मूल आर्थिक गतिविधियां के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. उत्पादन की परिभाषा दीजिए। यह क्यों आवश्यक है?
उत्तर- आम तौर पर: उत्पादन किसी वस्तु में मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता बनाना है। संक्षेप में, उत्पादन का अर्थ है किसी वस्तु में तुष्टिगुण बनाना। जैसे कि कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाते हैं। दूसरे शब्दों में, उत्पादन शब्द पहले से उपस्थित वस्तुओं की उपयोगिता को बढ़ाता है। इसमें कृषि, निर्माण तथा विनिर्माण, परिवहन तथा व्यापार आदि सब कुछ शामिल है। उदाहरण के लिए, लकड़ी से मेज बनाना। इस तरह मनुष्य कई उपयोगी उत्पाद बनाता है। जैसे मनुष्य रूप, आकार और स्थान बदलकर वस्तु बनाता है प्रो. टॉमस का कहना है कि उत्पादन एक वस्तु में तुष्टिगुण उत्पन्न करना है। दूसरे शब्दों में, उत्पादन का अर्थ है वस्तुओं को अधिकाधिक उपयोगी बनाना।
मानवीय आवश्यकताएं वस्तुओं और सेवाओं के प्रयोग से ही संतुष्ट हो सकती हैं, और वस्तुओं और सेवाओं को प्राप्त करना उत्पादन से ही संभव है, इसलिए उत्पादन उपभोग के लिए आवश्यक है। उत्पादन भी निवेश की जरूरत है।
प्रश्न 2. पूंजी निर्माण या निवेश से आप क्या समझते है? यह क्यों आवश्यक है?
उत्तर- पूंजी निर्माण किसी अर्थव्यवस्था का तीसरी महत्वपूर्ण कार्य है। प्रत्येक वर्ष, विद्यमान पूंजीगत वस्तुओं (जैसे मशीनरी) के स्टॉक को बढ़ाकर भविष्य में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की कोशिश की जाती है। एक वर्ष में पूंजीगत वस्तुओं के स्टॉक में वृद्धि निवेश या पूंजी निर्माण कहलाती है। अर्थात पूंजी निर्माण उत्पादन और उपभोग देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए आवश्यक है। यह उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है और पूंजीगत वस्तुओं के स्टॉक को बढ़ाता है। शब्दों में, निवेश किसी देश की उत्पादन क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए उत्पादित सब कुछ या तो खपत होता है या धन बनाता है।
प्रश्न 3. आर्थिक गतिविधियों में उपभोग क्यों आवश्यक है?
उत्तर- उपभोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करना है। मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल बहुत सी वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन पर्याप्त नहीं है। यही कारण है कि उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं तथा सेवाओं का खरीदना ही उपभोग कहलाता है। इसलिए आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपभोग करना चाहिए। उपभोग के बिना उत्पादन भी संभव नहीं होगा। यही कारण है कि उपभोग उत्पादन का लक्ष्य है और उत्पादन में वृद्धि होनी चाहिए।
प्रश्न 4. उत्पादन, उपभोग और निवेश कैसे परस्पर संगठित हैं?
उत्तर- उत्पादन, उपभोग और निवेश एक दूसरे से संबंधित हैं। इन तथ्यों से इसकी व्याख्या की जा सकती है। मानव अपनी आवश्यकताओं को अक्सर वस्तुओं और सेवाओं से पूरा करता है। उत्पादक वस्तुएं प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन में सहायक हैं। अर्थात उपभोग उत्पादन का अंतिम लक्ष्य है। उत्पाद बनाया जाता है ताकि उपयोग किया जा सके। इसके अलावा, उत्पादक वस्तुओं तथा सेवाओं के अभाव में उत्पादन संभव नहीं है। जैसे- अनाज उत्पादन के लिए बीज, खाद, पानी और जमीन आदि की जरूरत होती है
इसके लिए भी मशीनें चाहिए। इसलिए ये सभी उत्पाद हैं। इस तरह उत्पादन उत्पादों पर निर्भर करता है उत्पादक भी भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्पादन का स्टाक रखते हैं। इसे निवेश कहा जाता है। संक्षेप में, निवेश भविष्य में उपभोग की जाने वाली मात्रा निर्धारित करता है। अधिक उपभोग के साथ अधिक उत्पादन भी होता है, जिसके लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। उत्पादन और उपभोग के अधिक अंतर पर ही अधिक निवेश निर्भर करता है। इसलिए उत्पादन, उपभोग और निवेश एक दूसरे से संबंधित हैं।
प्रश्न 5. साधन आय से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- उत्पादन के चार महत्त्वपूर्ण साधन भूमि, श्रम, पूंजी तथा उद्यम हैं। उत्पादन के साधनों पर व्यक्ति या व्यक्ति समूह का स्वामित्व होता है। इसलिए उत्पादन के साधनों को उनकी उत्पादक सेवाओं के बदले भुगतान किया जाता है। अतः भूस्वामी को लगान, श्रमिक को मजदूरी, पूंजीगत संसाधनों के स्वामियों को ब्याज तथा उद्यमियों को लाभ का भुगतान सभी साधन आय के ही रूप हैं। सरल शब्दों में उत्पादन के साधनों को अपनी उत्पादित सेवाओं हेतु प्राप्त आय साधन आय कहते हैं।
प्रश्न 6. पूंजी का उत्पादन के साधनों में क्या महत्त्व है ? इसके संभव रूप कौन-कौन से हैं? इसकी विशेषताएं भी लिखिए।
उत्तर- पूंजी किसी भी प्रकार के धन का वह हिस्सा है जो उत्पादन में मदद करता है। धन सिर्फ पूंजी और श्रम के आपसी सहयोग से बनता है। यह स्वतंत्र साधन नहीं माना जाता, इसलिए इसे उत्पादन का उत्पादित साधन कहते हैं।
पूंजी के अनेक रूप संभव हैं। इनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं-
1. भौतिक और वैयक्तिक पूंजी,
2. निजी व सामाजिक पूंजी,
3. चल व अचल पूंजी तथा
4. उत्पादक पूंजी व उपभोग पंजी
इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं-
1. यह एक स्वतंत्र साधन नहीं होता, जो इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। यह आदमी बनाता है या बनाता है।
2. पूंजी उत्पादनशील भी है। आज की दुनिया में पूंजी द्वारा उत्पादन संभव है।
3. पैसे को एक निष्क्रिय और स्थायी साधन माना जाता है।
4. इसकी सबसे बड़ी विशेषता भी मानी जाती है गतिशीलता।
5. पैसे बदलते रहते हैं। पूंजी की उपर्युक्त विशेषताओं के कारण ही इसका उत्पादन महत्वपूर्ण स्थान है।
प्रश्न 7. उत्पादन के साधनों में भूमि की उपयोगिता का वर्णन करें।
उत्तर- भूमि में दबे हुए उपयोगी पदार्थ और शक्तियां जो मनुष्य को प्रकृति द्वारा निःशुल्क प्राप्त हुई हैं, भूमि की उपयोगिता को अत्यधिक बढ़ा देती हैं। उत्पादन के साधन के रूप में इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं- भूमि की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह सीमित व निश्चित है। इसके गर्भ में छिपे हुए खनिज पदार्थ भी निश्चित मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
प्रश्न 8. श्रम की क्या विशेषताएं हैं?
उत्तर- श्रम की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-
1. श्रम को श्रमिक से पृथक नहीं किया जा सकता अर्थात किसी व्यक्ति का श्रम दूसरे का श्रम नहीं हो सकता। श्रम का उपयोग वही व्यक्ति कर सकता है, जो कार्य विशेष को करना जानता है।
2. श्रमिक अपने श्रम का स्वामी होता है।
3. श्रम उत्पादन का गतिशील साधन है। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया तथा ले जाया जा सकता है।
4. श्रम उत्पादन का नश्वर साधन है अर्थात यदि व्यक्ति ने एक दिन कार्य नहीं किया, तो उसका उस दिन का श्रम व्यर्थ हो जाएगा।
5. श्रम उत्पादन का एक सक्रिय साधन है क्योंकि इसके बिना कोई उत्पादन कार्य नहीं किया जा सकता है।
6. श्रमिक की सेवाएं खरीदी तथा बेची जा सकती हैं, स्वयं श्रमिक को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता।
प्रश्न 9. निम्नलिखित क्रियाओं को आर्थिक (E) और गैर-आर्थिक (N) वर्गों में बाँटें।
(i) धूप का आनंद उठाना
(ii) मूँगफली खरीदना
(iii) मजदूर द्वारा कारखाने में काम करना
(iv) पिता द्वारा अपनी पुत्री को पढ़ाना
(v) माँ द्वारा घर में खाना पकाना
(vi) ड्राइवर का बस चलाना
उत्तर- (i) N; (ii) E; (iii) E; (iv) N; (v) N; (vi) E;
प्रश्न 10. इनमें आर्थिक गतिविधियों के सामने (/) का तथा गैर-आर्थिक गतिविधियों के सामने (x) का चिह्न लगाएं-
(i) एक गायक द्वारा घर पर गायन
(ii) गायक द्वारा संगीत सभा में गायन
(iii) रिक्शा चालक द्वारा सवारियां ले जाना
(iv) संजीव कपूर द्वारा टी.वी. पर हलुआ बनाने का प्रशिक्षण
(v) बढ़ई द्वारा अपनी खाट की मरम्मत।
उत्तर- (i) (x); (ii) (/); (iii) (/); (iv) (/) (1) (X)
प्रश्न 11. इनमें से गैर-आर्थिक गतिविधियों के सामने (v) का चिह्न लगाएं-
(i) घर के बगीचे में टमाटर उगाना
(ii) नर्स का अस्पताल में बच्चों को दवाइयां देना
(iii) गायक का कैसेट कंपनी के लिए गायन
(iv) दुकानदार द्वारा अपने घर पर प्रयोग के लिए चावल पैक करना
(v) पिता का अपने बच्चों को सैर करवाने ले जाना ।
उत्तर- (i) (✔); (ii) (????): (iii) (✔); (iv) (✔) (v) (✔)
प्रश्न 12. इन कथनों में से सत्य / असत्य बताइए-
(i) उत्पादन, उपभोग और निवेश आर्थिक गतिविधियां नहीं हैं।
(ii) उत्पादन से उपयोगिता तथा आय का सृजन होता
(iii) खरीदारी होते ही वस्तुओं को उपभोग हुआ मान लिया जाता है।
(iv) वर्ष भर के उत्पादन और उपभोग का अंतर निवेश कहलाता है।
(v) उपभोग से वस्तुओं की आवश्यकता तुष्टि शक्तियों में वृद्धि होती है।
(vi) अधिक उत्पादन अधिक उपभोग को जन्म देता है।
उत्तर- (i) असत्य (ii) सत्य (iii) सत्य (iv) सत्य (v) असत्य (vi) सत्या
प्रश्न 13. इनमें से कौन सी गतिविधियां उपभोग के अंतर्गत आती हैं?
1. वस्तुएं जो बाजार से खरीदी गई
2. एक होटल में भोजन करना
3. एक अंधे व्यक्ति को सड़क पार करने में सहायता करना
4. घर में पूजा करना
उत्तर- 1. अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाजार से खरीदी गई वस्तुओं को उपभोग किया जाता है। लेकिन बाजार से उत्पादित सामान उपभोग नहीं होगा।
2. होटल में भोजन करना उपभोग है।
3. अंधे व्यक्ति को सड़क पार करने में सहायता देना उपभोग नहीं है, क्योंकि यह गैर-आर्थिक क्रिया है।
4. घर में पूजा करना उपभोग नहीं है, क्योंकि यह गैर-आर्थिक क्रिया है।
प्रश्न 14. ‘आवश्यकताएं आर्थिक गतिविधियों को जन्म देती हैं।’ अपने दैनिक जीवन से तीन उदाहरण दें।
उत्तर- आवश्यकताएं आर्थिक गतिविधियों को जन्म देती
हैं। दैनिक जीवन में इसके उदाहरण निम्नलिखित हैं-
1. ऑटो चालक द्वारा यात्रियों को ढोना ।
2. रसोइये द्वारा खाना बनाना ।
3. फैक्ट्री में मजदूर द्वारा काम करना ।
प्रश्न 15. आर्थिक गतिविधियों में उपभोग क्यों आवश्यक है?
उत्तर- उपभोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करना है। मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल बहुत सी वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन पर्याप्त नहीं है। यही कारण है कि उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं तथा सेवाओं का खरीदना ही उपभोग कहलाता है। इसलिए आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपभोग करना चाहिए। उपभोग के बिना उत्पादन भी संभव नहीं होगा। इसलिए उपभोग दोनों उत्पादन और निवेश का लक्ष्य है। इसलिए उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है।
प्रश्न 16. आप उत्पादन, उपभोग तथा निवेश में कैसे अंतर करेंगे?
उत्तर- उत्पादन है किसी वस्तु में मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता बनाना। दूसरे शब्दों में, उत्पादन शब्द पहले से उपस्थित वस्तुओं की उपयोगिता को बढ़ाता है। मानव द्वारा किसी वस्तु के रूप, गुण, आकार आदि में बदलाव करके उसकी उपयोगिता बढ़ाना उत्पादन कहलाता है। अर्थात उत्पादन किसी वस्तु में तुष्टिगुण उत्पन्न करना है। मानव आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसी वस्तु का उपयोग करना आम बोलचाल में उपभोग कहलाता है। नष्ट होना उपभोग नहीं है; यह मानव आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है।
दूसरे शब्दों में, आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक वर्ष में बनाई गई सभी वस्तुओं और सेवाओं को उसी वर्ष में नहीं खर्च किया जाता। कुछ सामान स्टॉक में रहते हैं। उपभोग इस अंतर का नाम है। दूसरे शब्दों में, उपभोग और उत्पादन के बीच की दूरी को निवेश कहते हैं।
प्रश्न 17. आर्थिक तथा अनार्थिक क्रियाओं में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर- आर्थिक तथा अनार्थिक क्रियाओं में निम्नलिखित आधार पर अन्तर किया जा सकता है-
अन्तर का आधार | आर्थिक क्रिया | अनार्थिक क्रिया |
1. क्रिया का उद्देश्य | 1. जब क्रिया का उद्देश्य धन अर्जित करना होता है, तो वह क्रिया आर्थिक कहलाती है। जैसे- डॉक्टर द्वारा मरीज का इलाज करना। | 1. जब क्रिया का उद्देश्य धन अर्जित करना नहीं होता, तो वह अनार्थिक क्रिया कहलाती है। जैसे- माता द्वारा अपने बीमार बच्चे की देखभाल करना । |
2. क्रिया का धन से सम्बन्ध अथवा उसे द्रव्य द्वारा मापा जाना | 2. जब क्रिया का धन से प्रत्यक्ष सम्बन्ध हो तथा द्रव्य के मापदण्ड द्वारा उसे मापा जा सके। जैसे मजदूर द्वारा मजदूरी लेकर कार्य करना । | 2. जब क्रिया का धन से कोई सम्बन्ध नहीं होता तथा उसे द्रव्य द्वारा मापा नहीं जा सकता। जैसे- नर्स द्वारा घर पर ही काम करना । |
3. क्रिया की वैधनिकता का आधार | 3. इसमें धन अर्जन की वैध क्रिया ही शामिल की जाती है जैसे वकील का कचहरी में कार्य करके धन कमाना आदि। | |
4. इसमें धन अर्जन की अवैध क्रिया भी शामिल हो सकती है। जैसे रिश्वत लेना चोरी करना तथा तस्करी करना आदि। |
प्रश्न 18 आवश्यकताओं तथा आर्थिक क्रियाओं के मध्य संबंधों की सोदाहरण व्याख्या करें।
उत्तर- आवश्यकताओं और वित्तीय क्रियाओं में गहरा संबंध है। उदाहरण के लिए, अगर हम कपड़ा खरीदना चाहते हैं, तो हमें पैसे प्राप्त करने की कोशिश करनी होगी; पैसे को सिर्फ किसी काम को करके प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार, हमें पैसे खर्च करने की जरूरत है अगर कपड़े की जरूरत है। मानवीय क्रिया ही आवश्यकता की सन्तुष्टि कर सकती है। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं को बाजार से खरीदकर हमारी आर्थिक आवश्यकताएँ पूरी कर सकते हैं।
जैसे फैक्ट्री में काम करना, स्कूल में पढ़ाना, कपड़े और जूते बनाना आदि। मानव इन क्रियाओं को करने से अपनी ही नहीं, दूसरों की भी आवश्यकताओं को पूरा करता है। इससे स्पष्ट है कि आवश्यकता पूरी करने के लिए आर्थिक कार्रवाई करनी पड़ेगी। जैसे, नमक की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कई प्रक्रियाएं करनी पड़ती हैं। हमें इसे दुकान से खरीदना पड़ता है, फिर थोक विक्रेता इसे नमक बनाने वाली फर्म से खरीदता है। इस तरह आवश्यकताओं और आर्थिक क्रियाओं में गहरा संबंध है।
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