Class 9th Science Chapter 14. प्राकृतिक संपदा

Class 9th Science Chapter 14. प्राकृतिक संपदा

NCERT Solutions for Class 9th Science chapter-14. प्राकृतिक संपदा – 9th कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 09 विज्ञान अध्याय 14 (प्राकृतिक संपदा) का सलूशन दिया गया है. यह सलूशन एक सरल भाषा में दिया गया है ताकि विद्यार्थी को इसके प्रश्न उत्तर आसानी से समझ में आ जाएँ .इस NCERT Solutions For Class 9th Science Chapter 14. Natural Resources की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है.अगर आप इस सलूशन को PDF फाइल के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे आपको इसका डाउनलोड लिंक भी दिया गया है.अगर आपको यह सलूशन पसंद आए तो अपने दोस्तों को शेयर जरुर करे

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (Textual Questions)

प्रश्न 1. शुक्र और मंगल के वायुमंडल से हमारा वायुमंडल कैसे भिन्न है ?

उत्तर- शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा लगभग 95 से 97% है जबकि पृथ्वी के वायुमंडल में यह 0.04% है। इसमें नाइट्रोजन और ऑक्सीजन गैसों की अधिक मात्रा उपस्थित है।

प्रश्न 2. वायुमंडल कंबल की तरह कैसे कार्य करता है ?

उत्तर- जिस प्रकार कोई व्यक्ति कंबल को अपने ऊपर पूरी तरह से लपेट कर अंदर और बाहर के दो भिन्न वातावरण बना लेता है उसी प्रकार पृथ्वी के चारों ओर फैला वायुमंडल भी इसे दो स्तरों में बांट देता है। सूर्य की ओर से आने वाले हानिकारक विकिरणों को स्थल पर आने से रोकता है और नीचे की गैसों को ऊपर अंतरिक्ष में जाने से।

प्रश्न 3. वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं ?

उत्तर- सूर्य की किरणें दिन भर स्थल और समुद्र तल को गर्म करती हैं। स्थल जल्दी गर्म होता है और जल देर से। इसलिए जल की अपेक्षा स्थल के ऊपर की हवा भी तेजी से गर्म होकर ऊपर उठती है जिसकी आपूर्ति के लिए समुद्र की ओर से वायु स्थल की ओर चलने लगती है। रात के समय स्थल और समुद्र दोनों ठंडे होने लगते हैं पर स्थल ठंडा जल्दी हो जाता है और पानी धीरे-धीरे ठंडा होता है इसलिए पानी के ऊपर की वायु स्थल की ऊपर की वायु से गर्म होती है। तब स्थल की ओर से समुद्र की ओर वायु चलने लगती है।

प्रश्न 4. बादलों का निर्माण कैसे होता है ?

उत्तर- सूर्य की गर्मी से सभी जलीय भागों से वाष्पन क्रिया होती है और पानी वाष्प बनकर हवा में चला जाता है। जलवाष्प की कुछ मात्रा विभिन्न जैविक क्रियाओं से वायुमंडल में चली जाती है और हवा को गर्म करती है। यह अपने साथ जलवाष्प को लेकर ऊपर की ओर उठ जाती है। जल वाष्प ऊपर जाकर ठंडे हो जाते हैं तथा हवा में उपस्थित जल वाष्प छोटी-छोटी पानी की बूंदों में संघनित हो जाते हैं। यदि कुछ कण नाभिक की तरह कार्य करें तो ये बूंदें उनके • चारों ओर जम जाती हैं। प्रायः हवा में उपस्थित धूलकण तथा अन्य निलंबित कण इस क्रिया को पूरा करते हैं। इसी से बादल बनते हैं। उनसे पानी की बूंदें संघनित होने के कारण. बड़ी और भारी होकर वर्षा के रूप में नीचे गिर जाती है।

प्रश्न 5. मनुष्य के तीन क्रियाकलापों का उल्लेख करें जो वायु के प्रदूषण में सहायक हैं।

उत्तर- (i) जीवाश्म ईंधन पदार्थों का ऊर्जा प्राप्ति के लिए हवा में दहन।
(ii) वृक्षों की अंधाधुंध कटाई।
(iii) उद्योग-धंधों की अधिकता से स्थापना।

प्रश्न 1. जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तर- सभी जीवों में कोशिकाएं होती हैं। कोशिकाएं जीव द्रव्य से बनी होती हैं जिसमें लगभग 90% जल होता है। कोशिकाओं की सारी सक्रियता जल के माध्यम से ही हो पाती है। जल की अनुपस्थिति में वे जीवित नहीं रह सकतीं। इसलिए जीवों को जल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2. जिस गांव/शहर/नगर में आप रहते हैं वहां पर उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत क्या है ?

उत्तर- हमारे नगर में मीठे पानी का स्रोत भूमिगत पानी है जिसे भूमि से निकाल कर टैंकों में स्टोर कर लिया जाता है तथा नगरवासियों को वितरित कर दिया जाता है।

प्रश्न 3. क्या आप किसी क्रियाकलाप के बारे में जानते हैं जो इस पानी के स्रोत को प्रदूषित कर रहा है ?

उत्तर- हमारे नगर में अनेक उद्योग-धंधे हैं जिनमें रंगों तथा रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है। रंग और रासायनिक पदार्थ पानी में घुलते हैं और धीरे-धीरे मिट्टी में अवशोषित होते जाते हैं। अब तक अनेक क्षेत्रों में इनके द्वारा भूमिगत पानी प्रदूषित किया जा चुका है और आने वाले समय में ये उद्योग-धंधे एक बड़ा संकट खड़ा करने ही वाले हैं। पानी में घुले हुए पारा, आर्सेनिक, सीसा जैसे हानिकारक तत्त्व अनेक भयंकर बीमारियों के कारण बन जाएंगे।

प्रश्न 1. मृदा (मिट्टी) का निर्माण किस प्रकार होता है?

उत्तर- मृदा (मिट्टी) चट्टानों के टूटने-फूटने से बनती है। हवा, पानी, तापमान, पेड़-पौधों, जीव-जंतु, भूकंप, बाढ़े आदि मिट्टी बनाने में सहायक हैं।

प्रश्न 2. मृदा-अपरदन क्या है ?

उत्तर मृदा-अपरदन (Soil Erosion)-जल और वायु के प्रकोप से कई बार भूमि की ऊपरी सतह जल के साथ बह जाती है या वायु द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर चली जाती है। भूमि का इस प्रकार एक स्थान से दूसरे स्थान पर बह जाना मृदा-अपरदन (Soil Erosion) कहलाता है।)

प्रश्न 3. अपरदन को रोकने और कम करने के कौन-कौन से तरीके हैं ?

उत्तर- पौधों की जड़ें मृदा के कटाव को रोकती हैं .ये मृदा के कणों को बांधे रखती हैं .अत: मृदा अपरदन रोकने के उपाय निम्न हैं .

(i) भूमि को अधिक से अधिक हरा-भरा रखना चाहिए .
(ii) अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना चाहिए .
(iii) पहाड़ी इलाकों में सीढ़ीनुमा खेती भी मृदा अपरदन को रोकता है

प्रश्न 1. जल चक्र के क्रम में पानी की कौन-कौन सी अवस्थाएं पायी जाती हैं ?

उत्तर- वाष्प अवस्था, द्रव अवस्था और ठोस अवस्था।

प्रश्न 2. जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण दो यौगिकों के नाम दें जिसमें ऑक्सीजन और नाइट्रोजन दोनों पाए जाते हैं।

उत्तर- प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल।

प्रश्न 3. मनुष्य की किन्हीं तीन गतिविधियों को पहचानें जिन से वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है।

उत्तर- (i) उद्योग धंधों में कोयले का ईंधन रूप में प्रयोग।
(ii) पेट्रोल और डीजल का वाहनों में प्रयोग।
(iii) विद्युत् उत्पादन के लिए जीवाश्मी ईंधन का प्रयोग।

प्रश्न 4. ग्रीन हाऊस प्रभाव क्या है ?

उत्तर- कुछ गैसें जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन, नाइट्रस ऑक्साइड पृथ्वी से ऊष्मा को पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर जाने से रोकती हैं| वायुमंडल में विद्यमान इस प्रकार की गैसों में वृद्धि संसार के औसत तापमान को बढ़ा सकती है| इस प्रकार के प्रभाव को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 5. वायुमंडल में पाए जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- (i) ऑक्सीजन (O2)
(ii) ओजोन (O3)

अभ्यास के प्रश्न

प्रश्न 1. जीवन के लिए वायुमंडल क्यों आवश्यक है ?

उत्तर- जीवों के लिए वायुमंडल बहुत आवश्यक है। यही हमारे जीवन का आधार है। वायु में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और जलवाष्प नामक घटक हैं। ऑक्सीजन प्रत्येक जंतु के लिए जरूरी है। जो स्थल पर रहते हैं वे श्वसन के लिए इसे वायु से प्राप्त करते हैं। जलीय जीव इसे पानी में घुली हुई अवस्था में प्राप्त करते हैं। यूकेरियोटिक कोशिकाओं तथा प्रोकेरियोटिक कोशिका को ग्लूकोज अणुओं को तोड़ने तथा उससे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसी के कारण कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है। पेड़पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को ग्लूकोज में बदलते हैं तथा अपने लिए भोजन के रूप में प्राप्त करते हैं। वायुमंडल ने पूरी पृथ्वी को एक कंबल की तरह ढांप रखा है। वायु ताप की कुलाचक है इसलिए पृथ्वी का औसत तापमान सारा खर्च नियत रहता है। यह दिन के समय तापमान को बढ़ाने से रोकता है और रात के समय तापमान को पृथ्वी के बाहरी अंतरिक्ष में जाने की दर को कम करता है। वायुमंडल में जलवाष्प बनने और हवा बहने की क्रिया होती है।

प्रश्न 2. जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है ?

उत्तर-1, जीवन की उत्पत्ति सर्वप्रथम सागर के जल में हुई थी। सागर के जल में जीवन की उत्पत्ति ”नीले हरे। शैवाल” तथा ‘साइनो बैक्टीरिया” नामक जीवों के रूप में हुई। ये जीव एक-कोशिकीय (Uni-Cellular) थे। लंबी अवधि के दौरान इन एक-कोशिकीय जीवों से बहु-कोशिकीय (Multi-cellular) जीव बने। सभी जीवों (पौधों या जंतु) में 70% से 90% तक जल पाया जाता है।

2. हमारे शरीर में पाया जाने वाला जल भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों को घोलकर इन्हें शरीर के सभी अंगों तक पहुँचा देता है।
3. जल स्वेदन तथा वाष्पन की प्रक्रियाओं द्वारा मानव शरीर के ताप को नियंत्रित करता है।
4. जल हमारे शरीर के अपशिष्ट पदार्थों (मल-मूत्र इत्यादि) के उत्सर्जन के लिए एक अच्छा माध्यम है।
5. नदियों और समुद्र में नावों और जलयानों के द्वारा यात्रियों और सामानों का एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन होता है।
6. हम पानी का अत्यधिक उपयोग पीने में, नहाने में, कपड़े धोने में और खाना पकाने इत्यादि में करते हैं। खाना पकाने और पीने का पानी कीटाणु-रहित तथा स्वच्छ होना चाहिए।
7. जल का उपयोग सामान्यतया औषधि के रूप में भी करते हैं। आइस-बैग सिरदर्द में आराम पहुँचाता है, जबकि पानी की मिट्टी का इस्तेमाल बुखार को कम करने में किया जाता है।
8. ऊंचाई से तेज गति से गिरते हुए जल में ऊर्जा होती है जिसका प्रयोग हम बिजली बनाने में करते हैं।
9. बहुत-से जलीय जंतु, जैसे-मेंढक, मछली, मगरमच्छ आदि जल में निवास करते हैं तथा वे जल में घुली हुई ऑक्सीजन का प्रयोग श्वसन क्रिया में करते हैं।
10. बहुत-से जलीय पौधे भी जल में पाए जाते हैं तथा जल में घुली हुई कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया के लिए करते हैं।
11. कृषि के लिए भी जल अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। पौधे पानी के बिना वृद्धि नहीं कर सकते हैं। न केवल हमें फसल उगाने के लिए एक बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता पड़ती है बल्कि एक देश का कृषि उद्योग वहाँ उपस्थित जल स्रोत पर निर्भर होता है। पौधे प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया में जल की अधिक मात्रा प्रयोग करते हैं।
12. जल, पेड़-पौधों में खनिजों तथा अन्य पोषक तत्त्वों का परिवहन करने के लिए एक माध्यम का काम करता
13. जल, पौधों के अंकुरण तथा पौधों की वृद्धि में सहायता करता है।

प्रश्न 3. जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर है ? क्या जल में रहने वाले जीव संपदा के रूप में मृदा से पूरी । तरह स्वतंत्र हैं ?

उत्तर- जीवित प्राणी मृदा पर ही निर्भर करता है। मृदा में उत्पन्न पेड-पौधों से अपना खाद्य प्राप्त करता है। जीवन-यापन के लिए सभी आवश्यक तत्त्व इसी से प्राप्त होते हैं। पौधे तरह-तरह के खनिज लवण मृदा से ही प्राप्त करते हैं और भोजन के तत्त्वों के रूप में प्राणियों के जीवन के आधार बनते हैं। पानी में रहने वाले जीव संपदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हैं। वे जल में उगे पादपों को खाते हैं या उन पर आधारित अन्य प्राणियों को खाकर जीवित रहते हैं।

प्रश्न 4. आपने टेलीविजन पर और समाचार-पत्र में मौसम संबंधी रिपोर्ट को देखा होगा। आप क्या सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं ?

उत्तर- मौसम संबंधी जानकारियां लंबी और गहन वैज्ञानिक जानकारियों पर आधारित होती हैं। दूर आकाश में स्थित सैटेलाइट पृथ्वी पर सदा अपनी दृष्टि जमाए रहते हैं तथा वातावरण की जांच करने में वैज्ञानिकों की सहायता करते हैं। वायु के दबाव, फटने तथा समुद्रों में उत्पन्न चक्रवातों की सूचना प्रदान करते हैं। मानसून आने से पहले ही इनसे अनुमान हो जाता है कि किसी वर्ष वर्षा की स्थिति कैसी होगी। इससे कृषि संबंधी नई योजनाएं बनाई जाती हैं। समुद्री तटों पर रहने वालों को तरह-तरह के खतरों की पूर्व सूचना दी जाती है।

प्रश्न 5. हम जानते हैं कि बहुत-सी मानवीय गतिविधियां वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को बढ़ा रही हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में मदद मिलेगी ?

उत्तर- हाँ, बहुत-सी मानवीय गतिविधियों कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी| उदाहरण के लिए, आबादी वाले क्षेत्रों से अलग उद्योगों की स्थापना कुछ हद तक प्रदूषण नियंत्रित करेगा| इन उद्योगों के कारण हो रहे प्रदूषण के कारण जल संसाधन, कृषि भूमि तथा उपजाऊ भूमि आदि दूषित नहीं होगा।

प्रश्न 6. जंगल, वायु, मृदा और जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं ?

उत्तर- जंगलों की भूमि तथा वर्षा में गहरा संबंध है। यदि वृक्षों को काटने की दर उनकी वृधि से अधिक हो जाए तो वृक्षों की संख्या कम होती जाती है और वह क्षेत्र धीरे-धीरे रेगिस्तान भी बन सकता है। जंगल सदा वायु, मृदा और जलीय स्रोत को सीधा प्रभावित करते हैं।

वृक्ष वाष्पण क्रिया से बड़ी मात्रा में जल मुक्त करते हैं। इस मुक्त जल से वाष्प-बादल बनते हैं तथा वर्षा होती है। जंगलों के कम होने से वर्षा भी कम होगी तथा उस क्षेत्र में वृक्ष उगने की दर कम हो जाएगी जिससे पर्यावरण प्रभावित होगा। | वृक्षों के बहुत अधिक काटने से जैव पदार्थों में समृद्ध मृदा की सबसे ऊपर की सतह वर्षा के पानी के साथ बहकर लुप्त हो जाएगी। मृदा के इस प्रकार अपरदन के कारण भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट हो जाती है। वन जंगली-जंतुओं को आश्रय देते हैं। हमें उनसे कई प्रकार की जड़ी-बूटियां मिलती हैं तथा इमारती लकड़ी प्राप्त होती है। कई उद्योगों के लिए हमें कच्चा माल प्रदान करते हैं। जंगलों से जलीय स्रोतों की गुणवत्ता बढ़ती है। इनसे भूमि कटाव पर नियंत्रण होता है।

जंगलों की उपयोगिता को देखते हुए वनों का पुनः पूरण अति आवश्यक हो जाता है। इन सबके अतिरिक्त पौधे जितने अधिक उगाए जाएंगे हमारा पर्यावरण उतना ही स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक होगा। पौधे ही हमारे प्रदूषित पर्यावरण को स्वच्छ कर सकते हैं। हवा, मृदा और जलीय स्रोत जंगलों से सीधे तौर पर संबंधित है।

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