NIOS Class 10 Arthashastra Chapter 21 भारतीय अर्थव्यवस्था के सम्मुख चुनौतियां
NIOS Class 10 Economics Chapter 21 भारतीय अर्थव्यवस्था के सम्मुख चुनौतियां – ऐसे छात्र जो NIOS कक्षा 10 अर्थशास्त्र विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यहां पर एनआईओएस कक्षा 10 अर्थशास्त्र अध्याय 21 (भारतीय अर्थव्यवस्था के सम्मुख चुनौतियां) के लिए सलूशन दिया गया है. यह जो NIOS Class 10 Economics Chapter 21 Challenges of Indian Economy दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है . ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए. इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 10 Economics Chapter 21 भारतीय अर्थव्यवस्था के सम्मुख चुनौतियां के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
NIOS Class 10 Economics Chapter21 Solution – भारतीय अर्थव्यवस्था के सम्मुख चुनौतियां
प्रश्न 1. निर्धनता उन्मूलन योजनाएं क्या हैं? विस्तृत व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- निर्धनता उन्मूलन योजनाएं भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ई योजनाओं का नाम है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गरीबी से पीड़ित परिवारों को नौकरी, रोजगार और आर्थिक सुधार प्रदान करना है।
1. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) – यह योजना वर्ष 2006 में भारत के 200 जिलों में प्रारभ की गई थी, जिसे वर्ष 2008 में पूरे देश के लिए लागू कर दिया गया। इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण जनता को कम से कम 100 दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराना है। 2010 में लगभग 4.1 करोड़ ग्रामीण परिवारों को इस योजना से लाभ प्राप्त हुआ। वर्ष 2010-11 में सरकार ने इस योजना के अन्तर्गत 40100 करोड़ रु की राशि निर्धारित की थी।
2. स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना (SJGSY)– यह योजना अप्रैल 1999 में शुरू हुई थी। योजना का मुख्य लक्ष्य अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं की आय सृजन क्षमता को बढ़ाना है। इसके अलावा, इस योजना का उद्देश्य स्वरोजगार, या स्वयं का काम करने वालों को आर्थिक सहायता देना था। इसके अलावा, हर जिले में प्रशिक्षण संस्थाएं भी बनाई गई हैं जो ग्रामीणों को प्रशिक्षण देते हैं। इस योजना के तहत 77,000 युवा ग्रामीण प्रशिक्षित हुए हैं।
3. स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना (SJSRY ) – यह योजना 1997 में यह योजना शुरू की गई थी। योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में निर्धन परिवारों को नौकरी देना है। 2009 में इस योजना में कई नवीन परियोजनाएं शामिल हुईं; जैसे स्वरोजगार सृजन कार्यक्रमों की शुरुआत, प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, वेतन रोजगार कार्यक्रमों की शुरुआत और महिलाओं को नौकरी पाने के लिए प्रोत्साहन देना।
प्रश्न 2. प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रारम्भ की गई योजनाओं का वर्णन करो।
उत्तर – प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के विकास के लिए प्रारम्भ की गई योजनाओं का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है-
1. सर्व शिक्षा अभियान (SSA) – पूरे देश में सर्व शिक्षा अभियान केंद्र, राज्य सरकारों के सहयोग से 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिए बनाया गया है। इस प्रकार के मुख्य उद्देश्य हर शिक्षा कार्यक्रम के हैं
(क) विद्यालय में सभी बच्चों का नामांकन ।
(ख) सभी बच्चों के लिए वर्ष 2005 तक स्कूल शिक्षा गारंटी केन्द्र, वैकल्पिक स्कूल, ‘बैक टू स्कूल’ शिविर की उपलब्धता ।
(ग) वर्ष 2010 तक सभी बच्चों को विद्यालय में बनाए रखना।
(घ) माध्यमिक शिक्षा को प्रोत्साहन प्रदान करना ।
(च) शिक्षा के क्षेत्र में जाति, रंग, लिंग आदि भेद को समाप्त करना।
(छ) पिछड़ी जातियों के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ छात्रवृत्ति फंड की निःशुल्क व्यवस्था करना।
(ज) इस योजना के अन्तर्गत बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा देने के लिए आदर्श विद्यालयों की स्थापना की जा रही है।
(झ) महिलाओं को शिक्षा देने के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालय के नाम से आवासीय विद्यालय भी बनाए गए हैं, जिनमें अनुसूचित जातियों और जनजातियों सहित कमजोर वर्गों की बच्चियों का नामांकन अधिक महत्वपूर्ण है।
2. दोपहर के भोजन हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम- सरकार द्वारा बच्चों को विद्यालय की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से दोपहर के भोजन सम्बन्धी राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है तथा इस राष्ट्रीय कार्यक्रम से 14 करोड़ से भी अधिक बच्चों को लाभ प्राप्त हुआ है।
3. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान – राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान वर्ष 2009 में माध्यमिक शिक्षा को बल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम के कुल व्यय का 75 प्रतिशत भाग केन्द्र सरकार वहन करती है, जबकि 25 प्रतिशत भाग राज्य सरकारों द्वारा प्रदान किया जाता है।
4. समावेशी शिक्षा – समावेशी शिक्षा का लक्ष्य सभी विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित करना है। विकलांगों तथा अन्य मानसिक रूप से पिछड़े बच्चों को सामान्य विद्यालय का परिवेश प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा यह कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।
5. सभी के लिए शिक्षा ( साक्षर भारत ) – सभी के लिए शिक्षा का लक्ष्य है कि समाज के हर आयु वर्ग के बच्चों, बच्चों और महिलाओं को शिक्षित करना होगा। भारत के राष्ट्रीय साक्षरता लक्ष्य में साक्षर का मुख्य केंद्र महिलाएँ हैं क्योंकि एक महिला केवल अपने आप को नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार को शिक्षित करती है।
प्रश्न 3. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन वर्ष 2005 में बनाया गया था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण लोगों को अच्छी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं देना था। इस मिशन का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण लोगों को मलेरिया, अंधापन, तपेदिक, कुष्ठ रोग और अन्य खतरनाक बीमारियों से बचाना है, साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बेहतर बनाना है। 2010 तक, मिशन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए 8 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था, और 9 हजार से अधिक डॉक्टरों और 26 हजार नर्सों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए नियुक्त किया गया था। साथ ही, इस मिशन के तहत कई सचल चिकित्सा इकाइयां काम कर रही हैं, जो ग्रामीण लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं देने की कोशिश कर रही हैं।
प्रश्न 4. कीमत वृद्धि पर नियंत्रण के लिए कुछ उपाय दीजिए ।
उत्तर- कीमतों में लगातार वृद्धि मुद्रास्फीति का सूचक है, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव निर्धन और मध्यम वर्ग के लोगों को वहन करना पड़ता है। अतः सरकार के लिए कीमत नियंत्रण हेतु महत्त्वपूर्ण उपाय करना अति आवश्यक है।
1. कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु महत्त्वपूर्ण योजनाओं का आरम्भ।
2. किसानों को उपज में वृद्धि हेतु अच्छे उर्वरक, खाद, बीज आदि खरीदने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में साख तथा ऋण की व्यवस्था हेतु बैकों की स्थापना करना ।
4. विशाल भंडार गृह तथा कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था, जिससे उत्पादित खाद्यान्नों को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सके ।
5. कालाबाजारी, जमाखोरी के सन्दर्भ में कठोर नियम तथा दंड की व्यवस्था करना ।
प्रश्न 5. आर्थिक संवृद्धि प्राप्त करने के लिए सरकार क्या कर रही है?
उत्तर – राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि से आर्थिक संवृद्धि का प्रत्यक्ष संबंध है, जो जीवन-स्तर को बेहतर बनाता है। आर्थिक संवृद्धि का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने कई आर्थिक रणनीतियों और योजनाओं को लागू किया है।
1. 1956 से शुरू हुई संरचना को मजबूत करने के लिए बड़े और छोटे उद्योगों की स्थापना के लिए हर संभव उपाय किया गया है।
2. कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू किया गया है।
3. आज तृतीयक क्षेत्र रोजगार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। बैंकिंग, संचार आदि क्षेत्रों में अधिक नौकरी मिलने की उम्मीद है।
(क) आधारभूत संरचना का निर्माण |
(ख) भारत में निवेश हेतु विदेशी कम्पनियों को प्रोत्साहन प्रदान करना।
भारतीय अर्थव्यवस्था के सम्मुख चुनौतियां के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास तथा जनसंख्या के आपसी संबंधों को स्पष्ट करें?
उत्तर – जनसंख्या और आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास बहुत जुड़े हुए हैं। सामाजिक और सांस्कृतिक विकास आर्थिक विकास से शुरू होता है। लोगों की जीवन की गुणवत्ता विकास से सुधरती है। सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को गति मिलती है। इसलिए, आर्थिक विकास जितनी तेजी से होगा, उतनी ही तेजी से लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। जीवन की गुणवत्ता एक स्वच्छ वातावरण में सुधरती है। सीमित संसाधनों पर लगातार पड़ने वाले भार से प्राकृतिक संपदा खत्म हो रही है। इससे लोगों का स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता खराब हो रही है।
जनसंख्या वृद्धि की दर जीवन की गुणवत्ता के इन सूचकांकों को प्रभावित करती है। जनसंख्या वृद्धि की तेज गति भी जन्म दर को बढ़ा देगी। जनसंख्या बढ़ने से प्रति व्यक्ति आमदनी भी कम होगी। स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षित पीने के पानी की सुविधाओं को भी तेजी से बढ़ती जनसंख्या की दर प्रभावित करती है। यह संसाधनों पर अधिक भार डालता है, जो वातावरण को दूषित करता है।
प्रश्न 2. गरीबी / निर्धनता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – गरीबी का मतलब है, ऐसी स्थिति जिसमें किसी व्यक्ति को भोजन, कपड़े और घर जैसे मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना भी मुश्किल होता है। दूसरे शब्दों में, गरीबी वह है जब किसी व्यक्ति को दिन में दो बार भरपेट भोजन नहीं मिलता है और वह कुपोषण से पीड़ित है।
प्रश्न 3. गरीबी रेखा की परिभाषा करें।
उत्तर- सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम आय की सीमा से नीचे जीवन-यापन की रेखा गरीबी रेखा कहलाती है।
प्रश्न 4. राष्ट्रीय स्तर पर भारत में गरीबी रेखा का निर्धारण कैसे हुआ?
उत्तर – राष्ट्रीय योजना आयोग ने भारत में गरीबी रेखा को 2400 कैलोरी (ग्रामीण क्षेत्र) और 2100 कैलोरी (शहर क्षेत्र) निर्धारित किया है। 1973-74 की कीमतों के आधार पर, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 49.09 रुपये प्रति महीना और शहरी क्षेत्रों के लिए 56.64 रुपये प्रति महीना निर्धारित किया गया था। 1992-93 की कीमतों के आधार पर, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए गरीबी रेखा 228.80 रुपये प्रति माह थी, जबकि शहरी क्षेत्रों के लिए 264.10 रुपये प्रति माह थी। 2001-02 की कीमतों के आधार पर, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा 22,661 रुपये प्रति वर्ष थी, जबकि शहरी क्षेत्रों में 26,146 रुपये प्रति वर्ष थी।
प्रश्न 5. हमें गरीबी कम करने के कार्यक्रमों की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर – आर्थिक संवृद्धि, बेहतर मजदूरी, बेहतर रोजगार के अवसर, बेहतर उत्पादकता के लिए गरीबी कम करने के कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
प्रश्न 6. गरीबों की संख्या का पता लगाने के दो तरीके कौन-से हैं?
उत्तर – गरीबों की संख्या पता लगाने के दो तरीके हैं-
1. किसी परिवार द्वारा विभिन्न वस्तुओं पर खर्च किए गए व्यय का पता लगाना।
2. परिवार द्वारा अर्जित आय का पता लगाना ।
प्रश्न 7. ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा, शहरी क्षेत्रों की तुलना में कम क्यों रखी गई है ?
उत्तर – चूंकि आवश्यक वस्तुओं का मूल्य शहरी क्षेत्रों में गांवों से अधिक है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी की रेखा को शहरी क्षेत्रों से अधिक रखा गया है।
प्रश्न 8. किन कारणों से अब तक गरीबों की संख्या में कमी नहीं हो पाई है ?
उत्तर- निरक्षरता, बड़ा परिवार, उत्तराधिकार कानून और जाति व्यवस्था कुछ ऐसे सामाजिक कारण हैं जिनके चलते अब तक गरीबों की संख्या कम नहीं हो पाई है।
प्रश्न 9. भारत में गरीबी के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर – भारत में गरीबी के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
1. सम्पत्ति और आय की असमानता ।
2. निम्न आर्थिक वृद्धि दर या अल्पविकास ।
3. व्यापक बेरोजगारी, अल्प रोजगार, दीर्घकालिक बेरोजगारी आदि।
4. कृषि क्षेत्र की मानसून पर अत्यधिक निर्भरता, कृषि मूल्यों में वृद्धि, अपूर्ण भूमि सुधार ।
5. जनसंख्या विस्फोट और गरीबों के बीच अधिक प्रजनन दर |
6. गरीबी कम करने वाले कार्यक्रमों को गलत ढंग से लागू करना।
7. उद्योग तथा सम्बद्ध क्षेत्र के कार्यों में अत्यधिक वृद्धि न होना।
8. आय असमानता की खाई आर्थिक संवृद्धि की स्वचालित सिद्धान्त की विफलता से और भी चौड़ी हुई है। साथ ही, निम्नवर्गीय वस्तुओं की अपेक्षा अभिजातवर्गीय वस्तुओं का उत्पादन अधिक महत्वपूर्ण है।
9. पूंजी निर्माण दर नीची होने से बचत दर में भी कमी आई है।
प्रश्न 10. बेरोजगारी से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – आम बोलचाल की भाषा में जो व्यक्ति किसी उत्पादन क्रिया में संलग्न न हों, वे बेरोजगार कहलाते हैं।
प्रश्न 11. भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर – भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
1. विकास की धीमी गति ।
2. आर्थिक नीतियों में श्रमप्रधान तकनीकों की अवहेलना ।
3. कृषि क्षेत्र में धीमी वृद्धि ।
4. जनसंख्या विस्फोट |
5. अनुपयुक्त शिक्षा प्रणाली ।
6. अपर्याप्त रोजगार तथा जनशक्ति आयोजन |
प्रश्न 12. बेरोजगारी तथा गरीबी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई योजनाओं तथा कार्यक्रमों की सूची बनाइए । गए विभन्न कार्यक्रम इस प्रकार हैं-
उत्तर- बेरोजगारी तबा गरीबी दूर करने के लिए चलाए
1. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना
2. ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम
3.जवाहर रोजगार योजना
4. जवाहर रोजगार योजना – पहली धारा
5. जवाहर रोजगार योजना – दूसरी धारा
6. जवाहर रोजगार योजना – तीसरी धारा
7. प्रधानमंत्री रोजगार योजना
8. सूखाग्रस्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम
9. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम
10. ग्रामीण वर्ग जीवन बीमा योजना
11. दोपहरकालीन भोजन कार्यक्रम
12. स्वर्ण जयन्ती ग्रामीण स्वरोजगार योजना
13. बालिका समृद्धि योजना
14. सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना
15. जयप्रकाश नारायण रोजगार गारण्टी योजना
16. स्वर्णिम योजना
17. किशोर शक्ति योजना
18. हरियाली परियोजना |
प्रश्न 13. शिक्षा के क्षेत्र में निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 क्या है ?
उत्तर – वर्ष 2009 में भारत सरकार ने 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा देने का कानून पारित किया था, जो 2010 में लागू हो गया था। इस अधिनियम में सरकार द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना और योग्य शिक्षकों की नियुक्ति भी शामिल है।
प्रश्न 14. शिक्षा को उत्पादकता तथा गुणवत्ता से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं?
उत्तर – शिक्षा को गुणवत्ता और उत्पादकता से जोड़ने के लिए सरकार ने उच्च तथा व्यवसायिक शिक्षा कार्यक्रमों का सहारा लिया है। इस क्षेत्र में कला, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और सूचना प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं। उच्च तथा तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम में निम्नलिखित प्रक्रियाएं शामिल हैं:-
1. देश के पिछड़े जिलों में आदर्श कॉलेजों की स्थापना ।
2. सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 20 नए सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों की स्थापना ।
3. विज्ञान के क्षेत्र में नए अनुसंधान केन्द्रों तथा 5 भारतीय विज्ञान संस्थानों की देश के विभिन्न भागों में स्थापना ।
4. ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में आठ नए विश्वविद्यालयों, दस नए इंजीनियरिंग कॉलेजों और पांच नए भारतीय संस्थानों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
प्रश्न 15. जननी सुरक्षा योजना ( JSY ) तथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर- सरकार द्वारा जननी सुरक्षा योजना की शुरुआत की गई है, जो राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम 2010–2011 के अन्तर्गत एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। HIV और एड्स एक खतरनाक स्वास्थ्य समस्या है। इस भयानक समस्या के परिणामस्वरूप मनुष्य की बीमारियाँ झेलने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है। यह बीमारी मानव इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है। भारत सरकार ने इस घातक स्वास्थ्य समस्या को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करने और अधिक चिकित्सा केंद्र बनाने की कोशिश की है।
प्रश्न 16. गरीबी की रेखा के नीचे या निर्धन कौन कहलाता है ?
उत्तर – यदि व्यक्ति काम के लिए आवश्यक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए, भोजन खरीदने के लिए अनिवार्य राशि कमाने में समर्थ नहीं होता, तो वह व्यक्ति गरीबी की रेखा के नीचे या स्पष्ट रूप से निर्धन कहलाता है।
प्रश्न 17. श्रम शक्ति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- श्रम शक्ति से अभिप्राय उन व्यक्तियों से है, जो कार्य कर सकते हैं और जिनकी आयु 15 वर्ष से 59 वर्ष के आयु वर्ग में है।
प्रश्न 18. भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर – भारत के उद्योगों, शिक्षा और प्रशिक्षण की धीमी
वृद्धि बेरोजगारी के प्रमुख कारण हैं।
प्रश्न 19. सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत कितने आयु वर्ग के बच्चों की शिक्षा हेतु सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर – 6 से 14 आयु वर्ष के बच्चे ।
प्रश्न 20. किस वर्ष मे भारत सरकार ने प्राथमिक शिक्षा को मौखिक अधिकार का नाम दिया?
उत्तर- वर्ष 2009 को भारत सरकार ने प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार कहकर संबोधित किया।
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