Deemed University Or Deemed-To-Be-University डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी क्या है
जितने भी स्टूडेंट होते हैं. वह स्टूडेंट किसी खास विषय में ज्यादा रुचि रखते हैं. और इसी वजह से वे स्टूडेंट अपने खास विषय में ही डिग्री हासिल करते हैं. ताकि वह उस विषय में आगे बढ़ सके और अपना करियर बना सके सभी लोगों की पसंद और अपना फेवरेट सब्जेक्ट होता हैं. लेकिन क्या होगा लेकिन बहुत सारी जगह ऐसी होती हैं.
जहां पर आपको अपना मनपसंद सब्जेक्ट नहीं मिलता और इसी वजह से आप बहुत ज्यादा परेशान भी होने लगते हैं. लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसी यूनिवर्सिटीज हैं. जिनके प्रोफेसर और अध्यापक ही वहां की कोर्स डिग्री और विषयों को तैयार करते हैं.
उनके हिसाब से छात्रों को वहां पर कोर्स और डिग्री करवाई जाती हैं. तो आज के इस ब्लॉग में हम आपको वैसे ही कुछ यूनिवर्सिटीज के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.
यूनिवर्सिटी के प्रकार
Types of universities – हमारे देश में कई अलग-अलग प्रकार की यूनिवर्सिटीज हैं. जिनमें स्टेट यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी,प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज शामिल हैं. स्टेट,प्राइवेट ओर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बारे में अपने लगभग सुना ही होगा लेकिन आप में से बहुत सारे ऐसे लोग हैं.
जिनको डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज के बारे में नहीं पता हैं. अगर आपको डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज के बारे में जानकारी नहीं हैं. तो नीचे हम आपको इस ब्लॉग में डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.
डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज
What is deemed to be university – हमारे देश में जितनी भी यूनिवर्सिटीज हैं. उन सभी को यूजीसी मान्यता देता हैं. यूजीसी एक ऐसा विभाग हैं. जो की अलग-अलग यूनिवर्सिटी की एजुकेशन कोर्स फीस जैसी चीजों के ऊपर नज़र रखता हैं. लेकिन डीम्ड टू भी यूनिवर्सिटीज इन सभी से अलग होती हैं. क्योंकि डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज को कुछ अलग अधिकार दिए जाते हैं.
हालांकि यह यूनिवर्सिटीज भी यूजीसी के द्वारा ही मान्यता प्राप्त होती हैलेकिन डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अध्यापकों के पास ही अपने कोर्स फीस और शिक्षा और जैसी चीजों को डिजाइन करने का अधिकार होता हैं. वह अपने आप से स्वतंत्र होते हैं.
डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज अपने आप में एक मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी होती हैं. जो की अपनी डिग्री प्रदान कर सकती हैं. हालांकि ये डिग्री यूनिवर्सिटी के द्वारा चुने हुए कोर्स और उनके स्ट्रक्चर के डिजाइन के ऊपर भी डिपेंड करती है.
यूजीसी उनही यूनिवर्सिटी को डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज की मान्यता देता हैं. जो की हाई क्वालिटी की एजुकेशन और रिसर्च प्रदान करने की क्षमता रखते हैं. डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज का दर्जा पाने के लिए पहले यूनिवर्सिटी को हाई क्वालिटी की शिक्षा और रिसर्च जैसी चीजों में अच्छा प्रदर्शन करना होता हैं.
फिर उसी के हिसाब से यूजीसी इन यूनिवर्सिटी को डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा देता हैं. आज के समय में हमारे देश में कुल 789 यूनिवर्सिटीज हैं. जिनमे 359 स्टेट यूनिवर्सिटीज़, 123 डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज, 47 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और 260 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं.
लेकिन इन सभी में सबसे ज्यादा डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज के पास अधिकार होते हैं. यह यूनिवर्सिटीज अपने आप में स्वतंत्रता होती हैं. जो कि अपने कोर्स का डिजाइन फीस और शिक्षा जैसी चीजों को स्वतंत्र रूप से निर्धारित कर सकते हैं.
यूनिवर्सिटीज के नियम
University rules -हमने आपके ऊपर चार प्रकार की यूनिवर्सिटीज बताई हैं. और इन सभी यूनिवर्सिटीज के अलग-अलग अधिकार और नियम होते हैं. अगर केंद्र यूनिवर्सिटीज की बात की जाए तो यह यूनिवर्सिटीज केंद्रीय अधिनियम, मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के विभाग के क्षेत्र में होती हैं. जिनके ऊपर इन मंत्रालयों का सीधा असर होता हैं.
हमारे देश में दिल्ली यूनिवर्सिटी, राजीव गांधी यूनिवर्सिटी, सिक्किम यूनिवर्सिटी जैसी कुछ भारत की मोस्ट पॉपुलर सेंट्रल यूनिवर्सिटीज हैं. जबकि प्राइवेट यूनिवर्सिटीज होती तो यूजीसी से एप्रूव्ड हैं. लेकिन यह यूनिवर्सिटीज किसी स्टेट और सेंट्रल के द्वारा नहीं चलती चलाई जाती बल्कि ये किसी प्राइवेट संस्थान के द्वारा चलाई जाती हैं.
इनके पास सिर्फ अपनी खुद की यूनिवर्सिटी में डिग्री प्रदान करने का ही अधिकार होता हैं. यह यूनिवर्सिटी आगे किसी दूसरे कॉलेज और संस्थान को नहीं चला सकती जबकि स्टेट यूनिवर्सिटीज के पास स्टेट एक्ट होता हैं. और उसी के हिसाब से राज्य सरकार इन यूनिवर्सिटीज को चलती हैं.
लेकिन डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज के पास सबसे ज्यादा अधिकार होते हैं. और यह यूनिवर्सिटीज अपने आप में स्वतंत्र होते हैं. जो कि अपने सिलेबस, एडमिशन, आवेदन जैसी चीजों को अपने आप तय कर सकती है.
डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज कैसे बनती है
How to become Deemed to be Universities – अगर कोई यूनिवर्सिटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करना चाहती हैं. तो उस यूनिवर्सिटीज के लिए कुछ नियम व रूल रेगुलेशन बनाए गए हैं. जिनका पूरा करने के बाद ही कोई यूनिवर्सिटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त कर सकती हैं. डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा पाने के लिए सबसे पहले लगातार पांच सालों तक यूनिवर्सिटी को NAAC के द्वारा उच्चतम स्कोर प्राप्त करना होता हैं.
इसके अलावा यूनिवर्सिटी को नेशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में शामिल 100 सबसे अच्छे यूनिवर्सिटीज में स्थान प्राप्त करना होता हैं. यूजीसी के मानकों के अनुसार हर प्रकार की शैक्षणिक सुविधा व रिसर्च सेंटर और कर्मचारियों की संख्या पूर्ण होनी चाहिए.
यूनिवर्सिटी के पास रिसर्च और डाटा इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग सुविधा और एडवांस्ड इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए यूनिवर्सिटी और संस्थान को सामाजिक और मानवीय कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेना जरूरी है.
डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रोसेस
अगर कोई छात्र हैं. डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाना चाहता हैं. तो इस यूनिवर्सिटीज में भी प्रवेश पाना दूसरी यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने के लिए सम्मान ही होता हैं. अगर डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं. तो उसके लिए आपको नीचे दी गई चीजों का पालन करना होता है
- अगर आप किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड के द्वारा 12वीं क्लास पास कर लेते हैं. तो उसके बाद आप डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज में अंडर ग्रेजुएट डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं
- अगर आप डीम्ड टू भी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना चाहते हैं. तो आपको डिग्री कोर्स में दाखिला लेने के लिए पहले एंट्रेंस एग्जाम देने होते हैं. जिनमे WBJEE, UCEED, BITSAT, KCET जैसे एंट्रेंस एग्जाम शामिल है
- अगर आप डीम्ड टू भी यूनिवर्सिटीज से मास्टर की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं. तो आपको यूजी डिग्री में चुनी हुई यूनिवर्सिटी के द्वारा न्यूनतम में अंक प्राप्त करने होते हैं
- बहुत सारी ऐसी डम टीयूवी यूनिवर्सिटी भी हैं. जो कि मास्टर की डिग्री के लिए एंट्रेंस एग्जाम भी लेती है
हम उम्मीद करते हैं. कि हमारे द्वारा बताई गई डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज के बारे में हैं. जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हैं. और आप ऐसे ही और जानकारियां पाना चाहते हैं. तो आप हमारी वेबसाइट को जरुर विजिट करें.