NIOS Class 10th Business Studies Chapter 4 सहकारी समितियाँ तथा संयुक्त पूँजी कंपनियाँ

प्रश्न 5. सहकारी समिति के गठन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर सहकारी समिति का गठन – सहकारी समिति अधिनियम 1912 के नियम एक सहकारी समिति को बना सकते हैं। सहकारी समिति, कृषि, बुनाई या उपभोक्ता मामले जैसे समान आर्थिक उद्देश्यों के लिए कम से कम दस लोगों से बनाई जा सकती है। इसके लिए, समिति के सभी सदस्यों द्वारा संबंधित राज्य की सहकारी समितियों के पंजीयक के समक्ष एक संयुक्त आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें समिति का विधान और उसके सदस्यों के बारे में जानकारी दी जाती है। विधान और आवेदन पत्र की जांच के बाद पंजीयन अधिकारी पंजीयन प्रमाणपत्र जारी करता है।

प्रश्न 6. बहुराष्ट्रीय कम्पनी के क्या लाभ हैं ?
उत्तर – बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं वितरण गतिविधियों के राष्ट्रीय सीमा के पार संचालन से बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बड़ी मात्रा में लाभ अर्जित होता है। इसके अलावा ये कंपनियां जिन देशों में संचालित होती हैं उन्हें भी इनसे अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। ये लाभ निम्नलिखित हैं-

1. विदेशी पूंजी का निवेश – बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीधे पूंजी निवेश से अविकसित देशों को आर्थिक विकास में सहायता मिलती है।

2. रोजगार के अवसर – बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कारोबार विस्तार से मेजबान देश में रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। इससे वहां का जीवन स्तर बेहतर होता है।

3. उन्नत तकनीक का प्रयोग – विशाल साधनों की उपलब्धता के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियां बेहतर गुणवत्त वाली वस्तुओं के उत्पादन के लिए विविध अनुसंधान तथा विकास कार्यक्रम चलाती है, जिससे उन्नत तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा मिलता है। इससे उनकी देखादेखी अन्य देश भी इस तकनीक का प्रयोग करते हैं।

4. सहायक औद्योगिक इकाइयों में वृद्धि – बहुराष्ट्रीय कंपनियां जिन देशों में अपना कारोबार चलाती हैं वहां पर सहायक औद्योगिक इकाइयों, माल वितरकों तथा अन्य सेवाओं का विकास होता है।
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5. निर्यात तथा विदेशी मुद्रा में वृद्धि – बहुराष्ट्रीय कंपनियां कई बार तो वस्तुओं का उत्पादन जिस देश में करती हैं उनका वितरण दूसरे देशों में भी करती हैं। इससे निर्यात को तो बढ़ावा मिलता ही है, विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होती है, जिससे देश की विदेशी मुद्रा में वृद्धि होती है ।

6. स्वस्थ प्रतिस्पर्धा – बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुओं के उत्पादन से देशी उत्पादकों को बाजार में मांग के अनुसार अपने उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने का प्रयत्न करना पड़ता है ।

प्रश्न 7. बहुराष्ट्रीय कम्पनी की विशेषताएं समझाइए ।
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं-
1. अंतर्राष्ट्रीय संचालन – साधारणतया बहुराष्ट्रीय कंपनियां उत्पादन, बिक्री तथा अन्य सुविधाएं विभिन्न देशों में संचालित करती हैं।
2. वृहद आकार – बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बिक्री की मात्रा – आमदनी तथा परिसंपत्तियों की मात्रा काफी बड़ी होती है। इन कम्पनियों के संचालन के लिए विशाल पूंजी तथा पेशेवर प्रबन्धकों की आवश्यकता है।
3. केंद्रीय नियंत्रण – बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विभिन्न देशों में स्थापित इकाइयों का नियंत्रण कंपनी के अपने देश में स्थित मुख्यालय के हाथों में होता है और यह बोर्ड द्वारा निर्धारित नीतियों के माध्यम से संचालित होता है।

प्रश्न 8. संयुक्त पूंजी कम्पनी की उपयुक्तता स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – संयुक्त पूंजी कंपनी की उपयुक्तता – व्यावसायिक संगठन के रूप में एक संयुक्त पूंजी कंपनी वहीं अधिक उपयुक्त होती है, जहां व्यवसाय काफी बड़ी मात्रा में होता है, और जहां अधिक वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होती है। सदस्यों के सीमित दायित्व के कारण जनसाधारण से पूंजी जुटाना सम्भव है। इस प्रकार के व्यावसायिक संगठन उन व्यवसायों के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं जिनके सामने जोखिम अधिक होता है। जिन व्यावसायिक क्रियाओं को जनता के सहयोग एवं विश्वास की आवश्यकता होती है संयुक्त पूंजी कम्पनी को इसके स्वतंत्र वैधानिक अस्तित्व के कारण अधिक उपयुक्त माना जाता है। दवा उत्पादन, मशीन निर्माण, सूचना तकनीक, लोहा एवं स्टील, अल्यूमीनियम, उर्वरक, सीमेंट आदि के उत्पादन से जुड़ी कंपनियां आमतौर पर संयुक्त पूंजी कंपनी के रूप में ही कार्य करती हैं।

प्रश्न 9. सहकारी समिति को अपने शब्दों में परिभाषा करें?
उत्तर – व्यक्तियों का ऐसा संगठन जिसमें वे अपने आर्थिक हितों की उन्नति के लिए, समानता के आधार पर अपनी इच्छा से, परस्पर मिलकर कार्य करते हैं।

प्रश्न 10. सहकारी समिति के कौन-कौन से प्रकार हैं?
उत्तर – सहकारी समितियों के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं-
(i) उपभोक्ता सहकारी समिति
(ii) उत्पादक सहकारी समिति
(iii) सहकारी विपणन समितियाँ
(iv) सहकारी ऋण समितियाँ
(v) सहकारी सामूहिक आवास समितियाँ ।

प्रश्न 11. बहुराजकीय सहकारी समिति बनाने के लिए कम से कम कितने सदस्य होने चाहिए?
उत्तर- 50 वैयक्तिक सदस्य ।

प्रश्न 13. व्यापार आरंभ करने के संदर्भ में सार्वजनिक कम्पनी तथा निजी कम्पनी के मध्य अंतर बताइये ।
उत्तर – निजी कम्पनी अपने निगमन का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद तुरंत व्यापार शुरू कर सकती है किन्तु सार्वजनिक कम्पनी को निगमन के बाद व्यवसाय आरंभ करने के लिये अपना व्यवसाय आरंभ करने का प्रमाण-पत्र लेना होता है।

प्रश्न 14. केवल नामों को देखकर सार्वजनिक कम्पनी व निजी कम्पनी की पहचान कैसे करेंगे ?
उत्तर – निजी कम्पनियाँ अपने नाम के पीछे प्राइवेट लिमिटेड लिखती हैं जबकि सार्वजनिक कम्पनियाँ अपने नाम के पीछे लिमिटेड शब्द का प्रयोग करती हैं।

प्रश्न 15. ‘बड़े स्तर व अधिक जोखिम वाली व्यावसायिक परियोजना के लिये संयुक्त पूँजी संगठन ही क्यों उपयुक्त माना जाता है’, समझाइये |
उत्तर- बड़े स्तर पर व्यापार शुरू करने के लिए बहुत सारे पैसे, मानव संसाधन और वित्तीय संसाधन की आवश्यकता होती है। व्यवसाय का आकार बढ़ने से जोखिम भी बढ़ता है। यही कारण है कि इस तरह की व्यावसायिक इकाई को स्थापित करने के लिये संयुक्त पूँजी संगठन सबसे अच्छा है क्योंकि यदि व्यक्ति पूँजी का प्रबंध कर भी लें तो वे बहुत अधिक जोखिम उठाने में सक्षम नहीं होंगे। इस तरह, संयुक्त पूँजी कंपनी के कुछ अतिरिक्त गुण इसे बड़े स्तर और अधिक जोखिम वाली व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए उपयुक्त बनाते हैं।वे गुण निम्नलिखित हैं-

(क) बड़ी संख्या में संसाधन- संयुक्त पूँजी कम्पनी में बड़ी संख्या में सदस्य होते हैं इसलिये इसे वित्तीय साधन जुटाने में कोई कठिनाई नहीं होती है। यह ऋण-पत्रों, सार्वजनिक जमाओं, वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर अपने लिये वित्त एकत्रित कर सकती है।
(ख) सीमित उत्तरदायित्व – यदि कम्पनी कोई अधिक जोखिम का कार्य करती है तो भी इसके सदस्यों को कोई भय नहीं रहता क्योंकि इसके सदस्यों का दायित्व उनके अंशों के मूल्य तक सीमित होता है।
(ग) निरंतर अस्तित्व – कम्पनी एक कृत्रिम व्यक्ति है तथा इसका एक वैधानिक अस्तित्व है। किसी सदस्य की मृत्यु होने पर या दिवालिया हो जाने पर इसके कार्य की निरंतरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसका अस्तित्व बना रहता है।

(घ) बड़े पैमाने के व्यवसाय के लाभ-बड़ी मात्रा में वित्तीय साधन एवं कुशल प्रबंध के फलस्वरूप कम्पनी के व्यवसाय को किसी भी सीमा तक बढ़ाया जा सकता है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ विस्तार का सर्वोत्तम उदाहरण हैं। बड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण सभी साधनों का समुचित उपयोग पूरी कार्य-कुशलता के साथ किया जा सकता है, जिससे लाभ की मात्रा में भी वृद्धि होती है।

(ङ) श्रेष्ठ प्रबंध – कम्पनी का प्रबंध योग्य, अनुभवी एवं कुशल संचालकों द्वारा किया जाता है। कम्पनी बड़े पैमाने पर व्यापार करती है इसलिये विशेषज्ञों का लाभ उठा सकती है और प्रबंधक विभिन्न प्रकार से कम्पनी के व्ययों में मितव्ययिता लाने की कोशिश करते हैं।

(च) तरलता – शेयरों के हस्तांतरण पर स्वतंत्रता होने से निवेशक अधिक निवेश करने के इच्छुक रहते हैं। अत: अपनी बचत को लोग इसमें निवेश करते रहते हैं तथा धन की जरूरत पड़ने पर या लाभ होने की स्थिति में अंशों को बेच देते हैं।

(छ) अनुसंधान और विकास कम्पनी का व्यावसायिक क्षेत्र विस्तृत व व्यापक होता है। यह अनुसंधान एवं विकास के लिये नित नये कदम उठाती है तथा इसके लिये उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार, कर्मचारियों को प्रशिक्षण के नये तरीके, नये उत्पादों के डिजाइन और प्रवर्तन एवं उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार पर बड़ी मात्रा में व्यय करती है।

(ज) कर लाभ – कम्पनियों को आयकर संबंधी अनेक सुविधाएँ प्राप्त हैं, जिससे इनका आयकर बोझ काफी कम हो जाता है।

प्रश्न 16. व्यवसाय संगठन के संयुक्त पूँजी कम्पनी स्वरूप की उपयुक्तता बताइये ।
उत्तर- जिन व्यावसायिक संगठनों को चलाने के लिये बड़ी मात्रा में पूँजी व संसाधनों की आवश्यकता होती है तथा जहाँ मानव शक्ति भी बड़ी मात्रा में चाहिए, वहाँ संयुक्त पूँजी कम्पनी संगठन उपयुक्त रहता है। इतने बड़े संगठन में जोखिम की मात्रा भी अधिक होती है, जो एकल स्वामित्व या साझेदारी व्यवसाय नहीं सहन कर सकता। कम्पनी संगठन की उपयुक्तता उन व्यवसायों में भी है जहाँ पेशेवर प्रबंधन की आवश्यकता होती है। बीमा एवं बैंकिंग जैसे व्यवसाय के लिये भी संयुक्त पूँजी कम्पनी ज्यादा उपयुक्त रहती है। इस प्रकार औद्योगिक क्रान्ति के फलस्वरूप वस्तुओं के बड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण संयुक्त पूँजी वाली कम्पनियों की उपयुक्तता बढ़ गई है।

प्रश्न 17. भारत में उपलब्ध विभिन्न सहकारी समितियों के प्रकारों का वर्णन कीजिये ।
उत्तर – भारत में विभिन्न प्रकार की सहकारी समितियाँ पाई जाती हैं। जो इस प्रकार हैं-
(क) उपभोक्ता सहकारी समितियाँ – इन समितियों की स्थापना सहकारिता के सिद्धांतों पर मध्यस्थों के लाभ से बचने के लिये की जाती है। यह उपभोक्ताओं का संगठन है, जो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता है।
(ख) उत्पादक सहकारी समितियाँ – इन समितियों को स्थापित करने का उद्देश्य छोटे उत्पादकों व दस्तकारों को प्रोत्साहन देना तथा उनके हितों की रक्षा करना है।

(ग) विपणन सहकारी समितियाँ – छोटे-छोटे उत्पादक मिलकर विपणन सहकारी समितियों का गठन करते हैं ताकि उत्पाद के विपणन की समस्या का समाधान किया जा सके।
(छ) आवासीय सहकारी समितियाँ – इन समितियों का गठन शहरी क्षेत्रों में अपने सदस्यों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया जाता है।
(च) ॠण सहकारी समितियाँ – लोगों को ऋण प्राप्त करने की समस्या के समाधान के लिए यह समिति बनाई जाती है। ये सदस्यों द्वारा जमा राशि स्वीकृत करके उन्हें उचित ब्याज पर ऋण देती हैं।

प्रश्न 18. सहकारी समिति से आपका क्या अभिप्राय है ? सहकारी समिति के गुणों पर प्रकाश डालिये। है, जिसमें व्यक्ति स्वेच्छा से, परस्पर मिलकर कार्य करते हैं
उत्तर – सहकारी समिति व्यावसायिक संगठन का एक स्वरूप उन्नति करना होता है। तथा उनके कार्य करने का उद्देश्य अपने आर्थिक हितों की हैरिक के अनुसार, “सहकारिता स्वेच्छा से संगठित उन मनुष्यों का कार्य है, जो अपनी सामूहिक शक्ति और साधनों का सामूहिक प्रबंध के अंतर्गत सबके हित को ध्यान में रखकर उपयोग करना चाहते हैं । ”
सहकारी समिति के निम्नलिखित गुण हैं-

(1) इसका पंजीकरण का तरीका सुगम है तथा इसमें ज्यादा वैधानिक औपचारिकताएँ भी नहीं हैं। दस वयस्क व्यक्ति मिलकर अपनी इच्छा से सहकारी समिति बना सकते हैं।
(2) इसके सदस्यों का दायित्व उनकी पूँजी के अंश तक सीमित होता है।
(3) इसका सदस्य बनना बहुत आसान है। इसमें जाति, लिंग, सम्प्रदाय या रंग आदि का कोई बंधन नहीं होता। इसकी सदस्यता सभी व्यक्तियों के लिये खुली है।

(4) सहकारी समितियों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक हितों को प्रोत्साहित करना है। अतः केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार ऋण, अनुदान आदि के रूप में राजकीय सहायता प्रदान करती है।
(5) सहकारी समितियों का अपना अलग वैधानिक अस्तित्व होता है। किसी सदस्य की मृत्यु, दिवालियापन, उनके त्यागपत्र आदि का समिति के अस्तित्व पर को असर नहीं पड़ता।
(6) सहकारी समितियों को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार इन्हें कर में छूट देती है ।
(7) सहकारी समिति का प्रबंध लोकतांत्रिक तरीके से होता है, जिसमें सभी सदस्य पूर्ण रूप से भाग लेते हैं तथा एक प्रबंध समिति का चुनाव करते हैं।

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