NIOS Class 10th Business Studies Chapter 5. परिवहन सेवाएं

NIOS Class 10th Business Studies Chapter 5. परिवहन सेवाएं

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NIOS Class 10 Business Studies Chapter 5 Solution – परिवहन सेवाएं

प्रश्न 1. परिवहन से क्या अभिप्राय है? व्यवसाय में इसके महत्त्व का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- सामानों और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना परिवहन है। तैयार सामान को उपभोग या बिक्री के लिए लोगों तक पहुंचाने में व्यापार और उद्योग को सहायता मिलती है, जो परिवहन व्यापार की एक उपयोगी प्रक्रिया है। व्यापार करने वालों को ट्रांसपोर्टर कहते हैं। Transporters कच्चे माल, तैयार सामान, यात्रियों, पानी, गैस, पेट्रोल आदि स्थानांतरित करते हैं।

परिवहन का व्यवसाय में महत्त्व – आज हम घर पर ही विदेशों में निर्मित विविध उत्पादों का उपयोग करते हैं। इन वस्तुओं को बाजार में उचित और स्थिर मूल्यों पर मिलता है। यह सब परिवहन के कारण है। परिवहन के साधनों के बिना वस्तुओं को मण्डी में ले जाकर उनका क्रय-विक्रय करना असम्भव है। यातायात के उन्नत साधनों से ही आज के जटिल उत्पादन प्रणाली में विशिष्ट उत्पादन, स्थानीयकरण और विकेन्द्रीकरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मण्डियों और उद्योगों का विशिष्टीकरण सम्भव है। श्रम की गतिशीलता भी बढ़ती है जब कच्चा माल, मशीनें, व उत्पादित वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि यातायात व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। संक्षेप में, व्यापार में परिवहन का महत्व निम्नलिखित है:

1. परिवहन से ही उत्पादक को कच्चा माल प्राप्त होता है – परिवहन से ही कच्चे माल को उनके उपलब्ध होने के स्थान से उन स्थानों तक ले जाया जाता है, जहां उसे संसाधित करके उसमें वस्तुएं तैयार की जाती है।

2. उपभोक्ताओं को समान उपलब्ध कराना – परिवहन की सहायता से उत्पादन निर्मित माल को उपभोक्ता तक पहुंचाते हैं।

3. मजदूरों की गतिशीलता में सहायता – परिवहन सुविधाएं मजदूरों को कार्य के स्थानों तक पहुंचाने के बहुत मदद करती है।

4. बड़े पैमाने के उत्पादन के लाभ-परिवहन ने बड़े उद्योगों के विस्तार में सहायता पहुंचायी है। बिना कुशल परिवहन सुविधाओं के उन उद्योगों के लिए कच्ची सामग्री प्राप्त करना, बड़ी संख्या में श्रमिक एकत्र करना और निर्मित माल की बिक्री करना सम्भव नहीं होता ।

5. मूल्यों में स्थिरता – परिवहन द्वारा वस्तुओं को ऐसे स्थानों पर जहां उनका आधिक्य है तथा कीमतें कम हैं, ऐसे स्थानों पर भेजा जा सकता है जहां उनकी अल्पता हो तथा कीमतें ऊंची हों।

प्रश्न 2. परिवहन के साधनों से क्या तात्पर्य है ? विभिन्न प्रकार के साधनों का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर – परिवहन मुख्य रूप से भूमि, वायु या जलमार्ग से हो सकता है। इन्हें परिवहन के विभिन्न साधन कहा जाता है। भू-तल पर ट्रक, ट्रैक्टर आदि सामान को तथा रेलगाड़ियां, बसें तथा कारें यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं। वायु मार्ग से विमान और हेलीकॉप्टर यात्रियों और सामान को लाते व ले जाते हैं। जलमार्ग से समुद्री जहाज और स्टीमर सामान और यात्रियों को लाते – ले जाते हैं। इसे परिवहन के विभिन्न साधन कहा जाता है।
परिवहन के विभिन्न प्रकार के साधन – परिवहन के साधनों को मुख्य रूप से तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
1. भू-तल परिवहन,
2. जल परिवहन तथा
3. वायु परिवहन ।

1. भू-तल परिवहन – भू-तल परिवहन से अभिप्राय है, सामान और यात्रियों को भूमि मार्ग से लाने ले जाने के साधन । इस प्रकार के परिवहन की गतिशीलता सड़क, रेलमार्ग, रस्सी या पाइप आदि के सहारे होती है। भू-तल परिवहन को निम्न चार वर्गों में बांटा जा सकता है-

(i) सड़क परिवहन – सड़कें एक स्थान को दूसरे स्थान से जोड़ती है। बैलगाड़ियाँ, साइकिलें, मोटर साइकिलें, कारें, ट्रक, बस आदि सड़कों पर चलती है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सड़क और सड़क परिवहन बहुत महत्त्वपूर्ण है। सड़क परिवहन के साधनों को तीन वर्गों में बांटा जा सकता है-
(क) मनुष्य द्वारा खींचे जाने वाले साधन,
(ख) पशुओं द्वारा खींचे जाने वाले साधन,
(ग) मोटर द्वारा खींचे जाने वाले साधन ।

(ii) रेल परिवहन – रेलवे देश में माल और लोगों को परिवहन करने का सबसे बड़ा साधन है। यह देश के दूर-दराज इलाकों में बसे लोगों को एकजुट करता है और उन्हें व्यापार, पर्यटन और शिक्षा के अवसर देता है। यह लंबी दूरी के लिए सबसे सुविधाजनक परिवहन साधन है और लोहा, कच्चा लोहा, इस्पात, भारी मशीनरी और खनिज पदार्थों को ढोने के लिए सबसे अच्छा है। भारत में यात्री और माल रेलगाड़ियां दो प्रकार की हैं। माल गाड़ी से केवल सामान स्थानांतरित करती है, जबकि यात्री गाड़ी से यात्री और कुछ सामान स्थानांतरित करती है।

(iii) पाइपलाइन परिवहन – आज पाइपलाइन को विभिन्न उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता है। घरों और व्यावसायिक क्षेत्रों में पानी पाइपलाइनों के जरिए पहुंचाया जाता है। पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर पाइपलाइनों से पहुंचाई जाती है।

(iv) रोप-वे परिवहन – रोप-वे परिवहन से पहाड़ों पर घाटी के आर-पार या नदी के आर-पार के दो स्थानों को जोड़ा जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में किसी रोप-वे से जुड़ी ट्रालियों लोगों, समान या भवन निर्माण सामग्री या खाद्य पदार्थों आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते हैं।

2. जल परिवहन – जल परिवहन का अर्थ है नावों, स्टीमरों, लांचों और समुद्री जहाजों द्वारा सामान और यात्रियों को जलमार्ग द्वारा परिवहन करना। इन साधनों से माल यात्रियों को देश भर में और बाहर ले जाया जाता है। अंतर्देशीय जल परिवहन एक प्रकार का परिवहन है जो देश के भीतर माल और यात्रियों को ले जाता है। महासागरीय परिवहन समुद्री परिवहन है, जो लोगों को देश से बाहर ले जाता है और कई स्थानों से मिलता है। 3. हवाई परिवहन: यह सबसे तेज मार्ग है। इसमें यात्री विमान, माल वाहक विमान और हैलीकॉप्टर शामिल हैं जो सामान और यात्रियों को हवाई मार्ग से ले जाते हैं। इसमें कीमती सामान ढोया जाता है, लेकिन यात्रियों के अलावा बहुत कम। Air travel घरेलू और विदेशी हो सकता है। रेल से देश भर में यात्रा करना आसान है। अंतरराष्ट्रीय हवाई जहाज एक देश से दूसरे देश में माल और यात्रियों को ले जाता है ।

प्रश्न 3. भू-तल परिवहन के विभिन्न साधनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- भूतल परिवहन से अभिप्राय है, सामान और यात्रियों को भूमि मार्ग से लाने-ले जाने के साधन । इस प्रकार के परिवहन की गतिशीलता सड़क, रेलमार्ग, रस्सी या पाइप आदि के सहारे होती है। हम भू-तल परिवहन को चार भागों में बांट सकते हैं – सड़क परिवहन, रेल परिवहन, रस्सी मार्ग ( रोप-वे) परिवहन और पाइप लाइन परिवहन।

(क) सड़क परिवहन– सड़कें एक स्थान को दूसरे स्थान से जोड़ती हैं। देश में गांव, कस्बे या शहर में सड़कें फैली हुई हैं। बैलगाड़ियां, साइकिलें, मोटर साइकिलें, कारें, ट्रक, बसें आदि सड़कों पर चलती हैं। इन्हें सड़क परिवहन के विभिन्न साधन कहा जाता है। सड़क परिवहन के साधनों को तीन भागों में बांटा जा सकता है-
(i) मनुष्य द्वारा खींचे जाने वाले साधन ।
(ii) पशुओं द्वारा खींचे जाने वाले साधन ।
(iii) मोटर द्वारा खींचे या चलाए जाने वाले साधन ।

(ख) रेल परिवहन – रेल परिवहन में सामान और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की प्रक्रिया को रेलगाड़ी कहते हैं। देश में रेलवे ने औद्योगिक युग की शुरुआत की। लंबी दूरी तक सामान और यात्रियों को लाने-लेने का यह सबसे विश्वसनीय तरीका है और देश की भू-परिवहन व्यवस्था में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। यात्रियों को कुछ महानगरों में लंबी दूरी पर स्थानीय रेलगाड़ी या मेट्रो भी मिलती है। रेल सेवा पूरे देश में उपलब्ध है, सिवाय कुछ पर्वतीय क्षेत्रों के। देश में दो प्रकार के रेलवे हैं। एक यात्री वाहन और दूसरा माल वाहन। मालगाड़ी केवल सामान स्थानांतरित करती है, जबकि यात्री गाड़ी यात्री और कुछ सामान ले जाती है। इन गाड़ियों को चलाने के लिए रेल इंजन भाप, डीजल या विद्युत शक्ति का प्रयोग करते हैं।

(ग) पाइप लाइन परिवहन – आज पाइप लाइन को विभिन्न उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता है। घरों और व्यावसायिक क्षेत्रों में पानी पाइप लाइनों के जरिए पहुंचाया जाता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पाइप लाइनों से पहुंचाई जाती है। सड़क और रेल मार्गों की तुलना में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पहुंचाने का यह अच्छा, सुविधाजनक और किफायती तरीका है। पर इसमें वस्तु की मात्रा काफी अधिक होनी चाहिए ।

(घ) रोप-वे परिवहन – रोप-वे परिवहन से पहाड़ों पर घाटी के आर-पार या नदी के आर-पार के दो स्थानों को जोड़ा जाता हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में किसी रोप-वे से जुड़ी ट्रॉलियां लोगों, सामान या विशेष रूप से भवन निर्माण सामग्री या खाद्य पदार्थों आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती हैं। रोप-वे का उल्लेखनीय उदाहरण गुजरात में प्रसिद्ध ‘उड़न खटोला जगदंबा’ है, जो तीर्थ यात्रियों को एक मंदिर तक ले जाता है। इसमें एक सौ यात्री यात्रा करते हैं।

प्रश्न 4. रेल परिवहन के लाभ और सीमाएं बताइए ।
उत्तर – रेल परिवहन के लाभ-
(i) लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह सबसे अधिक सुविधाजनक साधन है।
(ii) यह सड़क परिवहन की अपेक्षा अधिक तीव्र है।
(iii) भारी सामान या ज्यादा मात्र में सामान को लंबी दूरी तक ले जाने के लिए यह उपयुक्त साधन है।
(iv) खराब मौसम जैसे कि बाढ़, वर्षा, कोहरे आदि का इस पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है।

रेल परिवहन की सीमाएं
(i) थोड़ी दूरी तक सामान तथा यात्रियों को ले जाने के लिए यह महंगा साधन है।
(ii) देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में रेल सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं।
(iii) रेल गाड़ियां एक निर्धारित समय-सारणी के अनुसार चलती हैं और इनसे कहीं भी और कभी भी माल को चढ़ाया या उतारना संभव नहीं होता।
(iv) दुर्घटना होने पर इससे जान-माल का भारी नुकसान होता है।

प्रश्न 6. सड़क परिवहन के लाभों और सीमाओं का विवेचन कीजिए ?
उत्तर- सड़क परिवहन के लाभ
(i) परिवहन के अन्य साधनों की अपेक्षा सड़क परिवहन सस्ता पड़ता है।
(ii) नाशवान सामान को सड़क परिवहन के माधयम से तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जाता है।
(iii) इस परिवहन से सामान को किसी भी स्थान पर चढ़ाया और उतारा जा सकता है। इससे घर-घर तक सामान पहुंचाया जा सकता है।
(iv) इस साधन से उन स्थानों तक भी माल ले जाया जा सकता है, जो परिवहन के अन्य साधनों से नहीं जुड़े ।

सड़क परिवहन की सीमाएं
(i) इसकी भार ढोने की क्षमता सीमित है, इसलिए लंबी दूरी के परिवहन के लिए यह महंगा है।
(ii) बहुत भारी सामान या बहुत ज्यादा सामान को इस व्यवस्था से ढोने में खर्च बहुत ज्यादा बैठता है ।
(iii) इस पर खराब मौसम का असर पड़ता है। बाढ़, वर्षा, भू-स्खलन से कई बार सड़क परिवहन में बाधा आती है।

प्रश्न 7. जल परिवहन के विभिन्न प्रकारों का वर्गीकरण कीजिए ।
उत्तर – जल परिवहन के प्रकार ( Kinds of Water Transport)
(i) अन्तर्देशीय जल परिवहन (Inland Water Transport)—अंतर्देशीय जल परिवहन में नावों, लांचों, बाज, स्टीमरों से नदियों और नहरों के रास्ते माल और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। इन नदियों और नहरों को जलमार्ग कहा जाता है। इस परिवहन व्यवस्था का देशी व्यापार के लिए भारी माल के लिए प्रयोग किया जाता है। हमारे देश में यात्रियों के लिए यह परिवहन व्यवस्था लोकप्रिय नहीं है । अंतर्देशीय जल परिवहन केवल पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम और त्रिपुरा में प्रचलित है।

(ii) महासागरीय परिवहन – महासागरीय परिवहन से अभिप्राय सागर या महासागर में समुद्री जहाजों से माल और यात्रियों का परिवहन है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विकास में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। तटीय इलाकों में इससे यात्रियों और सामान को पहुंचाया जाता है। महासागरीय परिवहन का मार्ग निश्चित होता है और इससे व के लगभग सभी देश जुड़े हैं। सागरीय परिवहन के निम्नलिखित दो प्रकार हैं-

(a) तटीय जहाजरानी- इस परिवहन व्यवस्था में देश के मुख्य बन्दरगाहों के बीच समुद्री जहाज हैं। इससे देशी व्यापार को मदद मिलती है तथा यात्री भी देश के एक भाग से दूसरे भाग में जा पाते हैं।

(b) समुद्र-पारीय जहाजरानी – इस परिवहन में समुद्री जहा उन देशों के बीच चलते हैं, जिनके बीच सागर या महासागर हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ( आयात-निर्यात) को बढ़ावा मिलता है । भारी मशीनों और बड़ी मात्रा में सामान को एक देश से दूसरे देश तक ले जाने के लिए यह सबसे किायती साधन है। समुद्र पारीय परिवहन के लिए मार्ग निश्चित है और विश्व के लगभग सभी देश इससे जुड़े हैं। समुद्र पारीय परिवहन में सामान और यात्रियों को ले जाने के लिए कई प्रकार के समुद्री जहाज चलते हैं। ये निम्नलिखित प्रकार के हैं-

(क) लाइनर – यह एक ऐसा यात्री या मालवाहक जहाज है, जिसका संबंध एक नियमित जहाजरानी कंपनी से होता है। ये जहाज निश्चित मार्गों पर निर्धारित समय सारणी के अनुसार चलते हैं।

(ख) ट्रेम्प – यह ऐसा मालवाहक जहाज होता है, जो तभी चलता है, जब इसे ढोने के लिए माल मिलता है। इसका न तो कोई निर्धारित मार्ग होता है और न ही निर्धारित समय-सारणी ।

प्रश्न 8. जल परिवहन के लाभों और सीमाओं का ब्यौरा दीजिए।

उत्तरजल परिवहन के लाभ
(i) यह अधिक मात्रा में या भारी सामान ढोने के लिए अपेक्षाकृत सस्ता साधन है।
(ii) दुर्घटनाओं की दृष्टि से यह बड़ा सुरक्षित परिवहन है
(iii) मार्गों को बनाने या उनके रख-रखाव पर बहुत कम खर्च आता है, क्योंकि सभी कुछ प्राकृतिक रूप से सुलभ है।
(iv) इससे घरेलू व्यापार को बढ़ावा मिलता है।

जल परिवहन की सीमाएं-
(i) नदियों और नहरों की गहराई और उनमें समुद्री जहाज चलाने की अनुरूपता अलग-अलग होती है। इससे हर प्रकार के परिवहन पोत चलाने में कठिनाई आती है।
(ii) यह बहुत मंद गति से चलने वाला साधन है, इसलिए जल्दी खराब होने वाले सामान को ढोने के लिए उपयुक्त नहीं है।
(iii) खराब मौसम का इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
(iv) जल परिवहन में जहाजों की खरीद और रख-रखाव पर भारी खर्च आता है।

प्रश्न 9. अन्तर्देशीय और महासागरीय जल परिवहन में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – जब जल परिवहन द्वारा नदियों और नहरों में नावों, लांचों आदि से सामान और यात्रियों को देश के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है तो यह सारा परिवहन देश के अंदर होता है तो इसे अंतर्देशीय जल परिवहन कहा जाता है। जब जल परिवहन से विभिन्न स्थानों से सामान और यात्रियों को समुद्र के रास्ते देश के बाहर ले जाया जाता है, वह महासागरीय परिवहन कहलाता है ।

प्रश्न 10. लाइनर और ट्रेम्प जहाजों में अन्तर बताइए ।
उत्तर लाइनर – लाइनर वे जहाज है जिनके जल मार्ग, समय-सारणी तथा शुल्क नियमित एवं निश्चित होते हैं। इनका सम्बन्ध एक नियमित जहाजरानी कम्पनी में होता है। ये एक रूप तथा नियमित सेवा प्रदान करते हैं। ये लाइनर अपने निर्धारित विधियों व समय पर अपनी समुद्री यात्रा आरम्भ कर देते हैं, चाहे वे कार्गो से पूरे भरे हो अथवा न भरे हो ।
ट्रेम्प – ट्रेम्प वे जहाज हैं, जिनका कोई निर्धारित जल मार्ग या समय नहीं होता है। इनका न तो कोई पूर्व निश्चित जल मार्ग होता है और न ही कोई भाड़े की दर की कोई सारणी होती है । प्रायः वे तभी अपनी जल यात्र प्रारम्भ करते हैं जब ये कार्गो से भर जाते हैं।

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