NIOS Class 10 Home Science Chapter 16 पारिवारिक आय का प्रबंधन

NIOS Class 10 Home Science Chapter 16 पारिवारिक आय का प्रबंधन

NIOS Class 10 Home Science Chapter 16 पारिवारिक आय का प्रबंधन – आज हम आपको एनआईओएस कक्षा 10 गृह विज्ञान पाठ 16 पारिवारिक आय का प्रबंधन के प्रश्न-उत्तर (Managing Family Income Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है । जो विद्यार्थी 10th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है. यहाँ एनआईओएस कक्षा 10 गृह विज्ञान अध्याय 16 (पारिवारिक आय का प्रबंधन) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 10th Home Science 16 पारिवारिक आय का प्रबंधन के प्रश्न उत्तरोंको ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.

NIOS Class 10 Home Science Chapter 16 Solution – पारिवारिक आय का प्रबंधन

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से किसी एक को परिभाषित
(क) धन, आय
(ख) प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष आय
(ग) बजट
उत्तर- (क) धन, आय- धन हमें आवश्यक सामान खरीदने का साधन है। धन, जो कड़ी मेहनत से प्राप्त होता है, अमूल्य है। इसलिए धन को समझदारी से खर्च किया जाना चाहिए। परिवार के सदस्यों की आय को आय कहते हैं। वेतन, किराया, ब्याज आदि आय के उदाहरण हैं।

(ख) प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष आय – प्रत्यक्ष आय वह होती है, जो वेतन के रूप में, किराये या ब्याज के रूप में, नकद धन के रूप में प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त होती है। इसके विपरीत अप्रत्यक्ष आय हमें सीधे धन के रूप में प्राप्त नहीं होती। यह आय अपने कौशल के कारण प्राप्त होती है; जैसे-घर में कपड़े सिलना, स्वेटर बुनना, बागवानी करना आदि कार्यों पर होने वाले खर्चों की बचत घर की अप्रत्यक्ष आय होती है।

(ग) बजट – बजट घर की आय पर आधारित है। बजट में अनुमानित खर्चों की सूची बनाई जाती है, फिर उनकी प्राथमिकताओं के अनुसार उनके लिए धनराशि निर्धारित की जाती है। हर परिवार को एक बजट बनाना चाहिए। आय के अनुसार खर्च करना इससे आसान है। साथ ही बचत भी होती है।

प्रश्न 2. ” परिवार के व्यय की योजना” के महत्त्व को दर्शाने वाले किन्हीं पाँच बिंदुओं को बताएँ ।
उत्तर- परिवार के व्ययों के लिए राशि आबंटित करने को व्यय योजना या बजट कहते हैं। किसी परिवार के लिए व्यय योजना का बहुत महत्त्व है; जैसे-

• व्यय योजना तैयार करने के लिए एक राशि आंबटित करने को व्यय योजना तैयार करने से, निर्धारित राशि से आय में ही गुजारा हो जाता है ।

• व्यय योजना से बचत करना आसान होता है क्योंकि यह अनावश्यक खर्चों को रोकता है। योजना बनाने से पहले ही सभी खर्चों का अनुमान लगाया जा सकता है, जिससे मौसमी खर्चों (जैसे छुट्टियों) का अनुमान लगाकर खर्चों को उसी तरह व्यवस्थित किया जा सकता है।

• यदि व्यय योजना तैयार न की जाये, तो आय से अधिक धन खर्च हो सकता है, जिससे ऋण लेने की स्थिति भी आ सकती है।

• व्यय योजना से प्राथमिक आवश्यकताओं को महत्त्व देकर उन पर अधिक खर्च व अन्य पर कम खर्च किया जा सकता है।

प्रश्न 3. अपने मित्रों से अनुरोध करें कि वे अपने परिवार के लिए व्यय योजना तैयार करें। यदि वे ऐसा करने के लिए सहमत नहीं होते हैं, तो –
• उन्हें व्यय योजना का महत्त्व दर्शाने वाले दो कारण बताएँ।
• उन्हें अपनी व्यय योजनाओं को विकसित करने में सहयोग करें।
• योजना में प्रत्येक खामी को सुधारने के लिए कारण सहित सुझाव प्रस्तुत करें।

उत्तर- व्यय योजना प्रत्येक परिवार को बनानी चाहिए, क्योंकि इसे बनाकर आप अपनी आय के अनुसार खर्च कर सकेंगे। व्यय योजना बनाकर आप अपनी आवश्यकताओं की प्राथमिकता को समझेंगे तथा उन्हीं पर अधिक खर्च करेंगे, जिन पर इसकी जरूरत होगी। व्यय योजना बनाने से आप अपनी आय का एक हिस्सा भविष्य के लिए भी सुरक्षित रख पायेंगे।

प्रश्न 4. “ व्यय योजना” को परिभाषित करें और विभिन्न मदों पर धन के आवंटन का निर्णय लेने वाले कारकों का वर्णन करें।
उत्तर–‘ व्यय योजना’ परिवार की कुल आय पर आधारित होती है । यह परिवार को अपने आय की सीमा में जीवनयापन करने और भविष्य के लिए कुछ बचाने में सहायता करती है । धन का आबंटन निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है-

1. आय- सभी साधनों से प्राप्त परिवार की कुल आय से निर्णय होगा कि हमारे पास खर्च के लिये कुल कितनी राशि है । जितनी अधिक आय होगी, उतना ही विभिन्न मर्दों पर अधिक खर्च किया जा सकता है।

2. परिवार का आकार – परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार खर्च निर्धारित होता है । यदि परिवार बड़ा है, तो उसे भोजन, कपड़ा आदि मदों पर अधिक खर्च करना पड़ेगा और इस प्रकार वह मनोरंजन पर अपेक्षाकृत कम खर्च कर पायेगा ।

3. परिवार के सदस्यों की आयु – ऐसे परिवार में जहां बच्चे स्कूल जाते हैं, बचत कम होगी और शिक्षा, स्कूल की पोशाक आदि पर अधिक खर्च होगा। पर बच्चे बड़े होकर अपना काम करने लगते हैं, तो शिक्षा पर खर्च कम हो जाता है और अधिक पैसा बचाया जा सकता है।

4. निवास-स्थान– दिल्ली और मुम्बई जैसे बड़े शहरों में छोटी जगहों की अपेक्षा रहन – सहन अधिक महंगा है । बड़े शहरों में लोगों को मकान का किराया ज्यादा देना पड़ता है। वहां खाने-पीने की वस्तुएं महंगी होती हैं और लोगों को अपने काम पर जाने के लिए परिवहन के लिये भी ज्यादा खर्च करना पड़ता है ।

5. कौशल – परिवार के विभिन्न सदस्यों की कुशलता को भी ध्यान में रखना चाहिए। जो महिला पापड़, अचार, मिठाइयां आदि बनाने में निपुण है, वह इन चीजों पर कम या न के बराबर खर्च करेगी ।

6. बचत— हर परिवार को यह निश्चित करना चाहिए कि उसे हर महीने कितनी बचत करनी है । जिस परिवार में विवाह-योग्य बेटा या बेटी है, वहां अन्य सभी मदों पर सोच-विचार कर खर्च होगा, ताकि बच्चों के विवाह के लिये पर्याप्त धन जुटाया जा सके ।

पारिवारिक आय का प्रबंधन के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. खर्च के लिये धन के आबंटन के छः आधार बताइये।
उत्तर- खर्च के लिये धन का आबंटन निम्नलिखित पर आधारित होता है-
1. परिवार की आय
2. परिवार का आकार, उसके सदस्यों की संख्या
3. परिवार के सदस्यों की आयु
4. निवास स्थान
5. परिवार के सदस्यों के कौशल
6. बचत की राशि |

प्रश्न 2. व्यय का हिसाब रखने से होने वाले पाँच लाभ लिखिये ।
उत्तर- खर्च का हिसाब रखने से निम्नलिखित लाभ होते हैं- –
1. यह पता रहेगा कि हमने किसी विशेष मद पर कुल कितना खर्च किया है ।
2. यह पता चल जायेगा कि किसी मद विशेष पर पिछले महीने की अपेखा कम या ज्यादा खर्च तो नहीं किया गया ।
3. हम पता कर पाएंगे कि कौन-सा खर्च अनावश्यक है और हम उस मद पर खर्च करना बंद कर देंगे ।
4. हम पैसे/धन की भावी आवश्यकता के बारे में अनुमान लगा पाएंगे ।
5. अधिक बचत कर पाएंगे । निर्माण के लिए कि मदों की

प्रश्न 4. व्यय की मदें किसके द्वारा निर्धारित होती हैं ?
उत्तर – पारिवारिक आय से
– परिवार के आकार से।
-परिवार के सदस्यों की आयु से ।
-निवास स्थान से।
– सदस्यों के कौशलों से की जाने वाली बचत से ।

प्रश्न 5. पारिवारिक आय के पाँच साधन लिखें।
उत्तर – घर में जो भी धन आता है, उसे ‘आय’ कहते हैं । सामान्य शब्दों में कहें, तो आपके पिता को अपने काम के बदले में हर महीने जो धन मिलता है या निजी व्यवसाय से जो धन मिलता है, वह उनकी आय है । आय के साधन निम्नलिखित हैं-

1. वेतन – जो धन हमें नौकरी से प्राप्त होता है अथवा वह धन जो हम अपने निजी व्यवसाय से कमाते हैं, वह आय होती है ।

2. मुफ्त सुविधाओं से आय – उदाहरणार्थ; सरकारी कार्यालय में काम करने वाले को घर मुफ्त मिलता है । चपरासी, डाकिया, चौकीदार आदि जैसी कुछ नौकरियों में लोगों को पहनने के लिये वर्दी मुफ्त मिलती है । जल, थल और वायु सेना अर्थात रक्षा सेवाओं में काम करने वाले लोगों को वर्दी मुफ्त मिलती है । स्कूल के अध्यापक अपने बच्चों के लिये मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्राप्त होता है । ये आय के प्रत्यक्ष साधन नहीं हैं, परन्तु इन सुविधाओं के कारण हम अपना धन बचा लेते हैं ।

3. जमीन से आय – जमीन का प्रयोग अपने रहने के लिये, मकान बनाने या फसल उगाने के लिये किया जा सकता है । इस पर मकान बनाकर किसी को किराये पर भी दिया जा सकता है । यह अतिरिक्त आय का साधन बन जायेगा ।

4. बैंक से मिलने वाले ब्याज से आय – जब धन की बचत करके उसे सुरक्षित रूप से बैंक में नाम करा दिया जाता है, तो बैंक हमें उस मूलधन पर ब्याज देता है । यह ब्याज त्रैमासिक, अर्द्ध-वार्षिक या वार्षिक हो सकता है । इस प्रकार के ब्याज से परिवार की आय बढ़ती है ।

5. अपने कौशल के उपयोग के माध्यम से आय – बहुत से लोगों के पास विशेष कौशल हैं, जिनका उपयोग करके वे पैसा कमा सकते हैं। महिलाओं में से कुछ कपड़े सिलने और स्वेटर बुनने में माहिर हैं, जबकि दूसरे अपने बगीचे में सब्जियां उगाते हैं। हम कपड़े सिलवाने, स्वेटर बनाने या सब्जियां खरीदने पर खर्च कम करते हैं। इस बचत से आय बढ़ती है।

प्रश्न 6. व्यय किसे कहते हैं ? व्यय योजना बनाने के तीन लाभ लिखिये ।
उत्तर – “व्यय” शब्द को परिभाषित करने के लिए यह कहा जा सकता है कि धन को परिवार को सुविधाओं या विभिन्न वस्तुओं को खरीदने में लगाया जाता है। मानव जीवन में रहने के लिए भोजन, कपड़ा और घर सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताएं हैं। हम बिजली, पानी, धोबी, नौकर, पुस्तकें, दवा, सर्कस या फिल्म देखने के लिए पैसा खर्च करते हैं। भविष्य की आवश्यकताओं के लिए धन बचाना भी महत्वपूर्ण है। यह पैसा “बचत” कहलाता है और इसे बच्चों की उचित शिक्षा, शादी-विवाह, घर बनाने, वृद्धावस्था में सुरक्षा, बीमारी और आपातकालीन सेवाओं पर खर्च किया जा सकता है।

आय = व्यय + बचत

पूरी पारिवारिक आय का कुछ अंश बचा कर रखना बहुत अच्छा न होता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर परिवार के धन संबंधी कठिनाई इसके लिये हमें अपना पैसा खर्च करने के लिये एक योजना बनानी पड़ेगी या दूसरे शब्दों में, हमें “व्यय योजना” बनानी होगी ।

व्यय योजना के लाभ-व्यय योजना लाभ अप्रत्यक्ष रूप से स्पष्ट किये जा सकते हैं ।
जब हम व्यय योजना नहीं बनाते, तो निम्नलिखित होते हैं.

1. हम जितना कमाते हैं, उससे ज्यादा खर्च कर लेंगे । इसका अर्थ है कि हमको अपना घर चलाने के लिए अपने मित्रों, संबंधियों से उधार लेना पड़ेगा या फिर किसी साहूकार से ऋण लेना होगा ।

2. भविष्य के लिये या आपातकाल में प्रयोग के लिये कुछ भी धन नहीं बचा पाएंगे । यदि दुर्घटना होने पर किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है, तो उसका भारी बिल भरना पड़ेगा। इस तरह की आपातस्थिति में आमतौर पर अपनी बचत में से खर्च करना पड़ता है ।

3. हम बिना सोचे-विचारे खरीदारी करते हैं । जब हम बाजार जाते हैं, तब उन चीजों से आकृष्ट हो जाते हैं, जिनकी हमें आवश्यकता नहीं होती तथा उन्हें हम खरीद लेते हैं ।

प्रश्न 7. व्यय योजना किस प्रकार बनायी जानी चाहिए?
उत्तर- व्यय योजना उस बटुए ( wallet) की भांति है, जिसमें हम अपना रुपया रखते हैं । इसी बटुए से हम आवश्यकता पड़ने पर रुपया निकाल कर खर्च करते हैं । व्यय-योजना बनाने से पहले हमारे लिये यह ज्ञात करना आवश्यक है कि वे कौन-कौन सी मदें हैं, जिन पर परिवार खर्च करता है ।

1. भोजन- परिवार अपना अधिकांश धन भोजन पर ही खर्च करता है । भोजन के बिना हम जीवित न हीं रह सकते । हम खाने की वस्तुओं-गेहूँ, चावल, दालें, दूध, सब्जियों, फल, मसाले, घी, मक्खन, चीनी आदि पर व्यय करते हैं ।

2. मकान— आजकल एक कमरे का किराया भी बहुत अधिक होता है। निजी घरों में रहने वाले लोगों को मकान के किराया पर खर्च नहीं करना पड़ता; इसके बजाय, वे गृह-कर, रख-रखाव और मरम्मत, या घर बनाते समय लिया गया ऋण भुगतान करने पर धन खर्च करना पड़ता है।

3. कपड़ा – हमें कपड़े की आवश्यकता होती है ताकि हम अपने शरीर को ढक सकें, मौसम से बच सकें और सामाजिक सुरक्षा पा सकें। बच्चों को स्कूल जाने के लिए विशेष स्कूल कपड़े चाहिए। सर्दियों में गर्म वस्त्रों और गर्मियों में हल्के सूती कपड़े की जरूरत है।

4. शिक्षा– उन परिवारों के लिये, जिनमें बच्चे स्कूल-कॉलेज में पढ़ते हैं, यह एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण मद है, जिसके लिये धन की आवश्यकता पड़ती है | स्कूल की फीस, पुस्तकों, कॉपियों, कागज, पेन, पेन्सिल आदि पर धन खर्च किया जाता है ।

5. मनोरंजन – दिनभर के परिश्रम के बाद कुछ देर आराम करने की इच्छा होती है । फिल्म देखने, सर्कस या मेला-तमाशा देखने से मनोरंजन होता है । घर से बाहर निकलने पर टिकट खरीदने, थोड़ा-बहुत खाने-पीने आदि पर खर्च करने के लिये धन की आवश्यकता होती है

6. चिकित्सा व्यय- किसी को अचानक बुखार चढ़ जाता है या बच्चे को खसरा निकल आता है या किसी दुर्घटना के कारण इलाज की आवश्यकता पड़ सकती है । इन सभी में धन खर्च होता है।

7. घरेलू खर्च – उदाहरण के लिये बिजली और पानी के बिलों का भुगतान, ईंधन, नहाने का साबुन, मंजन, कंघा आदि के लिये धन की आवश्यकता होती है ।

8. यातायात– हम चाहे नौकरीपेशा हों या पढ़ते हों, हमें काम पर स्कूल / कॉलेज जाने के लिये वाहन की आवश्यकता पड़ती है।

9. बचत- ये सब खर्च करने के बाद हमें यह निर्णय अवश्य लेना चाहिए कि आय का कितना अंश बचाया जाना है । बचत में हमें आपातस्थिति या वृद्धावस्था में मदद मिलती है या फिर इससे हम अपने आराम की वस्तुएं खरीद सकते हैं, जैसे- टी. वी. सेट, फ्रिज, कार, कपड़े धाने की मशीन, बिजली की पंखे, रूम कूलर, सिलाई मशीन आदि ।

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