NIOS Class 10th Business Studies Chapter 8. डाक एवं कोरियर सेवाएं
NIOS Class 10th Business Studies Chapter 8 डाक एवं कोरियर सेवाएं – ऐसे छात्र जो NIOS कक्षा 10 Business Studies विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यहां पर एनआईओएस कक्षा 10 व्यवसाय अध्ययन अध्याय 4 (डाक एवं कोरियर सेवाएं) के लिए सलूशन दिया गया है. यह जो NIOS Class 10 Business Studies Chapter 8 Postal and Courier Services दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है . ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए. इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 10 Business Studies Chapter 8 डाक एवं कोरियर सेवाएं के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
NIOS Class 10 Business Studies Chapter 8 Solution – डाक एवं कोरियर सेवाएं
प्रश्न 2. अंतर्देशीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मेल में अंतर बताइए ।
उत्तर- भारतीय डाक सेवा अंतर्देशीय और अंतर्राष्ट्रीय, दोनों तरह की डाक संभालती है। अंतर्देशीय डाक वह है, जिनमें पत्र भेजने वाला एवं पाने वाला दोनों ही एक देश की सीमाओं में रहता है। दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय पत्र वह पत्र है, जिसमें पत्र भेजने वाले एवं पाने वाले, दोनों ही अलग-अलग देशों में रहते हैं।
प्रश्न 3. ग्रामीण संचार सेवा का क्या अर्थ है ?
उत्तर- इस योजना का शुभारंभ हर घर में टेलीफोन की सुविधा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह डाक विभाग और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का संयुक्त उद्यम है। इसके अन्तर्गत घर-घर डाक ले जाने वाले डाकिए के पास एक मोबाइल फोन होगा। डाकिए को निश्चित शुल्क देकर लोग इस फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुविधा केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही उपलब्ध है।
प्रश्न 4. 15 वर्षीय सार्वजनिक भविष्य निधि खाते की विशेषताएं बताइए।
उत्तर – व्यक्ति अपने नाम से या अपने अवयस्क बच्चों के नाम पर यह खाता खोल सकता है। इस खाते में प्रत्येक वर्ष कम से कम एक बार रुपए जमा कराना होता है। एक खातेदार एक वर्ष में अधि कतम 70,000 रुपए जमा कर सकता है, जो एकमुश्त या अधिकतम 12 किस्तों में जमा कराए जा सकते हैं। इसमें प्रत्येक वर्ष कम से कम 500 रु. जमा कराने होते हैं। हर जमा राशि 100 रुपए के गुण में होनी चाहिए। इसका अर्थ है कि आप 2250 या 8785 रुपए जैसी राशि जमा नहीं करा सकते, बल्कि जमाराशि 2200 रुपए या 8700 रुपए होनी चाहिए। 3 वर्ष के बाद ऋण सुविधा भी उपलब्ध है। जबकि खाते से रुपए केवल 7 वर्ष के बाद ही निकाले जा सकते हैं। जमाराशि पर आयकर में छूट मिलती है। जमा राशि पर अर्जि ब्याज आयकर से पूरी तरह मुक्त है।
प्रश्न 5. डाक सेवाओं में पिन क्या उद्देश्य पूरे करता है?
उत्तर – यद्यपि मेल पर पता लिखते समय पिन लिखना अनिवार्य नहीं है परन्तु इसे लिखना अच्छा होता है। इससे डाक की छँटाई जल्दी और आसानी से हो जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 1854325 लिखा है, तो उसका पहला अंक देखते ही छँटाई सहायक को पता चल जाएगा कि पत्र बिहार या उत्तराखंड भेजा जाएगा। यदि वह आगे (854) देखेगा तो उसे पता चलेगा कि प्राप्तकर्त्ता बिहार के पूर्णिया क्षेत्र में रहता है। इस प्रकार पत्रों की छँटाई आसान और जल्दी हो जाती है।
प्रश्न 6. वी. पी.पी. तथा बी. आर. पी. में अन्तर बताइए ।
उत्तर – वी. पी. पी. ( मूल्य देय डाक ) – कभी – कभी व्यापारियों द्वारा अपरिचित ग्राहकों को माल भेजा जाता है। इस स्थिति में व्यापारी को सन्देह रहता है कि माल मिल जाने पर ग्राहक भुगतान करेगा या नहीं। दूसरी ओर ग्राहक को भी यह सन्देह रहता है कि व्यापारी माल ठीक भेजेगा या नहीं। इस समस्या को हल करने के लिए डाकघर द्वारा मूल्य देय डाक सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इस सुविधा के अन्तर्गत डाकघर विक्रेता से पैक माल लेता है और ग्राहकों तक पहुँचाता है। ग्राहक को माल की सुपुर्दगी तब दी जाती है जब ग्राहक माल का मूल्य चुका देता है। ग्राहक द्वारा क गयी राशि डाकघर द्वारा व्यापारी को दे दी जाती है।
2. बी. आर. पी. (बिजनेस रिप्लाई पोस्ट ) – व्यवसाय का एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक उद्देश्य है- ग्राहक बनाना। इस उद्देश्य पूर्ति के लिए व्यापारी हमेशा ग्राहकों से तुरंत जवाब और प्रतिक्रियाओं की अपेक्षा करते हैं। इस दृष्टि में डाकघर रिप्लाई पोस्ट के माध्यम से ग्राहकों को अपने जवाब भेजने की सुविधा प्रदान करता है।
इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए व्यापारी निश्चित शुल्क देकर डाकघर से लाइसेंस ले सकते हैं। कार्ड अथवा लिफाफे पर लाइसेंस नम्बर स्पष्ट रूप से छपा होना चाहिए। साथ ही ‘बिजनेस रिप्लाई कार्ड/ प्राप्तकर्त्ता’ को कोई डाक शुल्क नहीं देना होगा।
प्रश्न 7. डाकघरों में किस-किस रंग की पत्र पेटी पाई जाती है? उनका क्या उद्देश्य है?
उत्तर- डाकघरों में उपलब्ध पत्र – पेटिकाएँ अलग-अलग रंगों की होती हैं। कुछ स्थानों पर लाल, हरे, नीले और पीले जैसे अलग-अलग रंगों की पत्र – पेटिकाएं लगी होती हैं। वास्तव में विभिन्न रंगों की पत्र- पेटिकाएँ लगाने का उद्देश्य है कि अलग-अलग गंतव्य स्थानों की डाक को निकालने के समय ही अलग-अलग रखा जा सके। इससे पत्रों की जल्दी छँटाई और वितरण में मदद मिलती है। नीचे इस बात की व्याख्या की गई है कि किस पेटिका
में कौन-से पत्र डाले जा सकते हैं-
• लाल पेटिका में वे पत्र डाले जाते हैं, जो स्थानीय नहीं हैं।
• हरी पेटिका में स्थानीय डाक डाली जाती है।
• नीले डिब्बे में महानगरों में जाने वाली डाक डाली जाती है।
• पीले डिब्बे में सभी राजधानियों की डाक डाली जाती है।
प्रश्न 8. डाकघरों में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के पोस्टकार्डों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – पोस्टकार्ड – पोस्टकार्ड लिखित सम्प्रेषण का सबसे सस्ता साधन है। यह एक कार्ड होता है, जिसके दोनों ओर संदेश लिखा जा सकता है। पोस्टकार्ड पर पाने वाले का पता लिखने के लिए विशेष स्थान होता है। डाकघर से दो प्रकार के पोस्टकार्ड मिलते हैं। एक साधारण पोस्टकार्ड होता है और दूसरा प्रतियोगिता पोस्टकार्ड । साधारण पोस्टकार्ड का प्रयोग पत्र लिखने के लिए किया जाता है तथा प्रतियोगिता पोस्टकार्ड का प्रयोग रेडियो, टेलिविजन, पत्र-पत्रिकाओं में दी गई विभिन्न प्रतियोगिताओं में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भेजने के लिए किया जाता है। यद्यपि दोनों प्रकार के पोस्टकार्डों का आकार समान है, परन्तु उनका मूल्य और रंग अलग-अलग होता है।
संदेश शब्दों या चित्र में पोस्टकार्ड के किसी भी ओर मुद्रित किया जाता है, तो अतिरिक्त डाक टिकट लगानी होगी। इस प्रकार के कार्ड को मुद्रित पोस्ट कार्ड कहते हैं। पोस्टकार्ड के आकार में बधाई कार्ड भी होता है, जिन पर चित्र या संदेश छपे होते हैं। यह भी एक मुद्रित डाक सामग्री है। डाकघर में जवाबी पोस्टकार्ड भी मिलते हैं, जिन्हें संदेश भेजने वाले पोस्टकार्ड के साथ लगा दिया जाता है। इन्हें भेजने से आपको पत्र पाने वाले का जवाब भी प्राप्त हो सकता है। वास्तव में इसमें दो साधारण पोस्टकार्डों को आपस में जोड़ दिया जाता है। एक पोस्टकार्ड का प्रयोग संदेश भेजने के लिए किया जाता है और दूसरे का उत्तर पाने के लिए। प्रेषक जवाबी पोस्टकार्ड पर अपना पता स्वयं लिख देता है और दोनों कार्डों को बिना अलग किए भेज देता है। जिस पोस्टकार्ड पर संदेश लिखा है, प्राप्तकर्त्ता उसे अलग कर लेता है एवं जवाबी कार्ड पर अपना उत्तर लिखकर उसे प्रेषक को भेज देता है।
प्रश्न 9. मनीआर्डर तथा पोस्टल आर्डर में अन्तर बताइए ।
उत्तर- धन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए डाकघर मनीआर्डर तथा पोस्टल ऑर्डर की सुविधा उपलब्ध कराता है। मनीऑर्डर द्वारा डाकघर के जरिए धन भेजा जा सकता है। यह एक डाकघर द्वारा दूसरे डाकघर को जारी किया जाने वाला आर्डर या आदेश है। जिसके तहत उस डाकघर को व्यक्ति विशेष को एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है। जो व्यक्ति धन भेजना चाहता है, उसे पहले एक मनीऑर्डर फार्म भरना होगा, जो सभी डाकघरों में कुछ भुगतान पर मिलता है। भरे हुए फार्म को भेजी जाने वाली राशि के साथ डाकघर में देना होता है। एक मनीऑर्डर फार्म से अधिकतम 5000 रुपए की राशि भेजी जा सकती है।
मनीऑर्डर फार्म में कुछ खाली जगह भी होती है, जहाँ भेजने वाला अपना संदेश लिख सकता है। भरे हुए फार्म को उस डाकघर में भेजा जाता है, जहाँ से भुगतान होना है। डाकिया फार्म को अपने साथ ले जाता है और जिसे राशि देनी होती है, उसके हस्ताक्षर लेकर उसे रुपए दे दिए जाते हैं। इस सेवा के लिए डाकघर एक निश्चित कमीशन लेता है, जो भेजी जाने वाली राशि के अनुसार होता है। ग्राहकों की सुविधा के लिए डाकघर अनेक प्रकार की मनीऑर्डर सेवाएँ प्रदान करते हैं, जैसे साधारण मनीऑर्डर, तार मनीआर्डर, स्पीडमनी आर्डर आदि । व्यापारियों की सुविधा के लिए कॉरपोरेट मनीऑर्डर सेवा भी उपलब्ध है।
पोस्टल ऑर्डर– मनीऑर्डर की तरह, पोस्टल ऑर्डर अर्थात् भारतीय पोस्टल ऑर्डर के जरिए भी धन भेजा जा सकता है। यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक धन भेजने का सुविधाजनक तरीका है। इसे अधिकतर परीक्षा शुल्क भेजने या नौकरी में आवेदन के साथ शुल्क भेजने के लिए प्रयोग किया जाता है। पोस्टल ऑर्डर सभी डाकघरों में विभिन्न मूल्य वर्गों जैसे 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, और 100 रुपये के होते हैं। कोई भी व्यक्ति निर्धारित शुल्क देकर पोस्टल ऑर्डर खरीद सकता है। प्राप्तकर्त्ता तथा जिस डाकघर से नकद राशि लेनी है, उसका नाम लिखकर प्राप्तकर्त्ता को भेज देते हैं। पोस्टल ऑर्डर पाने वाला उसे भुगतान के लिए पेश कर देता है। इस बात को सुनिश्चित करने हेतु कि पोस्टल आर्डर सही व्यक्ति को ही मिले, हम पोस्टल ऑर्डर को ठीक उसी प्रकार ऊपर बाईं ओर के कोने पर दो समानान्तर रेखाएं खींचकर रेखांकित कर सकते हैं, जिस प्रकार बैंक ड्राफ्ट या चैक को रेखांकित किया जाता है । इससे डाकघर या बैंक में प्रेषक के खाते के जरिए ही रुपए प्राप्त किए जा सकते हैं।
प्रश्न 10. डाकघरों की विभिन्न जीवन बीमा योजनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- डाकघर दो योजाओं के अन्तर्गत जीवन बीमा प्रदान करता है-
(i) डाकघर जीवन बीमा (PLI) – पोस्टल जीवन बीमा योजना प्रारम्भ में डाकघर कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कराई गई। थी। पिछले कुछ वर्षों में इसके अंतर्गत केन्द्र और राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, विश्वविद्यालयों, सरकारी अनुदान प्राप्त संस्थाओं, राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संगठनों के कर्मचारी भी लाए गए हैं। डाकघर इन संगठनों के उन कर्मचारियों, जिनकी आयु 50 वर्ष से कम है, का निश्चित अवधि के लिए निश्चित प्रीमियम के भुगतान पर जीवन बीमा करते हैं। डाकघर बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु या निश्चित अवधि के समाप्त हो जाने पर निश्चित रकम देने का वचन देता है।
(ii) ग्रामीण डाकघर जीवन बीमा (RPLI) – डाकघर जीवन बीमा की तरह डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और समाज के पिछड़े वर्गों को भी जीवन बीमा के तहत लाते हैं। इसे ग्रामीण डाकघर जीवन बीमा कहते हैं। इसके तहत बीमाकृत व्यक्ति बीमे के लिए बहुत ही कम प्रीमियम देता है।
प्रश्न 11. प्राइवेट कोरियर सेवा की व्याख्या करें।
उत्तर – कुछ निजी मेल संचालक भी हैं, जो जनता को मेल सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं। इन्हें निजी कूरियर कहते हैं। वे पत्र और पार्सल इकट्ठे करते हैं और गंतव्य स्थान तक पहुँचाते हैं। ये सेवाएँ निजी कूरियर सेवाएँ कहलाती हैं। निजी कूरियर पत्रों, पार्सलों और पैकेटों को एकत्रित करने और गंतव्य स्थानों तक पहुँचाने का काम जल्दी करते हैं। यदि पत्र और पार्सल कूरियर के द्वारा भेजे जाते हैं तो उन पर कोई डाक टिकट नहीं लगाने पड़ते । निजी कूरियर सेवाओं का शुल्क आमतौर पर डाकघर शुल्क से ज्यादा होता है तथा यह शुल्क एक समान नहीं होते। निजी कूरियर
बड़े शहरों और नगरों में लोकप्रिय हैं। ओवर नाइट एक्सप्रेस, ब्ल्यू डार्ट, फर्स्ट फ्लाइट आदि हमारे देश के कुछ बड़े निजी कूरियर हैं । निजी कूरियर की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
1. यह सम्प्रेषण का तीव्र साधन है।
2. यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार की सेवाएँ प्रदान करता है।
3. निजी कूरियर सोना (Gold) और आभूषण छोड़कर अन्य सभी प्रकार की वस्तुएं पहुँचाते हैं।
4. माल पहुँचाने के लिए रेलवे, सड़क यातायात, हवाई मार्ग का इस्तेमाल करने के अलावा कुछ एजेंसियाँ सन्देश भेजने के लिए फोन, टैक्स, फैक्स सुविधाओं का भी प्रयोग करती हैं।
5. ये वस्तुओं को सुरक्षित तथा समय पर पहुँचाने की पूरी जिम्मेदारी लेती हैं।
6.ये प्रेषक के ठिकाने से वस्तु लेकर उसे गंतव्य स्थान तक पहुँचाती हैं।
प्रश्न 12. डाकघरों द्वारा ‘पोस्ट बैग’ सुविधा को समझाइए |
उत्तर – पोस्ट बैग डाकघर साधारण डाक लेने वालों के लिए पोस्ट बाक्स और पोस्ट बैग सुविधा भी देता है। इस सुविधा के लिये प्राप्तकर्त्ता को किराया देने पर एक विशेष संख्या बाक्स या थैला निर्धारित कर दिया जाता है। उस संख्या पर आने वाली सारी मेल को डाकघर अपने पास रखता है। फिर जिसके नाम पर डाक होती है वह अपनी सुविधानुसार डाक लेने के लिए आवश्यक प्रबन्ध करता है। पोस्ट बाक्स और पोस्ट बैग में यह अन्तर है कि पोस्ट बाक्स में डाक लेने वाले व्यक्ति को डाकघर जाकर बाक्स खोलना होता है, परन्तु पोस्ट बैग अपने साथ कार्यालय में उसे खोल सकता है। कोई भी व्यक्ति या व्यवसाय जाकर अपने ऐसा बाक्स किराए पर ले सकता है ।
यह सुविधा निम्नलिखित वर्गों के लिए उपलब्ध है-
• व्यापारिक कंपनियाँ जो अपनी डाक शीघ्र प्राप्त करना चाहती हैं।
• बड़ी मात्रा में मेल प्राप्त करने वाले ।
• डाक द्वारा आदेश व्यापार करने वाले ।
• वे लोग, जिनका कोई स्थायी पता नहीं होता ।
• वे लोग, जो अपना नाम व पता गुप्त रखना चाहते हैं।
प्रश्न 13. डाकघर की धन भेजने की सेवाओं को बताइए ।
उत्तर- डाकघर द्वारा धन भेजने की सेवाएँ – डाकघर मनी आर्डर और पोस्टल आर्डर सुविधाएँ प्रदान करते हैं। जिनकी मदद से लोग अपना धन देश के अंदर-बाहर भेज सकते हैं।
संकेत : मनीऑर्डर और पोस्टल ऑर्डर की व्याख्या प्रश्न 9 में कर दी गई है।