NCERT Solutions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 7 – सोने का हिरण

NCERT Solutions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 7 – सोने का हिरण

NCERT Solutions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 7 सोने का हिरण – सभी विद्यार्थियों अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है इसलिए आज यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 6th बाल रामकथा हिंदी अध्याय 7. (सोने का हिरण) का सलूशन दिया गया है. यह सलूशन एक सरल भाषा में दिया गया है ताकि विद्यार्थी को इसके प्रश्न उत्तर आसानी से समझ में आ जाएँ .इस NCERT Solutions For Class 6th Hindi Bal Ram Katha Chapter 7. Sone Ka Hiran की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. कक्षा 6 के लिए ये एनसीईआरटी समाधान हिंदी माध्यम में पढ़ रहे छात्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं। इसलिए निचे आपको एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 बाल रामकथा हिंदी अध्याय 7 सोने का हिरण के प्रश्न उत्तर दिए गए है ।

Class6
SubjectHindi
Bookबाल रामकथा
Chapter Number7
Chapter Nameसोने का हिरण

NCERT Solutions For Class 6 हिंदी (बाल रामकथा) Chapter 7 सोने का हिरण

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. हिरण की आवाज़ (मायावी आवाज़) सुनकर सीता ने लक्ष्मण से क्या कहा?

उत्तर-हिरण की मायावी आवाज़ सुनकर सीता ने लक्ष्मण से कहा, ‘जिस दिशा से आवाज़ आई है, उस दिशा की ओर तुम जल्दी जाओ। तुम्हारे भाई किसी बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। उन्होंने तुम्हें सहायता के लिए पुकारा है। उनकी ऐसी कातर आवाज़ मैंने कभी नहीं सुनी। इसीलिए लक्ष्मण तुम जल्दी जाओ’।

प्रश्न 2. लक्ष्मण ने सीता को आश्वस्त करते हुए क्या कहा?

उत्तर-लक्ष्मण ने सीता को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘माते! आप चिंता न करें’ राम संकट में नहीं हैं। उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हमने जो आवाज़ सुनी है, वह बनावटी है। मायावी राक्षसों की चाल है। यह चाल मुझे कुटिया से दूर ले जाने के लिए है। आप निश्चिंत रहें। भाई राम जल्दी ही आते होंगे।

प्रश्न 3. लक्ष्मण के न जाने पर सीता ने उनके चरित्र के विषय में क्या कहा?

उत्तर-लक्ष्मण के न जाने पर सीता ने उनके चरित्र के विषय में कहा, ‘तुम्हारा मन पवित्र नहीं है, कलुषित है। मैं समझ सकती हूँ कि तुम अपने भाई की सहायता के लिए क्यों नहीं जा रहे हो। सीता ने यहाँ तक कह दिया कि कहीं तुम भरत के गुप्तचर तो नहीं हो।

प्रश्न 4. सीता द्वारा प्रताड़ित होने पर भी लक्ष्मण ने सीता से क्या कहा?

उत्तर-सीता द्वारा प्रताड़ित होने पर भी लक्ष्मण ने सीता से कहा, ‘हे देवी! यह राक्षसों की चाल है। खर-दूषण के मारे जाने के बाद वे बौखला गए हैं। किसी भी तरह से वे (राक्षस) हम लोगों से बदला लेना चाहते हैं। आप उनकी चाल में न आएँ। वे कुछ भी कर सकते हैं। मुझ पर विश्वास करें। भाई राम को कुछ नहीं होगा।’

प्रश्न 5. सीता को अपने वश में करने के लिए रावण ने क्या किया?

उत्तर-पंचवटी से अपहरण करने के बाद अपने अंतःपुर में रावण ने सीता को अपने वश में करने के लिए अनेक प्रलोभन दिए, परंतु सीता टस-से-मस नहीं हुई। इसलिए उसने उसे अशोक वाटिका में बंदी बना दिया।

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. राम ने सोने के हिरण को पकड़ने की बजाय क्यों मारा?

उत्तर- राम जब कुटिया से सोने के हिरण को पकड़ने निकले तो हिरण कुलाचें मारता हुआ कुटिया से दूर चला गया। राम उसके पीछे-पीछे भागते रहे। जब हिरण पास होता तो वे उसे पकड़ने का प्रयास करते। उसी समय हिरण भाग कर फिर दूर चला जाता था। इस प्रकार जब हिरण को पकड़ने के राम के सभी प्रयास विफल हो गए तो उन्होंने हिरण को मारने का विचार किया और धनुष पर बाण चलाकर उसे मार दिया।

प्रश्न 2. मरते हुए सोने के हिरण ने क्या किया?

उत्तर- मरते हुए सोने के हिरण ने अपना मारीच का असली रूप प्राप्त कर लिया। उसने अपनी आवाज़ राम जैसी बना कर ज़ोर से हा सीता! हा लक्ष्मण! पुकारा। जिससे सीता और लक्ष्मण को यह लगे कि राम किसी संकट में घिर गए हैं।

प्रश्न 3. मारीच के इस प्रकार हा सीता! हा लक्ष्मण! चिल्लाने का सीता और लक्ष्मण पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर- मायावी मारीच की पुकार सुनकर सीता घबरा गई परंतु लक्ष्मण इसे मायावी राक्षसों की चाल समझ कर चौकन्ने हो गए थे। सीता ने लक्ष्मण को राम की सहायता के लिए जाने को कहा। लक्ष्मण ने उन्हें समझाया कि यह सब राक्षसों की चाल है, राम को कुछ नहीं : हो सकता। वे अभी आ जाएँगे। इस पर सीता को क्रोध आ गया। वह लक्ष्मण को अपने भाई का भला न चाहने वाला, स्वार्थी, अपवित्र मन का व्यक्ति कहने लगी तथा उसके न जाने पर अपनी जान देने के लिए तैयार हो गई। तब लक्ष्मण राम की आज्ञा का उल्लंघन कर तथा सीता को प्रणाम करके राम की खोज में चल पड़े।

प्रश्न 4. रावण ने सीता का हरण कैसे किया और उसे किसने रोका?

उत्तर- रावण ने एक साधु के वेश में सीता के पास आकर उसके सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए अपना परिचय दिया और अपनी रानी बनाने के लिए उसे अपने साथ चलने के लिए कहा। जब सीता उसके साथ नहीं चली तो उसने सीता को खींचकर अपने रथ में बैठा लिया। रास्ते में जटायु ने रावण के रथ पर हमला कर दिया। उसने रावण को घायल कर उसका रथ तोड़ दिया तो रावण ने जटायु के पंख काट दिए। जटायु धरती पर गिर गया और रावण सीता को अपनी बाहों में दबाकर दक्षिण दिशा की ओर उड़कर लंका जा पहुंचा।

प्रश्न 5. सीता ने अपने आभूषण उतार कर क्यों फेंके थे?

उत्तर- जटायु के घायल होने के बाद सीता को लगा कि अब उसकी सहायता कोई नहीं करेगा। राम तक अपने अपहरण के मार्ग की सूचना किसी प्रकार से पहुँचाने के लिए सीता ने अपने आभूषण उतार-उतार कर फेंकने शुरू कर दिए। उन आभूषणों को मार्ग में बैठे बंदरों ने उठा लिया था। उन्हें लगा कि वानरों के पास आभूषण देखकर राम को पता चल जाएगा कि सीता किस मार्ग से गई है। रावण ने सीता को आभूषण फेंकने से इसलिए नहीं रोका था क्योंकि उसे लगा कि सीता शोकवश ऐसा कर रही है।

प्रश्न 6. लंका में रावण ने सीता के साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर- रावण ने लंका में आकर सीता को पहले तो अपने महल में रखा और उसे कहा कि एक वर्ष के समय में निर्णय कर लो कि तुमने मेरी रानी बनना है या आजीवन रोते रहना है। बाद में उसने सीता को महल से निकालकर अशोक वाटिका में बंदी बना दिया और राक्षसियों को कड़े पहरे पर बैठा दिया।

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