Class 9th Science Chapter 9 .बल तथा गति के नियम
NCERT Solutions for Class 9th Science Chapter 8.बल तथा गति के नियम – जो विद्यार्थी 9वीं कक्षा में पढ़ रहे है ,उन सब का सपना होता है कि वे अच्छे अंक से पास हो ,ताकि उन्हें आगे 9वीं में एडमिशन लेने में कोई दिक्कत न आए .जो विद्यार्थी 9th क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 9. (बल तथा गति के नियम) का सलूशन दिया गया है. इस Class 9th Science Chapter 9. Force and Laws Of Motion की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. हमारी वेबसाइट पर 9 कक्षा के सभी Chapter के सलूशन दिए है अगर यह सलूशन पसंद आपको आए तो अपने दोस्तों को शेयर जरुर करे. अगर आपको इसमें कुछ पूछना है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (Textual Questions)
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी
(c) पांच रुपए का एक सिक्का एवं एक रुपए का सिक्का।
उत्तर- (a) गेंद के आकार का पत्थर।
(b) एक रेलगाड़ी।
(c) पांच रुपए का एक सिक्का।
फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। परंतु इसके बाद विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर- खींचने, धकेलने और ठोकर लगाने की क्रिया पर बल की अवधारणा आधारित है और यही वस्तु को गति प्रदान करती है। बल से वस्तु में वेग को परिमाण , उसकी दिशा में परिवर्तन और आकार में परिवर्तन होता है, इसलिएऊपर दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग अनेक बार बदला गया।
वेग में बदलाव | कारक |
1. गेंद को किक लगाना 2. गेंद को गोल की तरफ दिशा बदलना 3. गेंद को विपक्षी गोलकीपर द्वारा पकड़ना 4. गोलकीपर का गेंद को किक लगाना | पहला खिलाड़ी दूसरा खिलाड़ी। गोलकीपर गोलकीपर |
उत्तर- किसी पेड़ की शाखा पर लगी पत्तियां जड़त्व की स्थिति में होती हैं और उसी स्थिति में स्वाभाविक गुण के कारण रहना चाहती हैं लेकिन पेड़ की शाखा को हिलाने से उन पर असंतुलित बल कार्य करता है जिस कारण वे झड़ जाती हैं।
उत्तर- जब बस गतिशील थी तो उस में बैठे हम भी गतिशील थे और हमारी गति बस की गति जितनी ही थी। पर अचानक बस के रुकने से हमारे शरीर का निचला भाग तो विराम अवस्था में आ जाता है लेकिन शरीर का ऊपरी भाग जडत्व के कारण गतिशील रहने की कोशिश करता है जिस कारण हम आगे की ओर झुक जाते हैं। इसी प्रकार जब हम ठहरी हुई बस में बैठे हों और अचानक बस चल पड़े तो हमारे पाँव तो आगे की ओर गति करते हैं पर शरीर जडत्व के कारण विराम अवस्था में रहने की चेष्टा करता है। जिस कारण हम पीछे की ओर हो जाते हैं।
उत्तर- न्यूटन के गति के तीसरे नियम के जब गाड़ी को घोड़े के द्वारा खींचा जाता है तो वह अपने पैरों से धरती को पीछे की ओर दबाता है। धरती की प्रतिक्रिया ऊपर की ओर कार्य करती है। प्रतिक्रियात्मक बल दो भागों में बँट जाता है। बल का उर्ध्वाधर घटक घोड़े को संतुलन देता है और क्षैतिज घटक गाड़ी को आगे की दिशा में गति देता है। गाड़ी। के पहियों और सड़क के बीच घर्षण बल के पीछे की ओर कार्य करता है। जब बल सड़क और पहियों के घर्षण बल से अधिक हो जाता है तब गाड़ी चलने लगती है।
उत्तर- क्रिया और प्रतिक्रिया सदा समान और विपरीत दिशा में होती है। अग्निशमन कर्मचारी को आग बुझाने के लिए तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी रबड़ की नली से फेंकना पड़ता है। पानी की धारा अति वेग से आग पर गिरती है पर वह पाइप को पीछे की ओर उतने ही वेग से पीछे धकेलता है जिस कारण अग्निशमन कर्मचारी को नली पकड़ने में कठिनाई होती है।
उत्तर – रायफल का द्रव्यमान, m1= 4 kg
गोली का द्रव्यमान, m2= 50g= 0.05 kg
रायफल का प्रतिक्षेपित वेग = v1
गोली प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है v2= 35m/s
प्रारंभ में, रायफल विरामावस्था में है|
इसलिए इसका प्रारंभिक वेग, v = 0
रायफल तथा गोली का कुल प्रारंभिक संवेग = (m1+m2)v= 0
गोली छोड़ने के बाद रायफल तथा गोली का कुल संवेग = m1v1 + m2v2 = 0.05 × 35 = 4v1 + 1.75
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
गोली छोड़ने के बाद का संवेग = गोली छोड़ने के पहले का संवेग 4v1 + 1.75 = 0
v1 = -1.75/4 = -0.4375 m/s
नकारात्मक चिन्ह से ज्ञात होता है कि रायफल 0.4375 m/s वेग के साथ पीछे की ओर प्रतिक्षेपित होती है|
उत्तर – प्रथम वस्तु का द्रव्यमान, m1 = 100 g = 0.1 kg
दूसरे वस्तु का द्रव्यमान, m2 = 200 g = 0.2 kg
टकराने के पहले m1 का वेग, v1= 2 m/s
टकराने के पहले m2 का वेग, v2 = 1 m/s
टकराने के बाद m1 का वेग, v3 = 1.67 m/s
टकराने के बाद m2 का वेग, = v4
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
टकराने के बाद का कुल संवेग = टकराने के पहले का कुल संवेग
इसलिए, m1v1 + m2v2 = m1v3 + m2v
2(0.1) + 1(0.2) = 1.67(0.1) + v4 (0.2)
0.4 = 0.167 + 0.2v4
v4= 1.165 m/s
इस प्रकार, टकराने के बाद दूसरे वस्तु का वेग 1.165 m/s होता है|
अभ्यास के प्रश्न
उत्तर- हाँ, किसी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है। ऐसी अवस्था में परिमाण एवं दिशा समान रहेंगी।
उत्तर- जब किसी दरी (कार्पेट) को छड़ी से पीटा जाता है तो दरी अपने स्थान से हट जाती है पर उस में विद्यमान धूल के कण जड़त्व के कारण अपनी स्थिति बनाए रखना चाहते हैं जिस कारण वे बाहर आ जाते हैं।
उत्तर- चलते समय बस अचानक अनेक स्थानों पर दिशा बदलती है या तेज़ी से रुकती है जिससे छत पर रखा सामान जड़त्व के कारण नीचे गिर जाता है या छत पर ही इधर-उधर बिखर जाता है इसलिए सामान को रस्सी से बाँधना आवश्यक होता है।
(a) बल्लेबाज़ ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है। (सही विकल्प का चयन करें)
उत्तर- (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
उत्तर – प्रारंभिक वेग, u = 0
तय की गई दूरी, s = 400 m
लिया गया समय, t = 20 s
हम जानते हैं, s = ut + ½ at2
या, 400 = 0 + ½ a (20)2
या, a = 2 ms-2
अब, m = 7 मीट्रिक टन= 7000 kg, a = 2 ms-2
या, F = ma = 7000 × 2 = 14000 N
उत्तर – पत्थर का प्रारंभिक वेग, u = 20 m/s
पत्थर का अंतिम वेग, v = 0
पत्थर द्वारा तय की गई दूरी, s = 50 m
चूँकि, v2 – u2 = 2as,
या , 0 – 202 = 2a × 50,
या, a = – 4 ms-2
घर्षण बल, F = ma = – 4N
(a) नेट त्वरक बल
(b) रेल का त्वरण तथा
(c) डिब्बा 1 द्वारा डिब्बा 2 पर लगाया गया बल।
उत्तर – (a) इंजन द्वारा आरोपित किया गया बल, F = 40000 N
पटरी द्वारा लगाया गया घर्षण बल, Ff = 5000 N
नेट त्वरण बल = Fa = F – Ff = 40000 − 5000 = 35000 N
इस प्रकार, नेट त्वरण बल 35000 N है|
(b) रेल का त्वरण = a
पाँचों डिब्बों पर इंजन द्वारा लगाया बल = 40000 N
डिब्बों पर नेट त्वरण Fa = 35000 N
डिब्बों का द्रव्यमान, m = एक डिब्बे का द्रव्यमान × डिब्बों की संख्या
एक डिब्बे का द्रव्यमान = 2000 kg
डिब्बों की संख्या = 5
∴ m = 2000 × 5 = 10000 kg
कुल द्रव्यमान, M = m = 10000 kg
न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार,
Fa = Ma
a = Fa/M = 35000 10000 = 3.5 ms-2
इस प्रकार, रेल तथा डिब्बों का त्वरण 3.5 ms-2 है|
(c) डिब्बे 1 को छोड़कर बाकी डिब्बों का द्रव्यमान = 4 × 2000 = 8000 kg
डिब्बों का त्वरण = 3.5 m/s2
डिब्बे को छोड़कर बाकी डिब्बों पर लगाया गया बल = 8000 × 3.5 = 28000 N
इसलिए डिब्बे 1 द्वारा बचे 4 डिब्बों पर लगाया गया बल 28000 N है|
इस प्रकार डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल 28000 N है|
उत्तर – गाड़ी का द्रव्यमान, m = 1500 kg
अंतिम वेग, v = 0 (अंत में गाड़ी के रूकने पर)
गाड़ी का त्वरण, a = 1.7 ms-2
न्यूटन के गति के दूसरे नियम से :
बल = द्रव्यमान × त्वरण = 1500 × (−1.7) = −2550 N
इसलिए गाड़ी के विपरीत दिशा में गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल −2550 N है|
(a) (mv)2
(b) mv2
(c) ½ mv2
(d) mv
उत्तर- (d) mv
उत्तर- 200 N बल लगा कर बक्से को फर्श पर धकेला जा सकता है इसलिए उस पर लगने वाला घर्षण बल भी 200 N होगा।
उत्तर – पहले वस्तु का द्रव्यमान, m1 = 1.5 kg
दूसरे वस्तु का द्रव्यमान, m2 = 1.5 kg
टकराने से पहले m1 का वेग, u1 = 2.5 m/s
टकराने से पहले विपरीत दिशा में गति कर रही m2 का वेग, u2 = −2.5 m/s
मान लें कि टकराने के बाद दोनों वस्तुओं का वेग v हो|
संवेग का संरक्षण नियम के द्वारा,
टकराने के पहले का संवेग = टकराने के बाद का संवेग
या, (m1 + m2)v = m1u1 + m2u2
या, (1.5 + 1.5)v = 1.5 × 2.5 +1.5 × (–2.5) (ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि गति विपरीत दिशा में होगी)
या, v = 0 m/s
उत्तर- गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया और प्रतिक्रिया एक-दूसरे के प्रति समान पर विपरीत होती है। पर सड़क किनारे खड़े ट्रक को यदि हम अपने बल से दूर हटाना चाहें तो वह गतिशील नहीं होगा क्योंकि भारी वस्तुओं में जड़त्व अधिक होता है। उस का द्रव्यमान अधिक है और किसी वस्तु का द्रव्यमान ही जड़त्व का माप होता है।
उत्तर – हॉकी की गेंद का द्रव्यमान, m1= 200 g = 0.2 kg
गेंद का वेग, u1 = 10 m/s
गुटके का द्रव्यमान, m2 = 5 kg
गुटके का वेग, u2 = 0
प्रारंभिक संवेग, m1u1 + m2u2 = 0.2 ×10 + 5 × 0
= 2 kg ms-1
टकराने के बाद,
गेंद का संवेग = गुटके का संवेग = v
कुल संवेग = m1v + m2v
(m1 + m2)v = (0.2 + 5)v
= 5.2v
दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग,
2 kg ms-1 = 5.2 v
v = 2/5.2 = 10/26 ms-1
v = 0.38 ms-1
उत्तर – प्रारंभिक वेग, u = 150 m/s
अंतिम वेग, v = 0
विरामावस्था में आने में लगा समय, t = 0.03 s
गति के पहले समीकरण के अनुसार, v = u + at
गोली का त्वरण, a = 0 = 150 + (a × 0.03 s)a = -150/0.03 = -5000 m/s2
(ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि वेग की दर घट रही है)
गति के तीसरे समीकरण के अनुसार,
v2 = u2+ 2as
0 = (150)2 + 2 (-5000)
= 22500 / 10000
= 2.25 m
इस प्रकार, गोली द्वारा लकड़ी को भेदने में तय की गई दूरी 2.25 m है|
न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार,
बल, F = द्रव्यमान × त्वरण
गोली का द्रव्यमान, m = 10 g = 0.01 kg
गोली का त्वरण, a = 5000 m/s2
F = ma = 0.01 × 5000 = 50 N
इस प्रकार, लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल का परिमाण 50 N है|
उत्तर – वस्तु का द्रव्यमान, m1 = 1 kg
टकराने के पहले वस्तु का वेग, v1 = 10 m/s
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान, m2 = 5 kg
टकराने से पहले गुटके का वेग, v2 = 0 m/s
टकराने से पहले कुल संवेग = m1v2 + m2v2
= 1 (10) + 5 (0) = 10 kg ms-1
यह दिया गया है कि संघट्ट के बाद, वस्तु और लकड़ी के गुटके आपस में जुड़ जाते हैं|
संयोजित वस्तुओं का कुल द्रव्यमान = m1 + m2
संयोजित वस्तुओं का कुल वेग = v
संवेग के संरक्षण के नियम के अनुसार,
टकराने के पहले कुल संवेग = संघट्ट के बाद कुल संवेग
m1v1 + m2v2 = (m1 + m2)v
⇒ 1 (10) + 5 (0) = (1 + 5) v
⇒ v = 10/6
= 5/3
टकराने के बाद कुल संवेग 10 kg m/s भी है|
संघट्ट के तुरंत बाद का कुल संवेग = 10 kg m/s
संघट्ट के बाद का कुल संवेग = (m1 + m2)v = 6 × 5/3 = 10 kg ms-1
इस प्रकार, आपस में जुड़े हुए संयोजन का वेग = 5/3 ms-1
उत्तर – वस्तु का प्रारंभिक वेग, u = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग, v = 8 ms-1
वस्तु का द्रव्यमान, m = 100 kg
वस्तु द्वारा त्वरण में लिया गया समय, t = 6 s
प्रारंभिक संवेग, mu = 100 × 5 = 500 kg ms-1
अंतिम संवेग, mv = 100 × 8 = 800 kg ms-1
वस्तु पर आरोपित बल, F = (mv – mu)/ t
= m (v-u)/t
= 800 – 500
= 300/6
= 50 N
वस्तु का प्रारंभिक संवेग 500 kg ms-1 है.
वस्तु का अंतिम संवेग 800 kg ms-1 है.
वस्तु पर आरोपित बल 50 N है.
उत्तर- किरण का विचार सही था क्योंकि कार का वेग और द्रव्यमान दोनों अधिक होने के कारण कार का संवेग कीड़े की अपेक्षा अधिक था। इसलिए कार ने कीड़े पर अधिक बल लगाया जिस कारण वह मर गया।
उत्तर – घंटी का द्रव्यमान, m = 10 kg
घंटी द्वारा तय की गई दूरी, s = 80 cm = 0.8 m
नीचे की ओर दिष्ट त्वरण, a = 10 m/s2
घंटी का प्रारंभिक वेग, u = 0
घंटी का अंतिम वेग (फर्श पर गिरते समय) = v
गति के तीसरे समीकरण के अनुसार,
v2 = u2 + 2as
⇒ v2 = 0 + 2 (10) 0.8
⇒ v = 4 m/s
फर्श पर गिरते समय घंटी द्वारा स्थानांतरित संवेग का मान = mv = 10 × 4 = 40 kgms-1
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