NEET 2016 Chemistry Question Paper with Solutions PDF

NEET 2016 Chemistry Question Paper with Solutions PDF

एनईईटी रसायन विज्ञान क्वेश्चन पेपर पीडीएफNEET की परीक्षा में विज्ञान की तीनों शाखाओं से प्रश्न पूछे जाते हैं. जिसमें सबसे अहम विषय रसायन विज्ञान है .क्योंकि नीट की परीक्षा रसायन विज्ञान के प्रश्न काफी पूछे जाते हैं. तो जो विद्यार्थी NEET परीक्षा की तैयारी कर रहा है .उसके लिए इस पोस्ट में एनईईटी रसायन विज्ञान प्रश्नोत्तरी रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर NEET 2016 Chemistry Question Paper दिए गए हैं जिससे कि वह अपनी तैयारी ज्यादा अच्छे से कर सके .जो भी विद्यार्थी एनईईटी की तैयारी कर रहे है. उसके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत फायदेमंद है उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें .

[su_note] CH4, NH3 और H2O अणुओं के लिये नीचे दिये गये कथनों में से कौन सा असत्य है?
[/su_note](a) CH4 H-C-H आबंध – कोण, NH3 में H-N-H आबंध-कोण तथाH2O में H-O आबंध – कोण, सभी में 90° से अधिक है ।
(b) H2O में H-O-H आबंध – कोण, CH4 में H-C-H आबंध – कोण से अधिक है ।
(c) H1O में H-O-H आबंध – कोण, NH3 में H-N-H आबंध – कोण से कम है ।
(d) CH4 में H-C-H आबंध – कोण, NH3 में H-N-H आबंध – कोण से अधिक है ।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] H2O में H-O-H आबंध – कोण, CH4 में H-C-H आबंध – कोण से अधिक है ।

[su_note] निम्न में से अम्लता का सही क्रम है:
[/su_note](a) HCIO3< HCIO4 < HCIO2 < HCIO
(b) HCIO < HCIO2< HCIO3 < HCIO4
(c) HCIO2 <HCIÓ< HCIO3<HCIO4
(d) HCIO4<HCIO2 <HCIO<HCIO3
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] HCIO < HCIO2< HCIO3 < HCIO4

[su_note] एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग अभिक्रिया प्रारम्भ होने के 10 sec बाद 0.04 mol L -1 s-1 तथा 20 sec बाद 0.03 mol L’s- है । इस अभिक्रिया की अर्द्ध आयु काल है :
[/su_note](a) 24.Is
(b) 34.Is
(c) 44.Is
(d) 54.Is
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] 24.Is

[su_note] निम्नलिखित लक्षणों में से कौन सा अधिशोषण से सम्बन्धित है?
[/su_note](a) ΔG ऋणात्मक लेकिन ΔH एवं ΔS धनात्मक होते हैं ।
(b) ΔG, ΔH एवं ΔS सभी ऋणात्मक होते हैं।
(c) ΔG एवं AH ऋणात्मक लेकिन AS धनात्मक होता है ।
(d ) ΔG तथा ΔS ऋणात्मक लेकिन AH धनात्मक होता है ।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] ΔG, ΔH एवं ΔS सभी ऋणात्मक होते हैं।

[su_note] निम्नलिखित में से कौन सा क्रम दिये गये गुणधर्म के परिवर्तन के अनुसार सहमत नहीं हैं?
[/su_note](a) Al3+ < Mg2+ < Na+ < F (बढ़ते हुये आयनिक आकार )
(b) B < C < N < O (बढ़ता हुआ प्रथम आयनिक विभव )
(c) I < Br < CI < F (बढती हुई प्रथम इलेट्रोंन लब्धि एन्थैल्पी )
(d) Li < Na < K < Rb (बढती हुई धात्विक त्रिज्या)
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] B < C < N < O (बढ़ता हुआ प्रथम आयनिक विभव )

[su_note] निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
[/su_note](a) Mg2+ आयन ए.टी.पी. के साथ संकुल बनाते हैं।
(b) Ca2+ आयन रक्त को जमाने के लिये महत्वपूर्ण है
(c) Ca2+ आयन हृदय गति को नियमित रखने में महत्वपूर्ण नहीं है।
(d) Mg2+ आयन पौधों के हरित भागों के लिये महत्वपूर्ण है ।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] Ca2+ आयन हृदय गति को नियमित रखने में महत्वपूर्ण नहीं है।

[su_note] निम्नलिखित में से कौन सा कथन हाइड्रोजन के लिये असत्य है ?
[/su_note](a) हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं जिसमें से ट्राइटियम प्रचुरता में है ।
(b) हाइड्रोजन आयनिक लवणों में धनायन की तरह व्यवहार नहीं करता है।
(c) हाइड्रोनियम आयन, H3 O+ का अस्तित्व विलयन में मुक्त रूप में होता है ।
(d) डाइहाइड्रोजन अपचायक के रूप में कार्य नहीं करता है
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं जिसमें से ट्राइटियम प्रचुरता में है ।

[su_note] कार्बोनिल यौगिक जिनमें a- कार्बन पर हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित है, के लिए सही कथन है :
[/su_note](a) कार्बोनिल यौगिक जिनमें a- कार्बन पर हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित है, यह इनके अनुरूप ईनॉल से कभी भी साम्यवा में नहीं होते हैं।
(b) कार्बोनिल यौगिक जिनमें a- कार्बन पर हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित है, यह इनके अनुरूप ईनॉल में आसानी से साम्यावस्था में होते हैं और यह प्रक्रम ऐल्डिहाइड कीटोन साम्यावस्था कहलाता हैं
(c) कार्बोनिल यौगिक जिनमें a- कार्बन हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित है, यह इनके अनुरूप ईनॉल में आसानी से साम्यावस्था में होते हैं और यह प्रक्रम कार्बोनिलीकरण कहलाता है।
(d) कार्बोनिल यौगिक जिनमें a- कार्बन पर हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित है, यह इनके अनुरूप ईनॉल में आसानी से साम्यावस्था में होते हैं और यह प्रक्रम किटो-ईनॉल चलावयवता कहलाती हैं ।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] कार्बोनिल यौगिक जिनमें a- कार्बन पर हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित है, यह इनके अनुरूप ईनॉल में आसानी से साम्यावस्था में होते हैं और यह प्रक्रम किटो-ईनॉल चलावयवता कहलाती हैं ।

[su_note] MY एवं NY3दो लगभग अविलेय लवणों का कमरे के ताप पर Ksp का मान, 6.2 × 10-13 एकसमान है। निम्न में से कौन सा कथन MY एवं NY3 के संदर्भ में सत्य है ?
[/su_note](a) MY एवं NY3 की जल में मोलर विलेयता समान है।
(b) MY की जल में मोलर विलेयता NY3 से कम
(c) MY एवं NY3के लवण शुद्ध जल की तुलना में 0.5MKY में ज्यादा विलेय है ।
(d) KY लवण को MY एवं NY3के विलयन में डालने पर इनकी विलेयता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] MY की जल में मोलर विलेयता NY3 से कम

[su_note] प्रोटीन अणु में विभिन्न ऐमीनो अम्ल एक दूसरे से जुड़े रहते हैं:
[/su_note](a) a-ग्लाईकोसिडिक आबंध के द्वारा
(b) β-ग्लाईकोसिडिक आबंध के द्वारा
(c) पेप्टाईड आबंध के द्वारा
(d) दाता आबंध के द्वारा
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] पेप्टाईड आबंध के द्वारा

[su_note] प्राकृतिक रबर में:
[/su_note](a) सभी सिस् – विन्यास है ।
(b) सभी ट्रान्स – विन्यास है ।
(c) एकान्तर सिस्-एवं ट्रांस- विन्यास है।
(d) अनियमित सिस्-एवं ट्रांस- विन्यास है ।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] सभी सिस् – विन्यास है ।

[su_note] निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है जब SO2 को अम्लीय K2Cr2O7 के विलयन में से पास किया जाता है ?
[/su_note](a) विलयन नीला पड़ जाता है।
(b) विलयन रंगहीन हो जाता है
(c) SO2 अपचयित होता है।
(d) हरा Cr2 (SO4)3 बनता है ।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] हरा Cr2 (SO4)3 बनता है ।

[su_note] दो इलेक्ट्रोन जो कि एक ही कक्षक में हैं। इनमें अन्तर किसके द्वारा किया जा सकता है ?
[/su_note](a) मुख्य क्वांटम संख्या
(b) चुम्बकीय क्वांटम संख्या
(c) दिगंशीय क्वांटम संख्या
(d) प्रचक्रण क्वांटम संख्या
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] प्रचक्रण क्वांटम संख्या

[su_note] कॉपर को सान्द्र HNO3 के साथ गर्म करने पर बनता है:
[/su_note](a) Cu(NO3)2 और NO2
(b) Cu (NO3)2और NO
(c) Cu(NO2)2, NO और NO2
(d) Cu(NO3)2 और N2O
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] Cu(NO3)2 और NO2

[su_note] निम्न में से कौन सा अभिकर्मक सिस्-साइक्लोपेन्टा – 1, 2 – डाईऑल एवं इसके ट्रांस- समावयवी में भेद करेगा?
[/su_note](a) ऐसीटोन
(b) ओजोन
(c) MnO2
(d) ऐल्युमिनियम आइसोप्रोपोक्साइड
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] ऐसीटोन

[su_note] सभी तापों पर अभिक्रिया के स्वतः प्रवर्तित के लिये ऊष्मागतिकीय शर्तें हैं:
[/su_note](a) ΔH < 0 तथा ΔS = 0
(b) ΔH > 0 तथा ΔS < 0
(c) ΔH < 0 तथा ΔS > 0
(d) ΔH < 0 तथा ΔS < 0
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] ΔH < 0 तथा ΔS > 0

[su_note] लीथियम की bcc संरचना है। इसका घनत्व 530 kg/m3 तथा परमाणु द्रव्यमान 6.94 g mol-1 है । लिथियम धातु एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई है:
(NA = 6.02 × 1023 mol-1)
[/su_note](a) 154 pm
(b) 352 pm
(c) 527 pm
(d) 264 pm
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] 527 pm

[su_note] निम्नलिखित में से कौन क्रम हैलोजन अणुओं की आबंध वियोजन एल्पी के लिए सही है,
[/su_note](a) I2>Br2>Cl2 >F2
(b) Cl2>Br2 >F2>I2
(c) Br2>I2>F2> Cl2
(d) F2>Cl2>Br2 >I2
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] Cl2>Br2 >F2>I2

[su_note] निम्न में से कौन सी दवा एक पीड़ाहारी है ?
[/su_note](a) नोवलजिन
(b) पेनिसिलिन
(c) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(d) क्लोरोमाइसीटिन
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] नोवलजिन

[su_note] हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैसों के समान मोलों को एक पात्र में रखा गया है, जो कि एक सूक्ष्म छिद्र के द्वारा पलायन कर सकते हैं। हाइड्रोजन के आधे पलायन में लगे समय में ऑक्सीजन का कितना अंश पलायन करेगा ?
[/su_note](a) 1/8
(b) 1/4
(c) 3/8
(d) 1/2
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] 1/8

[su_note] बेन्जीन का नाइट्रीकरण सांद्र H2SO4एवं HNO3 की उपस्थिति में हो रहा है। यदि इस मिश्रण में ज्यादा मात्रा में KHSO4 डालते हैं तो नाइट्रीकरण का वेग होगा :
[/su_note](a) तेज
(b) धीरे
(c) अपरिवर्तित
(d) दुगुना
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] धीरे

[su_note] निम्न में से सही क्रम होगा : –
[/su_note](a) एकाकी युग्म • एकाकी युग्म> एकाकी युग्म- आबंधी युग्म > आबंधी युग्म – आबंधी युग्म
(b) एकाकी युग्म – एकाकी युग्म> आबंधी युग्म- आबंधी युग्म > एकाकी युग्म – आबंधी युग्म
(c) आबंधी युग्म – आबंधी युग्म> एकाकी युग्म-आबंधी युग्म > एकाकी युग्म – एकाकी युग्म
(d) एकाकी युग्म – आबंधी युग्म> आबंधी युग्म- आबंधी युग्म > एकाकी युग्म – एकाकी युग्म
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] एकाकी युग्म • एकाकी युग्म> एकाकी युग्म- आबंधी युग्म > आबंधी युग्म – आबंधी युग्म

[su_note] नाइट्रोजन की CaC2के साथ अभिक्रिया से प्राप्त उत्पाद है
[/su_note](a) Ca(CN)2
(b) CaCN
(c) CaCN3
(d) Ca2CN
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] Ca(CN)2

[su_note] निम्नलिखित में से किसकी C-O आबंध लम्बाई अधिक है? (मुक्त C-O आबंध लम्बाई CO में 1.128Ä है ।)
[/su_note](a) Ni(CO)4
(b) [Co(CO)4]
(c) [Fe(CO)4]2-
(d) [Mn(CO)6]+
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] [Fe(CO)4]2-

[su_note] 298 K पर शुद्ध जल में H2 – इलेक्ट्रोड का विभव शून्य करने के लिए आवश्यक H2दाब है:
[/su_note](a) 10-14 atm
(c) 10-10 atm
(b) 10-12 atm
(d) 10-4 atm
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] 10-14 atm

[su_note] किसी रासायनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक के योग से निम्नलिखित में से कौन सी मात्रा बदलती है?
[/su_note](a) ऐन्ट्रॉपी
(b) आंतरिक ऊर्जा
(c) ऐंथैल्पी
(d) सक्रियण ऊर्जा
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] सक्रियण ऊर्जा

[su_note] A+ एवं B आयनों की आयनिक त्रिज्याएँ क्रमशः 0.98 × 10-10 m एवं 1.81 × 10-10 m है। AB में प्रत्येक आयन की उपसहसंयोजन संख्या है:
[/su_note](a) 6
(b) 4
(c) 8
(d) 2
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] 6

[su_note] निम्नलिखित में से कौन सा कथन दिये गये अम्लों के लिये है?
[/su_note](a) दोनों द्विप्रोटी अम्ल है।
(b) फॉस्फिनिक अम्ल एकप्रोटी अम्ल है जबकि फॉस्फोनिक अम्ल एक द्विप्रोटी अम्ल है ।
(c) फॉस्फिनिक अम्ल द्विप्रोटी अम्ल है जबकि फॉस्फोनिक अम्ल एक एकप्रोटी अम्ल है ।
(d) दोनों त्रिप्रोटी अम्ल है ।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] फॉस्फिनिक अम्ल एकप्रोटी अम्ल है जबकि फॉस्फोनिक अम्ल एक द्विप्रोटी अम्ल है ।

[su_note] धुंध कोलॉइडी विलयन है:
[/su_note](a) गैस में द्रव का
(c) गैस में ठोस का
(b) द्रव में गैस का
(d) गैस में गैस का
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] गैस में द्रव का

[su_note] बेंजीन एवं टॉलूईन के 1:1 आदर्श मोलर मिश्रण के संयोजन के लिये निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है, कल्पना करें कि तापमान 25°C पर स्थिर है । (दिये गये दाब 25°C पर बेन्जीन = 12.8 kPa, टॉलूईन = 3.85 kPa )
[/su_note](a) वाष्प में बेंजीन की अधिक प्रतिशतता होगी ।
(b) वाष्प में टॉलूईन की अधिक प्रतिशतता होगी ।
(c) वाष्प में समान मात्रा में बेन्जीन एवं टॉलॅईन होगी ।
(d) अपर्याप्त सूचनाओं के कारण कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] वाष्प में बेंजीन की अधिक प्रतिशतता होगी ।

[su_note] एथेन के सांतरित एवं ग्रस्त संरूपण की तुलना के लिए सही कथन है:
[/su_note](a) एथेन का सांतरित संरूपण, ग्रस्त संरूपण से कम स्थायी है क्योंकि सांतरित संरूपण में मरोड़ी विकृती है ।
(b) एथेन का ग्रस्त संरूपण, सांतरित संरूपण से अधिक स्थायी है क्योंकि ग्रस्त संरूपण में मरोड़ी विकृती नहीं है ।
(c) एथेन का ग्रस्त संरूपण, सांतरित संरूपण से अधिक स्थायी है जबकि ग्रस्त संरूपण में मरोड़ी विकृती है ।
(d) एथेन का सांतरित संरूपण, ग्रस्त संरूपण से अधिक स्थायी है क्योंकि सांतरित संरूपण में मरोड़ी विकृती नहीं है
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] एथेन का सांतरित संरूपण, ग्रस्त संरूपण से अधिक स्थायी है क्योंकि सांतरित संरूपण में मरोड़ी विकृती नहीं है

[su_note] ऐल्डिहाइड एवं प्राथमिक ऐमीन की अभिक्रिया से बना उत्पाद है:
(b) किटोन
[/su_note](a) शिफ बेस
(c) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(d) ऐरोमेटिक अम्ल
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] किटोन

[su_note] एक 6.5 g विलेय का 100 g जल में विलयन का 100°C पर वाष्प 732 mm है। यदि Kb = 0.52, तो इस विलयन का क्वथनांक होगा—
[/su_note](a) 101°C
(b) 100°C
(c) 102°C
(d) 103 °C
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] 101°C

[su_note] RNA एवं DNA के लिये सही कथन क्रमशः है:
[/su_note](a) RNA में शर्करा घटक अरैबिनोस है और DNA में शर्करा घटक 2′-डिऑक्सीराइबोस है ।
(b) RNA में शर्करा घटक राइबोस है और DNA में शर्करा घटक 2′ – डिऑक्सीराइबोस है ।
(c) RNA में शर्करा घटक अरैबिनोस है और DNA में शर्करा घटक राइबोस है ।
(d) RNA में शर्करा घटक 2′ – डिऑक्सीराइबोस और DNA में शर्करा घटक अरैबिनोस है।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] RNA में शर्करा घटक राइबोस है और DNA में शर्करा घटक 2′ – डिऑक्सीराइबोस है ।

[su_note] ऐरीलऐमीन के क्षारकता के लिये सही कथन है[/su_note]
(a ) ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से कम क्षारीय होती है क्योंकि नाइट्रोजन के एकाकी-युग्म इलेक्ट्रोन एरामेटिक वलय के ???? – इलेक्ट्रॉन के साथ विस्थापित होते हैं ।
(b) ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से ज्यादा क्षारीय होती है क्योंकि नाइट्रोन के एकाकी-युग्म इलेक्टोन ऐरोमेटिक वलय के ???? – इलेक्ट्रोन के साथ विस्थापित नहीं होते हैं।
(c) ऐरिल समूह के कारण ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से ज्यादा क्षारीय है ।
(d) ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से ज्यादा क्षारीय है क्योंकि ऐरीलऐमीन में नाइट्रोजन परमाणु sp-संकरित है।
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] ऐरीलऐमीन सामान्यतः ऐल्किलऐमीन से कम क्षारीय होती है क्योंकि नाइट्रोजन के एकाकी-युग्म इलेक्ट्रोन एरामेटिक वलय ???? – के इलेक्ट्रॉन के साथ विस्थापित होते हैं ।

[su_note] निम्न में से कौन सी एक गैर- अपचायक शुगर है ?
[/su_note](a) माल्टोस
(b) लेक्टोस
(c) ग्लुकोस
(d) सुक्रोस
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] सुक्रोस

[su_note] दिये गये कार्ब ऋणायन, CH3 C= C के युग्म इलेक्ट्रोन में से किस कक्षक में उपस्थित है?
[/su_note](a) 2p
(b) sp3
(c) sp2
(d) sp
[su_label type=”black”]उत्तर.[/su_label] sp

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