NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 15 – मेघ आए

NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 15 – मेघ आए

NCERT Solutions For Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 15 मेघ आए –बहुत से विद्यार्थी हर साल 9th की परीक्षा देते है ,लेकिन बहुत से विद्यार्थी के अच्छे अंक प्राप्त नही हो पाते जिससे उन्हें आगे एडमिशन लेने में भी दिक्कत आती है . जो विद्यार्थी 9th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यहां परएनसीईआरटी कक्षा 9 हिंदी अध्याय 15 (मेघ आए) के लिए सलूशन दिया गया है. इस पोस्ट में आपको को क्षितिज भाग- 1 के कक्षा-9 का पाठ-15 मेघ आए के प्रश्न-उत्तर (Megh Aaye Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि श्यामाचरण दुबे द्वारा लिखित है। इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Class 9th Hindi Chapter 15 मेघ आए के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.

Class9
SubjectHindi
Bookक्षितिज
Chapter Number15
Chapter Nameमेघ आए

NCERT Solutions For Class 9 हिंदी (क्षितिज) Chapter 15 मेघ आए

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1. बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।

उत्तर- बादलों के आने पर प्रकृति प्रसन्नता से भर कर जिस प्रकार नाच उठती है उससे अनेक गतिशील क्रियाएं प्रकट होती हैं। हवा नाचती-गाती आगे-आगे चली। पेड़ झुक कर गरदन उचकाए झाँकने लगे। आंधी धूल रूपी घाघरा उठाकर भाग चली। नदी बांकी चितवन उठा कर ठिठकी और उसका घूघट सग्का। वृदृ पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की। लता किवाड़ की ओर से अकुलाई और बोली। तालाब हर्षाया और परात भर कर पानी लाया । क्षितिज अटारी गहराई और बिजली कौंधी।।

प्रश्न 2. निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं ? धूल, पेड़, नदी, लता, ताल।

उत्तर- 1. धूल-गाँव की घाघरा उठाकर भागने वाली छोटी लड़कियों का।

  1. पेड़-गाँव के जाने-अनजाने आदमियों का।
  2. नदी-गाँव की युवतियों का।
  3. लता-विरहिनी प्रियतमा का।
  4. ताल-घर का कोई सदस्य या पुराना वफादार नौकर।।
प्रश्न 3. लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों ?

उत्तर- लता ने विरहिनी, प्रियतमा, नायिका या पत्नी के रूप में बादल रूपी प्रियतम की ओर लाज-भरी आँखों से देखा था जिसमें उलाहना भरा हुआ था कि वे बहुत देर बाद आए थे। गाँव में प्रियतमा का अपने प्रियतम से सबके सामने खुले रूप में मिलने का रिवाज प्रायः नहीं होता।

प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए
(क) क्षमा करो गांठ खुल गई अब भरम की।
(ख) बांकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूघट सरके।

उत्तर- (क) धरती मानो बादलों से कह रही थी कि क्षमा करो। अभी तक यह समझ रहे थे कि आकाश में उमड़घुमड़ कर आए बादल बरसेंगे नहीं पर अब भ्रम टूट गया है। इससे यह ध्वनि भी उत्पन्न होती है कि तुम्हारे कभी न आने का जो भ्रम बना हुआ था वह भ्रम अब टूट गया है।

(ख) नदी अपने प्रवाह को थोड़ा रोककर ठिठक कर खड़ी हो गई। नदी रूपी गाँव की नदी रूपी युवती ने अपने मुँह पर घूघट सरका लिया और तिरछी नज़र से सजे-संवरे बादलों की ओर देखने लगी।

प्रश्न 5. मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए ?

उत्तर- मेघ रूपी मेहमान के आने से सारे वातावरण में तरह-तरह के परिवर्तन हुए। मेघ के आगमन पर बयार नाचने-गाने लगी। हवा चलनी आरंभ हो गई। पेड़ मेघों को देखने के लिए गरदन ऊपर उठा कर झांकने लगे। नदी भी एक पल के लिए रुककर मुख पर घूघट डाल कर तिरछी नज़रों से मेघों को देखने की चेष्टा करने लगी। लता तो किवाड़ की आड़ में छिप कर मेघों को देर से आने का उपालंभ देने लगती है। ताल खुशी से भर कर मेघों के स्वागत में अपना जल अर्पित करने को तैयार है।

प्रश्न 6. मेघों के लिए बन-ठन के, संवर के आने की बात क्यों कही गई है ?

उत्तर- दामाद की तरह मेघ गाँव में लंबे समय के बाद लौटा था। वह सज-संवर कर, बन ठन कर लौटा था क्योंकि वह गाँव के सभी अपनों-परायों पर अपने व्यक्तित्व का प्रभाव डालना चाहता था।

प्रश्न 7. कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोज कर लिखिए।

उत्तर- (क) जिन अंशों में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग हुआ है, वे निम्नलिखित हैं

  • मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के
  • आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली
  • पेड़ झुक झाँकने लगे, गरदन उचकाए
  • धूल भागी घाघरा उठाए।
  • बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी
  • बूढे पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की ।
  • ‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’
  • बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की
  • हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।

(ख) जिन अंशों में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है, वे निम्नलिखित हैं

  • गाती बयार ।
  • बाँकी चितवन
  • बूढ़े पीपल
  • अकुलाई लता
  • क्षितिज अटारी
प्रश्न 8. कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।

उत्तर- नगर में रहने वाला विशिष्ट अतिथि (दामाद) जब गाँव पहुँचा तो उसका सबने मिलजुल कर स्वागत किया। गाँव से बाहर लगे बूढ़े बरगद रूपी पेड़ ने आगे बढ़कर उसका अभिनंदन किया, उससे प्रेम भरी बातचीत की। उसके पांव धोने के लिए परात में पानी लाया गया। प्रियतमा एकदम उसके सामने नहीं आई बल्कि किवाड़ के पीछे छिपी रही और उसने मंद स्वर में देर से आने का उलाहना दिया।

प्रश्न 9. कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान के ( दामाद) आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।

उत्तर- कविता में मेघ और दामाद के आगमन में समानता बताई गई है। जब गाँव में मेघ दिखते हैं तो गाँव के सभी लोग उत्साह के साथ उसके आने की खुशियाँ मनाते हैं। हवा के तेज़ बहाव से पेड़ अपना संतुलन खो बैठते हैं, नदियों तथा तालाबों के जल में उथल-पुथल होने लगती है। मेघों के आगमन पर प्रकृति के अन्य अव्यव भी प्रभावित होते हैं। ठीक इसी प्रकार किसी गाँव में जब कोई दामाद आता है तो गाँव के सभी सदस्य उसमें बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। स्त्रियाँ चिक की आड़ से दामाद को देखने का प्रयत्न करती है, गाँव के सबसे बुज़र्ग आदमी सर्वप्रथम उसके समक्ष जाकर उसका आदर-सत्कार करते हैं। पूरी सभा का केन्द्रिय पात्र वहीं होता है।

प्रश्न 10. काव्य-सौंदर्य लिखिए
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के
मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के

उत्तर- नगर की ओर से बादल बहुत बन-ठन कर दामाद की तरह गाँव में पधारे और उनके पधारने से सब प्रसन्नता से भर उठे। कवि ने सांग रूपक के प्रयोग से अति सुंदर चित्र-योजना की है। अनुप्राम, मानवीकरण और उत्प्रेक्षा का प्रयोग अति स्वाभाविक रूप से प्रकट हुआ है। तद्भव और देशज शब्दावली के प्रयोग ने कथन को सहजता प्रदान की है। प्रसाद गुण विद्यमान है। स्वरमैत्री ने गेयता का गुण प्रदान किया है। रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 11. वर्षा के आने पर अपने आस-पास के वातावरण में हुए परिवर्तन को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।

उत्तर- आकाश में छाए बादलों को देख लोग प्रसन्नता से खिल उठते हैं। सूखी-प्यासी धरती की तपन मिटाने की चाह में भरे लोग आशा भरी आँखों से ऊपर आकाश पर आँखें टिका लेते हैं। ठंडी हवा बहने के कारण वातावरण की गर्मी कम हो जाती है। छोटे-बच्चे वर्षा के स्वागत में गाने लगते हैं। घरों की छतों पर औरतें धूप में सूखने के लिए डाले कपड़े इकट्ठा करने लगती हैं। जैसे ही बूंदें गिरती हैं मिट्टी की सौंधी-सौंधी गंध वातावरण में फैल जाती है। छोटेछोटे बच्चे बारिश में नहाने के लिए आंगन में आ जाते हैं। वर्षा तेज़ होते ही गलियां पानी से भरने लगती हैं और कुछ ही मिनटों बाद वे बरसाती नालों की तरह भर-भर कर बहने लगती हैं। उस बहते पानी में कई घरों से वह सामान भी बह कर गली में तैरने लगता है। जो समयाभाव के कारण संभलने से रह गया था। वर्षा की बौछारों से सारे पेड़-पौधे । नहा जाते हैं। महीनों से उन पर जमी धूल-मिट्टी बह जाती है और वे हरे-भरे रूप को पा साफ़-स्वच्छ हो जाते हैं। सारे खेत अपनी हरियाली से मोहक लगने लगते हैं। गर्मी से झुलसे पशुओं पर भी संतोष के भाव दिखाई देते हैं।

प्रश्न 12. कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है ? पता लगाइए।

उत्तर- पीपल के पेड़ प्रायः गाँव की सीमा पर ही फल-फूल कर दूर से आने वालों को अपनी छाया से सुख प्रदान करते हैं। सघन छाया और फैलाव के कारण वे पशु-पक्षियों तथा यात्रियों को ही सुख-आराम नहीं देते बल्कि अपनी लंबी आयु और उपयोगिता के कारण लोगों के हृदय में पवित्रता और सम्मान के प्रतीक भी माने जाते हैं। लोग उसके सामने श्रद्धा से झुकते हैं, उसकी पूजा करते हैं। कवि ने पीपल को इसीलिए बड़ा बुजुर्ग कहा है।

प्रश्न 13. कविता में मेघ को पाहुन के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि ( दामाद ) को विशेष महत्त्व प्राप्त है लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नजर आते हैं, लिखिए ?

उत्तर- दामाद को आज भी भारतीय परिवारों में वैसा ही विशेष सम्मान प्राप्त है जैसा पहले था पर अब सम्मान का स्वरूप बदल गया है। लोगों का जीवन के प्रति दृष्टिकोण में परिवर्तन आ गया है। अब दामाद मेहमान सा प्रतीत

काव्यखंड नहीं होता बल्कि वह परिवार का बेटा ही लगता है जिसके आगमन पर किसी आडंबर की आवश्यकता अनुभव नहीं होती। अपने-अपने काम में अतिव्यस्तता भी इस परंपरा में परिवर्तन का कुछ कारण हो सकता है।

प्रश्न 14. कविता में आए मुहावरों को छांटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।

उत्तर-1. बन-ठन के = सज संवर कर–अरे, सुबह-सवेरे बन-ठन कर कहां की तैयारी है ? क्या तुम्हें स्कूल नहीं जाना ?

  1. झुक-झांक करना = ताक-झांक करना-पड़ोसियों के घर इस तरह झुक-झांक करना तुम्हें शोभा नहीं देता।
  2. सुध लेना = याद करना–अरे मोहन, कभी गाँव में बूढ़े माँ-बाप की सुध लेने चले जाया करो।
  3. गांठ खुलना = भेद खुलना-रिश्वत तो गुप्ता जी वर्षों से ले रहे थे पर गांठ उनकी अब खुली है।
  4. बांध टूटना = हौसला चूक जाना-वर्षों से बेचारी अपने एकमात्र पुत्र की गंभीर बीमारी को किसी प्रकार झेल । रही थी पर उसकी मौत ने तो उसके सब्र का बांध तोड़ दिया और वह फूट-फूट कर रो पड़ी।
प्रश्न 15. कविता में प्रयुक्त आंचलिक शब्दों की सूची बनाइए।

उत्तर-– बन-ठन के संवर के’, ‘पान’, ‘घाघरा’, ‘बांकी चितवन’, ‘ठिठकी’, ‘घूघट सरके’, ‘जुहार’, ‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’, ‘हरसाया’, ‘अटारी’, ‘ढरके’।

प्रश्न 16. मेघ आए कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- ‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल, सहज और आडंबरहीन है। कविता में आम बोल-चाल के शब्दों के अलावा आंचलिक शब्दों का भी प्रयोग है। इसमें कवि ने अपनी बात को अत्यंत सीधे-सादे सरल शब्दों में कह दिया है। भाषा में मुहावरों का प्रयोग करने तथा प्रकृति का मानवीकरण करने से भाषा की सजीवता एवं रोचकता बढ़ गई जिससे यह और भी सरल, सहज और बोधगम्य हो गई है।

मेघ आए के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

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