोग्राम और अन्य डाक लेखन सामग्री पर अपने विज्ञापन छापकर ग्राहकों तक पहुँचाने का अवसर देता है।
4. एक्सप्रेस डाक– डाकघर एक्सप्रेस पोस्ट सुविधा की मदद से व्यावसायिक ग्राहकों को पार्सल पहुँचाने की विश्वसनीय, तीव्र और सस्ती सेवा प्रदान करता है। इसमें 35 किलो तक के किसी भी पार्सल को निश्चित समय पर पहुँचाने की सुविधा है।
5. कॉरपोरेट मनीऑर्डर- व्यक्तियों की तरह व्यापारिक संगठन भी मनीऑर्डर के जरिए धन हस्तांतरित कर सकते हैं। उनके लिए डाकघर की कारपोरेट मनीआर्डर सेवा उपलब्ध है। इससे व्यापारिक संगठन देश के किसी भी भाग में एक करोड़ रुपए तक की राशि हस्तांतरित कर सकते हैं। यह सुविधा उपग्रह से जुड़े सभी डाकघरों में उपलब्ध है।
6. व्यावसायिक डाक– डाकघर अपने व्यापारी ग्राहकों की पूर्व मेल गतिविधियों की जिम्मेदारी लेकर उन्हें एक और सुविधा प्रदान करता है। इन गतिविधियों में प्रेषक से माल लेकर उन्हें पैकेटों में डालकर पार्सल चिपकाकर और उस पर पता लिखना शामिल है। इसमें पैंकिंग भी की जाती है।
डाक एवं कोरियर सेवाएं के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. बीमित डाक के लाभ बताइये |
उत्तर – यदि डाक का बीमा करवाया गया है तो रास्ते में किसी कारणवश, उसकी क्षति या नष्ट होने पर डाकघर बीमाकार के रूप में इसकी क्षतिपूर्ति करता है ।
प्रश्न 2. रजिस्टर्ड डाक का क्या अर्थ है ?
उत्तर – रजिस्टर्ड डाक से तात्पर्य ऐसी डाक से है जिसमें भेजने वाला यह सुनिश्चित करता है कि डाक निश्चित रूप से प्राप्तकर्ता को मिले, इसके लिए डाकघर प्रेषक को एक रसीद देता हैं जो डाक भेजने का प्रमाण होता है।
प्रश्न 3. न्यस्त डाक पत्र का क्या अर्थ है?
उत्तर – न्यस्त डाक पत्र की सुविधा का इस्तेमाल उस स्थिति में किया जाता है जब प्रेषणी का सही पता नहीं होता तब प्रेषक न्यस्त डाक सुविधा द्वारा डाक को उस क्षेत्र के डाक अधिकारी को भेज देता है जहाँ प्रेषणी रहता है। प्रेषणी डाकघर से यह पत्र अपनी पहचान कराकर प्राप्त कर सकता है। इस सुविधा का विशेष लाभ उन व्यक्तियों को होता है, जो यात्रा कर रहे होते हैं या ऐसे विक्रयकर्ताओं के लिए है जिनका किसी शहर में निश्चित पता नहीं होता या वे लोग जो नये स्थान पर अपने स्थायी पते की तलाश में होते हैं।
प्रश्न 4. व्यवसाय के लिये डाकघर द्वारा दी जाने वाली किन्हीं चार विशेष सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- डाक सेवाएँ सम्प्रेषण का सबसे पुराना व महत्त्वपूर्ण साधन हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत डाक सेवाओं के विकास में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारतीय डाक सेवाओं के नेटवर्क को विश्व के बड़े नेटवर्कों में माना जाता है। डाक सेवाओं को निम्न वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(क) डाक सेवाएँ, (ख) वित्तीय सेवाएँ, (ग) बीमा सेवाएँ, (घ) व्यवसाय विकास सेवाएँ ।
(क) डाक सेवाएँ – डाक सेवाओं के अन्तर्गत अपने देश में तथा अन्य देशों में भेजी जाने वाली डाक सेवाएँ आती हैं। लिखित संदेश भेजने के लिये पोस्टकार्ड, अन्तर्देशीय पत्र या लिफाफों का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त पार्सल बनाकर कुछ सामान भी भेजा जा सकता है। इसी प्रकार बुक प – पोस्ट द्वारा छपा सामान, पुस्तकें, पत्रिकाएँ, शुभ संदेश आदि भेजे जा सकते हैं। डाकघर जनता की सुविधा के लिये कुछ विशिष्ट सेवाएँ भी प्रदान करता है, जो निम्नलिखित हैं-
(i) डाक प्रेषण प्रमाण पत्र, (ii) पंजीकृत डाक, (iii) बीमाकृत डाक, (iv) द्रुतगामी डाक, (v) न्यस्त डाक |
(ख) वित्तीय सेवाएँ – डाक सेवाओं के अतिरिक्त डाकघर कुछ वित्तीय सेवाएँ भी प्रदान करता है, जैसे- बचत सेवाएँ, हस्तांतरण सेवाएँ एवं म्युच्युअल फण्ड एवं प्रतिभूतियों का वितरण आदि ।
1. बचत सेवाएँ – डाकघर जनता की बचत को जमा करने के लिये आठ विभिन्न सेवाएँ प्रदान करता है-
(i) डाकघर बचत बैंक खाता ।
(ii) 5 वर्षीय डाकघर आवर्ती जमा योजना ।
(iii) डाकघर समयावधि खाता ।
(iv) डाकघर मासिक आय योजना |
(v) 6 वर्षीय राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (आठवाँ निर्गमन) योजना |
(vi) 15 वर्षीय लोक भविष्य निधि खाता (PPF) ।
(viii) वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, 20041
(vii) किसान विकास पत्र योजना ।
2. धन हस्तांतरण सेवा – एक स्थान से दूसरे स्थान पर या अन्य देशों में धन के हस्तांतरण के लिए डाकघर मनीऑर्डर एवं पोस्टल सेवाएँ प्रदान करता है। मनीऑर्डर के अन्तर्गत एक डाकघर दूसरे डाकघर को एक व्यक्ति विशेष को मनीऑर्डर फॉर्म में लिखी धनराशि देने का आदेश देता है। अपनी इस सेवा के लिये डाकघर कमीशन लेता है। पैसा भेजने वाला डाकघर में रुपया जमा करा देता है। मनीऑर्डर फॉर्म के द्वारा अधिकतम 5000 रुपये की राशि भेजी जा सकती है। पोस्टल ऑर्डर अर्थात इंडियन पोस्टल ऑर्डर (आई.पी.ओ.) के माध्यम से भी धन भेजा जा सकता है। इस पद्धति के द्वारा मुख्यतः परीक्षा शुल्क या किसी पद के लिए आवेदन के लिये भेजे जाने वाले शुल्क को भेजा जाता है।
3. म्युच्युअल फंड एवं प्रतिभूतियों का वितरण – म्युच्युअल फंड व सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय करने के लिये निवेशक इस सुविधा का प्रयोग कर सकते हैं।
(ग) बीमा सेवाएँ – डाकघर लोगों का बीमा करके जीवन सुरक्षा की सेवा भी प्रदान करते हैं। डाकघर दो अलग-अलग योजनाओं के अन्तर्गत जीवन बीमा करते हैं-
(i) पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) एवं
(ii) ग्रामीण डाक जीवन बीमा (RPLI ) ।
पी. एल.आई. की जाँच योजनाएँ हैं –
(1) सुरक्षा ( बंदोबस्ती बीमा),
(2) सुविधा (परिवर्तनीय आजीवन जीवन बीमा),
(3) संतोष (बंदोबस्ती बीमा),
(4) सुमंगल ( संभावित बंदोबस्ती बीमा),
(5) युगल सुरक्षा ( पति-पत्नी का संयुक्त जीवन बंदोबस्ती बीमा) । पी. एल.आई. की भाँति डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बीमे की सुरक्षा कम प्रीमियम पर प्रदान करते हैं। आर.पी.एल.आई. की स्थापना 24 मार्च, 1995 में की गई।
(घ) व्यवसाय विकास सेवाएँ – डाकघर व्यावसायिक इकाइयों को कुछ विशेष प्रकार की सेवाएँ प्रदान करता है, जो निम्नलिखित हैं-
(i) व्यावसायिक डाक
(ii) मीडिया डाक
(iii) एक्सप्रेस पार्सल पोस्ट
(iv) सीधे डाक
(v) फुटकर डाक
(vi) व्यावसायिक उत्तरापेक्षित डाक
(vii) डाक दुकान
(viii) मूल्य देय डाक
(ix) कॉरपोरेट मनीऑर्डर
(x) पोस्ट बॉक्स एवं पोस्ट बैग सुविधा
(xi) बिल डाक सेवा
(xii) ई-डाक |
प्रश्न 5. विभिन्न डाक सेवाएँ कौन-कौन सी हैं ? उनमें से वित्तीय सेवाओं का उल्लेख कीजिये ।
उत्तर- डाक सेवाएँ सम्प्रेषण का प्राचीन तथा सबसे महत्त्वपूर्ण साधन हैं। भारत में डाकप्रणाली का आरम्भ 1766 में लार्ड क्लाइव ने सरकारी डाक भेजने के लिये किया था। यह जन- साधारण के लिये सन 1837 में उपलब्ध हुई थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत भारत में डाक सेवाओं के विकास में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस समय भारतीय डाक सेवा नेटवर्क की गणना विश्व की बड़ी डाक सेवाओं में होती है। डाक सेवाओं को विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत किया जाता
(क) डाक सेवाएँ
(ख) वित्तीय सेवाएँ
(ग) बीमा सेवाएँ
(घ) व्यवसाय विकास सेवाएँ ।
वित्तीय सेवाएँ – डाकघर विभिन्न वित्तीय सेवाएँ प्रदान करता है, जैसे डाकघर बचत योजना, धन हस्तान्तरण सेवाएँ एवं म्युच्युअल फण्ड एवं प्रतिभूतियों का वितरण आदि ।
1. बचत सेवाएँ-जनता की बचत को जमा करने के लिये डाकघर आठ विभिन्न योजनाओं की सुविधा देता है जो इस प्रकार है-
(क) डाकघर बचत बैंक खाता ।
(ख) 5 वर्षीय डाकघर आवर्ती जमा योजना ।
(ग) डाकघर समयावधि खाता ।
(घ) डाकघर मासिक आय योजना |
(ङ) 6 वर्षीय राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (आठवाँ निर्गमन) योजना |
(च) 15 वर्षीय लोक भविष्य निधि खाता । (PPF) ।
(छ) किसान विकास पत्र योजना |
(ज) वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, 2004
(ii) धन हस्तांतरण सेवा-धन हस्तांतरण सेवा के अन्तर्गत मनीऑर्डर एवं पोस्टल आर्डर सेवाएँ आती हैं जिनके द्वारा सुगमता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है। ग्राहकों की सुविधा के लिये डाकघर कई प्रकार की मनीऑर्डर सेवाएँ प्रदान करता है, जैसे- साधारण मनीऑर्डर, अन्तर्राष्ट्रीय धन हस्तांतरण सेवाएँ आदि । व्यवसायियों की सुविधा के लिये कारपोरेट मनीऑर्डर सेवा भी प्रदान करता है। पोस्टल ऑर्डर अर्थात इंडियन पोस्टल ऑर्डर का उपयोग मुख्यतः परीक्षा शुल्क अथवा किसी पद के लिये आवेदन, करते समय किया जाता है। मनीऑर्डर के समान यह भी धन हस्तांतरण की सरल पद्धति है।
(iii) म्युच्युअल फंड एवं प्रतिभूतियों का वितरण – इस सुविधा के द्वारा निवेशक को निर्धारित डाकघरों के माध्यम से म्युच्युअल फंड व सरकारी प्रतिभूतियों के क्रय की सुविधा दी जाती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, प्रूडेन्सीयल आई.सी.आई.सी. आई. के म्युच्युअल फण्ड, आर.बी.आई. । सरकारी रिलीफ फंड और आई.सी.आई.सी.आई. सेफ्टी बॉण्ड बंगलौर, चैन्नई, चंडीगढ़, दिल्ली, मुम्बई के 42 डाकघरों पर उपलब्ध है।
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