NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 – पापा खो गए
NCERT Solutions for Class 7 Hindi (Vasant) Chapter 7. पापा खो गए –जो उम्मीदवार सातवीं कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें हिंदी विषय के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है .इसके बारे में 7th कक्षा के एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 7 हिंदी अध्याय 7. (पापा खो गए) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions For Class 7 Hindi Chapter 7. Papa Kho Gaye की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.7 पापा खो गए के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
Textbook | NCERT |
Class | Class 7 |
Subject | Hindi |
Chapter | Chapter 7 |
Chapter Name | पापा खो गए |
NCERT Solutions For Class 7 हिंदी (वसंत) Chapter 7 पापा खो गए
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
नाटक से
नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र कौवा था । कौवा अपनी आवाज़ और रंग के कारण सबको नापसंद होता है परंतु उसकी समझदारी ही लड़की को उसके घर पहुँचाने का उपाय बताती है। कौवे को दुनियादारी की समझ थी । वह पूरा दिन शहर में घूमता रहता था । कौए द्वारा बताया उपाय ही कारगर सिद्ध हुआ । उसने बच्ची को उसके घर तक पहुँचाने के लिए एक दुर्घटना का दृश्य दर्शाने के लिए कहा। उसने काँव-काँव से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उसने नाचनेवाली लड़की के पोस्टर पर भी ‘पापा खो गए’ बड़े-बड़े अक्षरों में लिखवाया। इस तरह उसने विभिन्न उपायों द्वारा लड़की को उसके घर पहुँचाने का रास्ता निकाला।
उत्तर – आरंभ में सड़क पर पेड़ अकेला ही खड़ा था। शहर के विकास होने पर उसके पास एक बिजली का खंभा लगा दिया गया। आरंभ में पेड़ ने खंभे की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया परंतु खंभा अपनी अकड़ में खड़ा रहा। एक दिन बहुत आँधी-तूफ़ान आया। खंभा पेड़ के ऊपर गिर गया। पेड़ ने उसे सँभाल लिया । खंभे के पेड़ पर गिरने से पेड़ ज़ख्मी हो गया था । पेड़ द्वारा मुसीबत के समय उसकी मदद करते देखकर खंभे का घमंड समाप्त हो गया । उस दिन से दोनों में दोस्ती हो गई ।
उत्तर – लैटरबक्स का रंग लाल था । उसके लाल रंग के कारण ही सब लोग उसे लाल ताऊ कहकर बुलाते थे।
उत्तर –लाल ताऊ की आवाज़ बहुत मीठी थी । वे भजन गाते थे, जिससे सारा वातावरण सुहावना हो जाता था। लाल ताऊ अपने पेट में बहुत-से लोगों की बातें छुपाकर रखते थे। उन्हें आजकल के बच्चों पर भी क्रोध आता था जो स्कूल में न जाकर, अपना समय कंचे खेलने में लगाते हैं। लाल ताऊ के अनुसार ऐसे बच्चे माता- पिता के धन को व्यर्थ समझते हैं । उनके साथ सख्ती से निपटना चाहिए। लाल ताऊ कोमल हृदय भी हैं । वह लड़की को घबराई हुई देखकर उसे ढाढ़स बँधाते हैं। इस तरह लाल ताऊ अन्य पात्रों से भिन्न हैं ।
नाटक में बच्ची को बचाने वाले पात्रों में एकमात्र कौआ ही सजीव पात्र है । जब लाल ताऊ के भजनों की आवाज़ से रात में उसकी नींद खुल जाती है तो वह चिढ़कर बोलने लगता है जो कि काफी मज़ेदार लगता है। उसने अपनी बुद्धिमानी से ‘दुष्ट बच्ची को बचाने का उपाय निकाला। उसने जो भी तरकीब निकाली वह सब अक्लमंदी से भरी हुई थीं इसलिए मुझे कौआ बहुत मज़ेदार लगा।
नाटक के सभी पात्र निर्जीव थे । इसलिए वे लड़की को उसके घर तक पहुँचाने में असमर्थ थे। लड़की को भी अपने घर का पता मालूम नहीं था, जिस कारण उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही थी । उनकी अपनी दुनिया थी, जिसमें से वे बाहर नहीं निकल सकते थे। इसलिए सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे।
नाटक से आगे
मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ रखने का कारण
बच्ची का अपने परिवार से बिछड़ जाना है। बच्ची अपने पापा के पास जाना चाहती है पर उसे अपने पापा का नाम तथा घर का पता नहीं मालूम था । बच्चों को जहाँ प्यार मिलता है वे उसी के हो जाते हैं। जब छोटी लड़की को पेड़, खंभे, कौवे और लैटरबक्स से प्यार और संरक्षण मिलता है तो वह सोचती है कि वे सब उसे उसके पापा से मिलवाएँगे। पुलिस का ध्यान आकर्षित करने के लिए पोस्टर पर भी यही लिखा जाता है कि ‘पापा खो गए ।’ अपने घर को भूल जाती है। इसलिए इसका शीर्षक ‘पापा खो गए’ रखा गया। ‘पापा खो गए’ शीर्षक के अतिरिक्त इस नाटक का अन्य शीर्षक ‘एक लड़की छोटी-सी’ भी हो सकता है। नाटक की कहानी छोटी-सी लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है। जब नाटक में लड़की का प्रवेश होता है तो सब लोग उसी के विषय में सोचते हैं। पहले तो उस लड़की को बच्चे उठाने वाले आदमी से मुक्त कराते हैं फिर उसे घर पहुँचाने के लिए उपाय सोचना शुरू कर देते हैं। सबको उसकी चिंता है। सभी अपने-अपने ढंग से बच्ची का घर ढूँढ़ना शुरू कर देते हैं । इसलिए इस नाटक का अन्य शीर्षक ‘एक लड़की छोटी-सी’ भी हो सकता है।
नाटक में पापा को खोजने के जो तरीके बताए गए हैं उनसे अतिरिक्त और भी उपाय हो सकते हैं । जैसे- लड़की से पूछकर उसके पापा का वर्णन अखबार में छपवा सकते हैं । रेडियो में लड़की से घोषणा करवा सकते हैं जिससे उसके पापा उसकी आवाज़ पहचान लें । इनके अतिरिक्त टेलीविज़न में उस लड़की के फ़ोटो के साथ उसके पिता का स्केच जोकि लड़की के बताए अनुसार तैयार किया गया है, उसे दिखा सकते हैं। हो सकता है किसी ने लड़की के साथ उसके पापा को देखा हो और वह उसे आकर उसके पिता का पता दे दे। इस तरह के उपायों के द्वारा भी हम बच्ची के पापा को खोज सकते हैं।
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