NCERT Solutions For Class 6 Hindi Chapter 14 – लोकगीत
NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) Chapter 14 लोकगीत– हर विद्यार्थी का सपना होता है कि वे अपनी कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करे ,ताकि उन्हें आगे एडमिशन और किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करने में कोई दिक्कत न हो .इसलिए जो विद्यार्थी 6th में पढ़ रहे है उन्हें अपनी पढाई मन लगाकर करनी चाहिए . इसलिए आज हमने इस पोस्ट में 6th में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए Class 6th Hindi Vasant Chapter 14 (लोकगीत) के लिए सलूशन दिया गया है.इसलिए आप इस NCERT Solutions For Class 6 Hindi 14 Lokgeet की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है.
Class | 6 |
Subject | Hindi |
Book | वसंत |
Chapter Number | 14 |
Chapter Name | लोकगीत |
NCERT Solutions For Class 6 हिंदी (वसंत) Chapter 14 लोकगीत
अभ्यास के सभी प्रश्नों के उत्तर
निबंध से
उत्तर- मिबंध में लोकगीतों की लोच, ताजगी, लोकप्रियता उनके विभिन्न प्रकार, उनके गाने के तरीकों तथा गाए जाने के अवसरों; जैसे पक्षों पर चर्चा की गई है।
उत्तर- हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत, होली के गीत, सावन के गीत (कजरी), जन्म उत्सव के गीत, विवाह के गीत, मटकोड़ के गीत, त्योहारों के गीत तथा नदी में नहाते समय के गीत आदि हैं।
उत्तर- लोकगीतों की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
(1) लोकगीत गाँव के लोगों के द्वारा गाया जाने वाला गीत है।
(2) ये गीत प्रायः ऋतुओं, त्योहारों तथा विशेष अवसरों पर गाए जाते हैं जो मन को बहुत अच्छे लगते हैं।
(3) इनके राग व इनके बोल अलग ही होते हैं।
(4) ये क्षेत्रीय भाषा में गाए जाते हैं इसलिए विशेष आकर्षण के केंद्र होते हैं।
उत्तर- ‘पर सारे देश के अपने-अपने विद्यापति हैं’ का अर्थ है कि जिस प्रकार मिथिला क्षेत्र में मैथिल कोकिल विद्यापति विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र में हर स्थान पर कोई-न-कोई प्रसिद्ध लोकगीत रचनाकार पैदा हुआ है, जिसके गीतों की उस क्षेत्र विशेष में धूम रहती है। बुंदेलखंड के लोकगीत रचनाकार जगनिक का ‘आल्हा’ इसका उदाहरण है।
अनुमान और कल्पना
उत्तर- हाँ, लोकगीत और नृत्य सिर्फ गाँवों और कबीलों में ही गाए जाते हैं। शहरों से लगे हुए जो गाँव हैं, उन क्षेत्रों में उनके अपने लोकगीत होते हैं, जो उनकी ही मातृ-भाषा में उनके जीवन के रंगों का वर्णन करते हैं। यद्यपि शहरों में लोकगीत कम ही गाए जाते हैं, परंतु कुछ विशेष त्योहारों व अवसरों पर जरूर गाए जाते हैं।
उत्तर-‘जीवन जहाँ ……….. गाने प्रतीक हैं। हम इस बात से पूर्ण रूप से सहमत हैं। ‘बिदेसिया’ गीतों में अधिकतर रसिक प्रियों और प्रियाओं की बात होती है, या परदेशी प्रेमी की। गाँवों से जो लोग शहरों में रोज़गार के लिए आते हैं और बहुत समय तक गाँव नहीं जा सकते तो उनके घर के लोग ‘बिदेसिया’ गीतों के द्वारा उन्हें याद भी कर लेते हैं। इन गीतों से करुणा और विरह का रस बरसता है। इसे सुनकर लोग आनंद प्राप्त करते हैं। बिहार प्रदेश के भोजपुर जिले के लोग इन्हें गाते हुए देहात में घूमते हैं।
भाषा की बात
उत्तर-लोकगीत = बुंदेलखंड का लोकगीत ‘आल्हा’ तन मन में जोश भर देता है।
लोकगाथा = भारत के वीरों की वीरता का वर्णन लोक गाथाओं में मिलता है।
लोक जीवन = लोकगीतों में लोक जीवन की झलक होती है।
लोक लाज = इस कार्य को करने में मुझे लोकलाज का भय सता रहा है।
लोक कवि = विद्यापति मिथिला क्षेत्र के सुप्रसिद्ध लोककवि हैं।
लोकनृत्य = ‘गरबा’ गुजरात का प्रसिद्ध लोकनृत्य है।
इकतारा | सरपंच | चारपाई | सप्तर्षि | अठन्नी |
तिराहा | दोपहर | छमाही | नवरात्र | चौराहा |
उत्तर-
शब्द | अर्थ | कारण |
इकतारा | एक तार वाला वाद्य यंत्र | यह शुरुआत में भगवान को स्मरण करने वाला यंत्र है जिसमें एक तार के सहारे अलग-अलग संगीत बजते हैं। |
सरपंच | पाँच बुजुर्गों का समूह प्रमुख | सरपंच का कार्य गाँव में होने वाले वाद-विवाद को बिना कचहरी के सुलझा देना। |
चारपाई | चार पाँव वाली घाट | चारपाई का प्रयोग गाँव में लोग सोने के लिए करते है। यह एक प्रकार का बेड है। |
सप्तर्षि | सात ऋषियों का समूह | वेद एवं हिन्दू धर्मों में सात ऋषियों को सप्तर्षि कहा गया है। |
अठन्नी | एक रुपये का आधा | यह एक सिक्का था जिसकी कीमत 50 पैसे थी। |
तिराहा | जहाँ तीन रास्ते मिलते है | जहाँ तीन रास्ते एक साथ एक जगह पर मिलते है तो उन्हें तिराहा कहते है। |
दोपहर | दिन में 12 बजे से 4 बजे के बीच का समय | दो पहर के बीच का समय दोपहर कहलाता है। |
छमाही | छः महीने का समय | |
नवरात्र | नौ रात्रियों के समूह | ये वह नौ दिन है जब माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। |
चौराहा | जहाँ चार रास्ते मिलते है | जब चार रास्ते एक साथ एक जगह पर मिलते है तो उन्हें चौराहा का नाम देते है। |
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने…..अंग्रेज़ी के एस या सी अक्षर….तरह होती है। भारत….विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे….बना यह वाद्य अलग-अलग नामों….जाना जाता है। धातु की नली….घुमाकर एस…..आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फूंक मारने…..एक छोटी नली अलग….जोड़ी जाती है। राजस्थान….इसे बर्गे कहते हैं। उत्तर प्रदेश…..यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात….रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश…. नरसिंघा….नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।
उत्तर- में, की, के, से, से, को, का, के लिए, से, में, में, में, में, के।
कुछ करने को
उत्तर- हमारे इलाके में हरियाणवी तथा पंजाबी लोकगीत गाए जाते हैं। हरियाणा का लोकगीत रागनी तथा पंजाब का लोकगीत माहिया है, जोकि विभिन्न त्योहारों तथा विवाह आदि के अवसरों पर गाया जाता है।
लोकगीत इकट्ठे करने का कार्य अध्यापक की सहायता से छात्र स्वयं करें।
उत्तर- जैसे-जैसे शहर फैल रहे हैं और गाँव सिकुड़ रहे हैं, लोग शहरी संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं। लोकगीतों की जगह अब फिल्मी गानों ने पैर जमा लिए हैं। अब विवाह जैसे पवित्र मौके पर लोकगीत सुनने को कम ही मिलते हैं। हाँ, फिल्मों का कानफोड़ गीत जरूर सुनाई देता है, जिसे सबके सामने सुनने में शर्म आती है।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
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