NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 1 – दो बैलों की कथा
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 1 दो बैलों की कथा – आज हम आपको कक्षा 9 पाठ-1 दो बैलों की कथा के प्रश्न-उत्तर(Do bailon ki katha Question Answer)के बारे में बताने जा रहे है जो कि प्रेमचंद द्वारा लिखित है। जो विद्यार्थी 9th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है . यहाँ एनसीईआरटी कक्षा 9 हिंदी अध्याय 1 (दो बैलों की कथा) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Class 9th Hindi Chapter 1 दो बैलों की कथा के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.
Class | 9 |
Subject | Hindi |
Book | क्षितिज |
Chapter Number | 1 |
Chapter Name | दो बैलों की कथा |
NCERT Solutions for Class 9 हिंदी (क्षितिज) Chapter 1 दो बैलों की कथा
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
उत्तर- कॉजी हौस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती होगी जिससे यह पता चल सके कि वहाँ कैद किए। गए सभी पशु उपस्थित हैं। उन में से कोई भाग गया अथवा मर तो नहीं गया है।
उत्तर- छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी। बैल दिनभर जोते जाते थे और उन्हें डंडे भी मारे जाते थे। उन्हें खाने को सूखा भूसा दिया जाता था। बैलों की इस दुर्दशा पर छोटी बच्ची को दया आ गई थी। उसे लगा कि बैलों के साथ भी उसके समान सौतेला व्यवहार हो रहा है। इसलिए उस के मन में बैलों के प्रति प्रेम उमड़ आया था। वह रात को उन्हें एक-एक रोटी खिला आती थी।
उत्तर- इस कहानी के माध्यम से लेखक ने किसानों और पशुओं के भावात्मक संबंधों का वर्णन किया है। हीरा और मोती नामक बैल अपने स्वामी झूरी से बहुत स्नेह करते हैं तथा जी-जान से उस के काम करते हैं परंतु झूरी के साले गया के घर जाना उन्हें अच्छा नहीं लगता। यहाँ तक कि वहाँ जा कर चारा भी नहीं खाते और रात होने पर रस्सी तुड़ा कर वापस झूरी के घर आ जाते हैं। उन्हें फिर गया के घर आना पड़ता है तो इसे ही अपनी नियति मान कर कहते हैं कि बैल का जन्म लिया है तो मार से कहाँ तक बचना? वे अपनी जाति के धर्म को निभाते हैं तथा बदले में मनुष्यों को नहीं मारते। कांजी हौस में मित्रता निभाते हैं तथा मिलकर साँड का मुकाबला करते हैं। दढ़ियल द्वारा खरीदे जाने के बाद अपने घर का रास्ता पहचान कर झूरी के घर आ जाते हैं और अपनी स्वामी भक्ति का परिचय देते हैं।
उत्तर- प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे को सीधा, सहनशील, अक्रोधी, सुख-दु:ख में समभाव से रहने वाला प्राणी बताते हुए उसे ऋषियों-मुनियों के सद्गुणों से युक्त बताया है। वे उसे एक सीधा-साधा पशु बताते हैं, जिस के चेहरे पर कभी भी असंतोष की छाया तक नहीं दिखाई देती है और रूखा-सूखा खाकर भी संतुष्ट रहता है।
उत्तर- बहुत दिनों साथ रहते-रहते होरा और मोती में दोस्ती हो गई थी। दोनों मूक-भाषा में एक-दूसरे के मन की बात समझ लेते थे। आपस में सींग मिलाकर, एक-दूसरे को चाट अथवा सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे। दोनों एक साथ नाँद में मुंह डालते और एक मुँह हटा लेता तो दूसरा भी हटा लेता था। हल या गाड़ी में जोत दिए जाने पर दोनों का यह प्रयास रहता था कि अधिक बोझ उसकी गरदन पर रहे। गया के घर से दोनों मिलकर भागे थे। गया के घर दोनों ही भूखे रहे थे। साँड को दोनों ने मिलकर भगा दिया था। मटर के खेत में मोती जब कीचड़ में धंस गया तो हीरा स्वयं ही रखवालों के पास आ गया था जिससे दोनों को एक साथ सजा मिले। कांजी हौस में मोती हीरा के बंधे होने के कारण बाड़े की दीवार टूट जाने पर भी नहीं भागा था। इन सब घटनाओं से हीरा और मोती की गहरी दोस्ती का पता चलता
उत्तर- लेखक ने हीरा के इस कथन के माध्यम से इस ओर संकेत किया है कि हमारे समाज में स्त्री को मदा प्रताड़ित किया जाता है। उसे पुरुष की दासी के रूप में चित्रित किया जाता है, जिसे सब प्रकार से मारने-पीटने का अधिकार पुरुष के पास होता है। उसका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है। उसे पुरुष की इच्छानुसार अपना जीवन व्यतीत करना होता है। स्त्री को सदा पुरुष पर आश्रित रहना पड़ता है।
उत्तर- इस कहानी में किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को अत्यंत भावात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है। झूरी को अपने बैलों हीरा और मोती में बहुत लगाव है। वह उन्हें अच्छा भोजन देता है। जब वे गया के घर से भाग कर आते हैं तो उन्हें दौड़कर गले लगा लेता है। गया के घर जाते हुए बैलों को भी झुरी से बिछुड़ने का दु:ख है। वे समझते हैं कि उन्हें बेच दिया गया है। वे और अधिक मेहनत कर के झूरी के पास ही रहना चाहते हैं। गया के घर की छोटी बच्ची के हाथ से एक-एक रोटी खा कर उन्हें उस बच्ची से स्नेह हो जाता है और बच्ची पर अत्याचार करने वाली उस की सौतेली माँ को मोती मारना चाहता है। अंत में जब हीरा और मोती कांजी हौस से दढ़ियल के साथ घर पहुँचते हैं, तो झूरी उन्हें गले लगा लेता है और झूरी की पत्नी भी उन दोनों के माथे चूम लेती है।
उत्तर- इस कथन से स्पष्ट होता है कि मोती में परोपकार की भावना है। वह कांजी हौस के बाड़े की कच्ची दीवार तोड़ देता है जिससे नौ-दस जानवर निकल कर भाग जाते हैं। गधों को तो वह स्वयं धकेल कर बाहर निकालता है। मोती सच्चा मित्र भी है। हीरा की रस्सी वह तोड़ नहीं सका था इसलिए वह स्वयं बाड़े से भाग कर नहीं गया बल्कि हीरा के पास ही बैठा रहा और सुबह होने पर उसे भी चौकीदार ने मोटी रस्सी से बाँध दिया और खूब मारा। मोती बहादुर भी है। अपने बल पर वह सींग मार-मार कर बाड़े की कच्ची दीवार तोड़ देता है जिस से बाड़े में कैद जानवर बाहर भाग जाते हैं।
(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित
उत्तर- इस कथन के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि पशु भी परस्पर मूक भाषा में एक-दूसरे से वार्तालाप कर लेते हैं तथा एक-दूसरे के मन की बात समझ लेते हैं। उन की इस प्रकार से एक-दूसरे की मन की बात को जानने की जो शक्ति है वह केवल उन्हीं में है। मनुष्य, जोकि स्वयं को समस्त प्राणियों में श्रेष्ठ समझता है, उसमें भी ऐसी शक्ति नहीं है। यह विशेषता केवल पशुओं में ही होती है।
(ख) उस एक रोटी से उन की भूख तो क्या शाँत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
उत्तर- गया के घर आने के बाद हीरा-मोती को केवल सूखा चारा खाने को मिलता था। उन्हें सारा दिन खेतों में जोता जाता था तथा उन की डंडों से पिटाई होती थी। उन्हें प्रेम करने वाला कोई नहीं था। छोटी बच्ची रात के समय उन्हें एक-एक रोटी खिला देती थी। इस एक रोटी को खा कर ही वे संतुष्ट हो जाते थे। क्योंकि इस एक रोटी के माध्यम से वह बच्ची उन्हें अपना स्नेह दे देती थी जिन से उन का स्नेह के लिए भूखा हृदय संतुष्ट हो जाता था।
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था।
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
उत्तर- (ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था। रचना और अभिव्यक्ति
उत्तर-हीरा-मोती झूरी के घर आराम से रह रहे थे। वे पूरी मेहनत से झूरी के सब काम करते थे तथा जो मिलता था, उसे खा लेते थे। उन्होंने झूरी को कभी शिकायत का मौका नहीं दिया था। जब उन्हें झूरी का साला गया ले जाने लगा तो उन्हें लगा कि उसे झूरी ने गया के हाथों बेच दिया है। उन्हें गया के साथ जाना पसंद नहीं आया। गया ने उन्हें डंडों से मारा, खाने के लिए सूखा चारा दिया। वे इसे अपना अपमान समझकर रस्सी तुड़वा कर झूरी के पास लौट आए। उन्हें फिर गया के पास जाना पड़ा। वहाँ उन पर फिर अत्याचार हुए। इस बार छोटी बच्ची ने उन्हें आज़ाद कराया। वे अपने घर जा रहे थे कि साँड से हुए झगड़े में वे रास्ता भटक गए। मटर खाने के चक्कर में उन्हें कांजी हौस में बंद होना पड़ा। वहाँ दीवार तोड़ने के आरोप में इन पर डंडे बरसाए गए और अंत में एक दढ़ियल के हाथों बिक गए। जब वह दढ़ियल इन्हें ले जा रहा था तो इन्हें अपना घर दिखाई दिया तो वे भाग कर वहाँ आ गए और दढ़ियल को मोती ने सींग चला कर भगा दिया। इस प्रकार अपनी आज़ादी तथा अपनी घर वापसी के लिए किए गए हीरा-मोती के प्रयत्न सार्थक सिद्ध हुए। उन्होंने अनेक मुसीबतें उठा कर भी अपना अधिकार प्राप्त कर लिया।
उत्तर- इस कहानी में लेखक ने हीरा-मोती को दूसरे की परतंत्रता से स्वयं को मुक्त करने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाया है। हीरा-मोती अपने बल से गया के स्थान से रस्सी तोड़ कर अपने घर आ जाते हैं। दूसरी बार अनेक मुसीबतें सहन करते हुए भी गया के खेतों में काम नहीं करते और छोटी बच्ची के सहयोग से आज़ाद हो जाते हैं। अंत में कांजी हौस से अन्य जानवरों को आजाद कराते हैं तथा स्वयं दंड पा कर भी दढ़ियल के चंगुल से छूट कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। इस प्रकार यह कहानी भारत की आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है कि किस प्रकार भारतवासियों ने अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए अंत में आजादी प्राप्त की है।
उत्तर- ‘ही’ निपात का प्रयोग-(i) एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।
(ii) दोनों साथ उठते, साथ नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे।
(iii) कभी-कभी उन्हें भी क्रोध आ ही जाता था।
(iv) ज्यादा से ज्यादा मेरी ही गर्दन पर रहे।
(v) ब्याही हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है।
‘भी’ निपात का प्रयोग-(i) गधे का एक छोटा भाई भी है।
(ii) कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर है।
(iii) बैल कभी-कभी मारता भी है।
(iv) न दादा, पीछे से तुम भी उन्हीं की-सी कहोगे।
(v) अंग्रेज शासक भी भारतीय विद्रोहियों के साथ ऐसी ही क्रूरता से पेश आते थे।
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे से पड़े हुए जानवर सभी चेत उठे।
(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक भागे।
(घ) मैं बेचूंगा, तो बिकेंगे।
(ङ) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
उत्तर- (क) मिश्र वाक्यमुख्य उपवाक्य-अधमरे से पड़े हुए जानवर सभी चेत उठे। भेद-संज्ञा उपवाक्य। गौण उपवाक्य-दीवार का गिरना था।
(ख) मिश्र वाक्यमुख्य उपवाक्य-सहसा एक दढ़ियल आदमी आया। उपवाक्य-जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा कठोर। भेद-विशेषण उपवाक्य।
(ग) मिश्र वाक्यमुख्य उपवाक्य-हीरा ने कहा।
उपवाक्य-गया के घर से नाहक भागे। भेद-संज्ञा उपवाक्य।
(घ) मिश्र वाक्यमुख्य उपवाक्य-तो बिकेंगे गौण उपवाक्य-मैं बेचूंगा। भेद–क्रिया विशेषण उपवाक्य।
(ङ) मिश्र वाक्यमुख्य उपवाक्य-तो मैं बे-मारे न छोड़ता। गौण उपवाक्य-अगर वह मुझे पकड़ता। भेद-क्रिया विशेषण उपवाक्य।
उत्तर-(i) गम खाना- मोहन सोहन की चार बातें सुनकर भी गम खा गया क्योंकि वह लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहता था।
(ii) ईंट का जवाब पत्थर से – भारतीय सेना ने शत्रु सेना के आक्रमण का जवाब ईंट का जवाब पत्थर से देकर शत्रु सेना को पराजित कर दिया।
(ii) दाँतों पसीना आना- गणित का प्रश्न- पत्र इतना कठिन था कि उसे हल करते हुए परीक्षार्थियों को दाँतों पसीना आ गया। |
(iv) बगलें झाँकना- साहूकार को देखते ही हलकू बगलें झाँकने लगा।
(v) नौ-दो-ग्यारह होना- पुलिस को देखते ही चोर नौ-दो-ग्यारह हो गए।
दो बैलों की कथा बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Bhag 1 क्षितिज भाग 1
गद्य – खंड
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काव्य – खंड
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