NIOS Class 10th Business Studies Chapter 19. जीविका का चयन

NIOS Class 10th Business Studies Chapter 19. जीविका का चयन

NIOS Class 10th Business Studies Chapter 19 जीविका का चयन – NIOS कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों के लिए जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनआईओएस कक्षा 10th व्यवसाय अध्ययन अध्याय 19 (जीविका का चयन के लिए समाधान दिया गया है. इसNIOSClass 10 Business Studies Chapter 19. Choosing a Career की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसे आप अच्छे से पढ़े यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होगा .हमारी वेबसाइट पर NIOS Class 10th Business Studies के सभी चेप्टर के सलुसन दिए गए है .

NIOS Class 10 Business Studies Chapter 19 Solution – जीविका का चयन

प्रश्न 1. नौकरी एवं स्वरोजगार का क्या अर्थ है?
उत्तर – रोजगार – रोजगार में सभी काम शामिल हैं, जिनमें एक व्यक्ति किसी मालिक के अधीन काम करता है। एक कर्मचारी अपने मालिक से अनुबंध के आधार पर काम करता है, जिसके बदले में उसे वेतन या मजदूरी मिलती है। काम करना-स्वरोजगार का अर्थ है स्वयं पैसे कमाने के लिए काम करना। अर्थात्, छोटे-छोटे दुकान, मरम्मत करने वाली दुकान या सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को हर जगह देख सकते हैं; इसे स्वरोजगार कहते हैं। इन प्रतिष्ठानों का मालिक और प्रबंधक एकमात्र व्यक्ति है। वह कभी-कभी एक या दो लोगों को अपने सहायक बनाता है। किराना, स्टेशनरी, किताबें, दवाघर, दर्जी, नाई, टेलीफोन बूथ, ब्यूटी पार्लर, बिजली, साइकिल, आदि की मरम्मत की दुकानें स्वरोजगार आधारित व्यवसायों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 2. जीविका को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर – एक व्यवसाय जिसे अपनाकर जीवन में आगे बढ़ने के अवसर मिल सकते हैं यह सिर्फ एक जीवनशैली या नौकरी का चुनाव नहीं है। यह उन अलग-अलग पदों से है जो कोई व्यक्ति अपने क्रियाशील जीवन में पा सकता है। कुल मिलाकर, किसी व्यक्ति की जीवन संरचना में जीविका महत्वपूर्ण है। एक व्यक्ति को कार्यालय सहायक का पद मिलता है। वह कार्यालय प्रबन्धक या कार्यालय अधीक्षक बन सकता है। यह उसकी कार्य-संबंधी आदतों और दैनिक जीवन, या जीवन वृत्तिका पक्ष, को प्रभावित करेगा। जीवन, पदों का एक क्रम कहलाता है किसी व्यक्ति अपने कार्यकालिक जीवन में कुछ काम करता है और अपनी क्षमताओं को बढ़ाता है।

प्रश्न 3. जीविका चुनाव का क्या महत्व है?
उत्तर- जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय है। आपका भविष्य वृत्ति से आधा प्रभावित होता है। शिक्षा प्राप्त करने के बाद वृद्ध लोगों ने अपना रास्ता तय किया। हालाँकि, आज की पीढ़ी स्कूल जाने से पहले ही अपना भविष्य बनाने लगती है। किसी व्यक्ति की जीवनशैली पर विभिन्न परिस्थितियां सबसे अधिक प्रभावित करती हैं, लेकिन उनका जीवनशैली का निर्णय सबसे अधिक प्रभावित करता है। कार्य हमारे जीवन के कई रूपों को प्रभावित करता है। यह हमारी भावनाओं, मूल्यों और दृष्टिकोण को दिखाता है। इस तीव्र प्रतिस्पर्धा के युग में पहले ही जीवन में सही निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। इसलिए एक प्रक्रिया की जरूरत है जो किसी को विभिन्न उपलब्ध जीवन वृत्तियों से परिचित कराए। यह प्रक्रिया व्यक्ति को अपनी क्षमताओं और योग्यताओं का पता लगाने में मदद करती है, जो जीवन में निर्णय लेने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रश्न 4. व्यवसाय में नौकरी के कौन-कौन से अवसर हैं संक्षेप में समझाइए ।
उत्तर -निम्नलिखित नौकरी के अवसर हैं: सरकारी कार्यालय, रेलवे, बैंक, बीमा कंपनियाँ, कारखाने, व्यापारिक फर्मों और अन्य संस्थाओं, जैसे स्कूल, कॉलेज और अस्पताल, तकनीकी और निम्न स्तर के अन्य कार्यों पर निर्भर करते हैं। रेलवे, बैंक, व्यापारिक संस्थाएं, स्कूल और अस्पताल में कई लिपिकों का काम होता है। तकनीकी कर्मचारियों का काम भी औद्योगिक और ट्रांसपोर्ट कंपनियों में अलग होता है।

माध्यमिक परीक्षा पास करने वाले लिपिक या विद्यालयों में प्रयोगशाला सहायक बन सकते हैं। क्योंकि इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता ITI है इन पदों के लिए पॉलीटैक्निक, राज्य सचिव और वाणिज्यिक संस्थाओं में विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध है। तकनीकी अथवा सचिवालयों का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले व्यक्ति को तकनीकी कर्मचारी, कार्यालय सहायक या लेखालिपिक के पद पर नियुक्ति मिल सकती है। वह कंप्यूटर प्रशिक्षक बन सकती है।

प्रश्न 5. बेरोजगारी के संदर्भ में स्वरोजगार के महत्व का वर्णन कीजिए।

उत्तर – स्वरोजगार एक लाभ देने वाला व्यवसाय है। यह बेरोजगार लोगों को अपनी जीविका कमाने का अवसर प्रदान कर सकता है। इस प्रकार से भारत में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या का यह समाधान है।

प्रश्न 6. स्वरोजगार किस प्रकार से बड़े स्तर के उद्योगों का विकल्प है ?
उत्तर– अधिकांश रूप से स्वरोजगार छोटे आकार के व्यवसायों से जुड़ा है। बड़े उद्योगों की अनेक बुराइयाँ है, जैसे- गंदी बस्तियों में वृद्धि, दूषित कार्य का वातावरण, औद्योगिक विवाद, पर्यावरण प्रदूषण आदि। लघु उद्योगों का विकास इन बुराइयों का प्रतिकारक / तोड़ है।

प्रश्न 7. स्वरोजगार में सफलता के लिए किन्हीं चार योग्यताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- स्वरोजगार में सलता के लिए आवश्यक गुण इस प्रकार हैं-
1. बौद्धिक योग्यता-स्वरोजगार व्यक्ति को सबसे अच्छे अवसरों की पहचान करने की क्षमता होनी चाहिए। साथ ही, विभिन्न ग्राहकों को संतुष्ट करने और निर्णय लेने की क्षमता भी महत्वपूर्ण है। समस्याओं का पूर्वानुमान करना और जोखिम उठाना भी आवश्यक है।
2. आत्मविश्वास-स्वरोजगार में मालिक को ही सभी निर्णय लेने आवश्यक होते हैं क्योकि उसे समस्याओं को हल करना होता है तथा आपूर्तिकर्त्ता, लेनदार ग्राहक तथा सरकारी अधिकारियों का सामना करना होता है। अतः उसमें आत्मविश्वास हो।
3. व्यवसाय का ज्ञान जो भी व्यक्ति स्वरोजगार में लगा है उसको व्यवसाय का पूरा ज्ञान होना चाहिए। इसमें व्यवसाय को चलाने का तकनीकी ज्ञान एवं कौशल भी सम्मिलित हैं।
4. सतर्कता तथा दूरदृष्टि-स्वरोजगार करने वाले लोगों को बाजार में हो रहे बदलावों के प्रति सतर्क और सचेत रहना चाहिए ताकि वे अपने व्यवसाय के कार्यों को उनके अनुकूल बना सकें। वह दूरदृष्टि भी रखना चाहिए ताकि वह परिवर्तनों का अनुमान लगा सके और अवसरों का लाभ उठा सके।
5. कानूनी ज्ञान-स्वरोजगार व्यक्ति को व्यवसाय सम्बन्धी एवं सेवाओं से सम्बन्धित कानूनों का कामचलाऊ ज्ञान आवश्यक
है। इनमें ट्रेड एंड ऐस्टेबलिशमेंट एक्ट, विक्रय कर एवं उत्पादन कर से संबंधित कानून एवं स्थान, प्रदूषण नियंत्रण आदि से संबंधित नियम हैं।
6. लेखा कार्य (Accounting) का ज्ञान हो, ताकि वह व्यवसाय से संबंधित खाते रख सके।
7. अन्य व्यक्तिगत गुण स्वरोजगार में लगे व्यक्ति में ईमानदारी, गंभीर तथा परिश्रमी जैसे गुणों का होना आवश्यक है।
प्रश्न 9. लेखाकार्य के लिए कौन से कौशल की आवश्यकता है?
उत्तर-लेखाकार्य में सफलता के लिए लेखांकन ज्ञान की अत्यन्त आवश्यकता है।

प्रश्न 10. स्वरोजगार के प्रेरणादायक तत्वों की पहचान कीजिए।

उत्तर-स्वरोजगार के प्रेरणादायक तत्त्व निम्नवत् हैं-
1. कार्य की स्वतंत्रता
2. परिश्रम एवं प्रतिफल में प्रत्यक्ष सम्बन्ध
3. निर्णय लेने का अधिकार।

प्रश्न 12. उन सम्भावित क्षेत्रों की गणना कीजिए जिनमें कोई व्यक्ति स्वरोजगार में लगा होता है।
उत्तर-निम्नलिखित क्षेत्र में स्वरोजगार की सम्भावना है-
1. छोटे पैमाने का फुटकर व्यापार-एक अकेला स्वामी छोटे व्यावसायिक इकाइयों को एक या दो सहायकों के सहयोग से सरलता से प्रारम्भ कर सकता है। उसका प्रबन्धन करके लाभ कमा सकता है।
2. पेशेगत योग्यताओं पर आधारित कार्यस्वरोजगार भी शामिल है, जिसमें पेशेवर प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता होती है। डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड एकाउन्टेंट, आर्किटेक्ट आदि
3. स्वरोजगार में शामिल होने वाले लोगों को अपनी विशिष्ट निपुणता के आधार पर ग्राहकों को सेवाएं देना माना जाता है। उदाहरण के लिए, साईकिल की मरम्मत, स्कूटर की मरम्मत, सिलाई, बाल संवारना आदि व्यक्तिगत सेवाएं हैं।
4. छोटे पैमाने की कृषि कृषि के छोटे पैमाने के कार्य जैसे-डेरी, मुर्गीपालन, बागबानी, रेशम उत्पादन आदि में स्वरोजगार सम्भव है।
5. ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग-चर्खा कातना, बुनना, हाथ से बुनना, कपड़ों की सिलाई भी स्वरोजगार हैं।
6. कला एवं काश्तकारी/शिल्प-जो लोग किसी कला अथवा शिल्प में प्रशिक्षण प्राप्त हैं वह भी स्वरोजगार ही है। इनके व्यवसाय हैं-सुनार, लोहार, बढ़ई आदि।
7. स्वरोजगार के अन्य क्षेत्र जैसे फेरी लगाना, घर-घर जाकर घरेलू उपकरणों की मरम्मत करना आदि।

जीविका का चयन के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1. ‘स्वरोजगार’ शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर-कोई आर्थिक क्रिया, जिसे एक व्यक्ति स्वयं लाभोत्पादक कार्य के रूप में करता है, स्वरोजगार कहलाती है। यह क्रिया, वस्तुओं के उत्पादन एवं विक्रय, वस्तुओं के क्रय एवं विक्रय या मूल्य के लिये सेवा प्रदान करने की हो सकती है।

प्रश्न 2. छोटे व्यवसाय की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
उत्तर-छोटे व्यवसाय की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) स्वामी व्यवसाय की दिन-प्रतिदिन की क्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
(ii) जेस्टेशन अवधि (वह अवधि जिसमें निवेश पर लाभ की प्राप्ति की व्यवसाय प्रतीक्षा करता है) कम होती है।

प्रश्न 3. स्वरोजगार की कोई चार विशेषतायें बताइये। उत्तर-स्वरोजगार की चार विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) स्वरोजगार वस्तुओं के उत्पादन, क्रय-विक्रय या फिर मूल्य के बदले दूसरों को सेवाएँ प्रदान करने से प्राप्त आय पर निर्भर करता है। स्वरोजगार में कोई निश्चित आय नहीं होती।
(ii) स्वरोजगार में प्रयत्न एवं पारितोषिक में प्रयत्क्ष सम्बन्ध है, क्योंकि स्वामी यदि लाभ स्वयं लेता है तो हानि का जोखिम भी स्वयं ही उठाता है।
(iii) स्वरोजगार भी दूसरों को काम देता है। इसका स्वामित्व और प्रबंधन एक ही व्यक्ति करता है, इसलिए आवश्यकतानुसार एक या दो लोगों को सहायक के रूप में रख लिया जाता है।
(iv) स्वरोजगार में, व्यक्ति अपने व्यवसाय को विस्तार करने और सफलतापूर्वक चलाने का निर्णय ले सकता है। इसमें व्यक्ति पूरी तरह से स्वतंत्र है और चाहे तो कानूनों की परिधि में काम कर सकता है।

प्रश्न 4. नौकरी के चार अवसरों के नाम बताइये।
उत्तर-नौकरी के विभिन्न अवसर हैं-
(i) व्यावसायिक फर्म, (ii) सार्वजनिक उद्यम, (iii) सेवा संगठन, (iv) सरकारी तथा अर्द्धसरकारी संगठन।

प्रश्न 5. सुरेश का विचार है कि नौकरी और स्वरोजगार एक ही है। क्या सुरेश ठीक है? स्पष्ट कीजिये।

उत्तर- नौकरी को दो पक्षों के बीच एक अनुबंध की तरह माना जा सकता है, जिसमें नियोक्ता नौकर को कुछ शर्तों के अधीन काम देता है और नौकर उसके बदले काम के लिए पारिश्रमिक देता है।
स्वरोजगार, दूसरों के अधीन काम न करके अपनी जीवनवृत्ति अपनाने के लिए स्वतंत्र रहना, स्वयं का व्यवसाय शुरू करना या किसी भी आर्थिक क्रिया को स्वयं लाभदायक कार्य के रूप में करना कहलाता है।
नौकरी और स्वरोजगार एक-दूसरे से बहुत अलग हैं, इसलिए सुरेश का विचार गलत है। वे अंतर निम्नलिखित हैं-
नौकरी
1. नौकरी में व्यक्ति एक नौकर के रूप में स्थान पाता है।
2. व्यक्ति दूसरों के लिये काम करता है तथा उसके बदले मजदूरी या वेतन लेता है।
3. नौकरी में आय सीमित एवं पूर्व निर्धारित होती है।
4. नौकरी में कार्य नित्यक्रम का होता है तथा बिना इच्छा के भी करना होता है।
5 . र्यवेक्षण तथा नियंत्रण नियोक्ता के हित में होता है।
6. नौकरी को जीवनवृत्ति के रूप में अपनाया जा सकता है।
7. नौकरी में किसी प्रकार का जोखिम नहीं होता।

स्वरोजगार
1. स्वरोजगार में व्यक्ति स्वयं स्वामी या नियोक्ता होता है
2. व्यक्ति स्वयं के लिये कार्य करता है और लाभ कमाता है।
3. स्वरोजगार में आय असीमित होती है जो कि व्यक्ति की क्षमता और योगदान पर निर्भर करती है।
4. स्वरोजगार में कार्य में लचीलापन होता है तथा संपूर्ण रूप से व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है।
5. व्यक्ति स्वयं अपने काम का नियंत्रक और पर्यवेक्षक होता है।
6. स्वरोजगार नौकरी उत्पन्न करता है।
7. स्वरोजगार में जोखिम सम्मिलित होता है।

इस पोस्ट में आपको Nios class 10th business studies chapter 19 solutions Nios class 10th business studies chapter 19 pdf Nios class 10th business studies chapter 19 notes NIOS Class 10 Business Studies chapter 19 Question Answer NIOS Class 10th Business Studies Chapter 19 Choosing a Career एनआईओएस कक्षा 10 व्यवसाय अध्ययन अध्याय 19 कैरियर का चयन से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top