NCERT Solutions For Class 6 Hindi Chapter 3 – नादान दोस्त
NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) Chapter 1 नादान दोस्त – बहुत से विद्यार्थी हर साल 6th की परीक्षा देते है ,लेकिन बहुत से विद्यार्थी के अच्छे अंक प्राप्त नही हो पाते जिससे उन्हें आगे एडमिशन लेने में भी दिक्कत आती है . जो विद्यार्थी 6th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यहां परएनसीईआरटी कक्षा 6 हिंदी अध्याय 3 (नादान दोस्त) के लिए सलूशन दिया गया है. इस पोस्ट में आपको को वसंत भाग-1 के कक्षा-6 का पाठ-3 के नादान दोस्त पाठ के प्रश्न-उत्तर(Nadan Dost Question Answer)के बारे में बताने जा रहे है जो किमुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित है। इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आपClass 6th Hindi Chapter 3 नादान दोस्त के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
Class | 6 |
Subject | Hindi |
Book | वसंत |
Chapter Number | 3 |
Chapter Name | नादान दोस्त |
NCERT Solutions for Class 6 हिंदी (वसंत) Chapter 3 नादान दोस्त
अभ्यास के सभी प्रश्नों के उत्तर
कहानी से
उत्तर- केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर तरह-तरह के सवाल इसलिए उठ रहे थे, क्योंकि वे दोनों जानना चाहते थे कि घोंसले में कितने बड़े अंडे होंगे? वे किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? बच्चे कैसे निकलेंगे? उनके पर (पंख) कैसे निकलेंगे? आदि। .
उत्तर- केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर इसलिए रखे थे कि चिड़िया के बच्चों को सोने, खाने तथा पानी के लिए परेशान न होना पड़े। क्योंकि चिड़िया अकेले इतना दाना, पानी नहीं ला सकती है जिससे उसके बच्चों का पेट भरे।
उत्तर- केशव और श्यामा ने अपनी बाल-सुलभ सोच के अनुसार चिड़िया के अंडों की रक्षा की। परंतु उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं था कि हाथ लग जाने पर चिड़िया अपने अंडे को नहीं सेती है। अतः उनके द्वारा किया गया यह कार्य उनकी नादानी को दर्शाता है।
कहानी से आगे
उत्तर- केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में अनुमान लगाया कि अब जरूर उन अंडों से बच्चे निकल आए होंगे। चिड़िया इतना दाना कहाँ से लाएगी। गरीब बच्चे इस प्रकार से तो भूख से मर जाएँगे। यदि केशव और श्यामा की जगह पर मैं होता तो मैं भी देखता कि बच्चे निकल आए हैं या नहीं? मैं उन अंडों को छूता नहीं। अंडों से बच्चे निकलने का इंतजार करता। अंडों से बच्चों के निकलने के बाद ही वहाँ पर चावल तथा पानी की कटोरी रखता ताकि बच्चे भूखे-प्यासे न रहें।
उत्तर- माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर इसलिए आ गए कि वही ऐसा समय था, जब वे बाहर आकर चुपचाप चिड़िया के अंडों को देख सकते थे। यदि माँ उन्हें देख लेती तो अंडों को हाथ न लगाने देती। . माँ के पूछने पर भी दोनों ने बाहर निकलने का कारण इसलिए नहीं बताया क्योंकि केशव तथा श्यामा किसी की भी पिटाई नहीं चाहते थे क्योंकि दोनों ही इस कसूर में जिम्मेदार थे।
उत्तर- इसका अन्य शीर्षक ‘बच्चों की नादानी’, ‘बच्चों की नासमझी’ एवं ‘रक्षा में हत्या’ आदि हो सकता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सरदी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।
उत्तर- कार्निस पर चिड़िया के अंडे यदि बरसात के दिनों में होते तो इन अंडों को पानी से भीगने तथा बाहर गिरने से बचाना होता। यदि सरदी के दिन होते तो चिड़िया और अंडों को सर्दी से, ओस से, पाले से बचाना पड़ता तथा उनके लिए भोजन और पानी का इंतजाम करना होता।
उत्तर- दोनों चिड़ियाँ वहाँ इसलिए दिखाई नहीं दी क्योंकि उनके अंडे वहाँ सुरक्षित नहीं थे। उन्हें डर था कि यदि वे यहाँ रहीं तो अगली बार भी उनके साथ ऐसा ही हो सकता है। दोनों चिड़ियाँ किसी अन्य जगह पर चली गई होंगी जहाँ उन्हें बच्चों से कोई खतरा न हो अन्यथा वे जंगल में चली गई होंगी।
प्रश्न 3. केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नयी चीज़ या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?
उत्तर-जब मैं पाँच साल का था हम पहली बार हवाईजहाज से दिल्ली नानी से मिलने जानेवाले थे तभी मुझे कौतूहल महसूस हुआ था। दूर आसमान में रोज देखने की चाह रहती थी उसी हवाईजहाज से मैं सफ़र करनेवाला था। मेरे मन में कई प्रश्न उभरते थे जैसे इतने छोटे हवाईजहाज में सब कैसे बैठेगे? हम सुरक्षित पहुँचेंगे या नहीं? या हवाईजहाज को थोड़ी देर आसमान में रोककर बाहर निकलकर तारे देख सकते है क्या?
भाषा की बात
एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”
उत्तर- एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभीउन्होंनेदेखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआउनकीओर चला आ रहा है। पास आकरउसनेबड़े दयनीय स्वर में कहा,”मैंभूख से मरा जा रहा हूँ। क्याआप मुझेकुछ खाने को दे सकते हैं?”
उत्तम पुरूषवाचकसर्वनाम− मैं, मुझे
मध्यम पुरूषवाचकसर्वनाम− आप
अन्य पुरूषवाचकसर्वनाम− उन्होंने, उनकी, उसने
इसमें रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडा की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए ऐसे विशेषणों को गुणवाचक .. विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे-बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर-
गुणवाचक विशेषणवाक्य
होशियार, श्याम होशियार लड़का है।
बाहरी मंदिर की बाहरी दीवार गंदी है।
सुगंधित सुगंधित हवा चल रही है।
पीला पीला कपड़ा लेकर आओ।
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला…
(ग) केशव घबराकर उठा…
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा ….
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा…
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि . ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर- (क) झुंझलाकर = केशव की नादानी पर अम्माजी झुंझलाकर बोली। .. .
(ख) बनाकर = चिड़िया घोंसला बनाकर रहती थी।
(ग) घबराकर = अम्माजी की आवाज सुनते ही केशव घबराकर उठ गया। – –
(घ) टिकाकर = थोड़ी देर पीठ दीवार से टिकाकर आराम कर लो।
(ङ) गिड़गिड़ाकर = केशव ने गिड़गिड़ाकर कहा।
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या दूँ भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे देखू तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है
उत्तर- उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था। पंडित जी ने बुलाया-“खोमचेवाले!” खोमचेवाला-“कहिए क्या दूँ? भूख लग आई न। अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है, हमारा आपका नहीं।” मोटेराम-“अबे क्या कहता है? यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं? चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे। तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखू तो वहाँ क्या रेंग रहा है? मुझे भय होता है!”
नादान दोस्त के बहुविकल्पी प्रश्न उत्तर
इस पोस्ट में आपको पाठ 3 नादान दोस्त के प्रश्न उत्तर NCERT Solutions for Class 6 Hindi Nadaan Dost Class 6 Hindi Chapter 3 – नादान दोस्त Class 6 Hindi Chapter 3 Question Answer नादान दोस्त पाठ के प्रश्न उत्तर | Nadan Dost Class 6 Hindi Question Answer Class 6 Hindi Chapter 3 Nadan Dost Question Answer एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 6 हिंदी चैप्टर 3 नादान दोस्त से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हम से जरूर पूछें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.
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