NIOS Class 10th Arthashastra Chapter 7. उत्पादन

NIOS Class 10th Arthashastra Chapter 7. उत्पादन

NIOS Class 10 Economics Chapter 7 उत्पादन – आज हम आपको एनआईओएस कक्षा 10 अर्थशास्त्र पाठ 7 उत्पादन के प्रश्न-उत्तर (Production Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है । जो विद्यार्थी 10th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है. यहाँ एनआईओएस कक्षा 10 अर्थशास्त्र अध्याय 7 (उत्पादन) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 10th Economics 7 उत्पादन के प्रश्न उत्तरोंको ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.

NIOS Class 10 Economics Chapter7 Solution – उत्पादन

प्रश्न 1. त्पादन प्रकिया की परिभाषा दीजिए।
उत्तर- उत्पादन में सहायता देने वाले साधन को आगत कहा जाता है, जबकि उत्पादन निर्गत है। पुराने लोगों को जोड़कर उनकी सेवाओं का उपयोग करके वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करना उत्पादन प्रक्रिया है। इस तरह, आगत (उत्पादन के साधन) से निर्गत (उत्पादित उत्पाद) के उत्पादन प्रक्रिया को परिभाषित किया जा सकता है।

प्रश्न 2. एक उद्यमी एक उत्पादन इकाई की व्यवस्था कैसे करता है?
उत्तर- मानव की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई वस्तुएं और सेवाएं बनाई जाती हैं। उत्पादन इकाई है वहाँ उत्पादन क्रियाएं होती हैं। ज्यादातर वस्तुओं को कृषि फार्मों, फैक्ट्रियों, उद्योगों आदि में बनाया जाता है, जबकि सेवाओं को विभिन्न संस्थानों या केंद्रों, जैसे अस्पतालों, स्कूलों, कार्यालयों आदि, प्रदान करते हैं। प्रत्येक उत्पादन इकाई या प्रक्रिया में कई प्रक्रियाएं शामिल हैं। व्यवसायी इन सभी कार्यों को संभालता है। पूरी उत्पादन इकाई का मालिक साहसी या उद्यमी होता है।

यह वह व्यक्ति होता है जो व्यापार और उद्यम में उत्पादन करता है। उद्यमी जोखिम उठाता है, श्रम और धन व्यवस्था करता है और उत्पादन योजना बनाता है। लेकिन वह उत्पादन के सभी साधनों का मालिक नहीं होना चाहिए। यही कारण है कि वह भूमि को किराया देकर, श्रम को मजदूरी देकर तथा ब्याज देकर धन भी प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार, उद्यमी उत्पादन इकाई से लाभ और हानि दोनों के लिए जिम्मेदार है।

प्रश्न 3. श्रम गहन और पूंजी गहन, उत्पादन की तकनीकी में भेद कीजिए ।
उत्तर- श्रम – गहन तकनीक
1. किसी वस्तु विशेष के प्रति इकाई उत्पादन हेतु पूंजी का कम तथा श्रम का अधिक प्रयोग, श्रम गहन तकनीकी कहलाती है।
2. उत्पादन छोटे पैमाने पर किया जाता है।
3. स्व – उपभोग हेतु उत्पादन किया जाता है।
4. उत्पादन हाथों या छोटी मशीनों द्वारा होता है।
5. उदाहरण – खाद्यान्नों के उत्पादन में लकड़ी का हल और बैलों आदि का प्रयोग करना ।

पूंजी – गहन तकनीक
1. किसी वस्तु विशेष के प्रति इकाई उत्पादन हेतु श्रम के स्थान पर पूंजी का अधिक प्रयोग पूंजी गहन तकनीक कहलाता है।
2. उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।
3. बाजार में विक्रय तथा अधिकतम लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से उत्पादन किया जाता है।
4. सम्पूर्ण उत्पादन बड़ी मशीनों तथा नवीन तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया जाता है।
5. उदाहरण – कृषि उत्पादन में ट्रैक्टर, पम्पसेट, उत्तम किस्म के बीच तथा कटाई- दराई हेतु मशीनों का प्रयोग करना ।

प्रश्न 4. उत्पाद – आधारित और प्रक्रिया – आधारित श्रम विभाजन में भेद कीजिए ।
उत्तर- उत्पाद आधारित और प्रक्रिया-आधारित श्रम विभाजन में भेद इस प्रकार है-

उत्पाद – आधारित श्रम विभाजन एक श्रमिक या मजदूर द्वारा किसी एक वस्तु अथवा सेवा के उत्पादन में दक्षता प्राप्त करना, उत्पाद-आधारित श्रम विभाजन कहलाता है। उत्पाद – आधारित श्रम विभाजन के अन्तर्गत उत्पादन केवल स्वउपभोग हेतु तथा छोटे पैमाने पर किया जाता है। जैसे- भारत के अधिकतर राज्यों में किसानों द्वारा खाद्यान्नों का प्रयोग मुख्य रूप से स्वउपभोग हेतु ही किया जाता है।

प्रक्रिया – आधारित श्रम विभाजन: किसी उत्पाद को विभिन्न भागों या श्रेणियों में बनाने का प्रक्रिया को आधारित श्रम विभाजन कहते हैं। वर्तमान में सभी बड़ी उत्पादन इकाइयों, जैसे निगमों और सरकारी उद्यमों, श्रम विभाजन के माध्यम से बड़े पैमाने पर उत्पादन करते हैं। प्रक्रिया आधारित श्रम—विभाजन में एक से अधिक योग्य और कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 5. देशीय और विदेशी उत्पादन इकाइयों में भेदकीजिए ।
उत्तर – देशीय और विदेशी उत्पादन इकाइयों में भेद इस प्रकार है-

देशीय उत्पादन इकाई – देशी उत्पादन देशी लोगों की उत्पादन इकाई है। देशी उत्पादन इकाइयां उसी देश के नागरिकों द्वारा संचालित होती हैं। टाटा स्टील, डीसीएम, श्रीराम यूरिया, इण्डियन टेलीफोन आदि इसके उदाहरण हैं।

विदेशी उत्पादन इकाई – विदेशी उत्पादन इकाई का अर्थ है एक उत्पादन इकाई जिसका स्वामित्व, संचालन और नियंत्रण विदेशियों या गैर-आवासियों के पास है। उदाहरण के लिए, यदि कोई उत्पादन इकाई भारत में स्थित है और उसके मालिक जर्मनी के हैं, तो वह एक विदेशी इकाई कहलाएगी। विदेशी उत्पादन इकाई तब बनती है जब गैर आवासी सकल पूंजी के 51% शेयर खरीद लेते हैं।

प्रश्न 6. निजी क्षेत्रक और सार्वजनिक क्षेत्रक की उत्पादन इकाइयों में भेद कीजिए ।
उत्तर – सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जा सकता है-
1. विभागीय उद्यम- विभागीय उद्यम सरकारी विभाग या मंत्रालय की इकाइयां हैं। ऐसे उद्यमों पर संबंधित विभाग का मंत्री जिम्मेदार होता है। ऐसे उद्यमों पर संसद का प्रत्यक्ष नियंत्रण होता है। आकाशवाणी, दूरदर्शन, डाक और तार आदि विभागीय उद्यम हैं।

2. गैर – विभागीय उद्यम गैर– विभागीय उद्यम वे उद्यम होते हैं, जिनका पृथक वैधानिक अस्तित्व होता है। इस पर संसद का सीधा नियंत्रण नहीं होता। गैर- विभागीय उद्यम को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) वैधानिक निगम तथा
(ii) सरकारी कंपनियां ।

(i) वैधानिक निगम – इनका गठन लोकसभा और राज्य विधान सभा द्वारा पारित विशेष कानूनों के अधीन होता है। इसके कार्यों में संसद प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होती। ये स्वशासी संस्थाएं हैं। भारतीय स्टेट बैंक, रिजर्व बैंक, LIC इसके उदाहरण हैं।

(ii) सरकारी कंपनियां – ऐसी कंपनी जिसका बहुमत या 51% शेयर राज्य अथवा केन्द्र सरकार के स्वामित्व में हो, सरकारी कंपनी कहलाती है। इसका प्रबंध एवं नियंत्रण सरकार करती है। मारूति उद्योग लिमिटेड, हिन्दुस्तार शिपयार्ड लि० इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 8. एक कम्पनी और सहकारी समिति में भेद कीजिए ।
उत्तर- एक कम्पनी और सहकारी समिति में अंतर इस प्रकार है-
कम्पनी या निगम – इस तरह की उत्पादन इकाइयों में स्वामित्व अंशों (या शेयरों) में विभाजित होता है। शेयरहोल्डर या शेयरधारक शेयरों का मालिक है। शेयरधारियों की कुल संख्या कुछ भी हो सकती है। भारतीय कम्पनी एक्ट, 1956 के अनुसार शेयरधारियों की कम से कम संख्या सात होनी चाहिए। निजी सीमित दायित्व वाली कंपनियों में न्यूनतम दो और अधिकतम पच्चीस सदस्य हो सकते हैं। उदाहरणों में लिपटन इंडिया लिमिटेड और बजाज ऑटो लिमिटेड हैं |

सहकारी समिति – इसमें भी अधिक सदस्य हैं। यह एक व्यापार की तरह है। इसके मालिक भी शेयरधारी हैं। भारतीय सहकारी समिति अधिनियम के अनुसार शेयरधारियों की संख्या कम से कम दसवीं होनी चाहिए। ज्ञात अधिकतम संख्या नहीं है। समिति को चलाने के लिए शेयरधारी अपने सदस्यों से किसी को चुनते हैं। कम्पनी का लाभ शेयरधारियों के शेयरों के अनुपात में बाँटा जाता है। यह सहकारी उपभोक्ता भंडार से दिखाई देता है।

प्रश्न 10. स्वायत्त निगम और सरकारी कम्पनियों में भेद कीजिए ।
उत्तर – इस स्वायत्त निगम – सरकारी उत्पादन इकाइयों का एक अन्य प्रकार है, जो स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं, हालांकि वे भी सरकारी समर्थन और वित्त की व्यवस्था प्राप्त करते हैं। ये बड़े निगम हैं और स्वतंत्र हैं। सरकारी कंपनियाँ—ऐसी कंपनी जिसके बहुमत या 51% शेयर राज्य या केंद्र सरकार के स्वामित्व में हों, सरकारी कंपनी कहलाती है। सरकार इसे चलाती है और देखती है। हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड और मारुति उद्योग लिमिटेड इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 11. बहुराष्ट्रीय निगम और विदेशी सहयोग में अन्तर कीजिए ।
उत्तर- बहुराष्ट्रीय निगम एक उत्पादन इकाई हैं जिसका मुख्यालय एक देश में होता है, लेकिन उनकी व्यापारिक गतिविधियां कई देशों में फैलती हैं। उदाहरण के लिए, एक बहुराष्ट्रीय निगम एक कंपनी है जिसका मुख्यालय फ्रांस में है, लेकिन उसकी बिक्री दुनिया भर में होती है। शेल, जनरल मोटर्स और कोका कोला बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उदाहरण हैं। विदेशी उत्पादन इकाइयों में विदेशी और देशी उद्यमी मिलकर काम करते हैं। विदेशी उत्पादन इकाई होने के लिए विदेशियों के पास कंपनी के 51% या उससे अधिक शेयर होना चाहिए। लेकिन विदेशी सहयोग तब होगा जब कंपनी में 50 प्रतिशत से कम शेयर विदेशियों के पास हैं।

प्रश्न 12. फर्म और उद्योग में भेद कीजिए ।
उत्तर- एक फर्म एक व्यक्तिगत उत्पादन इकाई है जो वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है और बाजार में बिक्री करके लाभ कमाती है। जबकि उद्योग ऐसी सभी फर्मों का एक समूह है, जो एक जैसी वस्तुओं का उत्पादन करती हैं, तो आम तौर पर किसी फर्म का संबंध एक वस्तु के उत्पादन से होता है।
उदाहरण के लिए, बाटा शू एक कंपनी है, लेकिन जूता उद्योग में सभी कंपनियां, जैसे लिबर्टी, आदिदास, एक्शन, नाइक, रिबोक, आदि हैं

प्रश्न 13. फर्म और उद्योग की भूमिका और महत्त्व की व्याख्या कीजिए |
उत्तर – हमारे दैनिक जीवन में फर्मों और उद्योगों का विशेष महत्त्व होता है। इन उत्पादन इकाइयों में मानवीय आवश्यकताओंकी तुष्टि हेतु विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन किया जाता है। फर्मों तथा उद्योगों के महत्त्व एवं भूमिका का वर्णन इस प्रकार है-

1. उपभोग हेतु विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन– हम जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताएँ अलग-अलग हैं और मानवीय आवश्यकताएँ अनंत हैं। इसलिए फर्मे तथा उद्योग विभिन्न प्रकार एवं प्रकृति की वस्तुओं तथा उत्पादों का उत्पादन करते हैं।

2. पूंजीगत वस्तुओं तथा निवेश हेतु वस्तुओं का उत्पादन – विभिन्न उद्योगों तथा फर्मों के विकास हेतु अनेक पूंजीगत वस्तुओं तथा निवेश की आवश्यकता होती है। विशेषकर मशीनों, संयंत्र तथा अन्य परिवहन सेवाओं हेतु अधिक निवेश की आवश्यकता होती है तथा निवेश का स्तर उत्पादन के स्तर तथा बचत की प्रकृति पर निर्भर करता है।

3. रोजगार का सृजन– भारत जैसे विकासशील देश में बेरोजगारी की समस्या अत्यंत गंभीर है। अतः विशाल क्षेत्र का फैले मानवीय संसाधनों को रोजगार उपलब्ध कराने में फर्मों तथा उद्योग महत्त्वपूर्ण योगदान अदा करते हैं।

4. आधारभूत संरचना का निर्माण- उस देश की आधारभूत संरचना उसकी विकास और आर्थिक वृद्धि पर निर्भर करती है। देश की आधारभूत संरचना में परिवहन, संचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा आदि क्षेत्र शामिल हैं, इसलिए औद्योगिक क्षेत्र का विकास अनिवार्य है।

उत्पादन के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. उद्यमी कौन होता है ? उद्यमी की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर- उद्यमी उत्पादन के साधनों को एकत्रित करने वाले, उत्पादन प्रक्रिया शुरू करने वाले तथा उत्पादन के दौरान जोखिम उठाने वाले व्यक्ति हैं।
उद्यमी की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं-
1. उद्यमी उत्पादन की योजना बनाता है।
2. वह उत्पादन कार्यों का विभाजन करता है।
3. उद्यमी उत्पादन के विभिन्न साधनों को संगठित करने का कार्य करता है।
4. वह कार्यों का निर्देशन तथा निरीक्षण करता है।
5. वह उत्पादन के सभी साधनों का संयोजन करता है।
6. उद्यमी उत्पादन के सभी साधनों को उनका पारिश्रमिक प्रदान करता है।

प्रश्न 2. निजी कंपनी और सरकारी कम्पनी में अन्तर बताइए ।
उत्तर- सरकारी कंपनी से निजी कंपनी निम्नलिखित बातों से अलग है: भारतीय कंपनी एक्ट 1956 ने निजी कंपनियों को बनाया है। निजी कंपनियों को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत कम से कम सात सदस्य होने चाहिए। ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना इसका मुख्य लक्ष्य है। कंपनी में उनके हिस्से के मूल्य तक ही उनके सदस्यों की जिम्मेदारी सीमित रहती है। निजी कंपनी के अंशधारियों द्वारा चुने गए निर्देशकों पर कंपनी का प्रबंध होता है।
कंपनी अधिनियम सरकारी कंपनी का गठन करता है। कम से कम 51% सरकारी कंपनियों में है। सरकारी कंपनी के अपने नियम और कानून हैं, इसलिए यह बहुत लोचशील है। निर्देशक बोर्ड इसे नियंत्रित करता है। लेकिन इसमें निजी क्षेत्र के पेशेवर मैनेजर भी शामिल हैं।

प्रश्न 4. साझेदारी में स्वामियों की संख्या कितनी होती
उत्तर- 2 से 20 तक।

प्रश्न 5. सहकारी समिति में सदस्यों की न्यूनतम संख्या कितनी होती है ?
उत्तर- 10

प्रश्न 6. विदेशी उत्पादन इकाई से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- इसमें 51% अंश विदेशियों का होता है।

प्रश्न 7. बहुराष्ट्रीय निगम क्या है ?
उत्तर – बहुराष्ट्रीय निगम वह उद्यम है, जिसका मुख्य केन्द्र किसी एक देश में होता है, परन्तु उनका व्यवसाय अनेक देशों में विस्तृत होता है।

प्रश्न 8. बहुराष्ट्रीय निगम के दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – पेप्सी तथा कोका कोला ।

प्रश्न 9. विदेशी उत्पादन इकाइयों के प्रकार बताइए ।
उत्तर – बहुराष्ट्रीय निगम तथा विदेशी सहयोग |

प्रश्न 10. भारतीय रेलवे कैसा उद्यम है?
उत्तर – सार्वजनिक उद्यम |

प्रश्न 11. देशी उत्पादन इकाई को कितने भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर – देशी उत्पादन इकाई को दो भागों में बांटा जा सकता है-
1. निजी क्षेत्र तथा
2. सार्वजनिक (सरकारी) क्षेत्र ।

प्रश्न 12. निजी क्षेत्र क्या है?
उत्तर- जिन उत्पादन इकाइयों पर निजी व्यक्तियों अथवा संस्थाओं का अधिकार होता है, वे निजी क्षेत्र की उत्पादन इकाई होती हैं।

प्रश्न 13. सार्वजनिक क्षेत्र से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- जिन उत्पादन इकाइयों पर सरकार का नियंत्रण होता है, वे सार्वजनिक क्षेत्र के अन्तर्गत आती हैं।

प्रश्न 14. सरकारी स्वामित्व वाली उत्पादन इकाइयों को कितने भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर – सरकारी स्वामित्व वाली उत्पादन इकाई को दो भागों में बांटा जा सकता है-
1. विभागीय उद्यम
2. गैर- विभागीय उद्यम ।

प्रश्न 15. विभागीय उद्यम के प्रकार बताइए ।
उत्तर- 1. वैधानिक निगम
2. सरकारी कम्पनी

प्रश्न 16. दो सरकारी कम्पनियों के उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – एच. एम. टी. एवं हिन्दुस्तान स्टील लि. ।

प्रश्न 17. दो विभागीय उद्यमों के नाम बताइए ।
उत्तर- डाक व तार विभाग तथा चितरंजन लोकोमोटिव लि. ।

प्रश्न 18. सहकारी समिति का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर – सहकारी उपभोक्ता भंडार ।

प्रश्न 19. भारतीय सहाकरी अधिनियम, 1912 के अन्तर्गत शेयरधारियों की संख्या कितनी होनी चाहिए?
उत्तर – न्यूनतम 10 (दस है।

प्रश्न 20. शेयर क्या है ?
उत्तर- जब उत्पादन इकाई में लगाई गई पूंजी को छोटे-छोटे अंशों में बांट दिया जाता है, तब इसे शेयर कहते हैं।

प्रश्न 21. भारत सरकार के दो बड़े व्यावसायिक संगठनों के नाम बताइए ।
उत्तर- इण्डियन एयरलाइन्स तथा राज्य सड़क परिवहन निगम ।

प्रश्न 22. सार्वजनिक क्षेत्र का प्रबन्ध व स्वामित्व किसका होता है? हैं?
उत्तर – सरकार का ।

प्रश्न 23. सरकारी बसें तथा रेलें किसके अधीन चलती
उत्तर- सार्वजनिक क्षेत्र के अधीन ।

प्रश्न 24. निजी क्षेत्र की उत्पादन इकाई से क्या तात्पर्य है? इसे कितने भागो में बांटा जा सकता है? वर्णन कीजिए-
उत्तर – निजी क्षेत्र की उत्पादन इकाई निजी व्यक्ति या संस्थाओं के पास है। निजी क्षेत्र की इकाइयों को उनके स्वामियों की संख्या के अनुसार वर्गित किया जा सकता है। नाई की दुकान, दूध की डेरी इसके उदाहरण हैं। ज्यादातर, एक व्यक्ति इन कार्यों पर नियंत्रण रखता है।
इसी तरह, उत्पादन इकाई का एक से अधिक मालिक भी हो सकता है। उत्पाद इकाई के स्वामियों की संख्या उसके आकार के अनुरूप होगी। इसलिए उत्पादन इकाइयों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है:

(क) एकल स्वामित्व – एकल स्वामित्व वाली इकाई एक उत्पादन इकाई है। यह व्यक्ति इस इकाई को नियंत्रित करता है। यह व्यक्ति भी इस इकाई के लिए लाभ या हानि का जिम्मेदार है।

(ख) साझेदारी – इस तरह की इकाई में दो या दो से अधिक स्वामी होते हैं। सामूहिक रूप से वे उत्पादन इकाई को चलाते हैं। वे साझेदारी बनाते समय दोनों पक्षों को मानते हैं। 1932 के भारतीय साझेदारी अधिनियम के अनुसार, साझेदारों की अधिकतम संख्या 20 हो सकती है।

(ग) कम्पनी – इस तरह की उत्पादन इकाई में अधिक स्वामित्व है। इसमें लगाई गई रकम अंशों (अथवा शेयरों) में विभाजित होती है। शेयरधारी लोग हैं जो शेयर खरीदते हैं। ये इकाई का मालिक हैं। भारतीय कम्पनी अधिनियम 1956 के अनुसार, कम से कम सात शेयरधारी होने चाहिए। इसमें कोई अधिकतम सीमा नहीं दी गई है। उसकी निगरानी करने वाले लोगों को शेयरधारी चुनते हैं। शेयरधारी होना आवश्यक नहीं है। ये लोग निदेशक हैं। कम्पनी का लाभ शेयरधारियों के अनुपात में बाँट दिया जाता है। इसके उदाहरण हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा आयरन, एस्सार गुजरात लि., डीसीएम, बाटा इंडिया लि., बजाज ऑटो लि। कम्पनी और साझेदारी में सदस्यों की संख्या में कुछ समानता है। कम्पनी में साझेदारों की न्यूनतम संख्या 7 होती है, जबकि साझेदारी में 2 होती है। इकाई साझेदारी दो से अधिक या 7 से कम साझेदारों से बनती है।

(घ) सहकारी समिति – इसमें भी अधिक स्वामी हैं। यह व्यवसाय की तरह है। स्वामी भी शेयरधारी हैं। भारतीय सहकारी समिति अधिनियम के अनुसार, शेयरधारियों की कम से कम दस होनी चाहिए। वैसे, इनकी अधिकतम सीमा नहीं दी गई है। समिति का प्रबंधन शेयरधारी करते हैं। समिति को मिलने वाले लाभ को शेयरधारियों के शेयरों के अनुपात में बाँटा जाता है। दिल्ली में सुपर बाजार सहकारी समिति और सरकारी उपभोक्ता भंडार दो उदाहरण हैं।

प्रश्न 25. उत्पादन की अवधारणा की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- उत्पादन, एक निश्चित समय के दौरान किसी वस्तु या सेवा की मात्रा को कहते हैं। उत्पादन के साधन विभिन्न आगतों का उपयोग करके किसी वस्तु अथवा सेवा को बनाया जाता है। इन आगतों के मेल से जो नुकसान होता है यह निमंत या उत्पादन है। उत्पादन की प्रक्रिया आगतों से निर्गतों का उत्पादन है। उत्पादन अवधारणा की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं-
1. उत्पादन में उत्पादन के साधनों का प्रयोग किया जाता है।
2. उत्पादन प्रक्रिया द्वारा उत्पादित वस्तुओं तथा उत्पादों में मानवीय आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने की क्षमता होनी चाहिए।
3. उत्पादित वस्तुओं तथा पदार्थों का बाजार मूल्य होना चाहिए।

इस पोस्ट में आपको Nios class 10 economics chapter 7 production notes pdf Nios class 10 economics chapter 7 solutions Nios class 10 economics chapter 7 production question answer Nios class 10 economics chapter 7 pdf Nios class 10 economics chapter 7 notes nios class 10 economics chapter 7 question answer एनआईओएस कक्षा 10 अर्थशास्त्र अध्याय 7 उत्पाद से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top