NIOS Class 10th Business Studies Chapter 7. संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएं

NIOS Class 10th Business Studies Chapter 7. संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएं

NIOS Class 10 Business Studies Chapter 7. संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएं – आज हम आपको एनआईओएस कक्षा 10 व्यवसाय अध्ययन पाठ 7 संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएं के प्रश्न-उत्तर (Communication Services Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है । जो विद्यार्थी 10th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है. यहाँ एनआईओएस कक्षा 10 व्यवसाय अध्ययन अध्याय 7 (संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएं) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 10th Business Studies 7 संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएंके प्रश्न उत्तरोंको ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.

NIOS Class 10 Business Studies Chapter 7 Solution – संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएं

प्रश्न 1. सम्प्रेषण की परिभाषा लगभग 20 शब्दों में कीजिए।
उत्तर – सम्प्रेषण की परिभाषा – दो या अधिक व्यक्तियों के बीच तथ्यों, विचारों, सोच, और सूचना का मौखिक लिखित या संकेतों अथवा मुद्राओं के माध्यम से आदान-प्रदान की प्रक्रिया सम्प्रेषण कहलाती है। सम्प्रेषण की प्रक्रिया में संदेश का होना आवश्यक है, जिसमें एक पक्ष से दूसरे पक्ष तक पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया में दो पक्ष होते हैं-प्रेषक और प्राप्तकर्ता । जो संदेश भेजता है, उसे प्रेषक तथा जो संदेश प्राप्त करता है उसे प्राप्तकर्ता कहते हैं।

प्रश्न 2. सम्प्रेषण प्रक्रिया के चार तत्त्वों के नाम लिखिए।
उत्तर- 1. प्रेषक, 2. प्राप्तकर्ता, 3. संदेश, 4. प्रति उत्तर (Feedback)।

प्रश्न 3. व्यावसायिक सम्प्रेषण का क्या अर्थ है ?
उत्तर – व्यावसायिक सम्प्रेषण- व्यवसायी अपने कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, ग्राहकों, वितरकों, सरकार, बैंकों और बीमा कंपनियों साथ अपने व्यापार से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करते रहते हैं। व्यावसायिक गतिविधियों और उनके परिणाम से संबंधित सूचनाओं के ऐसे आदान-प्रदान को व्यवसाय सम्प्रेषण कहते हैं।

प्रश्न 4. पत्र सम्प्रेषण का सर्वश्रेष्ठ साधन है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? कारण लिखिए।
उत्तर – पत्र सम्प्रेषण का लिखित रूप है। इन्हें कोई भी व्यक्ति या संगठन भेज सकता है। लिखित संदेशों को पत्रों के रूप में विशेष संदेशवाहकों, डाकघरों और निजी कुरिअर सेवाओं द्वारा भेजा जा सकता है। पत्र सम्प्रेषण का सर्वश्रेष्ठ साधन है, क्योंकि इस माध्यम का प्रयोग ऐसी स्थिति में किया जाता है जहां आमने-सामने सम्प्रेषण कठिन है और साथ ही सम्प्रेषण के दूसरे साधन उपलब्ध नहीं हैं। इससे संवाद का रिकॉर्ड रखने में भी सहायता मिलती है। सम्प्रेषण के इस साधन पर खर्च बहुत कम आता है।

प्रश्न 5. ‘वॉइस मेल’ का दो वाक्यों में संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर – वॉयस मेल – यह कम्प्यूटर आधारित प्रणाली है जिसके द्वारा आने वाले टेलीफोन को प्राप्त करके उसका जवाब दिया जाता है। वॉयस मेल में कंप्यूटर की मेमोरी द्वारा टेलीफोन से आए संदेशों को जमा किया जाता है।

प्रश्न 6. शाब्दिक सम्प्रेषण का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – शाब्दिक सम्प्रेषण (Verbal Communication) शब्दों के द्वारा होता है। शब्द लिखित हो सकते हैं अथवा उन्हें मौखिक रूप से व्यक्त किया जा सकता है। मुंह से बोले गए शब्दों द्वारा किए गए सम्प्रेषण को मौखिक सम्प्रेषण कहते हैं। मौखिक सम्प्रेषण प्रवचन / बैठकों, सामूहिक विचार-विमर्श, सम्मेलनों, टेलिफोन पर की गई बातचीत और रेडियो संदेश के रूप में हो सकता है। लिखित सम्प्रेषण संदेश को लिखित शब्दों द्वारा प्रेषित किया जाता है। लिखित सम्प्रेषण के उदाहरण हैं – पत्र परिपत्र सूचनाएं, रिपोर्ट, पुस्तिकाएं, पत्रिकाएं, हैंडबुक आदि ।

प्रश्न 7. व्यवसाय में सम्प्रेषण के महत्व को उजागर करने वाले चार बिंदु प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर – किसी भी व्यवसाय की सफलता में व्यवसाय सम्प्रेषण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। निम्नलिखित बिन्दु व्यवसाय में सम्प्रेषण के महत्त्व को स्पष्ट करते हैं-
1. व्यवसाय में सम्प्रेषण ग्राहकों को व्यवसाय के उत्पादों और सेवाओं की जानकारी देने में सहायता करता है।
2. प्रभावी सम्प्रेषण से निर्णय जल्दी देने में मदद मिलती है। आज के प्रतियोगिता के दौर में निर्णय जल्दी लेना बहुत जरूरी है। सम्प्रेषण व्यवस्था सही होने से समय की बचत होती है, नुकसान कम होता है, लागत में कमी आती है और शीघ्र कारवाई होती है।
3. सम्प्रेषण व्यवस्था सही होने से व्यवसायियों को व्यवसाय का बेहतर प्रबंधन करने में सहायता मिलती है। यदि प्रबंधकों को सही समय पर सही सूचना उपलब्ध कर दी जाए तो वे इसका इस्तेमाल बढ़िया तरीके से कर सकते हैं।
4. जिस संगठन में सम्प्रेषण व्यवस्था अच्छी होती है वहां कर्मचारी संतुष्ट होते हैं और दिल लगा कर काम करते हैं, क्योंकि उनकी शिकायतों व सुझावों पर शीघ्र कार्यवाही होती है।
5. प्रभावी सम्प्रेषण से व्यवसायियों को अपने उत्पाद में सुधार और अपने ग्राहकों एवं कर्मचारियों से अपने संबंध बेहतर बनाने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 8. टेलीफोन शाब्दिक सम्प्रेषण का बहुत लोकप्रिय रूप है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ?
उत्तर- टेलीफोन मौखिक बातचीत का बहुत ही लोकप्रिय साधन है। संगठन के अन्दर और संगठन से बाहर संवाद के लिए टेलीफोन का काफी प्रयोग करते हैं। देश के भीतर लम्बी दूरी का संवाद एस. टी.डी. द्वारा होता है, जबकि विदेशों में किसी से बातचीत के लिए आई.एस.डी. सुविधा का प्रयोग किया जाता है। टेलीफोन से तुरंत संवाद स्थापित हो जाता है इसलिए इसका काफी प्रयोग हो रहा है।
व्यावसायिक फर्मों, सरकारी तथा निजी कार्यालयों में आंतरिक संवाद के लिए स्वचालित स्विचबोर्ड या निजी स्वचालित शाखा एक्सचेंज (PABX) लगाया जाता है। टेलीफोन की सुविधाएं सरकारी एवं निजी दोनों प्रकार की कम्पनियां उपलब्ध कराती हैं।

आज मोबाइल फोन काफी लोकप्रिय है, क्योंकि इससे आप किसी से, कहीं भी सम्पर्क कर सकते हैं। यह फिक्सड लाइन टेलीफोन से कई मायनों में बेहतर है। इसमें कई नई विशेषताएं हैं, जैसे लघु संदेश सुविधा – Short Messaging Services (SMS), Multimedia Messaging Services (MMS) । इनसे एक फोन से दूसरे फोन को लिखित संदेश या तस्वीरें भेजी जा सकती हैं। मोबाइल सेवा सरकारी और निजी दोनों प्रकार की कंपनियां उपलब्ध कराती हैं। महानगर टेलीफोन निगम लि., विदेश संचार निगम लि., एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस और टाटा देश में मोबाइल सेवा उपलब्ध कराने वाली महत्त्वपूर्ण कंपनियां हैं।

प्रश्न 9. शाब्दिक (लिखित) और गैरशाब्दिक ( मौखिक ) सम्प्रेषण में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – संकेत शाब्दिक सम्प्रेषण के लिए देखें प्रश्न 6 । गैर-शाब्दिक सम्प्रेषण दृश्य, श्रव्य या सांकेतिक हो सकता है। कई बार आप चित्रों, ग्राफ, प्रतीक और रेखाचित्रों को देखते हैं, जिनसे
आपको संदेश प्राप्त होता है। ये सभी दृश्यात्मक सम्प्रेषण के विभिन्न रूप हैं। उदाहरण के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा रुकने का संकेत, एक अध्यापक द्वारा विभिन जानवरों के चार्ट का प्रदर्शन दृश्यात्मक सम्प्रेषण है।

प्रश्न 11. सम्प्रेषण के अर्थ एवं प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- सम्प्रेषण ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यक्तियों के बीच तथ्यों, विचारों, सोच और सूचना का आदान-प्रदान मौखिक व लिखित रूप में या संकेतों या प्रतीकों द्वारा होता है । सम्प्रेषण प्रक्रिया में निम्नलिखित तत्त्व शामिल हैं-
प्रेषक : वह व्यक्ति जो संदेश भेजता है उसे स्रोता भी कहते हैं।
प्राप्तकर्ता : वह व्यक्ति जो संदेश प्राप्त करता है।
संदेश : सम्प्रेषण की विषय-वस्तु। इसमें तथ्य, विचार और भावनाएं हो सकती हैं।
प्रति-उत्तर : ( फीडबैक ) प्रेषक द्वारा भेजे गए संदेश पर प्राप्तकर्ता की प्रतिक्रिया या जवाब को प्रति- उत्तर कहते हैं। सम्प्रेषण प्रक्रिया को निम्न चित्र द्वारा दर्शाया जा सकता है-

प्राप्तकर्ता को संदेश भेजने या उससे प्रति उत्तर प्राप्त करने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है, जिसे सम्प्रेषण का माध्यम या साधन कहते हैं। यह प्राप्तकर्ता तक संदेश पहुंचाता है और उसकी प्रति – उत्तर लेकर आता है।

प्रश्न 12. गैर – शाब्दिक सम्प्रेषण के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या कीजिए |
उत्तर- गैर-शाब्दिक सम्प्रेषण दृश्य, श्रव्य या सांकेतिक हो सकता है। कई बार आप चित्रों, ग्राफ, प्रतीक और रेखाचित्रों को देखते हैं, जिनमें आपको सन्देश प्राप्त होता है। ये समस्त दृश्यात्मक सम्प्रेषण के विभिन्न रूप है। सड़क के चौक पर पुलिस वाले का रुकने का संकेत दृश्यात्मक सम्प्रेषण है। घंटियों, सीटियों, बजर, हॉर्न आदि के द्वारा भी हम अपना संदेश प्रेषित कर सकते हैं। इस प्रकार के ध्वनि माध्यमों से होने वाले सम्प्रेषण को श्रव्य सम्प्रेषण कहते हैं।

उदाहरण स्वरूप स्कूलों में घंटियों के प्रयोग से छात्रों और शिक्षकों को कक्षा की शुरूआत और समाप्ति की सूचना देना, कारखानों में सायरन बजाकर श्रमिकों की पारियों में परिवर्तन की सूचना देना श्रव्य संचार का उदाहरण है। शरीर के विभिन्न भागों या शारीरिक हाव-भाव से भी सम्प्रेषण सम्भव है। इसे सांकेतिक सम्प्रेषण कहते हैं। राष्ट्रीय झंडे की सलामी, राष्ट्रीय गान के दौरान शान्त खड़े रहना, हाथ हिलाना, सिर हिलाना, चेहरे पर गुस्से का भाव प्रकट करना आदि सांकेतिक सम्प्रेषण के उदाहरण हैं।

प्रश्न 13. ई-मेल लिखित संदेश प्रेषित करने का तीव्रतम साधन है। व्याख्या कीजिए ।
उत्तर– इलेक्ट्रॉनिक मेल या ई-मेल सम्प्रेषण का आधुनिकतम साधन है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक पद्धति द्वारा संदेश को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है। इसके लिए सर्वप्रथम आपको इंटरनेट पर से अपना ई-मेल एकाउंट खोलना पड़ेगा। इसके बाद आप अपने ई-मेल एकाउंट से पत्र संदेश, चित्र आदि कुछ भी किसी दूसरे के ई-मेल एकाउंट में भेज सकते हैं। दूसरा व्यक्ति जब भी अपने ई-मेल एकाउंट को देखता है उसे संदेश मिल जाता है। यह संदेश भेजने का श्रव्य तथा दृश्य माध्यम है। इस माध्यम से संदेश बहुत तेजी से भेजा जाता है। यह सुविधाजनक, कम खर्चीला और बिना किसी अड़चन वाला सिस्टम है। इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है।

प्रश्न 14. आप एक निर्यातक हैं और अमेरीका के एक आयातक को निर्ख की सही प्रति भेजना चाहते हैं । इसके लिए आप सम्प्रेषण का कौन-सा साधन इस्तेमाल करेंगे और क्यों?
उत्तर– इस स्थिति में फैक्स का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें भेजने वाले की मशीन से पाने वाले की मशीन पर पत्र दस्तावेज, रेखाचित्र एवं फोटो प्रेषित हो जाते हैं। यह टेलीफोन नेटवर्क पर समस्त विश्व में काम करती है। यह सम्प्रेषण का विश्वसनीय और जल्दी होने वाला सस्ता साधन है।

संप्रेषण (संदेशवाहन ) सेवाएं के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1. संप्रेषण प्रक्रिया में कौन-कौन से तत्त्व शामिल होते हैं?
उत्तर – संप्रेषण प्रक्रिया में निम्नलिखित तत्त्व शामिल होते हैं-
1. प्रेषक – व्यक्ति जो संदेश भेजता है ।
2. प्राप्तकर्ता – व्यक्ति जो संदेश प्राप्त करता है।
3. संदेश- संप्रेषण की विषय-वस्तु ।
4. प्रति – उत्तर – संदेश के प्रति प्राप्तकर्ता की प्रतिक्रिया ।

प्रश्न 2. संप्रेषण कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर – संप्रेषण दो प्रकार का होता है-शाब्दिक व गैर – शाब्दिक । शाब्दिक संप्रेषण वह है जो लिखित रूप में दिया जाता है तथा गैर-शाब्दिक संप्रेषण मौखिक रूप में दिया जाता है।

प्रश्न 3. फैक्स द्वारा संप्रेषण किस प्रकार होता है?
उत्तर – फैक्स एक इलैक्ट्रानिक उपकरण होता है, जिसके माध्यम से हाथ से लिखे या छपे हुए शब्द, ग्राफ, रेखाचित्र आदि एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जा सकते हैं।

प्रश्न 4. चित्रों, संकेतों या तस्वीरों द्वारा संप्रेषण, कौन-सा संप्रेषण कहलाता है ?
उत्तर- चित्रों, संकेतों या तस्वीरों द्वारा संप्रेषण को दृश्यात्मक संप्रेषण कहते हैं।

प्रश्न 5. व्यापार के क्षेत्र में प्रयोग किये जाने वाले कुछ सम्प्रेषण के साधनों की व्याख्या करें।
उत्तर – सम्प्रेषण के साधन (Modes of Communi- cation ) – हम सूचनाओं का आदान-प्रदान कई तरीकों से करते हैं। इन्हें सम्प्रेषण के साधन कहा जा सकता है। दूसरे से आमने-सामने बात करते समय सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए हम शब्दों का
प्रयोग करते हैं या अपने शरीर के कई अंगों का प्रयोग करते हैं। यदि हम आमने-सामने बात नहीं कर सकते तो हम अपना संदेश प्रेषित करने के लिए दूसरे माध्यमों की सहायता लेते हैं। उदाहरण स्वरूप, लिखित संदेश भेजने के लिए हम पत्रों का प्रयोग कर सकते हैं।

इसके अलावा हम लोगों से टेलीफोन पर बात कर सकते हैं, तार भेज सकते हैं या संचार के आधुनिक उपकरणों जैसे कम्प्यूटर फैक्स मशीन आदि की सहायता ले सकते हैं। सम्प्रेषण के लिए साधन का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि संदेश भेजने के पीछे हमारा उद्देश्य क्या है । उदाहरण के लिए किसी जरूरी संदेश को भेजने के लिए हम प्रायः टेलीफोन का प्रयोग करते हैं। लिखित संदेशों को भेजने के लिए हम पत्रों, तार, फैक्स आदि का प्रयोग करते हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजी के कारण हम अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से सम्प्रेषण के साधन चुन सकते हैं। व्यापार के क्षेत्र में प्रयोग किए जाने कुछ सम्प्रेषण के साधनों की व्याख्या नीचे की गई है-

1. पत्र – पत्र सम्प्रेषण का लिखित रूप है। इन्हें कोई भी व्यक्ति या संगठन भेज सकता है या प्राप्त कर सकता है। लिखित संदेशों को पत्र के रूप में विशेष संदेशवाहकों, डाकघरों और निजी कोरिअर सेवाओं द्वारा भेजा जा सकता है।

2. तार- यह भी लिखित सम्प्रेषण का ही एक रूप है, जिसके द्वारा संदेश को एक जगह से दूसरी जगह शीघ्र ही भेजा जा सकता है। इसका प्रयोग प्राय: उस समय किया जाता है जब कोई महत्त्वपूर्ण संदेश बहुत जल्दी भेजना होता है। तार से संदेश डाक के पत्र की अपेक्षा बहुत तेजी से जाता है। यह सुविधा सभी तारघरों में उपलब्ध है। हम एक निश्चित शुल्क अदा करके तार की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। तार साधारण और एक्सप्रेस दो प्रकार के होते हैं।

3. टेलीफोन – टेलीफोन मौखिक सम्प्रेषण का माध्यम है। इस माध्यम से सूचना का आदान प्रदान शीघ्रता से हो जाता है।

4. टैलैक्स – इस माध्यम से छपे हुए संदेश टेलीप्रिंटर द्वारा दूसरे स्थान पर पहुंचाए जाते हैं। टेलीप्रिंटर एक मशीन है जो विभिन्न स्थानों पर लगाई जाती है और ये केबलों द्वारा केन्द्रीय एक्सचेंज से जुड़ी होती है। सभी मशीनों में एक मानक की बोर्ड लगा होता है। एक की बोर्ड पर टाइप किया गया संदेश स्वतः दूसरी जगह छप जाता है। इस प्रकार संदेश एक जगह से दूसरी जगह तुरंत भेजा जा सकता है।

5. फैक्स (Fax Facsimile ) — इसमें भेजने वाले की फैक्स मशीन से पाने वाले की मशीन पर पत्र, दस्तावेज, रेखाचित्र एवं फोटो प्रेषित हो जाते हैं। यह टेलीफोन नेटवर्क पर समस्त विश्व में काम करती है। भेजने वाले की मशीन पत्रों / दस्तावेजों / रेखाचित्रों/फोटो को स्कैन करती है और उन्हें एक अंकीय कोड में पाने वाले की मशीन में प्रेषित करने के लिए परिवर्तित कर देती है और एक-एक लाइन को प्रिन्ट कर देती है। यह सम्प्रेषण का सस्ता, शीघ्र एवं विश्वसनीय साधन है।

6. वॉइस मेल – यह कम्प्यूटर आधारित प्रणाली है जिसके द्वारा आने वाले टेलीफोन को प्राप्त करके उसका जवाब दिया जाता है। वॉयस मेल में कम्प्यूटर की मेमोरी द्वारा टेलीफोन से आए संदेशों को जमा किया जाता है। कॉल करने वाला वॉइस मेल का नंबर डायल कर और फिर कम्प्यूटर द्वारा दिए निर्देशों का पालन कर आवश्यक सूचना ले सकता है। वह वॉइस मेल पर अपना संदेश रिकार्ड भी करा सकता है।

7. पेजर-यह एक उपकरण है, जिससे प्रेषक द्वारा भेजा गया संक्षिप्त लिखित संदेश कभी भी प्राप्त किया जा सकता है। इससे एक सीमित क्षेत्र में किसी व्यक्ति को संदेश भेजा जा सकता है। संदेश भेजने वाला एक निश्चित टेलीफोन नम्बर मिलाता है तथा पेजर सेवा का संचालन करने वाली कम्पनी को अपना संदेश दे देता है। कम्पनी उस संदेश को पेजर धारक को भेज देती है । यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनका कार्य का स्थान निश्चित नहीं होता अथवा वे घूमते-फिरते रहते हैं। पेजर के लिए भेजा गया संदेश इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल के रूप में हवा से होता हुआ पेजर तक पहुंचता है जिसे वह लिखित संदेश में परिवर्तित करता है । इस संदेश को पढ़कर प्राप्तकर्ता तुरंत कार्रवाई करता है। मोबाइल फोन सेवा चालू होने से पेजर सेवा में बहुत गिरावट आई है।

8. टेली कांफ्रेंसिंग – कांन्पेंस का अर्थ है लोगों की बैठक जिसमें किसी विषय पर विचार-विमर्श होता है। इसे सम्मेलन कहते हैं। सम्मेलन में लोग साथ बैठकर एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं। परन्तु टेली-कांफ्रेंसिंग वह प्रणाली है जिसमें लोग एक-दूसरे के साथ बैठे बगैर बातचीत करते हैं। इस माध्यम से दो अलग-अलग देशों में रहते हुए भी एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से टीवी स्क्रीन के जरिए आमने-सामने बात कर सकता है। इसके लिए टेलीफोन, कम्प्यूटर, टेलीविजन जैसे आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक टेली- कांफेसिंग के लिए एक केन्द्रीय नियंत्रण इकाई होती है जो सम्प्रेषण की पूरी प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाती है। यह दो प्रकार का होता है। आडियो कांफ्रेंसिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग।

9. ऑडियो कांफ्रेंसिंग – यह दो तरफा सम्प्रेषण प्रणाली है। इसमें भाग लेने वाले व्यक्ति अलग-अलग स्थानों पर बैठकर भी एक दूसरे से बात कर सकते हैं। लोग रेडियो या टेलीविजन पर आवाज को सुनकर टेलीफोन पर अपने प्रश्न पूछ सकते हैं।

10. वीडियो कांफ्रेंसिंग- इसमें भाग लेने वाले आवाज सुनने के अलावा एक दूसरे की शक्ल को भी देख सकते हैं। यह दो प्रकार की है-

(क) एकतरफा वीडियो, दोतरफा ऑडियो – इस प्रणाली में प्रतिभागी स्टूडियो में बैठे लोगों की आवाजें सुनने के साथ-साथ तस्वीर भी देश सकते हैं। श्रोता या दर्शक स्टूडियो में टेलीफोन करते हैं और स्टूडियो में बैठे लोग केवल आवाज सुन सकते हैं।

(ख) दोतरफा ऑडियो और वीडियो – इस प्रणाली के प्रतिभागी आपस में बात करते हुए स्टूडियो के लोग और दर्शक दोनों
एक दूसरे की आवाजें सुन सकते हैं और उसकी तस्वीर भी देख सकते हैं।

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