NIOS Class 10 Home Science Chapter 20 किशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ

NIOS Class 10 Home Science Chapter 20 किशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ

NIOS Class 10 Home Science Chapter 20 किशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ – आज हम आपको एनआईओएस कक्षा 10 गृह विज्ञान पाठ 20 किशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ के प्रश्न-उत्तर (Adolescence Charms and Challenges Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है । जो विद्यार्थी 10th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है. यहाँ एनआईओएस कक्षा 10 गृह विज्ञान अध्याय 20 (किशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 10th Home Science 20 पाकिशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ के प्रश्न उत्तरोंको ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.

NIOS Class 10 Home Science Chapter 20 Solution – किशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ

प्रश्न 1. उन शारीरिक परिवर्तनों का उल्लेख करें जो किशोर लड़कों तथा लड़कियों में समान है।
उत्तर- 1. शारीरिक परिवर्तनों का लक्षित होना – किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तन इस प्रकार हैं-

(a) कद और वजन का तेजी से बढ़ना – कद और वज़न के इस तरह तेजी से बढ़ने को अक्सर किशोरावस्था का अंत कहा जाता है। लड़के और लड़कियों दोनों में किशोरावस्था की इस तरह फूटकर निकलने की प्रक्रिया चार साल तक चलती है। 11 वर्ष की औसत आयु में लड़कियों और 13 वर्ष की औसत आयु में अधिकांश लोगों का वजन और कद बढ़ जाता है । इसके बाद, यह विकास कई सालों तक धीरे-धीरे चलता रहता है।

(b) शारीरिक बनावट में परिवर्तन – कद और वजन बढ़ने के साथ ही लड़के और लड़कियों की शारीरिक बनावट में भी परिवर्तन शुरू हो जाते हैं ।

(c) जननेंद्रियों का विकास – कद और वजन बढ़ने की अवस्था की तरह ही यह एक सामान्य बात है कि हर किशोर में यौनांगों के विकास की भी अलग-अलग अवस्था हो सकती है ।
लड़के और लड़कियों के यौनांगों का विकास इस दौर में तेजी से होने लगता है, जो बचपन में छोटे और अपूर्ण थे। इस परिवर्तन से लड़कियों में माहवारी और लड़कों में वीर्यपात शुरू होता है। लड़कियों में गर्भधारण की क्षमता बढ़ती है।
इस स्थिति में बहुत से शारीरिक परिवर्तन होने लगते हैं, जिनमें उल्लेखित हैं। लड़कियों के वक्ष बढ़ने लगते हैं, उनके नितंब चौड़े होते हैं, उनके जननेंद्रिय के आसपास और बगल में बाल आने लगते हैं।
लड़कों में भी जननेंद्रिय के आसपास, बगलों में, चेहरे पर और शरीर के शेष भागों में बाल उगने लगते हैं। उनकी आवाज में भी बदलाव आता है। इसके अलावा, मांसपेशियां बनने लगती हैं । लड़कियों और पुरुषों दोनों की त्वचा का रंग भी बदलता है

प्रश्न 2. किशोरावस्था के दौरान भावात्मक तथा सामाजिक परिवर्तनों के बीच अंतर बताएँ ।
उत्तर – किशोरावस्था में भावात्मक विकास का मतलब अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता का विकास है। किशोरावस्था में बच्चों का विद्रोह होता है। जबकि उसके सामाजिक संबंधों में परिवर्तन आते हैं, तो उनके व्यवहार में तीव्रता, मूड में बदलाव आदि सामान्य बातें हैं। इसमें वयस्कों को अपनी अलग पहचान बनाना चाहिए। धीरे-धीरे वे स्वतंत्र निर्णय लेना चाहते हैं।

प्रश्न 3. एक उदाहरण देकर स्पष्ट करें कि सकारात्मक आत्मविश्वास बेहतर कार्य-निष्पादन में किस प्रकार सहायक होता है?
उत्तर- सकारात्मक आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है क्योंकि एक व्यक्ति की पहचान उनकी आत्मविश्वास और आत्मविश्वास से बनती है। अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना महत्वपूर्ण है। हम स्वयं पर विश्वास करके दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं। जीवन में सफलता पाने के लिए सकारात्मक आत्मविश्वास बहुत महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, छोटी काले रंग की लड़की नीतू कक्षा में है, लेकिन उसने अपनी आकृति की परवाह किये बिना पढ़ाई में समय बिताया। उसने एमबीए किया और एक प्रतिष्ठित संस्था में उच्च पद पर नौकरी पाई। उसके रंग की परवाह किए बिना लोग झुकते हैं।

प्रश्न 4. आपके अनुसार क्या सुव्यवस्थित विचारधारा कैरियर के चयन में सहायक है ?
उत्तर- हाँ, क्योंकि सुव्यवस्थित विचारधारा में किसी एक विकल्प के चयन से पूर्व विभिन्न वैकल्पिक विकल्पों की सूची बनाई जाती है तथा प्रत्येक विकल्प के परिणाम की जाँच की जाती है इसलिए सुव्यवस्थित विचारधारा से किशोर अपने लिए एक अच्छे कैरियर का चुनाव कर सकता है।

प्रश्न 5. नीचे दिए गए तीन मित्रों की केस स्टडी को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-
एक शादी की पार्टी में मनी और रौनी आदिल से मिले । उन्होंने आदिल को शराब पीने के लिए मना लिया। वह अपने मित्रों का विरोध नहीं करना चाहता था और अपनी मित्रता को जोखिम में नहीं डालना चाहता था। तथापि वह शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना चाहता था। वह असमंजस में है, क्या उसे उनके साथ शराब पी लेनी चाहिए या पार्टी को छोड़कर घर चले जाना चाहिए?
(i) आपके अनुसार आदिल को क्या करना चाहिए ?
(ii) अपने मित्रों को समझाने के लिए आदिल को क्या करना चाहिए कि उन्हें शराब नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि उन्हें गाड़ी चलाकर घर जाना है।
(iii) आदिल के मित्र और किस तरह से पार्टी का मजा ले सकते हैं? कम से कम दो सुझाव दें।

उत्तर- (i) आदिल को सामाजिक समवर्ती दबाव में नहीं आना चाहिए। चाहे वे आदिल के दोस्त हैं, किंतु उनकी गलत जिद को मानना उचित नहीं है।

(ii) आदिल को अपने मित्रों को समझाना चाहिए कि उसे गाड़ी चलाकर घर जाना है और शराब पीकर गाड़ी चलाना अपराध है, इसलिए वह शराब नहीं पी सकता। दूसरा, उसे शराब पीने के
लिए अपने दोस्तों को भी रोकना चाहिए। उसे बताना चाहिए कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

(iii) पार्टी में मजा लेने के लिए शराब पीना जरूरी नहीं है और भी बहुत-से तरीके हो सकते हैं, जिनसे पार्टी में मजा लिया जा सकता है जैसे
(1) पार्टी में डांस करके ।
(2) पार्टी में क्वीज या अन्य खेल खेलकर ।

प्रश्न 6. आपका 9 – वर्षीय भाई हिंसक फिल्म देख रहा है। उसके लिए उपयुक्त कार्यक्रम का चयन करने में आप किस प्रकार सहायता कर सकते हैं?
उत्तर – इस तरह की फिल्में उसे नहीं देखनी चाहिए। वह अभी छोटा है और उसकी बुद्धि अभी पूरी तरह से विकसित नहीं है। इस प्रकार की फिल्में कभी-कभी नकारात्मक होती हैं। आप अपने भाई को ज्ञानवर्धक कार्यक्रम देखने का सुझाव दे सकते हैं या डिस्कवरी चैनल पर एनीमल किंगडम देखने का। बच्चों को जानवरों के बारे में जानना भी अच्छा लगता है, इसलिए बहुत से कार्यक्रम आते हैं जो रोमांचक और ज्ञानवर्धक हैं। यदि आपका भाई चाहता है, तो कुछ कॉमेडी शो भी आते हैं आप उसे उन्हें देखने के लिए कह सकते हैं।

प्रश्न 7. अपने व्यक्तिगत अनुभव से एक ऐसी स्थिति का उदाहरण प्रस्तुत करें, जहां आप जो करना चाहते हैं और आपसे जो करने को कहा जा रहा है, दोनों में मतभेद है । आप इस स्थिति से किस प्रकार निपटेंगे?
उत्तर – मैं छोटे कपड़े पहनना चाहता हूँ, लेकिन मेरी माँ मुझे सलवार कमीज पहनने को कहती है। स्थिति से निपटने के लिए मैं अपनी माँ को बता सकता हूँ कि अगर मैं सलवार-कमीज पहनूँगा तो लोग मुझे मजाक उड़ाएंगे क्योंकि आजकल सभी लड़कियाँ ऐसे ही कपड़े पहनती हैं। दूसरा, मुझे उनका विश्वास होना चाहिए। यदि माँ मेरी बात पर अड़ी रही, तो मैं एक बार सलवार-कमीज पहनूंगा और अगली बार अपनी पसंद के कपड़े पहनूँगा।

प्रश्न 8. अपने मित्र को समझाएँ कि जब उसकी इच्छा के विपरीत उससे किसी काम को करने के लिए दबाव डाला जाए, तो उसे किस प्रकार इन्कार करना चाहिए ?
उत्तर- अपनी इच्छा के विरुद्ध काम किये जाने को कहा जाये, तो निश्चयात्मक बने रहने के लिए निम्नलिखित करें –
(i) अपनी बात पर दृढ़ रहें ।
(ii) जो कार्य आपसे करने को कहा जा रहा है, उसके नकारात्मक प्रभावों को दिखायें।
(iii) आप वह कार्य क्यों नहीं करना चाहते, इस बात को विनम्रतापूर्वक समझायें।
(iv) किसी बात पर उग्र न हो, अपितु सामने वाले पक्ष को अपने सही होने का भरोसा दिलाएँ ।

प्रश्न 9. ऐसे स्रोतों की सूची तैयार कीजिए जिनसे आपको अपने कैरियर के संबंध में सूचना प्राप्त हो सकती है।
उत्तर– (i) समाचारपत्रों में साप्ताहिक मैगजीन सैक्शन उपलब्ध होता है, जिसमें बहुत-से व्यावसायिक विकल्प दिये गए होते हैं।
(ii) इंटरनेट द्वारा।
(iii) अपनी बात पर दृढ़ बने रहें ।
(iv) इंटरशिप तथा कार्य के दौरान प्रशिक्षण से भी रोजगार संबंधी कौशलों को प्राप्त किया जा सकता है।

किशोरावस्था रोमांच व चुनौतियाँ के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. एक किशोर के सामाजिक विकास में उसके समवयस्कों की क्या भूमिका होती है ?
उत्तर- समवयस्कों की भूमिका – समवयस्क दोस्तों की भूमिका किशोरावस्था के दौरान सामाजिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण होती है। माता-पिता के सहयोग से समवयस्कों से मेलजोल बेहतर होता है। एक किशोर का मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विकास उसके समवयस्कों से प्रभावित होता है। किशोरावस्था में समवयस्क दोस्तों की भूमिका वैसी ही होती है जैसे बचपन में। उन्हें दूसरों के साथ कैसे व्यवहार करें, अपने अनुभवों को बांटने और समस्याओं पर चर्चा करने का मौका भी मिलता है। जब एक किशोर अपने समवर्ती में अपना प्रतिबिंब देखता है, तो उसे लगता है कि वह अकेला नहीं है; उसकी उम्र के लगभग सभी दोस्त उसके जैसे मुद्दों का सामना कर रहे हैं, इसलिए वे अपने-अपने मुद्दों पर बातचीत करते हैं।
किशोर जब अपने किसी समवर्ती को देखते हैं, तो वह उससे कपड़े पहनने के तरीके, बातचीत का ढंग, बोलचाल और व्यवहार का तरीका भी सीखते हैं । इस प्रकार एक किशोर के विकास में उसके समवयस्क मदद करते हैं-
·
• दूसरों के साथ व्यवहार संबंधी बातें सीखने में ।
• बढ़ती उम्र के अनुसार रुचियों और दक्षताओं के विकास में ।
• अपनी भावनाओं को एक दूसरे के साथ बांटने में ।
• एक-सी समस्याओं पर बातचीत करने में ।

प्रश्न 2. किशोरावस्था का आरंभ कब से माना जाता है?
उत्तर- वह समाज में एक वरिष्ठ व्यक्ति की भूमिका निभाने के लिए तैयार होने लगता है। किशोरावस्था में किशोरों से सहनशीलता की उम्मीद की जाती है।
उससे सोचने, महसूस करने, तालमेल बिठाने और अन्य व्यवहारों में प्रौढ़ व्यक्ति की तरह बदलाव की उम्मीद की जाती है। प्रौढ़ावस्था तक पहुंचने में वर्षों का समय लगता है। किशोरावस्था शुरू होने की उम्र समाज और प्रत्येक बच्चे से अलग हो सकती है। आप खुद विचार करके देख सकते हैं कि सीमा-रेखा तय करना कठिन है कि बचपन खत्म होता है और किशोरावस्था शुरू होती है या प्रौढ़ावस्था शुरू होती है।
हालाँकि, आम तौर पर माना जाता है कि जब जननेंद्रियां परिपक्व हो जाती हैं, बचपन का अंत होता है और किशोरावस्था शुरू होती है। लड़कियों में पहली माहवारी और लड़कों में पहले स्वप्नदोष (सोते समय होने वाले वीर्यपात) इसके संकेत हैं। 11-14 वर्ष की आयु में अधिकांश लड़के लड़कियां किशोर होते हैं, जो 18 वर्ष की आयु तक रहता है।

प्रश्न 3. किशोरों के सामाजिक भावनात्मक विकास में माता-पिता की भूमिका स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – माता-पिता की भूमिका किशोरों के सामाजिक भावनात्मक विकास में बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। यह सबसे महत्वपूर्ण है कि माता-पिता अपने बच्चों को बढ़ती उम्र में तेजी से होने वाले शारीरिक परिवर्तनों के दौरान उठने वाली भावनात्मक समस्याओं और परेशानियों को समझने का प्रयास करें। ऐसे में सहनशील रहें और उनकी भावनाओं की कद्र करें। उन्हें बच्चों की तरह व्यवहार करने से बचें। उन्हें समझने की कोशिश करें और दोस्त और दिशा-निर्देशक के रूप में काम करें।

घर में अनुशासन – लेकिन माता-पिता की आज्ञापालन भी खतरनाक हो सकती है। यदि माता-पिता उनकी देखभाल नहीं करते, तो किशोरों में मनमानेपन की प्रवृत्ति विकसित हो सकती है और वे गलत रास्ते का चुनाव कर सकते हैं, जिसे बाद में सुधारना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में किशोर को लग सकता है कि कोई भी उसकी परवाह नहीं करता। इसलिए माता-पिता भी कुछ नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।
लेकिन माता-पिता की नियंत्रण विधि भी किशोरों पर बहुत प्रभावी है। यदि किशोरों को किसी भी मामले में अपनी राय व्यक्त करने का मौका नहीं मिलता है, तो माता-पिता उनकी इच्छाओं के खिलाफ जा सकते हैं। यदि माता-पिता उनकी बहस को समझने की कोशिश करते हैं और उन्हें अपनी राय व्यक्त करने का मौका देते हैं, तो किशोर उनकी प्रशंसा करते हैं और ध्यान से सुनते हैं।

प्रश्न 4. शीघ्र परिपक्वता का किशोर अथवा किशोरी पर क्या सामाजिक प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर– समय से पहले बड़े होने वाले लड़के खेलों में अच्छे होते हैं और जल्दी प्रसिद्ध होते हैं। इसलिए वे जल्दी नेतृत्व कर सकते हैं। लड़कों की ताकत, वजन, लंबाई आदि गुणों को देखकर माता-पिता भी खुश होते हैं। लेकिन यदि लड़की जल्दी परिपक्व हो जाती है तो उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। परिपक्व हो चुकी लड़कियों पर कई काम आते हैं। इसलिए वे जितनी जल्दी परिपक्व हो जाती हैं, उतनी जल्दी उनके ऊपर बोझ बढ़ता है।

प्रश्न 5. किशोरों के शारीरिक विकास में लैंगिक अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– किशोरावस्था के दौरान लड़के और लड़कियों में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों में कई अंतर होते हैं । ये लाक्षणिक अंतर निम्नलिखित हैं-
(i) लड़कियों में विकास का प्रवाह लड़कों की अपेक्षा 2 साल पहले शुरू और खत्म हो जाता है । इस प्रकार लड़कियां लड़कों की अपेक्षा 2 साल पहले ही प्रौढ़ावस्था; जैसे कद और वजन प्राप्त कर लेती हैं। हालांकि किशोरावस्था के बाद लड़के लड़कियों की अपेक्षा अधिक कद और वजन प्राप्त कर लेते हैं ।
(b) लड़कियां लड़कों की अपेक्षा यौन-आधार पर पहले परिपक्व हो जाती हैं ।
(c) हालांकि बचपन में भी लड़कियों के नितंब लड़कों की अपेक्षा चौड़े होते हैं, किंतु किशोरावस्था में ये और भी
(d) किशोर लड़कों में उनकी हड्डियाँ घनी और लंबी हो जातीचौड़े हो जाते हैं । हैं, मांसपेशियां और कंधे चौड़े हो जाते हैं । वे लड़कियोंकी अपेक्षा अधिक बलवान हो जाते हैं ।

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